कई लोगों को त्वचा पर दाद की समस्या हो जाती है, जो काफी तकलीफ देती है। दाद आपके शरीर पर कहीं भी हो सकता है, जैसे हाथ, पैर, जांघ व गुप्तांग आदि। यह बैक्टीरिया के कारण पनपता है और इसमें खुजली भी होती है। हालांकि, खुजली करने पर कुछ समय के लिए राहत तो मिल जाती है, लेकिन इससे दाद फैलने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में लोग दाद खाज खुजली की दवा तलाशते हैं।
अगर आप भी दाद का उपचार करने के तरीके जानना चाहते हैं, तो स्टाइलक्रेज के इस लेख में आपको घरेलू तरीकों से दाद का इलाज बताएंगे। इससे पहले जानेंगे कि दाद क्या हैं, दाद खाज खुजली कितने प्रकार की होती है और दाद खाज खुजली के कारण क्या हैं आदि।
दाद क्या है – What is Ringworm in Hindi
दाद एक तरह का चर्म रोग है, जिसे डर्माटोफायोटासिस या टिनिया भी कहा जाता है। यह एक संक्रमण है, जो फंगस के कारण होता है। आमतौर पर दाद तीन तरह की फंगस के कारण होता है – ट्राइकोफिटन, माइक्रोस्पोरम और एपिडर्मोफिटन।
आइए, अब जानते हैं कि दाद कितने प्रकार के होते हैं।
दाद के प्रकार – Types of Ringworm in Hindi
दाद कई प्रकार के हो सकते हैं, जिनके बारे में हम नीचे बता रहे हैं :
- हाथ पर होने वाले दाद को टिनिया कहा जाता है।
- पैर में होने वाले दाद को टिनिया पेडिस या एथलीट फुट कहा जाता है।
- स्कैल्प पर होने वाला दाद टिनिया कैपिटिस कहलाता है।
- चेहरे पर दाद को टिनिया फाचेई कहा जाता है।
- दाढ़ी के पास होने वाले दाद को टिनिया बारबाई कहा जाता है।
- पीठ, छाती व जांघ जैसी जगहों पर होने वाले दाद को टिनिया कॉर्पोरिस कहा जाता है।
- उंगली पर होने वाले दाद को टिनिया अंगियम कहा जाता है।
- जननांगों में होने वाले दाद को टिनिया क्रुरिस कहा जाता है।
दाद के प्रकार जानने के बाद आइए इसके कारणों पर नजर डालते हैं।
दाद के कारण – Causes of Ringworm in Hindi
दाद का मुख्य कारण ट्राइकोफिटन फंगस हो सकता है। नीचे हम बता रहे हैं कि ऐसा किन कारणों से होता है :
- किसी संक्रमित व्यक्ति, जीव, पानी या भोजन के संपर्क में आने से।
- रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने से।
- ज्यादा गर्म या आर्द्र जलवायु में रहने से।
- ज्यादा तंग कपड़े पहनकर आने वाले पसीने से।
दाद के प्रकार जानने के बाद दाद के लक्षणों पर नजर डालेंगे।
दाद के लक्षण – Symptoms of Ringworm in Hindi
दाद के लक्षण संक्रमण के कारणों पर निर्भर करते हैं। नीचे हम दाद के कुछ सामान्य लक्षण बता रहे हैं :
- त्वचा पर परतदार और उभरा हुआ दाग। यह लाल चकत्ते जैसा हो सकता है, जिसमें खुजली और जलन होती है।
- यह फैलकर फफोला बन सकता है।
- दाग का बाहरी किनारों से लाल हो जाना।
ये थे दाद के लक्षण। अब हम जानेंगे कि दाद के घरेलू उपाय क्या है।
दाद के लिए घरेलू उपाय – Home Remedies for Ringworm in Hindi
नीचे हम दाद के लिए घरेलू उपाय बता रहे हैं, जिनकी मदद से आप पुराने से पुराने दाद का इलाज कर सकते हैं। इन उपायों को अपनाने के बाद दाद की दवा लेने की जरूरत न के बराबर रह जाती है :
1. सेब का सिरका
सामग्री :
- थोड़ा-सा सेब का सिरका
- रूई
क्या करें?
- रूई को सेब के सिरके में भिगो लें और अतिरिक्त सिरका निचोड़ दें।
- फिर इस रूई को 15 मिनट के लिए दाद वाली जगह पर रखें।
- आप इस प्रक्रिया को एक सप्ताह तक दिन में कई बार दोहराएं।
यह कैसे काम करता है?
सेब के सिरके में एंटी-फंगल गुण होते हैं, जो बैक्टीरिया को मारकर दाद से राहत दिलाते हैं (1)।
2. टी ट्री ऑयल
सामग्री :
- थोड़ा-सा टी ट्री ऑयल
- रूई
क्या करें?
