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चिकनगुनिया के लक्षण, इलाज और घरेलू उपचार – Chikungunya Symptoms and Remedies in Hindi

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चिकनगुनिया का प्रकोप ऐसा है कि इसके नाम भर से ही लोग कांप उठते हैं। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण यह है कि लोग चिकनगुनिया के बारे में कम जानते हैं। हालांकि, चिकगुनिया जानलेवा नहीं है, लेकिन अगर समय रहते इलाज न करवाया जाए, तो मरीज को काफी हानि हो सकती है। इस संक्रामक रोग की चपेट में न सिर्फ भारत, बल्कि अमेरिका, अफ्रीका और यूरोप के भी कई देश हैं। मूल रूप से चिकनगुनिया अफ्रीकन शब्द है, जिसका अर्थ होता है हड्डी टूटने जैसा दर्द होना। हालांकि, चिकनगुनिया से निपटने के लिए अभी तक कोई इलाज नहीं है, लेकिन इससे बचना जरूर संभव है। इस लेख के जरिए, हम चिकनगुनिया के लक्षण (chikungunya ke lakshan) और चिकनगुनिया के घरेलू इलाज के बारे में विस्तार से बताएंगे।

सबसे पहले हम चिकनगुनिया होने के कारणों के बारे में जान लेते हैं।

    चिकनगुनिया के कारण – Causes of Chikungunya in Hindi

    • चिकनगुनिया एक संक्रामक रोग है, जो मादा एडिस एजिप्टी व एडीस एल्बोपिक्टस मच्छर के काटने से होता है (1)। ये दोनों मच्छर डेंगू भी फैलाते हैं।
    • यह मच्छर दिन में काटता है, लेकिन मुख्य रूप से या तो सुबह के टाइम काटता है या फिर दोपहर के समय।
    • यह मच्छर घर के अंदर या बाहर कहीं भी काट सकता है।
    • चिकनगुनिया फैलाने वाला यह मच्छर जब किसी संक्रमित व्यक्ति को काटता है, तो उसकी लार में यह वायरस आ जाता है। इसके बाद वह जिसे काटता है, उसे भी चिकनगुनिया हो जाता है।
    • इस रोग से पीड़ित व्यक्ति अगले सात से दिन तक यह संक्रमण फैलाने में सक्षम होता है।

    आइए, अब बात करें उन लक्षणों की, जिनसे चिकनगुनिया होने की पुष्टि होती है।

    चिकनगुनिया के लक्षण – Symptoms of Chikungunya in Hindi

    Symptoms of Chikungunya in Hindi

    Shutterstock

    यहां हम चिकनगुनिया के लक्षण (chikungunya ke lakshan) बता रहे हैं। जरूर नहीं कि ये सभी लक्षण हर किसी को महसूस हों। हर केस में ये अलग-अलग हो सकते हैं (2)।

    • एडिस मच्छर के काटने के दो-तीन दिन बाद ही चिकनगुनिया के लक्षण नजर आने लगते हैं।
    • इसमें तेज बुखार और जोड़ों में दर्द होता है। मुख्य रूप से हाथ व पैरों की अंगुलियों में ज्यादा दर्द होता है। हालांकि, एक हफ्ते बाद मरीज को आराम आना शुरू हो जाता है, लेकिन कुछ मामलों में जोड़ों का दर्द कई महीनों तक रहता है।
    • सिर में दर्द और मांसपेशियों में जकड़न महसूस होती है।
    • आंखों व दिल में परेशानी महसूस हो सकती है।
    • मरीज को न्यूरोलॉजिकल समस्या भी हो सकती है।
    • जी-मिचलना जैसा महसूस होगा और भूख लगनी कम हो जाएगी।
    • इस बीमारी में शरीर पर जगह-जगह लाल रंग के दाने उभर आते हैं।
    • यह रोग एक हफ्ते में ही मरीज को इतना कमजोर कर देता है कि रोगी स्वयं से कुछ करने लायक नहीं रह जाता।
    • कुछ मरीज तेज रोशनी बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं।

