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पश्चिमोत्तानासन करने का तरीका और फायदे -Paschimottanasana (Forward Bend Pose) Steps And Benefits in Hindi

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तन-मन की स्फूर्ति और स्वास्थ्य के लिए योग को लाभदायक माना गया है। वजह यह है कि दिन के करीब 10 से 15 मिनट निकालकर आप इसे घर के भीतर या बाहर कहीं भी कर सकते हैं। वहीं, यह जान लेना भी जरूरी है कि योग कोई एक क्रिया नहीं, बल्कि इसमें कई योगासन समाहित हैं। इस कारण शरीर के विभिन्न भागों पर व्यापक प्रभाव के लिए अलग-अलग योगासनों का अभ्यास किया जाता है। इन्हीं में से एक है पश्चिमोत्तानासन। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम आपको पश्चिमोत्तानासन के फायदे के साथ-साथ पश्चिमोत्तानासन करने का तरीका भी बताएंगे। साथ ही यह ध्यान रखना भी जरूरी है कि योग का लाभ तभी होता है, जब उचित खानपान का भी नियमित रूप से पालन किया जाए।

तो आइए, इस आसन से जुड़ी अन्य जरूरी बातों को जानने से पहले पश्चिमोत्तानासन के फायदे के बारे में जान लेते हैं।

पश्चिमोत्तानासन करने के फायदे – Benefits of Paschimottanasana (Forward Bend Pose) in hindi

1. माइल्ड डिप्रेशन और तनाव से राहत

पश्चिमोत्तानासन के फायदे की बात करें, तो माइल्ड डिप्रेशन और तनाव की समस्या में इस आसन के सकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकते हैं। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ योग द्वारा दिमागी स्वास्थ्य से संबंधित किए गए एक शोध से इस बात की पुष्टि होती है कि पश्चिमोतानासन के अभ्यास से शारीरिक समस्याओं को दूर करने के साथ-साथ दिमागी स्वास्थ्य को भी नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है, जिसमें अवसाद और तनाव जैसी समस्याएं भी शामिल हैं (1)।

2. पाचन में सुधार

पाचन से संबंधित समस्याओं को दूर कर पाचन शक्ति को मजबूत करने में भी पश्चिमोत्तानासन करने के फायदे हासिल किए जा सकते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, योग के इस आसन के अभ्यास से शरीर के विभिन्न अंगों की कार्यशैली में सुधार आता है। साथ ही यह पाचन और उत्सर्जन (मल त्याग) प्रणाली से संबंधित विकारों को दूर करने में भी मदद करता है (2)। इस कारण यह कहा जा सकता है कि पश्चिमोत्तानासन का नियमित अभ्यास कर अव्यवस्थित पाचन क्रिया को ठीक करने में मदद मिल सकती है।

3. चिंता को रखे दूर

जैसा कि हम लेख में पहले ही बता चुके हैं कि अवसाद और तनाव जैसी कई दिमागी समस्याओं को दूर करने में पश्चिमोत्तानासन लाभकारी परिणाम दे सकता है। इन दिमागी समस्याओं में चिंता का भी जिक्र मिलता है (1), जो दिमागी तनाव का एक अहम कारक है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि पश्चिमोत्तासन का नियमित अभ्यास चिंता की समस्या को दूर करने में भी राहत पहुंचा सकता है।

4. सिरदर्द की समस्या से दिलाए निजात

लेख में हम पहले भी बता चुके हैं कि पश्चिमोत्तानासन का नियमित अभ्यास तनाव, चिंता और अवसाद जैसी स्थितियों से राहत दिलाने में मददगार साबित हो सकता है (1)। वहीं, विशेषज्ञों का मानना यह भी है कि ऊपर बताई जा चुकी मानसिक समस्याओं के साथ-साथ यह दिमाग को आराम पहुंचाने में भी सहायक साबित हो सकता है (3)। इस कारण यह माना जा सकता है कि चिंता और तनाव के कारण पनपने वाले सिरदर्द में पश्चिमोत्तानासन करने के फायदे काफी हद तक लाभकारी सिद्ध हो सकते हैं।

5. थकान में लाभदायक

योग के कई आसनों को शरीर में ऊर्जा प्रवाह और रक्त प्रवाह को बनाए रखने में सहायक माना जाता है। इन योगासनों में पश्चिमोत्तानासन भी शामिल है (2)। वहीं, इस संबंध में किए गए एक शोध में जिक्र मिलता है कि इस योगासन का अभ्यास सीधे तौर पर शारीरिक थकान को दूर करने में प्रभावी परिणाम प्रदर्शित करता है (4)। इस कारण यह माना जा सकता है कि पश्चिमोत्तानासन के नियमित अभ्यास से रक्त प्रवाह को बढ़ाकर शरीर में ऊर्जा संचारित करने में मदद मिलती है, जो थकान की समस्या के लिए लाभदायक सिद्ध हो सकता है।

6. हाई ब्लड प्रेशर से छुटकारा

शरीर के संपूर्ण स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करने के साथ-साथ रक्त प्रवाह को नियंत्रित करने में भी पश्चिमोत्तानासन का अभ्यास अहम भूमिका निभाता है। रक्त प्रवाह के अनियंत्रित होने के कारण ही हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होती है। इस कारण यह कहा जा सकता है कि हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए पश्चिमोत्तानासन का अभ्यास सहायक साबित हो सकता है (5)।

7. मोटापे की समस्या में मददगार

विशेषज्ञों के मुताबिक, बढ़ते वजन की समस्या से छुटकारा दिलाने में भी योग के सकारात्मक प्रभाव देखे जा सकते हैं, जिसके लिए कई योगासनों को करने का सुझाव दिया जाता है। इन सुझावों में पश्चिमोत्तानासन का भी जिक्र मिलता है (6)। इस कारण यह कहा जा सकता है कि वजन कम करने के लिए पश्चिमोत्तानासन को नियमित अभ्यास में लाया जा सकता है। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखना जरूरी है कि योगाभ्यास के साथ ही नियमित दिनचर्या और संतुलित आहार का भी खास ख्याल रखा जाए। ऐसा करने पर ही वजन कम करने में इस योगाभ्यास के सार्थक लाभ हासिल किए जा सकते हैं।

8. अनिद्रा से दिलाए राहत

ब्राजीलियन एसोसिएशन ऑफ स्लीप द्वारा किए गए योग से संबंधित एक शोध में पाया गया है कि अन्य योगासनों के साथ पश्चिमोत्तानासन के अभ्यास से भी अनिद्रा की समस्या में राहत मिल सकती है (7)। ऐसे में नियमित रूप से इस आसन का अभ्यास अनिद्रा की समस्या से राहत पाने का एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है।

9. साइनस में लाभकारी

पश्चिमोत्तानासन का अभ्यास कर साइनस की समस्या में भी लाभ पाया जा सकता है। दरअसल, साइनस एक श्वसन तंत्र से संबंधित विकार है, जिसमें रोगी को सांस लेने में तकलीफ महसूस होती है। वहीं, योग की वह क्रियाएं जिनमें सांस लेने की क्रिया पर जोर दिया जाता है, इस समस्या में फायदेमंद साबित होती हैं (8)। पश्चिमोत्तानासन भी ऐसा योगासन है, जिसमें अन्य योगासनों की ही तरह सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया पर खास ध्यान दिया जाता है। इस कारण हम कह सकते हैं कि साइनस की समस्या में यह आसान राहत पहुंचा सकता है। फिलहाल, इस संबंध में कोई पुष्ट प्रमाण उपलब्ध नहीं है।

पश्चिमोत्तानासन के फायदे जानने के बाद लेख के अगले भाग में हम पश्चिमोत्तानासन करने का तरीका बता रहे हैं।

पश्चिमोत्तानासन योग मुद्रा करने का तरीका – Steps to do Paschimottanasana (Forward Bend Pose) in Hindi

  • जमीन पर योग मैट बिछाएं और अपने पैरों को आगे की ओर फैलाकर बैठ जाएं।
  • सुनिश्चित करें कि इस स्थिति में दोनों पैर आपस में सटे हों और घुटने बिल्कुल सीधे रहें।
  • वहीं, यह भी ध्यान में रखना होगा कि अभ्यास के दौरान सिर, गर्दन और रीढ़ की हड्डी भी सीधी रहे।
  • अब दोनों हाथ ऊपर की ओर उठाएं फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए आगे कि ओर झुकें और माथे को घुटनों से सटाते हुए हाथों से पैरों के अंगुठों को पकड़ने का प्रयास करें।
  • ध्यान रहे कि आगे झुकने के दौरान भी घुटने मुड़ने नहीं चाहिए।
  • कुछ सेकंड के लिए इसी अवस्था में बने रहने का प्रयास करें और सामान्य गति से सांस लेते रहें।
  • अंत में एक गहरी सांस लेते हुए अपनी प्रारंभिक अवस्था में वापस आ जाएं।

पश्चिमोत्तानासन करने का तरीका जानने के बाद अब हम इस आसन के अभ्यास से संबंधित टिप्स बताने जा रहे हैं।

शुरुआती लोगों के लिए पश्चिमोत्तानासन करने की टिप – Beginner’s Tip to do Paschimottanasana in Hindi

पश्चिमोत्तानासन अभ्यास करने से पूर्व इससे जुड़ी कुछ आवश्यक बातों को ध्यान में रखना भी बहुत जरूरी है, ताकि इसका सकारात्मक लाभ हासिल हो सकें।

  • शुरुआती अभ्यास के दौरान अपने शरीर पर अधिक जोर न डालें। कम समय में अभ्यास को पूर्ण करें और धीरे-धीरे अभ्यास के समय को बढ़ाएं।
  • योगाभ्यास के प्रत्येक चरण को बारीकी से समझें और फिर उसे उपयोग में लाएं।
  • साथ ही प्रत्येक चरण के साथ सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए।
  • वहीं अगर शुरुआती अभ्यास ट्रेनर के साथ किया जाए, तो अधिक बेहतर होगा।

लेख के अगले भाग में अब हम पश्चिमोत्तानासन से जुड़ी कुछ सावधानियों के बारे में बता रहे हैं।

पश्चिमोत्तानासन योग के लिए कुछ सावधानियां – Precautions for Paschimottanasana In Hindi

तो आइए, अब हम निम्न बिंदुओं के माध्यम से पश्चिमोत्तानासन से जुड़ी सावधानियों के बारे में भी जान लेते हैं।

  • गर्भवती महिलाओं को इस आसन को न करने की सलाह दी जाती है।
  • ऐसे लोग जो अस्थमा, अल्सर और स्लिप डिस्क (जोड़ों से संबंधित विकार) जैसी समस्याओं से पीड़ित हैं, उन्हें इस आसन को करने से बचना चाहिए।
  • पीठ, कमर या किसी अन्य अंग से संबंधित ऑपरेशन हुआ हो, तो इस आसन को करने का बिल्कुल भी प्रयास न करें।
  • डायरिया से पीड़ित लोगों को इस आसन को करने का प्रयास नहीं करना चाहिए।

अब तो आप पश्चिमोत्तानासन से जुड़ी जरूरी बातों के बारे में अच्छे से जान गए होंगे। साथ ही आपको पश्चिमोत्तानासन करने के फायदे से संबंधित सभी छोटी-बड़ी जानकारियां भी हासिल हो गई होंगी। ऐसे में अगर आप इस आसन को अभ्यास में लाना चाहते हैं, तो इस काम में लेख में बताया गया पश्चिमोत्तानासन करने का तरीका आपकी मदद करेगा। साथ ही सबसे जरूरी और ध्यान देने वाली बात यह है कि लेख में बताई गई समस्याओं में पश्चिमोत्तानासन राहत तो पहुंचा सकता है, लेकिन यह उन समस्याओं का उपचार नहीं है। ऐसे में किसी भी समस्या या बीमारी का इलाज करने के लिए डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक है। इस विषय से जुड़ा कोई अन्य सवाल हो, तो आप उसे नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स के माध्यम से हम तक पहुंचा सकते हैं।

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सिंहपर्णी के फायदे और नुकसान – Dandelion Benefits and Side Effects in Hindi

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सिंहपर्णी एक औषधीय पौधा है, जिसका जिक्र अक्सर इसके गुणकारी फूलों के लिए किया जाता है। स्टाइलक्रेज के इस लेख के जरिए हम सिंहपर्णी से संबंधित जरूरी जानकारियां देने की कोशिश कर रहे हैं। इनमें शामिल हैं – सिंहपर्णी के फायदे, इसका उपयोग और साथ ही सिंहपर्णी के नुकसान। इस लेख में कुछ खास बीमारियों के लिए सिंहपर्णी के फायदे बताए गए हैं। सिंहपर्णी के गुण बीमारी के जोखिम या उसके असर को कम कर सकते हैं। वहीं, अगर बीमारी गंभीर हो, तो डॉक्टर से उपचार करना जरूरी है।

लेख की शुरुआत करते हैं डैंडेलियन के बारे में कुछ सामान्य, लेकिन खास जानकारी के साथ।

विषय सूची


सिंहपर्णी क्या है?