- रूई को टी ट्री ऑयल में भिगोकर दाद वाले हिस्से पर लगाएं। इस प्रक्रिया को दिन में तीन से चार बार दोहराएं।
यह कैसे काम करता है?
टी ट्री ऑयल में मौजूद एंटी-फंगल गुण त्वचा संबंधी कई समस्याओं को ठीक करने में मदद करते हैं। दाद होने पर भी यह प्रभावी असर दिखाता है (2)।
3. नारियल का तेल
सामग्री :
- वर्जिन कोकोनट ऑयल
क्या करें?
- दाद पर उंगली की मदद से नारियल का तेल लगाएं और कुछ देर मसाज करें। इस प्रक्रिया को दिन में तीन से चार बार दोहराएं।
यह कैसे फायदा करता है?
नारियल तेल में जरूरी फैटी एसिड होते हैं, जो एंटीमाइक्रोबियल की तरह काम करते हैं। इसलिए, नारियल तेल दाद के इंफेक्शन को दूर करने में मदद कर सकता है (5)। इसके अलावा, यह दाद के कारण होने वाली खुजली से भी राहत दिलाता है (6)।
4. लहसुन
सामग्री :
- एक से दो लहसुन की कलियां
क्या करें?
- लहसुन की कली को बारीक पीसकर इसे दाद वाली जगह पर लगाएं।
- इसे 15 मिनट तक लगा रहने दें, फिर धो लें।
यह कैसे काम करता है?
लहसुन में एंटीफंगल गुण होते हैं, जो दाद जैसी समस्या से राहत दिलाने में मदद करते हैं (7)।
5. हल्दी
सामग्री :
- एक से दो चम्मच हल्दी पाउडर
- पानी
क्या करें?
- हल्दी पाउडर में थोड़ा-सा पानी मिलाकर गाढ़ा पेस्ट बना लें।
- इस पेस्ट को दाद पर लगाकर उंगली से मालिश करें।
- यह प्रक्रिया तब तक दोहराएं, जब तक दाद दूर न हो जाए।
यह कैसे काम करता है?
एंटीसेप्टिक के तौर पर हल्दी का काफी इस्तेमाल किया जाता है। इसके एंटीसेप्टिक गुण ही इसे दाद का इलाज करने में मदद करते हैं। साथ ही यह त्वचा को रूखा भी नहीं बनाती है (8)।
6. एलोवेरा
सामग्री :
- एक एलोवेरा की पत्ती
- एक चम्मच
क्या करें?
- एलोवेरा की पत्ती को काटकर चम्मच की मदद से उसका जेल निकालें।
- फिर यह जेल दाद वाले हिस्से पर लगाएं।
- आप इस प्रक्रिया को दिन में दो से तीन बार दोहरा सकते हैं।
यह कैसे काम करता है?
एलोवेरा त्वचा की हर समस्या के लिए कारगर होता है। बात की जाए दाद की, तो एलोवेरा में मौजूद एंटीफंगल और एंटीसेप्टिक गुण दाद से राहत दिलाने में मदद करते हैं (9)।
7. नीम का तेल
सामग्री :
- नीम के तेल की कुछ बूंदें
क्या करें?
- दाद वाले भाग पर नीम का तेल लगाएं।
यह कैसे काम करता है?
नीम में एंटीफंगल और एंटीबायोटिक गुण होते हैं, जो कुछ ही देर में अपना असर दिखाना शुरू कर देते हैं। अगर आपको दाद है, तो यह बहुत जल्दी असर दिखा सकता है (10)। इसका इस्तेमाल करने के बाद आपको दाद की दवा नहीं लेनी पड़ेगी।
8. कच्चा पपीता
सामग्री :
- कच्चे पपीते का एक टुकड़ा
क्या करें?
- दाद वाली जगह पर कच्चा पपीता रगड़ें। फिर 15 मिनट तक इसे लगा छोड़ दें।
- बाद में गुनगुने पानी से प्रभावित हिस्से को धो लें।
- आप इस प्रक्रिया को दिन में दो बार दोहराएं।
यह कैसे काम करता है?
कच्चे पपीते में एंटीफंगल गुण होते हैं, जो फंगस के कारण हुए दाद को खत्म करने में मदद करते हैं।
9. सरसों के बीज
सामग्री :
- थोड़े-से सरसों के बीज
क्या करें?
- सरसों के बीज को आधे घंटे तक पानी में भिगोएं। फिर उसके बाद उन्हें पीसकर मोटा पेस्ट बना लें।
- इस पेस्ट को प्रभावित जगह पर लगाएं।
यह कैसे काम करता है?