    इस लेख में आगे हम जानेंगे चिकनगुनिया के घरेलू उपचार के बारे में।

    चिकनगुनिया के घरेलू इलाज – Home Remedies for Chikungunya in Hindi

    Home Remedies for Chikungunya in Hindi

    Shutterstock

    1. तुलसी की पत्तियां

    सामग्री :

    • तुलसी की 10 पत्तियां
    • आधा लीटर पानी

    बनाने की विधि :

    • तुलसी की पत्तियों को पानी में डालकर तब तक उबालें, जब तक कि पानी आधा न रह जाए।
    • इसके बाद पानी को छानकर दिनभर में थोड़ा-थोड़ा पिएं।

    कब तक प्रयोग करें :

    • इस तुलसी के पानी का कुछ दिन तक ही सेवन करें।

    किस तरह है लाभकारी

    चिकनगुनिया बुखार (chikungunya bukhar) में तुलसी के पत्ते बेहद फायदेमंद साबित होते हैं। तुलसी की गुणकारी पत्तियां बुखार को कम कर, शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता में सुधार करती हैं। आयुर्वेद में तुलसी की पत्तियों का इस्तेमाल कई प्रकार की दवाइयां बनाने में होता है। इन पत्तियों में एंटीमाइक्रोबियल गुण होता है, जो बीमारी से जल्द उबरने में मदद करता है (3)।

    2. लहसुन

    सामग्री :

    • 10-12 लहसुन की कलियां
    • पानी

    बनाने की विधि :

    • लहसुन को छिलने के बाद छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें।
    • अब पेस्ट बनाने के लिए पानी के साथ ग्राइंड कर लें।
    • अब इस पेस्ट जोड़ों पर दर्द वाली जगह पर लगाएं और कुछ घंटों के लिए छोड़ दें।

    कब तक प्रयोग करें :

    • इसे दिन में दो बार प्रयोग करें।

    किस तरह है लाभकारी

    जोड़ों के दर्द से राहत दिलाने में लहसुन का कोई मुकाबला नहीं है। इसे प्रभावित जगह पर जितना ज्यादा लगाया जाए, उतना अच्छा है। यह न सिर्फ दर्द से राहत दिलाता है, बल्कि सूजन को कम करके रक्त संचार को बेहतर करता है (4)।

    3. गिलोय

    सामग्री :

    • गिलोय के कैप्सूल

    प्रयोग की विधि :

    • प्रतिदिन दो कैप्सूल ले सकते हैं। इसे भोजन के बाद लेना ही फायदेमंद रहेगा। दिनभर में एक ग्राम डोज पर्याप्त है।

    कब तक प्रयोग करें :

    • इन कैप्सूल का कुछ हफ्तों तक लगातार सेवन कर सकते हैं।

    किस तरह है लाभकारी

    गिलोय एक आयुर्वेदिक औषधी है। इसका पौधा विभिन्न बुखारों व बीमारियों में कारगर तरीके से काम करता है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-आर्थराइटिस और इम्यूनोमॉड्यूलेटरी गुण पाए जाते हैं, जो चिकनगुनिया बुखार (chikungunya bukhar) से राहत दिलाते हैं। साथ ही इसमें एंटी-माइक्रोबियल गुण भी होता है, जो हर तरह के संक्रमण से हमारी रक्षा करता है (5)।

    नोट : पांच साल से कम उम्र के बच्चे को गिलोय नहीं देना चाहिए। वहीं, पांच वर्ष से अधिक उम्र के बच्चे को गिलोय की डोज 250 एमजी प्रतिदिन ही दी जा सकती है। वयस्क प्रतिदिन 3 ग्राम तक इसका सेवन कर सकते हैं।

    4. शहद व नींबू

    Honey and Lemon

    Shutterstock

    सामग्री :

    • एक चम्मच शहद
    • आधा नींबू
    • एक गिलास पानी

    प्रयोग की विधि :

    • पहले पानी को हल्का गर्म कर लें।
    • अब इसमें नींबू और शहद को मिलाकर सेवन करें।
    • आप चाय बनाकर भी उसमें नींबू व शहद को मिक्स कर सकते हैं।