सिंहपर्णी एक प्रकार का पौधा है, जिसका फूल पीले रंग का होता है। इसका वैज्ञानिक नाम टराक्सेकम ऑफिसिनल (Taraxacum Officinale) है। अंग्रेजी में इसे डैंडेलियन (Dandelion) और लायंस टूथ (Lion’s Tooth) के नाम से जाना जाता है। यह पौधा औषधीय गुणों से भरपूर माना जाता है। यही वजह है कि लंबे समय से इसे पारंपरिक चिकित्सा में उपयोग किया जाता रहा है। माना जाता है सिंहपर्णी का उपयोग शरीर की विभिन्न बीमारियों के उपचार में एक सहायक भूमिका निभा सकता है, जिसके बारे में आगे लेख में बताया गया है।

आइए, जानते हैं कि सिंहपर्णी के फायदे किस प्रकार आपकी मदद कर सकते हैं।

सिंहपर्णी के फायदे – Benefits of Singhparni (Dandelion) in Hindi

नीचे विस्तार से जानिए सिंहपर्णी के फायदे।

1. सूजन के लिए सिंहपर्णी के फायदे

सिंहपर्णी के फायदे की बात करें, तो इसमें सूजन कम करने के गुण मौजूद होते हैं। सूजन के वजह से शरीर में कई तरह की परेशानियां जैसे – गठिया, डायबिटीज, एलर्जी और दिल की बीमारी हो सकती है (1)। ऐसे में सिंहपर्णी मौजूद एंटी-इन्फ्लेमेटरी, एंटी-एंजियोजेनिक (Anti-Angiogenic) यानि ट्यूमर रोकने, एंटीनोसिसेप्टिव (Antinociceptive) यानी दर्द कम करने के भी गुण मौजूद होते हैं (2) (3)।

इसके अलावा, इसमें पॉलीसैक्राइड (Polysaccharides) होते हैं। पॉलीसैक्राइड एक प्रकार का कार्बोहाइड्रेट होता है। इसमें भी एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं। इस कारण सूजन की समस्या से राहत मिल सकती है (4)। सिंहपर्णी के यही गुण शरीर में सूजन की समस्या से बचाव या उन्हें कम कर सकते हैं। हालांकि, यह कितना कारगर हो सकता है, इस बारे में अभी और शोध की जरूरत है। साथ ही आप इससे राहत पाने के लिए डॉक्टरी इलाज करा सकते हैं।

2. कैंसर से बचाव के लिए सिंहपर्णी के फायदे

सिंहपर्णी का उपयोग पेट के कैंसर (कोलोरेक्टल- Colorectal Cancer) से बचाव कर सकता है। एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की ओर से प्रकाशित एक मेडिलक रिसर्च में भी इसकी पुष्टि की गई है। इसके अलावा, एक अन्य शोध इसमें मौजूद एंटी-कैंसर गुण की बात करता है (3)। एनसीबीआई की ओर से प्रकाशित एक दूसरे शोध में यह भी पाया गया है कि सिंहपर्णी का अर्क कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने में उपयोगी हो सकता है। यह परीक्षण चूहों पर किया गया है (5)। इतना ही नहीं यह लिवर और अन्य प्रकार के कैंसर से भी बचाव कर सकता है। हालांकि, इसके लिए अभी और शोध की आवश्यकता है (6) (7)।

3. मधुमेह के लिए सिंहपर्णी के गुण

सिंहपर्णी मधुमेह के रोगियों के लिए भी लाभकारी हो सकती है। दरअसल, सिंहपर्णी में एंटी डायबिटिक गुण मौजूद होता है, जो टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद हो सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, सिंहपर्णी में एंटी-हाइपोग्लाइसेमिक, एंटी-ऑक्सीडेटिव और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। इन्हीं गुणों के कारण सिंहपर्णी को एक प्रमुख एंटी-डायबिटिक पौधा माना गया है। ऐसा सिंहपर्णी में मौजूद विभिन्न बायोएक्टिव घटकों जैसे – पॉलीफेनोलिक (Polyphenolics), सेस्क्वाटरपेनस (Sesquiterpenes), ट्राइटरपेनस (Triterpenes) और फाइटोस्टेरॉल्स (Phytosterols) गुणों के कारण होता है (8)।

इसके अलावा, सिंहपर्णी के एंटीडायबिटिक गुण मधुमेह के जोखिम से बचाव के साथ-साथ मधुमेह के मरीजों के स्वास्थ्य में सुधार करने में भी मदद कर सकते हैं (3) (9)। हालांकि, इसके लिए अभी और सटीक शोध की आवश्यकता है।

4. हृदय के लिए सिंहपर्णी के फायदे

हृदय को स्वस्थ रखने के लिए भी सिंहपर्णी का उपयोग किया जा सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध से इस बात का पता चला है कि सिंहपर्णी की जड़ और पत्तों में एंटीऑक्सीडेंट और हाइपोलिपिडेमिक (फैट को कम करने वाला) प्रभाव पाया जाता है। इसमें मौजूद गुण एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) से जुड़े ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से सुरक्षा कर सकते हैं (10)। बता दें कि एथेरोस्क्लेरोसिस धमनियों (Arteries) से जुड़ी समस्या है, जिसमें धमनियों के अंदर प्लॉक जमने लगता है। धमनियों में जमने वाला प्लॉक आगे चलकर हार्ट अटैक और स्ट्रोक की वजह बन सकता है (11)।

नोट – ऊपर बताया गया शोध जानवरों (खरगोश) पर किया गया है। इसलिए, हृदय के लिए इसका इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टरी परामर्श जरूर लें।

5. वजन कम करने के लिए सिंहपर्णी के फायदे

मोटापे से बचाव के लिए सिंहपर्णी का उपयोग फायदेमंद हो सकता है। जैसा कि हमने ऊपर आपको बताया कि सिंहपर्णी की जड़ और पत्तों में हाइपोलिपिडेमिक (फैट कम करने वाला) गुण पाया जाता है। इसलिए, ऐसा कहा जा सकता है कि शरीर का फैट कम करने में सिंहपर्णी एक अहम भूमिका निभा सकती है। इसके साथ ही इसमें क्लोरोजेनिक नामक एसिड (Chlorogenic acid) भी पाया जाता है, जो मोटापे को कम करने में सहायक हो सकता है (3)। वजन कम करने के लिए सिंहपर्णी की चाय का भी सेवन किया जा सकता है (12)।

6. हड्डियों के लिए सिंहपर्णी के फायदे

बढ़ती उम्र के साथ हड्डियां कमजोर हो सकती हैं। ऐसे में जरूरी है कि शुरू से ही हड्डियों के लिए जरूरी पोषक तत्वों को आहार में शामिल किया जाए। यहां सिंहपर्णी का उपयोग लाभकारी हो सकता है। दरअसल, सिंहपर्णी में कैल्शियम की मात्रा पाई जाती है और यह सभी जानते हैं कि हड्डियों के लिए कैल्शियम कितना जरूरी है। हड्डियों के निर्माण से लेकर, उन्हें मजबूत बनाए रखने और ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) जैसे हड्डी रोग से बचाए रखने के लिए कैल्शियम सबसे जरूरी पोषक तत्व माना जाता है (13) (14)।

इसके अलावा, सिंहपर्णी में मौजूद टेरेक्सास्टेरॉल नामक तत्व (Taraxasterol) में मौजूद एंटीइंफ्लेमेटरी गुण रूमेटाइड अर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis) से राहत दिला सकता है (15)। हालांकि, सिंहपर्णी किस हद तक हड्डियों के लिए लाभकारी हो सकता है, इस विषय पर अभी और शोध की आवश्यकता है।

7. लिवर के लिए सिंहपर्णी के फायदे

सिंहपर्णी का उपयोग लिवर को स्वस्थ रखने के लिए भी किया जा सकता है। दरअसल, सिंहपर्णी में हेपाटोप्रोटेक्टिव (Hepatoprotective) प्रभाव पाया जाता है, जो लिवर को स्वस्थ रखने और इससे जुड़ी बीमारियों से बचाव कर सकता है (3)।

8. रोग-प्रतिरोधक क्षमता के लिए सिंहपर्णी के फायदे

सिंहपर्णी रोग-प्रतिरोधक क्षमता में सुधार कर सकता है। यह ब्रोंकाइटिस, निमोनिया और श्वास संबंधी संक्रमण से बचाव के लिए मददगार हो सकता है (3), लेकिन यह कैसे फायदेमंद है, इसके लिए अभी शोध की आवश्यकता है। सर्दी-जुकाम में भी घरेलू उपाय के तौर पर इसका उपयोग किया जा सकता है। साथ ही ध्यान रहे कि परेशानी अगर ज्यादा हो तो घरेलू उपाय के भरोसे न रहकर डॉक्टर से जरूर करवाएं।

9. खून की कमी के लिए सिंहपर्णी के फायदे

अगर किसी व्यक्ति को एनीमिया यानी खून की कमी की समस्या हो, तो वो सिंहपर्णी का उपयोग कर सकता है (3)। दरअसल, इसमें आयरन मौजूद होता है और आयरन की कमी एनीमिया के मुख्य कारणों में से एक है (13) (16) (17)। ऐसे में आयरन युक्त सिंहपर्णी का सेवन लाभकारी हो सकता है।

10. कोलेस्ट्रॉल के लिए सिंहपर्णी के फायदे

शरीर में अगर कोलेस्ट्रॉल ज्यादा हो जाए, तो व्यक्ति को कई प्रकार की बीमारियां हो सकती हैं (18)। ऐसे में कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए सिंहपर्णी का उपयोग किया जा सकता है। दरअसल, एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में कोलेस्ट्रॉल कम करने में सिंहपर्णी के फायदे देखे गए।

इस शोध में सबसे पहले खरगोशों को हाई कोलेस्ट्रॉल डाइट दी गई। फिर साथ ही उन्हें सिंहपर्णी का भी सेवन कराया गया। इसके सेवन से उनमें एचडीएल कोलेस्ट्रॉल (HDL Cholesterol-अच्छे कोलेस्ट्रॉल) की वृद्धि हुई। इतना ही नहीं उनके एलडीएल (LDL Cholesterol-हानिकारक कोलेस्ट्रॉल) के स्तर में कमी भी देखी गई। ऐसे में शोधकर्ताओं का अनुमान है कि सिंहपर्णी का हायपोलिपिडेमिक प्रभाव (Hypolipidemic) कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने से रोक सकता है। जिस कारण धमनी की बीमारी (Coronary Artery Disease) का जोखिम भी कम हो सकता है (19)। साथ ही ध्यान रहे कि यह शोध जानवरों पर किया गया है, इसलिए यह मनुष्यों पर कितना कारगर साबित होगा इसके लिए अभी सटीक प्रमाण उपलब्ध नहीं है।

11. उच्च रक्तचाप के लिए सिंहपर्णी के फायदे

सिंहपर्णी का उपयोग रक्तचाप के स्तर को कम करके हृदय स्वास्थ्य को भी बढ़ावा दे सकता है। दरअसल, इसमें पोटैशियम मौजूद होता है (13)। एनसीबीआई के एक अध्ययन के अनुसार, नियमित आहार में पोटैशियम को शामिल करने से रक्तचाप का स्तर कम होने में मदद मिल सकती है। साथ ही ध्यान रहे कि सिर्फ पोटैशियम के कारण ही यह संभव नहीं है। व्यक्ति को बेहतर प्रभाव के लिए आहार में सोडियम (नमक) की मात्रा को भी कम करना होगा (20)। हां, अगर किसी को लो ब्लड प्रेशर की शिकायत है, तो वो इसका सेवन डॉक्टर से पूछकर ही करें।

12. त्वचा के लिए सिंहपर्णी के फायदे

सिंहपर्णी के फायदे सिर्फ स्वास्थ्य के लिए ही नहीं, बल्कि त्वचा के लिए भी है। खासतौर पर, सिंहपर्णी के पत्ते और फूल सूर्य की हानिकारक किरणों से त्वचा का बचाव कर सकते हैं (21)। इतना ही नहीं वर्षों से इसका उपयोग एक्जिमा जैसी त्वचा संबंधी समस्याओं के लिए भी किया जाता रहा है (22)। हालांकि, इसके उपयोग से पहले एक बार पैच टेस्ट जरूर करें। इसके अलावा, अगर किसी व्यक्ति की त्वचा संबंधी परेशानी ज्यादा है, तो वो इसके उपयोग से पहले एक बार डॉक्टर से भी परामर्श जरूर कर ले।

