हैजा रोग को कॉलरा के नाम से भी जाना जाता है। दूषित पानी और दूषित भोजन को हैजा रोग के लिए मुख्य कारण माना गया है। इस समस्या के कारण शरीर के अंदर पानी की कमी हो जाती है। एक अनुमान के मुताबिक, एक साल के अंदर दुनिया भर में हैजा के 29 लाख मामले दर्ज होते हैं, जिनमें से 95 हजार लोगों की मौत हैजा के कारण होती है (1), लेकिन आपको घबराने की कोई जरूरत नहीं है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में आपको हैजा रोग के लक्षण, हैजा रोग के कारण और हैजा से बचने के घरेलू उपाय बताए जाएंगे, जो आपको हैजा से बचने में मदद कर सकते हैं।
हैजा रोग होने का कारण – Causes of Cholera Disease in Hindi
वैसे तो हैजा रोग होने का प्रारंभिक कारण, दूषित पानी और दूषित भोजन को ही माना जाता है। लेकिन इसके पीछे एक बैक्टीरिया है, जो कॉलरा होने के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। हैजा रोग होने के कारण पर किए गए एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, कॉलरा एक बैक्टीरिया इंफेक्शन के कारण होता है, जिसे विब्रियो कोलेरी संक्रमण (Vibrio cholerae infection) कहा जाता है (2)।
यह बैक्टीरिया दूषित पानी में मौजूद होता है। शरीर के अंदर पहुंचने के बाद, सक्रिय होने पर यह एन्टरोटॉक्सिन (एक टॉक्सिन) को बनाता है, जिसकी वजह से दस्त की समस्या उत्पन्न होती है। हैजा रोग के कारण की मुख्य वजह बनती है (3)।
आइए अब जानते हैं, इसके अलावा हैजा रोग के कारण और क्या-क्या हो सकते हैं।
- कॉलरा रोग दूषित जल और स्वच्छता की कमी के कारण हो सकता है।
- यदि आप ऐसे पानी का सेवन कर रहे हैं, जिसमें ‘वाइब्रियो कोलेराए’ बैक्टीरिया मौजूद है, तो यह भी हैजा रोग के कारण में शामिल हो सकता है।
- अगर कोई मक्खी हैजा से ग्रसित व्यक्ति के मल या उल्टी पर बैठकर किसी खाद्य पदार्थ पर बैठ जाती है और कोई व्यक्ति उस भोजन का सेवन कर लेता है, तो उसे भी हैजा अपनी चपेट में ले सकता है।
- कॉलरा के बैक्टीरिया खारी नदियों और तटीय जल में भी मौजूद हो सकते हैं।
- अगर आप किसी ऐसी जगह के पानी का सेवन कर रहे हैं, जहां सीवर मौजूद है, तो यह भी हैजा रोग के कारण में शामिल हो सकता है (1)।
अभी आपने हैजा रोग के कारण के बारे में पढ़ा आइए अब जानते हैं की हैजा रोग के लक्षण क्या हो सकते हैं।
हैजा रोग (कॉलरा) के लक्षण – Symptoms of Cholera Disease in Hindi
हैजा से पीड़ित व्यक्ति को बहुत जल्द दस्त और उल्टियां होना शुरू हो जाती हैं। कॉलरा के लक्षण प्रारंभिक तौर पर इंफेक्शन होने के 2-3 बाद देखे जा सकते हैं। इसके अलावा, भी हैजा के कई लक्षण हैं जिन्हें निम्नलिखित रूप में नीचे बताया जा रहा है (2),(4), (5)।
- बार-बार उल्टी और दस्त हैजा रोग के लक्षण हो सकते हैं।
- पतला दस्त या पानी की तरह मल निकलना।
- दस्त के साथ पैरों में ऐंठन भी हैजा रोग के लक्षण हैं।
- हृदय की गति बढ़ना भी हैजा रोग का लक्षण हो सकता है।
- हैजा रोग में थकावट महसूस हो सकती है।
- हैजा रोग में ब्लड प्रेशर लो हो जाता है।
- प्यास लगना भी हैजा रोग का एक लक्षण है।