    कब तक प्रयोग करें :

    • इसे दिन में एक या दो बार प्रयोग किया जा सकता है।

    किस तरह है लाभकारी

    चिकनगुनिया का इलाज (chikungunya ka ilaj) करने के लिए शहद का प्रयोग किया जा सकता है। इसमें एंटी-बैक्टीरियल व एंटी-माइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं, जो बीमारियों से लड़ने में हमारी मदद करते हैं। वहीं वहीं, नींबू बुखार से लड़ने के लिए शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है (6) (7)।

    5. पपीते के पत्ते

    सामग्री :

    • सात-आठ पपीते के ताजा पत्ते
    • साफ पानी

    प्रयोग की विधि :

    • पत्तों को अच्छे से धो लें और बीच में से मोटे डंठल को निकाल लें।
    • अब पत्तों को बारीक काटकर पानी के साथ ग्राइंड करके पतला पेस्ट बना लें।
    • इसके बाद पेस्ट को छान लें और इस जूस के दो चम्मच हर तीन-तीन घंटे में पिएं।

    कब तक प्रयोग करें :

    • करीब दो-तीन दिन तक लगातार सेवन करें। अगर इसके बाद भी बीमारी ठीक नहीं होती है, तो इसे एक हफ्ते तक जारी रख सकते हैं।

    किस तरह है लाभकारी

    चिगनगुनिया व डेंगू जैसी बीमारी में प्लेटलेट्स तेजी से कम होते हैं। इसे ठीक करने के लिए पपीते के पत्तों का प्रयोग किया जाता है। साथ ही ये संक्रमण से लड़ने के लिए शरीर को ऊर्जा देते हैं। इन पत्तों में लार्विसाइड गुण भी होता है, जो चिगनगुनिया फैलाने वाले मच्छरों के लार्वा से मुकाबला करता है (8) (9)।

    6. नारियल पानी

    सामग्री :

    • नारियल पानी

    प्रयोग की विधि :

    • रोज 3-4 गिलास नारियल पानी रोज पी सकते हैं।

    कब तक प्रयोग करें :

    • इसका कुछ दिनों तक लगातार सेवन करें।

    किस तरह है लाभकारी

    चिकनगुनिया वायरस से निपटने के लिए नारियल पानी बेहद कारगर है। चिकनगुनिया के दौरान नारियल पानी का सेवन करने से लीवर डिटॉक्सीफाई होता है और मरीज को इस बीमारी से उबरने में मदद मिलती है। साथ ही इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होता है, जो जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद करता है (10)।

    7. हल्दी

    Turmeric

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    सामग्री :

    • आधा चम्मच हल्दी पाउडर
    • एक गिलास गर्म दूध

    प्रयोग की विधि :

    • गर्म दूध में हल्दी को अच्छी तरह मिक्स कर लें।
    • इस दूध को गर्मा-गर्म पी जाएं।

    कब तक प्रयोग करें :

    • कुछ दिनों तक सुबह व रात को सोने से पहले इसका सेवन करें।

    किस तरह है लाभकारी

    आयुर्वेद में हल्दी के कई लाभ बताए गए हैं। यह न सिर्फ सुंदरता को निखारने के काम आती है, बल्कि चोट लगने पर जख्म को जल्दी भरने में भी इसका प्रयोग किया जाता है। उसी तरह यह चिकनगुनिया के इलाज (chikungunya ka ilaj) में भी फायदेमंद है। हल्दी में एंटी-ऑक्सीडेंट व एंटी-इंफ्लेमेटरी जैसे गुण मौजूद होते हैं। इसलिए, यह चिकनगुनिया से निपटने के लिए आसान और सरल घरेलू उपचार है (11)।

    8. लाल मिर्च

    सामग्री :

    • तीन चम्मच लाल मिर्च
    • एक कप जैतून का तेल या फिर बादाम का तेल
    • आधा कप मोम

    प्रयोग की विधि :