आगे जानिए सिंहपर्णी में कौन से ऐसे पौष्टिक तत्व मौजूद हैं, जो इसे इतना लाभकारी बनाते हैं।

सिंहपर्णी के पौष्टिक तत्व – Singhparni Nutritional Value in Hindi

नीचे हम सिंहपर्णी में मौजूद पौष्टिक तत्वों की सूची शेयर कर रहे हैं (13)।

पौष्टिक तत्व प्रति 100 ग्राम
पानी  85.6 ग्राम
एनर्जी 45 केसीएएल
प्रोटीन  2.7 ग्राम
टोटल लिपिड (फैट)  0.7 ग्राम
कार्बोहाइड्रेट, बाय डिफरेंस  9.2 ग्राम
फाइबर, टोटल डायटरी  3.5 ग्राम
शुगर 0.71 ग्राम
कैल्शियम 187 मिलीग्राम
आयरन  3.1 मिलीग्राम
मैग्नीशियम  36 मिलीग्राम
फास्फोरस 66 मिलीग्राम
पोटैशियम  397 मिलीग्राम
सोडियम  76 मिलीग्राम
जिंक  0.41 मिलीग्राम
कॉपर 0.171मिलीग्राम
मैंगनीज  0.342 मिलीग्राम
सेलेनियम  0.5 माइक्रोग्राम
विटामिन सी, टोटल एस्कॉर्बिक एसिड  35 मिलीग्राम
थियामिन  0.19 मिलीग्राम
राइबोफ्लेविन  0.26 मिलीग्राम
नियासिन  0.806 मिलीग्राम
पैंटोथेनिक एसिड  0.084 मिलीग्राम
विटामिन बी-6  0.251 मिलीग्राम
फोलेट, टोटल  27 माइक्रोग्राम
कोलिन, टोटल 35.3 मिलीग्राम
विटामिन ए, आरएई  508 माइक्रोग्राम
विटामिन ए, आईयू  10161 आईयू
लुटिन + जियाजैंथिन 13610 माइक्रोग्राम
विटामिन ई (अल्फा-टोकोफेरोल)  3.44 मिलीग्राम
विटामिन के (फिलोक्विनोन)  778.4 माइक्रोग्राम
फैटी एसिड, टोटल सैचुरेटेड  0.17 ग्राम
फैटी एसिड, टोटल मोनोअनसैचुरेटेड 0.014 ग्राम
फैटी एसिड, टोटल पॉलीअनसैचुरेटेड 0.306 ग्राम

लेख के आगे के भाग में जानिये सिंहपर्णी का उपयोग करने के विभिन्न तरीके, जिससे सिंहपर्णी के गुण शरीर को ज्यादा से ज्यादा मिल सके।

सिंहपर्णी का उपयोग – How to Use Singhparni (Dandelion) in Hindi

नीचे हम सिंहपर्णी के उपयोग के कुछ तरीकों की जानकारी साझा कर रहे हैं।

  • इसे उपयोग करने का सबसे आसान तरीका है, इसे वेजिटेबल सलाद के साथ खाना। इसके लिए सब्जियों की सलाद में सिंहपर्णी की पत्तियां मिलाकर सेवन करें।
  • सिंहपर्णी की चाय का भी सेवन किया जा सकता है। इसके टी बैग बाजार या ऑनलाइन आसानी से उपलब्ध हैं।
  • सिंहपर्णी को उबालने से इसकी कड़वाहट काफी हद तक कम हो सकती है। इसे उबालने के बाद इसे प्याज और लहसुन या सब्जियों के साथ पकाकर खा सकते हैं।
  • सिंहपर्णी के सप्लीमेंट का भी सेवन किया जा सकता है, लेकिन इसके पहले किसी विशेषज्ञ से इस बारे में सलाह लें।

मात्रा अगर बात करें अगर मात्रा की, तो यह व्यक्ति के उम्र और स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। इसलिए, इसके सेवन से पहले किसी डॉक्टर या विशेषज्ञ से जानकारी जरूर लें।

आगे जानिए सिंहपर्णी के नुकसान के बारे में।

सिंहपर्णी से नुकसान – Side Effects of Singhparni (Dandelion) in Hindi

सिंहपर्णी के फायदे के साथ-साथ इसके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। इसलिए, सिंहपर्णी का उपयोग अगर ज्यादा किया जाए तो नीचे बताए जा रहे नुकसान हो सकते हैं –

  • अगर किसी व्यक्ति का शरीर संवेदनशील है, तो उसे इसके सेवन से एलर्जी हो सकती है। फिलहाल, इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है, लेकिन अगर किसी व्यक्ति को फूड एलर्जी है, तो बेहतर है कि इसका सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही किया जाए।
  • अगर किसी व्यक्ति को किडनी की समस्या है, तो वो इसका सेवन न करें। इसके अधिक सेवन से किडनी की समस्या हो सकती है (23)। फिलहाल, इस संबंध में और शोध की आवश्यकता है।

सिंहपर्णी के फायदे जानने के बाद कई लोग इसका उपयोग करना चाहेंगे, लेकिन ध्यान रहे कि सिंहपर्णी का उपयोग सिर्फ शारीरिक समस्या के प्रभाव को कम कर सकते हैं। यह किसी भी बीमारी का सटीक उपचार नहीं है। अगर बीमारी गंभीर है, तो घरेलू उपाय के भरोसे न रहकर डॉक्टरी इलाज कराने में ही भलाई है। इसके अलावा, अगर आपके पास सिंहपर्णी से संबंधित कोई सवाल है, तो उसे नीचे दिए कमेंट बॉक्स में लिखकर हम तक जरूर पहुंचाएं।

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बवासीर (पाइल्स) के कारण, लक्षण और घरेलू उपाय – Piles (Hemorrhoids) Causes, Symptoms and Home Remedies in Hindi

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बवासीर के बारे में अक्सर लोग खुलकर बात नहीं करते। उन्हें यह बीमारी शर्मिंदगी का कारण लगती है। वहीं, कई लोगों को लगता है कि बवासीर होने की वजह साफ-सफाई का ख्याल न रखना है, जबकि ऐसा नहीं है। यह बीमारी कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की वजह से उत्पन्न हो सकती है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम विस्तार से बवासीर के बारे में बताएंगे। यहां आपको बवासीर के कारण, लक्षण और बवासीर का उपचार संबंधी आवश्यक जानकारी मिलेगी। लेख में बताए जाने वाले घरेलू नुस्खे इस समस्या से उबरने में मदद कर सकते हैं। साथ ही बवासीर के सटीक इलाज के लिए डॉक्टर से संपर्क करना भी जरूरी है।

आगे बढ़ने से पहले चलिए जान लेते हैं कि बवासीर कहते किसे हैं।

बवासीर क्या है? – What are Piles in Hindi

बवासीर जिसे हेमोर्रोइड्स (Hemorrhoids) भी कहा जाता है। ये रक्त वाहिकाओं से भरे ऊतक (Tissue) होते हैं, जो गुदा (एनस) के अदंर और मलाशय (रेक्टम) के अंत में मौजूद होते हैं। यह मल त्याग को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। वहीं, बवासीर होने के बारे में बात की जाए, तो इसका मतलब होता है इन ऊतकों में सूजन होना, जिसकी वजह से ये बढ़ जाते हैं (1)। ऊतकों का इस प्रकार बढ़ना बवासीर के लक्षणों के रूप में कई दर्दनाक स्थितियों को जन्म देता है, जिनके बारे में आगे बताया गया है।

आइए, अब बवासीर के प्रकार पर एक नजर डाल लेते हैं। आगे हम पाइल्स का घरेलू उपचार भी बताएंगे, जिससे बवासीर के लक्षण को कम करने में मदद मिल सकती है।

बवासीर के प्रकार – Types of Piles (Hemorrhoids) in Hindi

बवासीर दो प्रकार के होते हैं। एक वो जो गुदे के अंदर होता और दूसरा वो जो गुदे के बाहर होता है। चलिए, इनके बारे में विस्तार से जान लेते हैं (2) (3)

  1. आंतरिक बवासीर (इंटरनल हेमोर्रोइड्स) : यह मलाशय (रेक्टम) के शुरुआत में और गुदा (एनस) के अंदर होता है। जब यहां ऊतक बड़े हो जाते हैं, तो ये बाहर निकल सकते हैं, जिसे प्रोलैप्स (Prolapse) कहा जाता है। आंतरिक बवासीर के दौरान सबसे आम समस्या मल त्याग के दौरान खून का बहना है।

आंतरिक बवासीर को आगे उनकी उपस्थिति और प्रोलैप्स की डिग्री के आधार पर कुछ इस तरह वर्गीकृत किया गया है :

  • ग्रेड-1: नॉन-प्रोलैप्सिंग बवासीर
  • ग्रेड-2: प्रोलैप्सिंग बवासीर (मल त्याग के दौरान जोर लगाने पर ऊतक का निकलना और फिर वापस जाना)
  • ग्रेड-3: प्रोलैप्सिंग बवासीर जिसमें सर्जरी की जरूरत पड़ती हो।
  • ग्रेड-4: नॉन-रिड्यूसबल प्रोलैप्सिंग बवासीर, जिसमें एक्यूट थ्रोम्बोस्ड (बढ़ हुई बवासीर, जिसमें बहुत सूजन और रक्त बहता है। साथ ही आगे चलकर रक्त के थक्के बनने लगता है), इंकार्सिरेटेड बवासीर (दर्दनाक और जलन पैदा करने वाली बवासीर) शामिल हैं।
  1. बाहरी बवासीर (एक्सटर्नल हेमोर्रोइड्स) : यह समस्या गुदा के बाहर होती है। इस पाइल्स के दौरान मल त्याग करने के बाद बवासीर प्रभावित हिस्से को साफ करने में कठिनाई हो सकती है। साथ ही अगर इस पाइल्स के दौरान बाहर रक्त का थक्का बन जाता है, तो यह बहुत दर्दनाक होता है। इसे थ्रोम्बोस्ड एक्सटर्नल हेमोर्रोइड्स कहा जाता है।

बवासीर के प्रकार के बाद आगे हम पाइल्स के कारण और जोखिम कारक के बारे में बता रहे हैं।

बवासीर (पाइल्स) के कारण और जोखिम कारक – Causes and Risk Factors of Piles in Hindi

बवासीर व पाइल्स के कारण और जोखिम कारक क्या हो सकते हैं, यह हम आपको नीचे बता रहे हैं (2) (3) (4) (5):  

  • कब्ज
  • गर्भावस्था
  • मल त्याग के दौरान ज्यादा जोर लगाना।
  • अक्सर भारी वस्तुओं को उठाना।
  • लंबे समय तक बैठे रहना, खासकर शौचालय में।
  • कुछ बीमारियां, जैसे सिरोसिस (लिवर संबंधी बीमारी)
  • कम फाइबर वाले आहार का सेवन।
  • गुदा और मलाशय के ऊतकों का कमजोर होना, जो उम्र बढ़ने के साथ होता है।
  • बढ़ती उम्र।
  • मोटापा।

बवासीर के घरेलू उपचार से पहले इसके लक्षण पर एक नजर डाल लेते हैं।

बवासीर के लक्षण – Symptoms of Piles in Hindi 

माना जाता है कि बवासीर की समस्या अधिक कष्टदायक नहीं होती है, लेकिन अगर रक्त का थक्का बन जाता है, तो इनकी वजह से बहुत ज्यादा दर्द हो सकता है। नीचे हम आपको बवासीर की कुछ सामान्य लक्षणों के बारे में बता रहे हैं (3)

  • मलाशय से रक्त निकलना
  • गुदा (Anus) में खुजली
  • गुदा में दर्द होना, खासकर बैठते वक्त
  • मल त्याग के दौरान दर्द होना
  • गुदा के पास एक या उससे अधिक कठोर गांठ का बनना।

अब हम विस्तार से बवासीर के घरेलू उपाय के बारे में बात करेंगे। इसके बाद बवासीर का इलाज कैसे होता है, इसकी जानकारी भी देंगे।

बवासीर के लिए घरेलू उपाय – Home Remedies for Piles (Bawaseer) in Hindi

नीचे हम आपको बवासीर के घरेलू उपाय बता रहे हैं, लेकिन इन उपचार को करने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि आपको इनमें से किसी भी सामग्री से एलर्जी तो नहीं है। एक बार पैच टेस्ट करके देखा जा सकता है कि कहीं इसकी वजह से त्वचा में जलन या कुछ अन्य दुष्प्रभाव तो नजर नहीं आ रहे हैं।