सरसों के बीज त्वचा पर खुजली होने से रोकते हैं। यह खुजली ही दाद के फैलने का कारण बनती है। इसलिए, अगर आपको दाद की समस्या है, तो सरसों के बीज फायदा पहुंचा सकते हैं।
10. ऑरेगैनो ऑयल
सामग्री :
- ऑरेगैनो ऑयल
क्या करें?
- दाद वाले हिस्से पर ऑरेगैनो ऑयल की कुछ बूंदें डालें और कुछ देर छोड़ दें।
यह कैसे काम करता है?
ये एसेंशियल ऑयल आपको जिद्दी दाद से छुटकारा पाने में मदद करता है। ऑरेगैनो में कार्वैक्रोल हैं, जो एंटीफंगल की तरह काम करता है (11)।
11. सेंधा नमक
सामग्री :
- 1/4 कप सेंधा नमक
- गरम पानी
क्या करें?
- पानी में नमक मिलाएं और प्रभावित भाग को लगभग 20 से 30 मिनट तक पानी में डालें।
- इसके बाद प्रभावित भाग को साफ पानी से धो लें।
यह कैसे काम करता है?
सेंधा नमक के एंटीफंगल गुण फंगल इंफेक्शन का इलाज करते हैं और इसकी हीड्रोस्कोपिक प्रवृति प्रभावित क्षेत्र से अतिरिक्त नमी को बाहर निकालती है। इससे बढ़ते इंफेक्शन को रोकने में मदद मिलती है (12)।
12. ब्लीच
सामग्री :
- 1 भाग ब्लीच
- 1 भाग पानी
- रूई
क्या करें?
- ब्लीच और पानी को मिलाएं।
- रूई के एक टुकड़े को इसमें भिगोएं और इसे प्रभावित भाग पर लगाएं। ध्यान रहें कि ब्लीच आसपास के भाग पर न लगे।
- इसे अपने आप सूखने दें। अगर आपको असहजता महसूस नहीं हो रही है, तो इसे तुरंत न धोएं।
यह कैसे काम करता है?
ब्लीच में एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं, जिस कारण इसे दाद पर लगाने से कीटाणु मर जाते हैं (13)।
सावधानी : अगर आपकी त्वचा संवेदनशील है, तो ब्लीच का इस्तेमाल न करें, क्योंकि ब्लीच त्वचा पर जलन पैदा कर सकता है।
13. अरंडी का तेल
सामग्री :
- अरंडी का तेल
क्या करें?
- अरंडी के तेल की कुछ बूंदें दाद वाली जगह पर लगाएं और कुछ देर हल्के हाथों से मसाज करें।
यह कैसे काम करता है?
अरंडी का तेल एंटीफंगल गुणों से भरपूर है। जब यह दाद के संपर्क में आता है, तो चमत्कारिक रूप से उसे ठीक कर सकता है। यह उपाय स्कैल्प पर होने वाले दाद के लिए भी अच्छा काम करता है। इसे अपने स्कैल्प के प्रभावित हिस्से में लगाएं और रात भर के लिए लगा छोड़ दें।
14. कोलाइडल सिल्वर
सामग्री :
- कोलाइडल सिल्वर
क्या करें?
- इसे स्प्रे करें या प्रभावित क्षेत्र पर लगाकर छोड़ दें।
यह कैसे काम करता है?
कोलाइडल सिल्वर फंगल सेल्स में प्रवेश करता है और प्रमुख एंजाइमों को बेअसर करता है, जिस कारण फंगस का खात्मा हो जाता है।
15. लैवेंडर ऑयल
सामग्री :
- लैवेंडर ऑयल की 8-10 बूंदें
- 1 चम्मच ऑलिव ऑयल
क्या करें?
- लैवेंडर ऑयल और ऑलिव ऑयल को मिलाएं।
- इसे प्रभावित हिस्से पर लगाकर छोड़ दें।
यह कैसे काम करता है?
लैवेंडर ऑयल में एंटीफंगल गुण होते हैं। यह तेल न सिर्फ दाद को बढ़ने से रोकता है, बल्कि संक्रमण का कारण बनने वाले फंगस को भी मारता है। यह दाद का प्रभावी घरेलू इलाज है।
16. नीलगिरी तेल
सामग्री :
- 1 भाग नीलगिरी तेल
- 1 भाग पानी
- कपड़ा
क्या करें?
- पानी में तेल को अच्छी से मिलाएं।
- इसमें कपड़ा डुबाएं और प्रभावित हिस्से पर लगाएं। फिर इसे चारों ओर से बांधें, ताकि ये हिले न।
- इस कपड़े को रात भर लगा रहने दें।
यह कैसे काम करता है?