    • लाल मिर्च को पानी में घोल लें और मध्यम आंच पर पांच-दस मिनट तक उबालें।
    • इसी दौरान, इसमें मोम को डाल दें और तब तक मिक्स करते हैं, जब तक कि मोम पूरी तरह पिघलकर उसमें घुल न जाए।
    • अब इस मिश्रण को स्टोव से उतार कर करीब 10 मिनट के लिए फ्रिज में ठंडा होने के लिए रख दें।
    • इसके बाद मिश्रण को फिर से घोलें, ताकि सभी सामग्रियां अच्छे से मिक्स हो जाएं।
    • अब इसे फिर से 10 मिनट के लिए ठंडा होने के लिए रखें और बाद में जोड़ों में जहां दर्द हो रहा है, इसे वहां लगाएं।
    • आप इस मिश्रण को एयरटाइट डिब्बे में बंद करके एक-दो हफ्ते के लिए रख सकते हैं।

    कब तक प्रयोग करें :

    • जब भी जरूरत महसूस हो, इसका प्रयोग कर सकते हैं।

    किस तरह है लाभकारी

    वैज्ञानिकों ने शोध के जरिए पुष्टि की है कि लाल मिर्च में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होता है, जो किसी भी तरह की सूजन को कम कर सकता है (12)। साथ ही लाल मिर्च मनोवैज्ञानिक तौर पर भी काम करती है। यह दिमाग तक दर्द से जुड़े संकेत भेजने वाले यौगिकों को रोककर दर्द से राहत दिलाती है (13)। चिकनगुनिया के घरेलू उपचार के तौर पर इसका प्रयोग किया जा सकता है।

    नोट : चिकनगुनिया के इलाज (chikungunya ka ilaj) के लिए इस पेस्ट को बनाते समय दस्ताने जरूर पहन लें। साथ ही यह मिश्रण बनाते समय अपने चेहरे व खासकर आंखों को न छुएं। इस पेस्ट को लगाने के बाद आपको थोड़ी जलन महसूस हो सकती है, खासकर उन लोगों को, जिनकी त्वचा संवेदनशील होती है।

    9. अंगूर

    Grapes

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    सामग्री :

    • बीज रहित अंगूर
    • एक कप गाय का दूध

    प्रयोग की विधि :

    • अंगुर खाने के साथ-साथ दूध का सेवन करें।

    कब तक प्रयोग करें :

    • करीब एक-दो दिन तक इसका सेवन किया जा सकता है।

    किस तरह है लाभकारी

    चिकनगुनिया होने पर अंगूर का सेवन करने की सलाह दी जाती है। ऐसा कहा जाता है कि अगर इसे गाय के दूध के साथ खाया जाए, तो चिकनगुनिया के वायरस खत्म होते हैं और दर्द व बुखार में जल्द आराम मिलता है। अंगूर में एंटी-ऑक्सीडेंट व एंटीवायरल जैसे गुण पाए जाते हैं (14)।

    नोट : अगर आपको डेयरी प्रोडक्ट से एलर्जी है, तो चिकनगुनिया के इस घरेलू उपचार का प्रयोग न करें।

    10. गाजर

    सामग्री :

    • ताजा गाजर

    प्रयोग की विधि :

    • प्रतिदिन एक कच्ची गाजर खा सकते हैं या फिर इसे अन्य सब्जियों के साथ सलाद के तौर पर भी ले सकते हैं।

    कब तक प्रयोग करें :

    • कम से कम हफ्ते तक लें।

    किस तरह है लाभकारी

    चिकनगुनिया के घरेलू उपचार के तौर पर गाजर का सेवन किया जा सकता है। यह रोगी की प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर करता है। साथ ही मरीज को जोड़ों के दर्द से भी राहत मिलती है (15)।

    11. बर्फ की सिकाई

    सामग्री :

    • कुछ बर्फ के टुकड़े
    • तौलिया या आईस पैक

    प्रयोग की विधि :

    • बर्फ के टुकड़ों को तौलिये में लपेटकर कुछ देर के लिए दर्द वाली जगह पर रखें।

    कब तक प्रयोग करें :