1. सिट्ज बाथ (Sitz Bath)

सामग्री:
  • एक बाथ टब
  • गुनगुना पानी  
उपयोग का तरीका:
  • बाथ टब में लगभग तीन से चार इंच गुनगुना पानी डालें।
  • अब पाइल्स प्रभावित हिस्से को इसमें 10 से 15 मिनट के लिए डूबों कर रखें।
  • ध्यान रहे कि पानी में बाथ सोप, बबल बाथ या ऐसा कोई भी प्रोडक्ट न डालें।
  • दिन में दो से तीन बार इस उपाय को किया जा सकता है।
कैसे लाभदायक है:

सिट्ज बाथ एक प्रकार की थेरेपी है, जो गर्म पानी में एनस (गुदा) को डुबोकर की जाती है। माना जाता है कि इस बाथ के दौरान पाइल्स की वजह से होने वाले दर्द से राहत मिल सकती है। साथ ही पाइल्स के इलाज से संबंधित प्रक्रिया के बाद भी सिट्ज बाथ लेने की सलाह दी जाती है (3) (6)

2. विच हेजल (Witch Hazel)

सामग्री:
  • विच हेजल वॉटर
  • रूई (जितनी जरूरत हो)
उपयोग का तरीका:
  • रूई को विच हेजल के पानी में भिगोएं।
  • अब इसे अपने गुदा क्षेत्र पर कुछ मिनटों के लिए रखें।
  • दिन में तीन से चार यह उपाय किया जा सकता है।  
कैसे लाभदायक है:

विच हेजल में मौजूद एंटीइंफ्लेमेटरी गुण की वजह से इसका उपयोग पाइल्स की वजह से होने वाली जलन और सूजन से राहत पाने के लिए किया जा सकता है। हालांकि, इसको लेकर पर्याप्त शोध मौजूद नहीं हैं कि यह बवासीर के लक्षण को कम करने में फायदा करता है या नहीं। बवासीर का इलाज करने के लिए इस्तेमाल होने वाली क्रीम में भी विच हेजल का इस्तेमाल किया जा सकता है (7) (8)

3. टी ट्री ऑयल

सामग्री: 
  • टी ट्री ऑयल की 2-3 बूंदें
  • एक चम्मच जैतून का तेल
उपयोग का तरीका:
  • टी ट्री ऑयल को जैतून के तेल में डालकर अच्छे से मिलाएं।
  • अब इस मिश्रण में रूई को डुबोकर प्रभावित हिस्से पर लगाएं।
कैसे लाभदायक है:

टी ट्री ऑयल में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो सूजन कम करने के साथ ही दर्द से भी राहत दिला सकते हैं। साथ ही इसमें एंटीसेप्टिक गुण भी मौजूद होते हैं, जो पाइल्स के तीव्र लक्षणों को कम कर सकते हैं। इसके अलावा, टी-ट्री ऑयल में रोगाणुरोधी और जीवाणुरोधी गुण भी होते हैं, जो संक्रमण को रोकने में मदद कर सकते हैं (9) (10)। एक शुरुआती अध्ययन में यह भी पाया गया है कि टी ट्री ऑयल और हाइलूरोनिक (Hyaluronic) एसिड से बना जेल बवासीर का इलाज करने में प्रभावी हो सकता है (11)

4. एलोवेरा

सामग्री:
  • एलोवेरा जेल (आवश्यकतानुसार)   
उपयोग का तरीका:
  • एलोवेरा जेल को निकालकर बवासीर वाले हिस्से पर लगाएं।
  • 10 से 15 मिनट के लिए जेल को लगे रहने दें।
  • आप चाहें तो सुबह खाली पेट एक कप एलोवेरा जूस पी भी सकते हैं।
  • ऐसा रोजाना एक से दो बार किया जा सकता है।
कैसे लाभदायक है:

एलोवेरा में मौजूद एंटी इंफ्लेमेटरी गुण सूजन और दर्द को दूर करने में लाभदायक हो सकते हैं (12)। हालांकि, बवासीर के लिए एलोवेरा जेल के इस्तेमाल को लेकर पर्याप्त शोध उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर  बायोटेक्नोलॉजी इंफोर्मेशन) ने एलोवेरा के टॉपिकल (त्वचा पर) इस्तेमाल को सुरक्षित बताया है (13)एलोवेरा का इस्तेमाल बवासीर की क्रीम में भी किया जा सकता है (14)। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, एलोवेरा क्रीम को पाइल्स के ऑपरेशन के बाद होने वाले दर्द को ठीक करने में भी मदद किया जा सकता है (15)

5. नारियल तेल

सामग्री:
  • वर्जिन नारियल का तेल (आवश्कतानुसार)  
उपयोग का तरीका:
  • साफ उंगलियों का उपयोग करते हुए प्रभावित क्षेत्र पर नारियल तेल लगाएं।
  • इसे दो से तीन बार लगाएं जब तक कि दर्द या गांठ गायब न हो जाएं।
कैसे लाभदायक है:

नारियल के तेल में एंटीइंफ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक गुण होते हैं। यह दोनों गुण पाइल्स के दर्द को ठीक करने के साथ ही सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं (16)। इसके अलावा, नारियल के तेल में एंटीमाइक्रोबियल एजेंट भी मौजूद होते हैं, जो बैक्टिरिया को मारने और उन्हें पनपने से रोकने में मदद कर सकते हैं (17)। नारियल का तेल पाइल्स में लाभकारी हो सकता है या नहीं इसको लेकर अभी शोध की आवश्यकता है।

6. लहसुन

सामग्री:
  • तीन से चार लहसुन की कलियां
  • एक कप पानी
उपयोग का तरीका:
  • बाहरी बवासीर के लिए लहसुन की कलियां छीलकर 10 मिनट पानी में उबालें।
  • पानी को फ्रिज में रखें और ठंडा करें। इस पानी में रूई के टुकड़े को भिगोकर गुदा पर 10 से 15 मिनट के लिए रखें।
  • आंतरिक बवासीर के लिए एक लहसुन की कली को छीलकर कुचल लें। अब इसे मलाशय के अंदर रखकर रात भर के लिए छोड़ दें।
कैसे लाभदायक है:

माना जाता है कि लहसुन का इस्तेमाल बवासीर से राहत दिलाने में मदद कर सकता है (18)। दरअसल, लहसुन में मौजूद एलिसिन (Allicin) नामक कंपाउंड में एंटी-इंफ्लामेटरी और एंटीमाइक्रोबियल गुण मौजूद होते हैं। ये गुण बवासीर के कुछ लक्षण जैसे सूजन और दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं। साथ ही बैक्टीरिया को पनपने से रोक सकते हैं। इसके अलावा, लहसुन में एंटीथ्रॉम्बोटिक (Antithrombotic) गुण भी पाए जाते हैं, जो पाइल्स की वजह से बनने वाले ब्लड क्लोट को होने रोक सकते हैं (19)। फिलहाल, बवासीर में लहसुन के लाभ को लेकर पर्याप्त शोध मौजूद नहीं हैं। बवासीर का घरेलू उपाय करने से पहले पैच टेस्ट कर लेना जरूरी है।

7. जात्यादि तेल (Jatyadi Oil)

सामग्री:
  • 5-6 बूंदें जात्यादि तेल
  • गुनगुना पानी
  • एक बाथ टब
उपयोग का तरीका:
  • एक-चौथाई बाथटब को गुनगुने पानी से भरें।
  • अब उसमें जात्यादि का तेल डालें।
  • पांच से छह मिनट इसमें प्रभावित हिस्से को भिगोएं।
कैसे लाभदायक है:

बवासीर और गुदा संबंधी परेशानी से राहत पाने के लिए अक्सर आयुर्वेदिक उपचार के तौर पर जात्यादि तेल का इस्तेमाल किया जाता है। यह बवासीर की वजह से होने वाली आंतरिक रक्तस्राव को रोकने में मदद कर सकता है। साथ ही इसमें घाव भरने के गुण भी मौजूद होते हैं, जो पाइल्स का इलाज होने के बाद घाव भरने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा, यह बवासीर की वजह से होने वाले घाव को भरने और उन्हें विकसित होने से रोक सकता है (20)

8. फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ

बवासीर के दौरान होने वाली मुख्य समस्याओं में से एक है मल निकासी में होने वाली समस्या। स्टूल पास न होने वाली मुश्किल की वजह से रक्तस्राव भी होने लग जाता है। ऐसे में भोजन में पर्याप्त मात्रा में फाइबर को शामिल करना जरूरी हो जाता है। फाइबर युक्त आहार का सेवन करने से कब्ज की वजह से होने वाले बवासीर से थोड़ी राहत मिल सकती है। इसलिए, बवासीर के कारण होने वाली परेशानियों व समस्याओं से बचने के लिए एक दिन में करीब 30 से 35 ग्राम फाइबर का सेवन करना उचित माना जाता है। फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ में सब्जियां, फल और साबुत अनाज लिया जा सकता है (21)

9. टी बैग्स

सामग्री:
  • एक से दो टी बैग
  • एक कप गर्म पानी
उपयोग का तरीका:
  • टी बैग को कुछ मिनटों के लिए एक कप गर्म पानी में भिगोएं।
  • अब इसे गर्म पानी से निकालकर चाय को गुनगुना होने दें।
  • फिर रूई के टुकड़े की मदद से इस चाय को प्रभावित हिस्से पर पांच से 10 मिनट के लिए लगाएं।
  • वैकल्पिक रूप से, कुछ मिनट के लिए टी बैग को फ्रिज में रखकर ठंडा करें।
  • अब इसे गुदा पर रख लें।
  • इस प्रक्रिया को रोजाना दो से तीन बार दोहराया जा सकता है।
कैसे लाभदायक है:

माना जाता है कि टी-बैग को गुदाद्वार पर रखने से खुजली और दर्द से थोड़ी राहत मिल सकती है। हालांकि, इसको लेकर कोई वैज्ञानिक शोध उपलब्ध नहीं है। एनसीबीआई द्वारा प्रकाशित एक शोध में कैमोमाइल को सूजन कम करने में लाभदायक पाया गया है (22)। ऐसे में पाइल्स से पीड़ित व्यक्ति इसके टी-बैग, पेस्ट और चाय का इस्तेमाल बवासीर से राहत पाने के लिए इस्तेमाल में ला सकते हैं।

10. काले बीज का तेल

सामग्री:
  • आधा चम्मच काले बीज का तेल
  • 1 चम्मच सिरका
उपयोग का तरीका:
  • सिरके में काले बीज का तेल डालकर अच्छे से मिलाएं।
  • अब इसे बवासीर प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं।
  • कब्ज के लिए (जो कि बवासीर का कारण है) एक कप काली चाय में आधा चम्मच काले बीज का तेल मिलाकर पी लें।
  • काढ़े को (तेल के साथ) दिन में दो बार पिया जा सकता है।
कैसे लाभदायक है:

काले बीज के तेल में भी एंटी-इंफ्लेमेटरी, एनाल्जेसिक और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। ये गुण पाइल्स के लक्षणों जैसे- सूजन और दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं (23)। कलौंजी के तेल के साथ ही तिल के तेल को भी दोनों तरह के पाइल्स के लिए अच्छा माना जाता है (24)। बवासीर का घरेलू उपाय करने के लिए आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे पाइल्स के लक्षण कुछ हद तक कम हो सकते हैं।

11. ग्रीन टी

सामग्री:
  • एक से दो ग्रीन टी के बैग
  • एक कप गर्म पानी
  • 1/2 चम्मच शहद
  • 1/2 चम्मच नींबू का रस
उपयोग का तरीका:
  • ग्रीन टी बैग को एक-दो मिनट के लिए गर्म पानी में डालकर रखें।
  • अब टी बैग निकालकर इसमें शहद और नींबू मिलाएं।
  • आप दिन में दो से तीन बार पाइल्स प्रभावित क्षेत्र को इससे धो सकते हैं।
  • ग्रीन टी को शहद और नींबू के बिना भी उपयोग में लाया जा सकता है।
  • इसके अलावा, आप इस्तेमाल किए गए टी बैग को प्रभावित क्षेत्र पर कुछ मिनटों के लिए रख सकते हैं।
कैसे लाभदायक है:

बवासीर के लक्षण से राहत पाने में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों को लाभदायक माना जाता है (25)। ग्रीन टी में ये दोनों गुण मौजूद होते हैं (26)। इसलिए, कहा जा सकता है कि ये गुण बवासीर के कुछ लक्षणों जैसे सूजन और दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं। हालांकि, ग्रीन टी का इस्तेमाल पाइल्स में कितना लाभकारी हो सकता है, इसको लेकर कोई शोध मौजूद नहीं हैं।

बवासीर के लिए घरेलू उपाय के बाद हम पाइल्स के इलाज के बारे में बता रहे हैं।

बवासीर (पाइल्स) का इलाज – Treatment of Piles (Hemorrhoids) in Hindi

बवासीर के उपचार में शामिल हैं (3):

  • ओवर-द-काउंटर कॉर्टिकोस्टेरॉइड (Corticosteroid) जैसे, कोर्टिसोन। यह क्रीम दर्द और सूजन को कम करने के लिए दी जाती है।
  • लिडोकाइन (Lidocaine), दर्द को कम करने के लिए।
  • स्टूल सॉफ्टनर

चिकित्सक प्रक्रियाओं में निम्नलिखित उपचार शामिल हैं (27):

  • रबर बैंड लिगेशन (Rubber band ligation) : आंतरिक बवासीर का इलाज के लिए डॉक्टर इस प्रक्रिया का इस्तेमाल करते हैं। आंतरिक बवासीर में रक्तस्राव और प्रोलैप्सिंगजैसी समस्या होती है। इस प्रक्रिया के दौरान डॉक्टर एक रबर बैंड पाइल्स के चारों ओर लगा देते हैं। यह बैंड रक्त की आपूर्ति को बंद कर देता है। इसकी मदद से रबर बैंड लगा हुआ हिस्सा करीबन एक हफ्ते में अलग हो जाता है। इस प्रक्रिया को खुद से करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
  • स्क्लेरोथेरेपी (Sclerotherapy) : इस थेरेपी के दौरान डॉक्टर आंतरिक बवासीर के इलाज के लिए एक घोल को इंजेक्ट करते हैं, जिससे अक्सर बवासीर वाला हिस्सा सिकुड़ जाता है।
  • इन्फ्रारेड फोटोकोगुलेशन (Infrared photocoagulation) : इस दौरान डॉक्टर एक ऐसे उपकरण का उपयोग करते हैं, जो सीधे आंतरिक बवासीर में इन्फ्रारेड लाइट डालता है। इसकी मदद से भी बवासीर वाली जगह सिकुड़ जाती है।
  • इलेक्ट्रोकोएग्यूलेशन (Electrocoagulation) : डॉक्टर इस दौरान एक उपकरण का उपयोग करके आंतरिक बवासीर में एक विद्युत प्रवाह भेजते हैं। विद्युत प्रवाह के कारण पाइल्स वाला हिस्सा सिकुड़ जाता है। 
  • हेमराहाइडेक्टोमी (Hemorrhoidectomy) : यह बवासीर की सर्जरी होती है, जिसे आंतरिक बवासीर के ऊतक को और प्रौलेप्सिंग को निकालने के लिए किया जाता है। यह तभी किया जाता है, जब दवाओं का असर बवासीर पर नहीं होता है। डॉक्टर इस उपचार से पहले मरीज को सर्जरी के दौरान बेहोश करने के लिए एनेस्थीसिया देते हैं।

बवासीर का इलाज जानने के साथ ही इससे बचने के तरीकों के बारे में जान लेना भी जरूरी है। नीचे, हम बवासीर से बचाव करने के कुछ टिप्स बता रहे हैं।

बवासीर से बचाव  – Prevention Tips for Piles in Hindi

कब्ज की समस्या से दूर रहते हुए बवासीर से बचा जा सकता है। इसके लिए नीचे दिए गए टिप्स को आजमा सकते हैं (4) (28)

  • तरल पदार्थ का खूब सेवन करें।
  • फाइबर युक्त फल, सब्जियों और साबुत अनाज का सेवन करें।
  • स्टूल सॉफ्टनर का उपयोग करें।
  • फाइबर सप्लीमेंट लें।
  • कब्ज को रोकने के लिए एक्सरसाइज करें।

लेख में हम बवासीर के लक्षण, कारण के बारे में बता चुके हैं। अगर किसी भी व्यक्ति को ऐसे लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। बवासीर का उपचार घर में भी किया जा सकता है, जो बवासीर के लक्षण को कम करने में मदद कर सकता है, लेकिन संपूर्ण इलाज के लिए डॉक्टर से संपर्क करना उचित रहेगा। साथ ही समस्या गंभीर होने पर डॉक्टर से सलाह जरूर लें। हां, बवासीर के घरेलू उपचार इससे कुछ हद तक राहत दिलाने में मदद जरूर कर सकते हैं। बवासीर की रोकथाम और इसके लक्षण को कम करने के लिए लेख में दिए गए बचाव के उपाय की सहायता ली जा सकती है। 

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

बवासीर के लिए क्या खाना चाहिए और क्या नहीं?

नीचे हम बवासीर होने के बाद कौन से खाद्य पदार्थ को दिनचर्या में शामिल करना चाहिए और किन खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए यह बता रहे हैं (29):

बवासीर में क्या खाना चाहिए?

पाइल्स होने पर फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन की सलाह दी जाती है। फाइबर से भरपूर फल, सब्जी और अनाज कुछ इस प्रकार हैं:

    • गेहूं से बने खाद्य पदार्थ
    • नाशपाती
    • सेब
    • रसभरी
    • सूखा आलूबुखारा
    • हरी मटर
    • शकरकंद
    • राजमा

क्या नहीं खाना चाहिए?

अगर बवासीर पुरानी कब्ज के कारण हुई है, तो ऐसे खाद्य पदार्थों को खाने से बचें, जिनमें बहुत कम या बिल्कुल भी फाइबर न हो। नीचे हम आपको बता रहे हैं किन खाद्य पदार्थों से आपको बचना चाहिए:

      • पनीर
      • चिप्स
      • फास्ट फूड
      • आइसक्रीम
      • मांस
      • पहले से तैयार खाद्य पदार्थ जैसे फ्रोजन (Frozon) फूड और स्नैक्स
      • प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ, जैसे कि हॉट डॉग और माइक्रोवेव में बनने व गर्म किए जाने वाले खाद्य पदार्थ (पास्ता, पिज्जा या मैक्रोनी)।

बवासीर से राहत पाने के लिए सर्वश्रेष्ठ योगासन कौन से हैं?

नियमित रूप से योगाभ्यास करने से बवासीर के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है। बवासीर (पाइल्स) से राहत पाने के लिए दैनिक रूप से इन योगासनों को किया जा सकता है (30) (31) (32) :

        • भुजंगासन (Cobra Pose)
        • धनुरासन (Bow pose)
        • मत्स्यासन (Fish Pose)
        • वज्रासन
        • सर्वांगासन

क्या बवासीर से पीड़ा होती है?

हां, बवासीर की वजह से पीड़ा हो सकती। विशेष रूप से तब जब मल निकासी की कोशिश की जाती है। ज्यादा जोर लगाने पर खून निकलने के साथ ही दर्द हो सकता है (5)

क्या बवासीर के कारण पेट में ऐंठन हो सकती है?

बवासीर में कुछ मरीज पेट में दर्द या ऐंठन महसूस कर करते हैं। ऐसा कब्ज के कारण हो सकता है।

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घर पर बनाये एंटी एजिंग फेस पैक – Homemade Anti-Aging Face Masks in Hindi

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एक तय उम्र के बाद चेहरे पर झुर्रियां और महीन रेखाएं दिखने लगती हैं। इनसे छुटकारा पाने के लिए लोग तरह-तरह के एंटी एजिंग उत्पादों का प्रयोग शुरू कर देते हैं। बाजार में मिलने वाले कई एंटी एजिंग उत्पाद रसायन युक्त होते हैं, जिनसे त्वचा को भारी क्षति भी पहुंच सकती है। ऐसे में घर पर बनाए एंटी एजिंग फेस पैक का सहारा लिया जा सकता है। ये एंटी एजिंग फेस पैक प्राकृतिक सामग्री से बनने के कारण त्वचा के लिए लाभकारी हो सकते हैं। हमारे साथ स्टाइलक्रेज के इस लेख में जानिए 15 तरह के एंटी एजिंग फेस मास्क और इन्हें घर पर बनाने की आसान विधि। इसके अलावा, लेख में आप एंटी एजिंग फेस पैक से संबंधित जरूरी टिप्स भी जान पाएंगे।

आइए, क्रमवार तरीके से जानिए त्वचा के लिए कारगर एंटी एजिंग फेस पैक के बारे में।

घर पर बनाए एंटी एजिंग फेस पैक – Homemade Anti-Aging Face Masks in Hindi

1. नारियल तेल फेस मास्क

सामग्री :
  • एक चम्मच नारियल तेल
  • आधा चम्मच अनार के बीज का तेल
  • रूई
विधि :
  • अपने चेहरे को साफ पानी से धोकर तौलिये से साफ कर लें।
  • अब एक बाउल में दोनों तेलों को मिलाकर इसे रूई की मदद से चेहरे पर लगाएं।
  • इस पैक को लगभग एक घंटे तक चेहरे पर लगा रहने दें।
  • अंत में फेसवॉश की मदद चेहरा धो लें।
  • इस पैक को रोजाना उपयोग किया जा सकता है।
कैसे काम करता है :

यूवी रेडिएशन की वजह से त्वचा में रिएक्टिव ऑक्सीजन स्पीशीज बढ़ जाते हैं। ये एक प्रकार के फ्री रेडिकल्स होते हैं, जिनकी वजह से कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है (1)। इनकी वजह से स्कीन कैंसर हो सकता है और त्वचा पर इन्फ्लेमेशन के साथ बढ़ती उम्र के लक्षण भी दिखने लग सकते हैं। इन फ्री रेडिकल्स से सुरक्षा के लिए नारियल के तेल का उपयोग किया जा सकता है। नारियल का तेल त्वचा को यूवी रेडिएशन के प्रभाव से बचा सकता है, साथ ही इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो त्वचा को इन्फ्लेमेशन से बचा सकते हैं (2)। इसके अलावा, अनार का तेल यूवी किरणों के प्रभाव को कम करके फोटोएजिंग को कम करने में मदद कर सकता है (3)। इस प्रकार नारियल के तेल का उपयोग एंटी एजिंग फेस पैक बनाने में किया जा सकता है।

2. बेंटोनाइट क्ले फेस मास्क

सामग्री :
  • 2 चम्मच बेंटोनाइट क्ले
  • गुलाब के तेल की कुछ बूंदें
  • चार-पांच चम्मच पानी
विधि :
  • बेंटोनाइट क्ले से एंटी एजिंग फेस पैक बनाने के लिए एक बाउल में सभी सामग्रियों को मिलाकर पेस्ट बना लें।
  • फिर चेहरे को पानी से धो लें और बाद में तौलिये से साफ कर लें।
  • अब बने हुए पेस्ट को चेहरे और गले पर अच्छी तरह लगाएं।
  • लगभग 10-15 मिनट सूखने के बाद गुनगुने पानी से चेहरा धो लें।
  • इस पैक का उपयोग हफ्ते में दो बार किया जा सकता है।
कैसे काम करता है :

त्वचा पर सूरज की यूवी किरणों का प्रभाव लगातार पड़ता रहता है। इसके चलते समय से पहले बढ़ती उम्र के लक्षण जैसे इलास्टिसिटी कम होना, झुर्रियां दिखना और फोटोएजिंग की समस्या हो सकती है (4)। ऐसे में एंटी एजिंग के लिए फेस पैक बनाने के लिए बेंटोनाइट क्ले का उपयोग किया जा सकता है। बेंटोनाइट क्ले का उपयोग सूरज की हानिकारक किरणों से बचाने के लिए सनस्क्रीन बनाने में किया जाता है। ईरानियन जर्नल ऑफ पब्लिक हेल्थ के एक शोध में पाया गया है कि त्वचा पर यूवी लाइट का प्रभाव कम करने में बेंटोनाइट क्ले सबसे प्रभावी साबित हुई है। इस शोध में यह भी पाया गया है कि जिन सनस्क्रीन में बेंटोनाइट क्ले मौजूद होती है, वह अन्य सन लोशन से ज्यादा प्रभावशाली होती हैं (5)।

3. एवोकाडो फेस माक्स

सामग्री :
  • पका हुआ आधा एवोकाडो
  • एक बड़ा चम्मच ओट्स
विधि :
  • एक बाउल में एवोकाडो का गूदा निकालें और उसे मैश करके ओट्स मिला दें।
  • अब इस पैक को चेहरे पर लगाएं और 10-20 मिनट के लिए सूखने दें।
  • एक बार पैक अच्छी तरह से सूख जाए, तो चेहरे को गुनगुने पानी से धो लें।
  • इस पैक का उपयोग हफ्ते में दो से तीन बार किया जा सकता है।
कैसे काम करता है :