नोट – ऊपर बताए गए लक्षणों में से कोई भी लक्षण दिखे, तो ये हैजा रोग के लक्षण हो सकते हैं। इस अवस्था में बिना देर किए डॉक्टर से मिलना चाहिए क्योंकि यह जानलेवा हो सकता है (3)।
हैजा रोग के लक्षण जानने के बाद आइए अब जानते हैं हैजा रोग फैलने का समय काल क्या है।
हैजा रोग फैलने का समय काल -Time Period of Cholera Disease in hindi
हैजा रोग फैलने का एक समय काल भी होता है। जिस समय हैजा फैलने की आशंका बढ़ जाती है। यही वजह है, कि हैजा रोग फैलने का समय काल तीन भागों में बाटां गया है, जो इस प्रकार है।
इन्क्यूबेशन काल (Incubation Period) – यह हैजा फैलने का ऐसा समय होता है, जो बड़ी तेजी से फैलता है। हैजा रोग फैलने के समय काल पर आधारित एक वैज्ञानिक रिपोर्ट के अनुसार इसके लक्षण कुछ घंटों से शुरू होकर पांच दिन तक दिखाई देते हैं। लेकिन ज्यादातर मामलों में यह इंफेक्क्शन होने के 2-3 दिन के भीतर ही अपना असर दिखा सकते हैं (6)।
इन्फेक्टिव काल (Infective period) – इन्फेक्टिव काल, वो काल होता है, जिसमें संक्रमण से ग्रसित व्यक्ति जब तक हैजा के बैक्टीरिया से पूरी तरह से ठीक नहीं हो जाता है और हैजा संबंधित लक्षण जब तक पूरी तरह समाप्त नहीं हो जाते हैं, वह इन्फेक्टिव काल कहा जा सकता है।
इम्यूनाइजेशन (Immunization) – इम्यूनाइजेशन कॉलरा रोग में एक ऐसी अवस्था है, जिसमें टीकाकरण के जरिए आप 3 से 6 महीने तक इसकी चपेट में आने से बच सकते हैं। एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, अगर आप किसी ऐसे शहर या देश की ओर यात्रा कर रहे है, जहां हैजा फैला हुआ है, तो हैजा की वैक्सीन लेने के बाद ही आप यात्रा करें (7)। इसके अलावा भारत में हैजा से बचने के लिए शंचोल (Shanchol) नाम की वैक्सीन उपलब्ध है, जो आपको कॉलरा से सुरक्षित बने रहने में मदद कर सकती है (6)।
हैजा रोग फैलने के समय काल के बारे में जानने के बाद, आइए अब कॉलरा रोग के लिए घरेलू उपाय को जानते हैं।
हैजा रोग (कॉलरा) के लिए घरेलू उपाय – Home Remedies To Cure Cholera Disease in Hindi
रसोईघर में कई ऐसे खाद्य पदार्थ मौजूद होते हैं, जिनका उपयोग, हैजा रोग (कॉलरा) के लिए घरेलू उपाय के रूप में उपयोग किया जा सकता है। तो चलिए जानते हैं, कि हैजा रोग के लिए घरेलू उपाय क्या क्या हैं।
1. हैजा रोग (कॉलरा) के लिए अदरक
सामग्री :
- अदरक की एक छोटी गांठ
- शहद 2 चम्मच
उपयोग का तरीका :
- एक कटोरी लें।
- अदरक को पीसकर उसका पेस्ट बना लें।
- अदरक के पेस्ट में स्वादानुसार शहद मिला लें, ताकि अदरक का कड़वापन ज्यादा न लगे।
- उसके बाद दिन में इसका तीन बार सेवन कर सकते हैं।
कैसे है लाभदायक :
कॉलरा में अदरक के फायदे देखे जा सकते हैं। एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, कहा गया है, कि कॉलरा को ठीक करने लिए अदरक को प्रयोग में लाया जा सकता है (8)। दरअसल, अदरक में एंटीवायरल गुण पाए जाते हैं, जो कॉलरा में फायदेमंद हो सकता है। एंटीवायरल गुण कॉलरा के बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकने का काम करता है (9)।
2. हैजा रोग (कॉलरा) के लिए नींबू
सामग्री :
- एक निम्बू
- आधा गिलास से थोड़ा ज्यादा पानी
- नमक स्वादानुसार
उपयोग का तरीका :
- एक गिलास लें।
- उसमें नींबू को ठीक तरह से निचोड़ लें।