    • इसे दिनभर में कई बार प्रयोग किया जा सकता है।

    किस तरह है लाभकारी

    जब बर्फ की सिकाई की जाती है, तो प्रभावित जगह पर रक्त का प्रवाह धीरे हो जाता है। इससे जोड़ों में आई सूजन और दर्द से राहत मिलती है (16)।

    12. तेल की मालिश

    सामग्री :

    • दो चम्मच अरंडी का तेल
    • चुटकी भर दालचीनी पाउडर

    प्रयोग की विधि :

    • तेल को हल्का गर्म कीजिए और इसमें दालचीनी पाउडर को मिक्स कर दें।
    • अब इस तेल से प्रभावित जोड़ों पर हल्के हाथों से थोड़ी देर मालिश करें।

    कब तक प्रयोग करें :

    • दिनभर में कम से कम दो-तीन बार इससे मालिश करें।

    किस तरह है लाभकारी

    जैसा कि इस लेख में पहले भी बताया गया है कि चिकनगुनिया में सबसे ज्यादा जोड़ों के दर्द से तकलीफ होती है। इसके लिए अरंडी का तेल सबसे बेहतर है। इस तेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो दर्द से राहत दिलाते हैं (17)। वहीं, दालचीनी में भी एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होता है और अरंडी के तेल के साथ मिलकर जोड़ों के दर्द में आराम पहुंचाता है (18)।

    चिकनगुनिया के घरेलू उपचार जानने के बाद आइए, जान लेते हैं इससे बचाव के जरूरी टिप्स।

    चिकनगुनिया से बचाव – Prevention Tips for Chikungunya in Hindi

    Prevention Tips for Chikungunya in Hindi

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    बेशक, अभी तक वैज्ञानिक इस बीमारी का कोई इलाज नहीं ढूंढ पाए हैं, लेकिन इससे बचा जरूर जा सकता है। यहां हम कुछ काम की बातें बता रहे हैं, जिनका पालन करने से चिकनगुनिया फैलाने वाले मच्छर आपके आसपास पनप तक नहीं पाएंगे (19)।

    1. सबसे पहली और अहम बात यह है कि चिकनगुनिया व डेंगू के मच्छर साफ पानी में पनपते हैं। इसलिए, अपने घर के आसपास पानी एकत्र न होने दें। समय-समय पर कलूर, फूलदानों व फ्रिज के पीछे लगी वॉटर ट्रै का पानी बदलते रहें। अगर आप पानी बदलने में असमर्थ हैं, तो उसमें थोड़ा-सा मिट्टी का तेल डाल दें।
    1. खाने-पीने के सामान और पानी से भरे बर्तनों को हमेशा ढक कर रखें।
    1. ध्यान रहे कि एडिस मच्छर दिन के समय काटते हैं, इसलिए दिन में भी पूरी बाजू वाली कमजी व फुल पैंट पहनें। अगर दिन में सो रहे हैं, तो मच्छरदानी का प्रयोग करें। साथ ही मच्छर भगाने वाली क्रीम भी आती है, जिसे लगाने से त्वचा को कोई नुकसान नहीं होता।
    1. घर के आसपास तुलसी का पौधा लगाएं, क्योंकि तुलसी के कारण एडिस मच्छर के लार्वा नष्ट हो जाते हैं।
    1. घर के अंदर कपूर जला सकते हैं। इसकी गंध से मच्छर भाग जाते हैं।
    1. नीम के तेल का दीपक जला सकते हैं। इसकी गंध से भी मच्छर घर के अंदर नहीं आते।
    1. कुछ भी खाने से पहले हाथों को अच्छे से धोना चाहिए, ताकि किसी भी प्रकार के विषैले जीवाणु भोजन के साथ अंदर न चले जाएं।