एवोकाडो में लिनोलिक नाम का एसिड पाया जाता है। लिनोलिक एसिड, त्वचा में नमी और स्किन एट्रोफी (त्वचा का ढीला हो जाना) जैसे एजिंग के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है (6)। वहीं, दूसरी ओर एवोकाडो का तेल भी एजिंग के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकता है। दरअसल, एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार एवोकाडो का तेल कोलेजन मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद कर सकता है। इससे त्वचा की इलास्टिसिटी को बनाए रखने में मदद मिल सकती है (7)। एक अन्य शोध के अनुसार ये फायदे एवोकाडो और इसके तेल के सेवन के बाद भी मिल सकते हैं। एंटी एजिंग फेस पैक के तौर पर यह कितना कारगर होगा, फिलहाल इस पर वैज्ञानिक प्रमाण का अभाव है।

4. केले का फेस पैक

सामग्री :
  • एक पका हुआ केला
  • दो चम्मच गुलाब जल
विधि :
  • केले से एंटी एजिंग फेस पैक बनाने के लिए एक बाउल में पके हुए केले को अच्छी तरह मैश कर लें।
  • अब इसमें दो चम्मच गुलाब जल मिलाएं।
  • इस पैक को अच्छी तरह चेहरे व गले पर लगाएं और 20-25 मिनट तक सूखने दें।
  • पैक के अच्छी तरह सूख जाने के बाद, चेहरे को ठंडे पानी से धो लें।
  • इस पैक का उपयोग हफ्ते में तीन बार किया जा सकता है।
कैसे काम करता है :

केले का फल विटामिन-सी और विटामिन-ए से समृद्ध होता है (8)। त्वचा पर एंटीएजिंग प्रभाव डालने में ये दोनों ही विटामिन बहुत लाभदायक माने जाते हैं। विटामिन-सी त्वचा में कोलेजन को बढ़ाने में मदद करता है और झुर्रियों को कम करने में लाभदायक साबित हो सकता है। वहीं विटामिन-ए एक प्रभावी एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करता है, जिससे त्वचा पर यूवी किरणों का प्रभाव कम करने में मिल सकती है। इनके प्रभाव से त्वचा पर उम्र से पहले झुर्रियां, महीन रेखाएं, इलास्टिसिटी और पिगमेंटेशन जैसी समस्याओं को कम किया जा सकता है (9)।

5. चावल के पानी का फेस मास्क

सामग्री :
  • आधा कप ब्राउन राइस
  • एक कप पानी
  • फेशियल पेपर टॉवल
विधि :
  • एक कप पानी में आधा कप ब्राउन राइस एक घंटे के लिए भिगो कर रख दें।
  • एक घंटे बाद पानी को छान लें।
  • अब फेशियल पेपर टॉवल को लगभग 5-6 मिनट के लिए चावल के पानी में भिगो लें।
  • ध्यान रखें कि पेपर टॉवल पानी में गल न जाएं।
  • अब पेपर टॉवल को पानी से निकाल कर हल्का-सा निचोड़ लें और चेहरे पर लगाएं।
  • पेपर टॉवल को लगभग 20-25 मिनट तक चेहरे पर लगे रहने दें।
  • अंत में टॉवल हटा कर साफ पानी से चेहरा धो लें।
  • चावल के पानी से घर पर बनाए एंटी एजिंग फेस पैक का उपयोग प्रतिदिन किया जा सकता है।
कैसे काम करता है :

ब्राउन राइस खाने के फायदे तो कई सारे हैं, लेकिन इसका पानी त्वचा पर एंटी-एजिंग एजेंट की तरह काम कर सकता है। दरअसल, ब्राउन राइस में नियासिन नाम का एक विटामिन पाया जाता है, जो अपने एंटीएजिंग गुणों के लिए जाना जाता है (10)। नियासिन झुर्रियों, पिगमेंटेशन और ढीली त्वचा के साथ-साथ मुंहासों और यूवी प्रभाव के कारण स्कीन कैंसर को बढ़ने से रोकने में भी लाभदायक हो सकता है (11)।

6. कॉफी फेस मास्क

सामग्री :
  • एक चम्मच कॉफी
  • एक चम्मच कोको
  • एक चम्मच नारियल का तेल
विधि :
  • कॉफी की मदद से एंटी एजिंग फेस मास्क घर में बनाने के लिए बताई गई सारी सामग्रियों को एक बाउल में मिला लें और पेस्ट बना लें।
  • इस पेस्ट को चेहरे व गले पर लगाएं और 15-20 मिनट के लिए छोड़ दें।
  • अच्छी तरह सूख जाने के बाद हाथों को हल्का-सा गीला करें और चेहरे पर गोलाकार में घुमाएं।
  • इस तरह हाथों को गोल-गोल घुमाते हुए चेहरे को दो से तीन मिनट तक स्क्रब करें।
  • आखिरी में चेहरे को ठंडे पानी से धो लें।
  • इस एंटी एजिंग फेस पैक को हफ्ते में दो से तीन बार उपयोग किया जा सकता है।
कैसे काम करता है :

जैसा कि हमने बताया कि यूवी रेडिएशन त्वचा पर बढ़ती उम्र के लक्षण दिखने का एक बड़ा कारण हो सकता है। ऐसे में कॉफी से घर पर बनाए एंटी एजिंग फेस पैक का उपयोग करने से फायदा मिल सकता है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफार्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में पाया गया है कि कैफीन एक प्रभावी एंटीऑक्सीडेंट को रूप में त्वचा की कोशिकाओं को यूवी रेडिएशन के प्रभाव से बचा सकता और फोटोएजिंग को कम करने में मदद कर सकता है (12)।

इसके साथ कोको का उपयोग करने से इस पैक के फायदे दोगुने हो सकते हैं। कोको में मौजूद पॉलीफिनोल भी त्वचा पर यूवी किरणों के प्रभाव को कम करके फोटोएजिंग प्रक्रिया को धीमा कर सकता है। कोको त्वचा पर प्रभावी एंटीऑक्सीडेंट, एंटी इंफ्लेमेटरी और फोटो प्रोटेक्टिव एजेंट की तरह काम कर सकता है, जिसकी मदद से बढ़ती उम्र के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है (13)।

7. सीवीड फेस मास्क

सामग्री :
  • एक चम्मच सीवीड पाउडर
  • दो चम्मच गुनगुना पानी
विधि :
  • सीवीड की मदद से एंटी एजिंग के लिए फेस पैक बनाने के लिए एक बाउल में दोनों सामग्रियों को अच्छी तरह मिलाकर पेस्ट बना लें।
  • इस पेस्ट को चेहरे और गर्दन पर अच्छी तरह लगाएं और 15-20 सूखने के लिए छोड़ दें।
  • अच्छी तरह सूख जाने के बाद चेहरे को ठंडे पानी से धो लें।
  • इस एंटी एजिंग फेस पैक का उपयोग हफ्ते में तीन से चार बार किया जा सकता है।
कैसे काम करता है :

सीवीड को मरीन एल्गी भी कहा जाता है (14)। इनमें मौजूद कार्बोहाइड्रेट्स का उपयोग कई प्रकार के कॉस्मेटिक उत्पाद जैसे सनस्क्रीन बनाने में किया जाता है। इनमें एंटीएजिंग गुण पाए जाते हैं, जो त्वचा को यूवी रेडिएशन, इन्फ्लेमेशन और बढ़ती उम्र के प्रभाव से बचाते हैं (15)।

8. हल्दी फेस पैक

 सामग्री :
  • एक चम्मच हल्दी पाउडर
  • दो चम्मच गुलाब जल
विधि :
  • एक बाउल में हल्दी और गुलाब जल को अच्छी तरह मिलाकर पेस्ट बना लें।
  • इस पेस्ट को चेहरे और गर्दन पर लगाएं और लगभग 20 मिनट के लिए छोड़ दें।
  • 20 मिनट के बाद चेहरे को ठंडे पानी से धो लें।
  • हल्दी और गुलाब जल से घर पर बनाए एंटी एजिंग फेस पैक का उपयोग हर दूसरे दिन किया जा सकता है।
कैसे काम करता है :

हल्दी में एक करक्यूमिन नाम का कंपाउंड पाया जाता है, जिसका उपयोग एक प्रभावी एंटी एजिंग एजेंट की तरह किया जा सकता है। यह त्वचा को रिएक्टिव ऑक्सीजन स्पीशीज (फ्री रेडिकल्स) की वजह से होने वाली क्षति से बचा सकता है (1)। यह प्रभावशाली एंटीऑक्सीडेंट होता है, जो फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को कम करके त्वचा में बढ़ती उम्र की दर को कम करने में मदद कर सकता है (16)।

9. खीरे का फेस पैक 

सामग्री :
  • आधा खीरा (कद्दूकस)
  • एक चम्मच नींबू का रस
विधि :
  • एंटी एजिंग फेस पैक घर में बनाने के लिए एक बाउल में कद्दूकस किया हुआ आधा खीरा लें और उसमें एक चम्मच नींबू का रस मिला लें।
  • इस पैक को चेहरे पर 15-20 मिनट के लिए लगे रहने दें।
  • अंत में चेहरे को ठंडे पानी से साफ कर लें।
  • इस पैक का उपयोग प्रतिदिन किया जा सकता है।
कैसे काम करता है :

जैसा कि हम पहले भी बता चुके हैं कि फ्री रेडिकल्स और यूवी किरणों का प्रभाव त्वचा पर एजिंग के लक्षण दिखने की वजह बन सकते हैं। इनसे आराम पाने के लिए खीरे का उपयोग किया जा सकता है। खीरा प्रभावशाली एंटीऑक्सीडेंट होता है, जो फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकता है (17)। इसके अलावा, खीरा त्वचा से विषाक्त पदार्थों को निकाल कर उसे साफ करने और ठंडक पहुंचाने का काम भी कर सकता है और त्वचा पर जलन या सूजन को कम करने में मदद कर सकता है (18)।

10. आलू-गाजर फेस पैक

सामग्री :
  • एक मध्यम आकार का आलू
  • एक मध्यम आकार की गाजर
  • एक बड़ा चम्मच गुलाब जल
विधि :
  • आलू और गाजर को छीलकर उसके छोटे-छोटे टुकड़े कर लें।
  • अब गुलाब जल के साथ टुकड़ों को ब्लेंडर में डालकर पेस्ट बना लें।
  • इस पेस्ट को चेहरे पर लगाएं और लगभग 20 मिनट के लिए छोड़ दें।
  • अंत में चेहरे को ठंडे पानी से धो लें और तौलिए से थपथपा कर पोंछ लें।
  • इस एंटीएजिंग फेस पैक का उपयोग प्रतिदिन किया जा सकता है।
कैसे काम करता है :

आलू और गाजर से बना एंटी एजिंग फेस पैक बढ़ती उम्र के लक्षणों को कम करने का काम कर सकता है। दरअसल, आलू और गाजर में विटामिन-सी पाया जाता है। साथ ही गाजर में विटामिन-ए भी पाया जाता है (19) (20)। विटामिन-ए और विटामिन-सी प्रभावी एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। ये दोनों ही विटामिन त्वचा को यूवी रेडिएशन के प्रभाव और फोटोएजिंग से बचाने का काम कर सकते हैं। विटामिन-ए त्वचा में कोलेजन को भी बढ़ाता है, जिससे त्वचा की इलास्टिसिटी बनी रहती है (9)। इस प्रकार आलू और गाजर की मदद से एंटी एजिंग फेस मास्क घर पर बना सकते हैं।

11. एलोवेरा फेस पैक 

सामग्री :
  • दो चम्मच एलोवेरा जेल
  • आधा छोटा चम्मच नींबू का रस
विधि :
  • एक बाउल में दोनों सामग्री को अच्छी तरह मिला लें।
  • अब इस पैक को चेहरे पर लगाएं और 10-15 मिनट के लिए छोड़ दें।
  • अंत में चेहरे को ठंडे पानी से धोकर साफ कर लें।
  • इस पैक का उपयोग रोज किया जा सकता है।
कैसे काम करता है :