- अब चुटकी भर नमक लेकर उसका घोल तैयार करें।
- इसके बाद हैजा से ग्रसित व्यक्ति को यह पानी पीने के लिए दे सकते हैं।
कैसे है लाभदायक :
हैजा रोग के लिए घरेलू उपाय में नींबू का प्रयोग किया जा सकता है। एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार का प्रयोग कॉलरा में करके देखा गया और इसके सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए। दरअसल, नींबू कॉलरा के खिलाफ एक बायोसाइड के रूप में कार्य करता है, जो शरीर में मौजूद कोलेरिया बैक्टीरिया को निष्क्रिय कर सकता है (10)।
3. हैजा रोग (कॉलरा) के लिए हल्दी
सामग्री:
- हल्दी की 2 गांठ
- शहद 1 चम्मच
- एक कप पानी
उपयोग का तरीका:
- एक बड़ी कटोरी लें।
- हल्दी की गांठ को कटोरी में भिगोकर रखें।
- उसके बाद हल्दी की गांठ को धूप में सुखाकर उसका पाउडर बना लें।
- फिर एक कप गर्म पानी में आवश्यकतानुसार शहद और हल्दी मिलाकर उसका घोल बना लें।
- अब आप इसका दिन में दो बार सेवन कर सकते हैं।
कैसे है लाभदायक :
हैजा रोग के लिए घरेलू उपाय में हल्दी का प्रयोग भी किया जा सकता है। हैजा के बचाव के लिए हल्दी एक प्रभावी उपाय हो सकती है। एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, हल्दी में मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण, शरीर में मौजूद हैजा के बैक्टीरिया को नष्ट करने में मदद कर सकते हैं (11)।
4. हैजा रोग (कॉलरा) के लिए लस्सी
सामग्री :
- आधा कटोरी दही
- आधा छोटा चम्मच जीरा
- आधा छोटा चम्मच नमक (मधुमेह की समस्या है, तो चीनी इस्तेमाल न करें)
उपयोग का तरीका :
- दही, जीरा और नमक के मिश्रण को मिक्सी में डालें।
- अब अच्छी तरह से उसकी लस्सी बना लें।
- आप दिन में तीन बार इसका सेवन कर सकते हैं।
कैसे है लाभदायक:
कॉलरा के उपचार में लस्सी के फायदे देखे जा सकते हैं क्योंकि लस्सी दही से तैयार की जाती है। एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, यह बताया गया, कि दही में मौजूद एंटीमाइक्रोबियल गुण वी. कॉलरा के विकास को रोकने की क्षमता रखते हैं (12),(13)।
5. हैजा रोग (कॉलरा) के लिए लौंग
सामग्री :
- 6-7 लौंग
- पानी एक गिलास
उपयोग का तरीका :
- लौंग को पानी में डालकर अच्छी तरह उबाल लें।
- इसे ठंडा करने के बाद दिन में दो बार इसका सेवन कर सकते हैं।
कैसे है लाभदायक :
हैजा रोग के लिए घरेलू उपाय में लौंग का प्रयोग काफी लम्बे समय से किया जा रहा है। इसके फायदे कॉलरा में भी देखे जा सकते हैं। वैज्ञानिक शोध के अनुसार, बताया गया है, कि लौंग में एंटीबैक्टेरियल गुण पाए जाते हैं और इस कारण, यह कॉलरा के बैक्टेरिया को रोकने में मदद कर सकता है (14)।
6. हैजा रोग (कॉलरा) के लिए पुदीना
सामग्री :
- 15-20 हरी पुदीने की पत्तियां
- पानी एक गिलास
उपयोग का तरीका :
- पुदीने की पत्तियों को लें।
- इसे कूटकर या पीसकर इसका रस निकाल लें।
- अब पानी में मिलाकर इसके रस का सेवन दिन में तीन बार करें।
कैसे है लाभदायक :
कॉलरा के उपाय में पुदीना का महत्व देखा जा सकता है। पुदीना के अंदर कई प्रकार के बैक्टेरिया रोकने का गुण पाए जाते हैं। कॉलरा के बैक्टेरिया को रोकने के लिए भी पुदीने का इस्तेमाल किया जा सकता है (15)।