    क्या खाएं – What to Eat

    1. सूप पिएं : चिकनगुनिया में सब्जियों का सूप पीना चाहिए। साथ ही अधिक से अधिक तरल पदार्थ लेने की सलाह दी जाती है। बुखार में तरल पदार्थ को पचाना आसान होता है।
    1. हरी सब्जियां खाएं : हरी पत्तेदार सब्जियों में विभिन्न विटामिन्स, मिनरल्स व फाइबर होता है, जो पाचन तंत्र को अच्छा करता है व रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर करता है। साथ ही सब्जियों में कम कैलोरी होती है, जिस कारण पाचन तंत्र पर दबाव नहीं पड़ता (20)।
    1. विटामिन-सी : विभिन्न खाद्य पदार्थों में विटामिन-सी होता है। इनका सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होती है। इसलिए, चिकनगुनिया में विटामिन-सी का सेवन करना चाहिए (21)।
    1. सेब व केला : ये दोनों फल चिकनगुनिया में खाए जा सकते हैं। सेब में अत्यधिक फाइबर होता है, इसलिए यह पाचन तंत्र को बेहतर करता है। साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है (22)। वहीं, केले में भी फाइबर होता है, जो पाचन क्रिया को मजबूत करता है (23)।
    1. डेयरी उत्पाद : चिकनगुनिया में डेयरी उत्पाद खासकर बकरी के दूध का सेवन किया जा सकता है। डेयरी उत्पाद में सेलेनियम होता है, जिससे मेटाबॉलिज्म बेहतर हो सकता है और इसे पचाना भी आसान होता है। सेलेनियम शरीर से हानिकारक खनिज पदार्थों को बाहर निकालने का काम करता है।
    1. विटामिन-ई : जिन खाद्य पदार्थों में विटामिन-ई शामिल होता है, उनका सेवन करने से चिकनगुनिया से लड़ने में मदद मिलती है। विटामिन-ई एंटी-ऑक्सीडेंट का काम करता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर करता है (24)। सूखे मेवे विटामिन-ई के प्रमुख स्रोत होते हैं।
    1. ओमेगा-3 फैटी एसिड : इसे या तो खाद्य पदार्थ के तौर पर लिया जा सकता है या फिर सप्लीमेंट्स की तरह। यह शरीर में खून के थक्कों को कम करता है, मस्तिष्क को ठीक से काम करने में मदद करता है व याददाश्त बढ़ाता है। सूखे मेवों, मछली, सोयाबिन तेल, अंडे, जूस व दूध आदि में ओमेगा-3 फैटी एसिड प्रचुर मात्रा में होता है। इनका सेवन करने से जोड़ों में होने वाले दर्द से राहत मिलती है (25)।
    1. जिंक युक्त खाद्य पदार्थ : जिंक शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। साथ ही यह मेटाबॉलिज्म प्रक्रिया को भी बेहतर करता है। बीन्स, नट्स व डेयरी उत्पाद जिंक के प्रमुख स्रोत हैं (26)।
    1. पानी : चिकनगुनिया बुखार (chikungunya bukhar) में अधिक से अधिक पानी पीना चाहिए। पानी पीने से मूत्र के जरिए विषैले जीवाणु शरीर से बाहर निकल जाते हैं।

    क्या न खाएं – What not to Eat

    • मांसाहार का सेवन न करें, क्योंकि इससे पाचन तंत्र पर खराब असर पड़ता है।
    • बाहर के खाने से परहेज करें। बाहर के खाने में अधिक मिर्च मसाले के प्रयोग किया जाता है।
    • तैलीय खाद्य पदार्थों से दूर रहना चाहिए, क्योंकि इनका सेवन करने से पाचन तंत्र बिगड़ सकता है।
    • शराब, तंबाकू व धूम्रपान का भी सेवन नहीं करना चाहिए।

    चिकनगुनिया ऐसी बीमारी है, जिसे पनपने से रोका जा सकता है। वहीं, अगर कोई इसकी चपेट में आ भी जाए, तो कुछ सावधानियां बरत कर उसे जल्द ठीक किया जा सकता है। अगर आप या आपका कोई परिचित चिकनगुनिया से ग्रस्त है, तो इस लेख में बताए गए जरूरी घरेलू उपचार से आप जल्द ठीक हो सकते हैं। अगर आप इस बीमारी से निपटने के लिए कुछ अन्य उपचार जानते हैं, तो नीचे दिए कमेंट बॉक्स में हमारे साथ शेयर कर सकते हैं।

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