एलोवेरा त्वचा पर बढ़ती उम्र के लक्षण को कम करने में मददगार साबित हो सकता है। इसमें मेटालोथायोनिन (Metallothionein) नाम का एक प्रोटीन पाया जाता है, जो यूवी रेडिएशन के प्रभाव से बचाने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, एलोवेरा के गुण कोलेजन को बढ़ाने में भी मदद कर सकते हैं, जिससे त्वचा की इलास्टिसिटी बढ़ती है और झुर्रियां कम हो सकती हैं। एलोवेरा में पाए जाने वाले अमीनो एसिड कड़क सेल्स को नरम करके त्वचा को कोमल बनाने में मदद करते हैं और त्वचा के पोरों को टाइट करने में भी मदद करते हैं (21)।

12. मेथीदाने का फेस पैक

सामग्री :
  • एक छोटा कप मेथीदाना
  • एक चम्मच गुलाब जल
विधि :
  • एक कप मेथीदाने को रात भर के लिए पानी में भिगोकर रख दें।
  • सुबह मेथीदाने को पानी से निकालकर गुलाब जल के साथ ब्लेंड कर लें।
  • इस पेस्ट को चेहरे पर लगाएं और लगभग 20 मिनट के लिए सूखने दें।
  • 20 मिनट के बाद चेहरे को ठंडे पानी से धो लें।
  • इस एंटी एजिंग फेस पैक का उपयोग हफ्ते में तीन से चार बार किया जा सकता है।
कैसे काम करता है :

मेथीदाने में प्रभावी एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। ये फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को कम करते हैं और उससे होने वाले दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है (22)। जर्नल ऑफ टॉक्सिकोलॉजी के इस शोध के अनुसार, मेथीदाने का यह फायदा उसका सेवन करने पर मिल सकते हैं, इसलिए अभी यह कहना मुश्किल है कि इसे त्वचा पर लगाने से क्या लाभ हो सकता है। हम यही सलाह देंगे कि मेथीदाने से बने एंटी एजिंग फेस पैक को उपयोग करने से पहले एक बार त्वचा विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य कर लें।

13. संतरे के छिलके का फेस पैक

सामग्री :
  • एक चम्मच संतरे के छिलके का पाउडर
  • एक छोटा चम्मच चंदन पाउडर
  • तीन चम्मच गुलाब जल
विधि :
  • संतरे के छिलके से एंटी एजिंग मास्क घर पर बनाने के लिए एक बाउल में बताई गई सभी सामग्रियों को मिला लें।
  • इस पेस्ट को अपने चेहरे और गले पर लगाएं और लगभग 20 मिनट के लिए छोड़ दें।
  • जब मास्क सूख जाए, तो चेहरे को ठंडे पानी से धो लें।
  • इस एंटी एजिंग पैक को हफ्ते में दो से तीन बार इस्तेमाल कर सकते हैं।
कैसे काम करता है :

संतरे के छिलके में ऐसे कई गुण पाए जाते हैं, जो त्वचा को एजिंग के लक्षणों से बचाने का काम कर सकते हैं। इस कारण इसका उपयोग कई ब्यूटी उत्पादों को बनाने में भी किया जाता है। सबसे पहले तो यह एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है और त्वचा को फ्री रेडिकल्स के प्रभाव से बचा सकता है। इसके अलावा, संतरे के छिलकों में एंटी कोलेजिनेज गुण होते हैं, जो कोलेजन को क्षति पहुंचने से बचाते हैं और त्वचा की इलास्टिसिटी बनाए रखने में मदद करते हैं। इस प्रकार संतरे के छिलके से घर पर बनाए एंटी एजिंग फेस पैक का उपयोग किया जा सकता है (23)।

14. पपीता फेस पैक

सामग्री :
  • एक चौथाई पका हुआ पपीता
  • एक चम्मच नींबू का रस
विधि :
  • एक बाउल में पपीते को मैश कर लें और उसमें एक चम्मच नींबू का रस मिलाकर पेस्ट बना लें।
  • इस पैक को चेहरे और गर्दन पर लगाएं और 20 मिनट के लिए छोड़ दें।
  • अंत में चेहरे को ठंडे पानी से धो लें।
  • इस पैक का उपयोग प्रतिदिन किया जा सकता है।
कैसे काम करता है :

जैसा कि लेख में बताया गया है कि फ्री रेडिकल्स और यूवी रेडिएशन एजिंग का कारण बन सकते हैं। ऐसे में पपीते से एंटी एजिंग फेस मास्क घर पर बना कर उसका उपयोग करने से फायदा मिल सकता है। पपीते में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो त्वचा को ऑक्सीडेटिव डैमेज, फोटोएजिंग, झुर्रियां और महीन रेखाओं को कम करने में मददगार साबित हो सकते हैं (24)।

15. ग्लिसरीन फेस मास्क

सामग्री :
  • एक छोटा चम्मच ग्लिसरीन
  • दो विटामिन-ई कैप्सूल
विधि :
  • विटामिन-ई कैप्सूल को काटकर बाउल में निकाल लें और उसमें ग्लिसरीन मिला लें।
  • दोनों को अच्छी तरह से मिलाकर उंगलियों की मदद से चेहरे पर लगा लें।
  • लगभग 30 मिनट के बाद ठंडे पानी से चेहरा धो लें।
  • इस प्रक्रिया को रोज रात को सोने से पहले दोहराया जा सकता है।
कैसे काम करता है :

चेहरे पर रोज ग्लिसरीन से बना एंटी एजिंग फेस पैक लगाने से त्वचा को फायदा मिल सकता है। ग्लिसरीन त्वचा की इलास्टिसिटी बनाए रखने में मदद करता है, जिससे त्वचा के ढीलेपन और झुर्रियों को कम करने में मदद मिल सकती है (25)। ग्लिसरीन के साथ विटामिन-ई का उपयोग पैक को और गुणकारी बना सकता है। विटामिन-ई एक प्रभावशाली एंटीऑक्सीडेंट है और त्वचा को फ्री रेडिकल्स के प्रभाव से बचाने में मदद कर सकता है (26)।

लेख के इस भाग में जानिए कि एंटी एजिंग फेस पैक लगाते समय किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

बचाव – Caution

नीचे बताई गई बातों का ध्यान में रखने से घर में बनाए एंटी एजिंग फेस पैक के गुण दोगुने हो सकते हैं :

  • कोई भी फेस पैक लगाने से पहले चेहरे को अच्छी तरह साफ करना न भूलें।
  • एंटी एजिंग फेस पैक लगाने के बाद घर से बाहर न निकलें।
  • फेस पैक को धोने के बाद चेहरे को रगड़ कर न पोंछें। ऐसा करने से चेहरे की स्वस्थ कोशिकाओं को नुकसान पहुंच सकता है। हमेशा चेहरे को थपथपा कर ही पोंछे।
  • चेहरे को पोंछने के बाद मॉइस्चराइजर लगना न भूलें। ऐसा न करने से त्वचा रूखी पड़ सकती है।
  • अगर किसी को त्वचा से जुड़ी कोई समस्या ( मुंहासे, एक्जिमा या डर्मेटाइटिस) है तो किसी भी प्रकार का एंटी एजिंग पैक का उपयोग करने से पहले एक बार त्वचा विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।
  • किसी भी फेस पैक का उपयोग करने से पहले एक बार पैच टेस्ट अवश्य कर लें।

दोस्तों, अब आप समझ गए होंगे कि एंटी एजिंग फेस माक्स घर पर बनाना कोई मुश्किल काम नहीं है। पार्लर जाकर हजारों रुपए खर्च करने से बेहतर है कि आप अपने किचन और गार्डन में मौजूद सामग्रियों से घर में ही एंटी एजिंग फेस पैक बनाएं। इन पैक की सबसे अच्छी बात यह है कि यह पूरी तरह से प्राकृतिक होने के कारण इनके दुष्प्रभाव न के बराबर होते हैं। तो आज ही से लेख में बताए गए एंटी एजिंग के लिए फेस पैक का उपयोग करें और नीचे कमेंट बॉक्स में लिख कर हमें बताना न भूलें कि आपके लिए कौन-सा एंटी एजिंग फेस पैक सबसे ज्यादा फायदेमंद रहा।

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12 Bollywood Stars Who Became Overnight Stars After Their Debut Movie

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Bollywood is a place where success requires hard work, passion and in many cases, sheer luck. More often than not, even hard work isn’t an assurance of success. It requires a certain degree of luck to taste the fruits of success. That or having a prominent last name (*cough cough* Nepotism). It truly is challenging to gain success within Bollywood and a majority of the on-screen actors as well as off-screen team members need to struggle in the beginning. Some don’t get accomplishments for years and a fewer number gain success from their debut film.

Nonetheless, numerous actors/actresses became overnight superstars with their first film. Here is a rundown of a few actors and actresses who gained success right from the get-go:

1. Shah Rukh Khan

Shah Rukh Khan

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Yes, the Badshah of Bollywood himself. The actor became a major hit after his first movie Deewana came out in the year 1992. The actor was paired with the likes of Bollywood legends like Rishi Kapoor, Alok Nath, and Amrish Puri. Although he wasn’t playing the lead role, Shah Rukh Khan’s emotional performance stole the hearts of millions of Indians. His good looks made sure he landed up as a picture in every 90s girl’s diary.

2. Hrithik Roshan

Hrithik Roshan

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Hrithik’s movie, Kaho Na Pyar Hai, catapulted him into the spotlight. His Greek God-like looks, smooth dance moves, and overall charisma drew attention from women across all age groups. The movie which was partly shot in Thailand featured Ameesha Patel in a key role alongside the actor.

3. Deepika Padukone

Deepika Padukone

deepikapadukone / Instagram

Although Deepika began her acting career with the Kannada film, Aishwarya, she became a household name once she starred in Om Shanti Om. The stunning actress acted opposite the Baashah, Shah Rukh Khan himself as the character of Shantipriya.

4. Ayushmaan Khurrana

Ayushmaan Khurrana

ayushmannk / Instagram

Ayushmaan made a blockbuster debut with the movie Vicky Donor. The actor plays a young sperm donor and tackles a lot of mental and emotional turmoil during the course of the movie. The film ended up being a commercial success and catapulted the young actor into fame. The actor also provided vocals for the song Pani Da Rang in the movie, proving he could not only act but could also sing.

5. Aamir Khan

Aamir Khan

_aamirkhan / Instagram

Popularly known as the perfectionist of Bollywood, Aamir gained mainstream commercial success with his film Qayamat Se Qayamat Tak opposite actress Juhi Chawla. The actor’s grace, charm, charisma, and sweet looks won him loads of fans. He went on to spawn many hits and hasn’t stopped impressing his fans with his performance ever since.

6. Ranveer Singh

Ranveer Singh

ranveersingh / Instagram

The talented actor truly made a splash when he acted in the movie Band Baaja Baraat opposite Anushka Sharma. His fun, bubbly, and outgoing personality made him an even bigger hit amongst fans. The actor had made sure to give all his roles a 100% whether it was playing a poor slum dweller in Gully Boy or conqueror Alauddin Khilji in Sanjay Leela Bhansali’s Padmaavat.

7. Salman Khan

Salman Khan

beingsalmankhan / Instagram

Salman Khan and Bhagyashree first forayed into acting with the motion picture Maine Pyaar Kiya. The chemistry shared between Salman and Bhagyashree’s characters in the movie was palpable, and the audience loved seeing the pair together. Unfortunately, they were both signed to other films at the time, and this movie remained unreleased.

8. Priyanka Chopra

Priyanka Chopra

priyankachopra / Instagram

The gorgeous starlet made her debut opposite Lara Dutta and Akshay Kumar in the movie Andaaz. The film became a hit and was often called the first universal hit of the year. Priyanka went on to bag a Filmfare award for Best Female Debut for her role in the film.

9. Anushka Sharma

Anushka Sharma

anushkasharma / Instagram

Like Deepika, Anushka too bagged the spotlight after entering the industry with her debut film, Rab Ne Bana di Jodi opposite Shah Rukh Khan. The chemistry shared between the two actors on screen was impressive, and many people were impressed by Anushka’s bubbly personality and lively persona. The film went on to be a box office hit and won Anushka a lot of fame.

10. Alia Bhatt

Alia Bhatt

aliaabhatt / Instagram

Alia Bhatt hit the superstardom status after acting in the Karan Johar directed Student Of The Year. Although the movie was a box office hit, many critics were not that impressed by Alia’s acting. The actress went on to prove all the naysayers wrong by acting in brilliant movies like Highway, Udta Punjab, Raazi and Dear Zindagi. Her versatility has made her a favorite among Bollywood fans, and she has entered a league of her own at the ripe young age of 26.

11. Bobby Deol

Bobby Deol

iambobbydeol / Instagram

Bobby Deol made his debut in the superhit film Barsaat in 1995. The film did exceptionally well at the box office, and its soundtrack did even better. Bobby’s role as the character of Badal was especially loved by the film buffs, and the movie earned Bobby Deol his first acting award, The Filmfare Best Male Debut.