7. हैजा रोग (कॉलरा) के लिए मेथी के बीज
सामग्री:
- एक चम्मच मेथी का बीज
- एक छोटा चम्मच जीरा (भुना हुआ)
- एक कप दही
- (इनकी मात्रा, सेवन की जरूरत के हिसाब से तय की जा सकती है।)
उपयोग का तरीका:
- एक कटोरी में मेथी और जीरा को डालें।
- फिर इसमें 2 चम्मच दही डालें और अच्छी तरह मिलाएं।
- इस मिश्रण को दिन में तीन बार प्रयोग किया जा सकता है।
कैसे है लाभदायक :
कॉलरा में मेथी बीज के भी फायदे देखे जा सकते हैं। एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, हैजा रोग के उपाय के लिए मेथी के बीज का इस्तेमाल किया जा सकता है । इसके अलावा एक अन्य वैज्ञानिक शोध के अनुसार, यह कहा गया है, कि मेथी के बीज में एंटीबैक्टेरियल गुण मौजूद होने के कारण कॉलरा में इसके फायदे देखे जा सकते हैं (16)।
8. हैजा रोग (कॉलरा) के लिए प्याज
सामग्री :
- 1 बड़ी प्याज
- चुटकी भर हींग
- काली मिर्च के 7-8 दानें।
उपयोग का तरीका :
- प्याज को बारीक काट लें।
- फिर बारीक कटे प्याज में हींग और काली मिर्च को मिलाएं।
- अब इस मिश्रण को पीसकर इसका रस निकाल लें।
- इसके बाद दिन में दो बार इसका सेवन किया जा सकता है।
कैसे है लाभदायक :
प्याज के भी फायदे हैजा रोग में देखे जा सकते हैं। एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, यह कहा गया है, कि हैजा में प्याज का इस्तेमाल किया जा सकता है (17)। एक अन्य वैज्ञानिक शोध के मुताबिक, प्याज का इस्तेमाल हैजा के बैक्टेरिया को खत्म करने के लिए किया जा सकता है। यह एंटीबैक्टेरियल गुण से समृद्ध होता है, जो वी. कॉलरा बैक्टेरिया को निष्क्रिय करने का काम कर सकता है (18)।
हैजा रोग (कॉलरा) के लिए घरेलू उपाय जानने के बाद, आइए अब जानते हैं, हैजा रोग में क्या-क्या आहार लेने चाहिए।
हैजा रोग के लिए आहार – Diet For Cholera Disease in Hindi
हैजा रोग में खाने-पीने का विशेष ध्यान देना पड़ता है ताकि पीड़ित व्यक्ति जल्दी से ठीक हो सके। आइए अब जानते हैं, कि हैजा रोग के लिए कौन-कौन से आहार सही माने जाते हैं (17)।
- हैजा रोग में शरीर से भारी मात्रा में पानी निकल जाता है। इसलिए पानी की कमी को पूरा करने के लिए पानी का सेवन किया जाना चाहिए।
- हैजा रोग के दौरान नियमित आहार में नींबू, प्याज, हरी मिर्च, सिरका और पुदीना शामिल किया जा सकता है।
- हैजा रोग में अधपके और नर्म चावल को भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
- नाश्ते में ताजे फल और दूध का इस्तेमाल कर सकते हैं ।
- ताजे फलों का जूस भी सुबह लिया जा सकता है।
आपने इस लेख के जरिए हैजा रोग होने के कारण, लक्षण, इसके फैलने का समय काल, हैजा रोग के लिए घरेलू उपाय और हैजा रोग के लिए आहार के बारे में उपयुक्त जानकारी प्राप्त की। इससे आपको व किसी अपने को हैजा से सुरक्षित रखने में जरूर मदद मिलेगी। अगर आपके पास हैजा से संबंधित कोई अन्य सुझाव या प्रश्न हैं, तो उसे हमारे साथ नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में साझा करें। हम विशेषज्ञों की मदद से आपको सटीक जानकारी देने का प्रयास करेंगे।
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