नीलगिरी तेल विभिन्न बैक्टीरिया, वायरस और फंगस पर रोगाणुनाशक प्रभाव डालता है। नीलगिरी तेल को लगाने से इंफेक्शन साफ हो जाएगा और त्वचा को भी आराम मिलेगा।
17. नेल पॉलिश
सामग्री :
- बिना रंग वाली नेल पॉलिश
- नेल पॉलिश रिमूवर
- रूई
क्या करें?
- प्रभावित हिस्से को साबुन और पानी से साफ करके सुखा लें।
- बिना रंग वाली नेल पॉलिश की एक परत प्रभावित हिस्से पर लगाएं।
- इसे सात से आठ घंटे तक लगा रहने दें।
- फिर बाद में नेल पॉलिश रिमूवर और कॉटन की मदद से नेल पॉलिश को हटा दें।
- 20 मिनट के बाद इस तरीके को फिर से दोहराएं।
यह कैसे काम करता है?
नेल पॉलिश लगाने से फंगस में हवा के जरिए जाने वाली नमी का रास्ता बंद हो जाता है और फंगस खत्म हो जाती है। ऐसा करने से इंफेक्शन कम होगा और दाद भी ठीक होने लगेगा।
ऊपर हमने दाद का इलाज घरेलू इलाज बताया, लेकिन साथ में खानपान पर ध्यान देना भी जरूरी है।
दाद में क्या खाना चाहिए – Foods to Eat for Ringworm in Hindi
नीचे हम बताएंगे कि दाद के दौरान आपको क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए। पहले हम बता रहे हैं कि दाद होने पर क्या खाना चाहिए :
- आप ऐसा भोजन करें, जिसमें विटामिन-ए भरपूर मात्रा में हो। विटामिन-ए इम्यून सिस्टम को दुरुस्त कर फंगस से लड़ने में मदद करता है।
- इसके अलावा, विटामिन-ई भी आपके शरीर के लिए जरूरी है। विटामिन-ई भी इम्यून सिस्टम अच्छा करता है और इन्फेक्शन से बचाता है। इसके लिए आप खानपान में ओलिव ऑयल व बादाम आदि का सेवन कर सकते हैं।
- अपने खानपान में अदरक और लहसुन भी शामिल करें।
कुछ चीजें ऐसी हैं, जिन्हें दाद होने पर नहीं खाना चाहिए, जैसे :
- ज्यादा मात्रा में शुगर।
- तला हुआ खाना।
- फरमेंटेड खाद्य उत्पाद जैसे पनीर और सिरका।
- खमीर युक्त खाद्य पदार्थ जैसे मशरूम।
- रीफाइन कार्बोहाइड्रेट सफेद चावल और पास्ता।
दाद से बचाव – Prevention Tips for Ringworm in Hindi
हालांकि, ऊपर बताए गए दाद के इलाज आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं। नीचे हम आपको दाद से बचाव करने के कुछ टिप्स दे रहे हैं :
- आप किसी दूसरे का तौलिया व कपड़े आदि इस्तेमाल न करें।
- स्विमिंग पूल एरिया में बिना चप्पल के न जाएं।
- कोई खेल खेलने के बाद हमेशा नहाएं।
- अपनी स्किन को सुखाकर रखें।
- अपने अंतरवस्त्र और जुराबें रोजाना बदलें।
- साफ-सुथरे और सूखे कपड़े पहनें।
अगर आप भी दाद खाज खुजली की दवा ढूंढ रहे हैं, तो यह आर्टिकल पढ़ने के बाद आपको इसकी जरूरत नहीं पड़ेगी। इस आर्टिकल में दाद के उपचार के लिए घरेलू उपाय बताए गए हैं, जो अचूक दवा का काम करेंगे। ये ऐसे घरेलू उपाय हैं, जिन्हें इस्तेमाल करने के बाद आपको दाद की दवा की जरूरत नहीं करनी पड़ेगी। आपको दाद का इलाज वाला यह लेख कैसा लगा, नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल :
क्या दाद संक्रामक है? यदि हां, तो कब तक?
हां, दाद एक संक्रामक रोग है। जिसे दाद है, उसे छूने से दूसरे को भी दाद होने का जोखिम बढ़ सकता है। इसे पनपने में एक से दो सप्ताह का समय लग सकता है (14)।
क्या गर्भवती महिला के लिए दाद खतरनाक है?
नहीं, गर्भावस्था में दाद हो जाना गर्भवती के लिए कोई खतरे का संकेत नहीं है। दाद केवल आपकी ऊपरी त्वचा को प्रभावित करता है, जिससे होने वाले बच्चे पर कोई बुरा असर नहीं पड़ता।
क्या दाद को खत्म करने के लिए आयोडीन का इस्तेमाल कर सकते हैं?
हां, आयोडीन में एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं, जो दाद का इलाज करने में प्रभावी हो सकते हैं (15)।
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