12. Sonakshi Sinha

Sonakshi Sinha

aslisona / Instagram

The young actress began her career opposite Salman Khan in the 2010 film, Dabangg. The actress is the daughter of South Indian Actor legend Shotgun Shatrughan Sinha. After her role in the movie, the actress went on to achieve overnight success.

Did any of the names on this list come as a surprise to you? Who is your favorite overnight superstar? Let us know in the comments below.

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Different Types Of Mothers-In-Law

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Marriage is a huge step for everybody. And more so for the girl than the boy, because in countries like India, a girl is supposed to be the only person to move out of the house and settle in her husband’s home adapting to that house’s culture and way of living. And what is it that makes this transition easier? A good mother-in-law!

For girls these days, when it comes to getting married, the topmost concern is whether or not their in-laws, especially their mother-in-law is a sober woman or not. They are often worried if their MIL (Mother In Law) will give their new life a horrifying start or will she help them start their new life with positivity and happiness.

Some of us hit the jackpot, and some of us don’t! Getting along with your mother-in-law is a very important aspect of a peaceful marriage. After having spoken to few married women and listening to their sweet-bitter mother-in-law stories, we can say that these are the types of mothers-in-law that you might come across in the future if you haven’t tied the knot yet. Read on.

1. The OCD MIL

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She is the MIL who owns the word “cleanliness” quite literally. She is the one whose culinary skills are amaze and if she sets off on a cleaning drive, she won’t leave even a quarter of an inch area of your home unattended. And if you’re someone who does laundry  and cleaning only on the weekends, then we guess you’re in some deep trouble if you end up with a MIL like this one.

2. The Insecure Mother-in-law

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She is a perfect example of an overprotective mother who is just promoted to a MIL. She doesn’t feel happy that because of her son she has gained a daughter. She begins to think that she has lost her son instead. Even before you show her how much you love your husband (her son), she is already convinced that you aren’t looking after him well. She is one of those MILs who asks her son to choose between his mother and wife.

3. The “I Know What Is Right For Your Kids” MIL

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Your labor pain must have not been as disturbing as having to live with this type of MIL. She’s the one who is going to tutor you against every decision you make while raising your kid right from his infant stage to marriageable age. She’ll probably throw this line as defense, “Look at your husband, I raised him and see how fine he’s turned out to be.” Only you know how much you’ve tamed your then irresponsible boyfriend to now a responsible husband.

4. The “I Know It All” MIL

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You will probably start hating the right to freedom of speech because of this kind of MIL. This is because she has an opinion on everything under the sun. She sometimes can even demand you to do her things her way directly. She will convince you that you’ve been living a life of garbage and now, thanks to her, your life is shining bright like the sun.

5. The Barbie MIL

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She’s going to make it look like your life is a beauty pageant and she, your MIL is your greatest competitor of all times. She goes to the extent of getting plastic surgeries done on herself just to receive compliments of people. “She looks more like your sister than your MIL” will bring her joy that cannot be measured.

6. The Ladies-Club MIL

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If you belong to the upper class of the society, then you’ll mostly end up with a MIL like this one. She is a housewife and she loves indulging in various Ladies Club activities like the kitty party where you’ll see ten more just like her speaking about their latest collection of glasses, saree, or jewelry. She’s going to pay more focus on what she gifted you and what you gifted her in return. Showering her with gifts will keep her happy.

7. The “I Want To Know Everything” MIL

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She is the type of mother-in-law who wants to get updates about everything—why are the sofa covers changed to blue? Why is my son working so much? Why haven’t you gotten a new knife set yet? What were you talking to your parents on the phone? Why is your son coming home late? Why didn’t you tell me that it’s a holiday for you today? She needs answers for everything and wants to know everything!

8. The “Blessed-To-Have” MIL

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You’re lucky if you have a MIL like this one. She loves you, adores you for who you are. She’s caring, she is caring towards your parents as well. Well, congratulations if you found a mother-in-law like this one. Give her a hug from our side also maybe!

We had no intentions of frightening you with this list. Anyways, it’s always better to stay alert about the various kinds of MILs out there, isn’t it? So, which type is your MIL? Let us know in the comments below.

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9 Bollywood Actors Who Rejected Hollywood Movies Like A Boss

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While we’ve seen many of our favorite actors slowly transition from making just Bollywood movies to going global, it’s surprising to see some pretty popular names rejecting big-budget Hollywood films. While it’s perfectly understandable that they might have had specific personal or professional reasons behind rejecting the roles, it’s surprising to a lot of fans that they did.

Some of the names on this list had actually starred in Hollywood movies before or went on to star in Hollywood films at a later point:

1. Naseeruddin Shah

Naseeruddin Shah

naseerudinshah / Instagram

Considering that Naseeruddin Shah played a lead role in the movie The League Of Extraordinary Gentlemen, he’s clearly no stranger to Hollywood. However, during a Twitter chat with a news agency, the veteran actor revealed that he was offered to audition for the role of Albus Dumbledore from the Harry Potter movie series. The actor explained that the filmmakers behind the series approached his agent and asked if he would audition for the role following the untimely death of the original Dumbledore, Richard Harris. Unfortunately for many of his fans, the actor turned down the role and later went on to play Captain Nemo in The League Of Extraordinary Gentlemen.

2. Shah Rukh Khan

Shah Rukh Khan

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Before Anil Kapoor landed the role of Big B inspired character, ‘Prem Kumar’ in the movie Slumdog Millionaire, it was Shah Rukh Khan who was approached. Director Danny Boyle originally wanted Khan to play the part as he had hosted a season of Kaun Banega Crorepati in the year 2007. Unfortunately, Shah Rukh Khan turned down the role as he believed he wasn’t a suitable candidate and wouldn’t do justice to the part.

3. Irrfan Khan

Irrfan Khan

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Another Khan on this list to reject a Hollywood role was Irrfan Khan. The talented actor was offered the role of Matt Damon’s character in the sci-fi movie, Interstellar. Unfortunately, the schedule conflicted with his role in the film, The Lunchbox. The actor was required to stay in the United States for four months during the filming of his sequences. Luckily, The Lunchbox did exceptionally well and won critical acclaim, so he didn’t lose out on much. But imagine skipping out on a movie directed by the legendary Christopher Nolan?

4. Priyanka Chopra

Priyanka Chopra

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Yes, The Priyanka Chopra. After Priyanka tied the knot with Hollywood cutie, Nick Jonas, she was the latest hot topic all across Hollywood. The actress was initially offered her first Hollywood role in the movie Immortal. Sadly, the actress had to turn down the part as she had already committed to playing a lead role in the film Saat Khoon Maaf. The role eventually landed in the lap of Freida Pinto and Priyanka’s Saat Khoon Maaf lead her to achieve cult status amongst the film community. The actresses abilities were praised, and many critics called this the ‘role of a lifetime’.

5. Aishwarya Rai Bachchan

The former Miss World was offered a role opposite Brad Pitt’s character in the movie Troy. Sadly, the actress turned down the role as it required her to get ‘cozy’ with Pitt’s character. Quite the bummer for fans who would love to see their onscreen chemistry and watch them sizzle on screen.

6. Deepika Padukone

Deepika Padukone

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The queen of Bollywood herself was offered an audition for a lead role in the 2015 movie Fast And Furious 7. The actress would be joining the ranks of Paul Walker, Vin Diesel, Michelle Rodriguez and many more if she had taken up the role. Sadly the actress turned down the role as she was too busy shooting for Farah Khan’s movie Happy New Year. The movie went on to become a box office hit despite receiving mainly mixed reviews from critics.

7. Hrithik Roshan

Hrithik Roshan

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Many fans were disappointed when Hrithik reportedly turned down the role of playing the character of Vicente in the movie Pink Panther 2. Popularly known as the
‘Greek God’ of India, the actor has starred in multiple critically acclaimed films including, Guzaarish, Jodhaa Akbar, Lakshya and buddy film Zindagi Na Milegi Dobara.

8. Ronit Roy

Ronit Roy

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The Udaan actor turned down a lead role in the Oscar-winning film on terrorism, Zero Dark Thirty. Instead, the talented TV turned big-screen actor chose to act in the Karan Johar directed Student Of The Year. We bet this is a choice he truly regrets (no offense to SOTY fans).

9. Dilip Kumar

Dilip Kumar

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Legendary actor Dilip Kumar chose to turn down a leading role in the 1962 film, Lawrence Of Arabia. Director David Lean wanted Dilip to audition for the role of Sherif Ali, a tribal chieftain. After Dilip Kumar rejected the role, it went to Omar Sharif who won an Oscar nomination for his performance in the film.

It’s incredible that the world is opening up to the idea of casting South Asian actors/actresses in lead roles and we are thrilled to see so many of our childhood idols immortalize themselves on Hollywood’s big screen and introduce the Western audience to our culture. We hope to see many more Indian actors showcase their talents in Tinseltown.

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6 Different Roles Your Husband Should Play In Your Marriage

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They say every single living creature on this planet earth has a role to play. And if all of them played their role in the right way, Earth will be the most beautiful place in the universe. The same applies to our life as well; every single person who enters or exits from our life has their own specific role to play. While some of them enter and bring a positive change in our life, there are some who leave and they leave behind a lesson that will stay back with us for the rest of our life. This is true, isn’t it?

This holds very right especially in the world of relationships. However, we always want to end up with people who will stay by our side forever and be a part of everything we do in our life. How do you end up in such a relationship? If you find a partner who is willing to play that role for you, the most common goal for a couple would be to turn their relationship into marriage eventually. And this is more likely to succeed if you find a partner who is happily willing to take up the roles that will keep you happy and satisfied. Your man needs to be willing to accept and do things that will make you happy. Vice Versa, if he’s expecting the same out of you, it’s an even smoother sail, trust us!

How would your boyfriend know of these roles that he needs to be playing as a husband? Let him know about the following things that are the most basic and valuable roles he should be taking up after you get married.

1. He Needs To Be Your Ultimate Best Friend

He Needs To Be Your Ultimate Best Friend

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This is a common role to expect, isn’t it? You’d always want your husband to be the best friend. A best friend with whom you can be yourself without having to worry about the fear of being judged. You want him to be the best friend with whom you can experience a laughing riot and set off on adventures unknown.
You want him to be the BFF you couldn’t otherwise find.

2. He Needs To Be The Caring Nurse

He Needs To Be The Caring Nurse

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You are human and so is he. And when you fall sick or he does, you would want him to nurse you with all the care and attention like how you would do to him if he was sick. Sometimes, it isn’t the medicines that help one get back to good health, but, it’s the care of the person you love the most that helps you jump back to a healthy route in life. And you definitely want your husband to be that caring husband who would nurse you back to good health.

3. He Needs To Be The Life Partner You Always Wanted

He Needs To Be The Life Partner You Always Wanted

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A life partner doesn’t mean that you have to just live with him. If you think that having a life partner is like having somebody to rely on during happiness and sorrow, then he needs to be that. If you expect him to be your support in times when you’re doubtful, then he needs to don the role of a life partner who supports you in all ordeals. Taking on life’s challenges with a life partner is always a better idea!

4. He Needs To Be Your Mentor

He Needs To Be Your Mentor

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Life is a journey where you are always learning about something new every other day. And at times, the learning needs to be imparted by your husband as well. He needs to help you have a better perspective regarding things you’ve never handled before. If you have a husband from whom you can learn and unlearn positive things about life, he will make for an ideal husband.

5. He Needs To Be Your Therapist

He Needs To Be Your Therapist

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A warm hug from your husband is good enough therapy to battle all the stress that your work has been causing to you. A husband needs to be this personal therapist who should listen when you vent out your frustration. At times when your body is too tired, he should don the hat of massager as well and relieve your body from all the tension knots that have been building. Of course, you have to give him some return favors too (winks).

6. He Needs To Be The Prince Charming

He Needs To Be The Prince Charming

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As we get on the journey of adulting, we slowly realize that the idea of finding a Prince Charming is limited to just Disney and Bollywood movies. But that doesn’t mean you should stop trying to make your own version of a fairy tale. Both you and your husband can be the Princess and Prince Charming. Your husband needs to shower you with love and care that is beyond your expectations and imagination. Wouldn’t that make for a much better fairy tale than to watch a man riding a white horse and come to take you?

And it isn’t just the husband. Even you need to play certain significant roles in your relationship and your marriage to work like a dream. How many roles have you donned yet? Let us know in the comments below.

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Want Clearer Skin? Put Away Your Mobile Phone NOW!

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Ever woken up with an unexplained breakout and wondered how it got there? Considering the strict skincare regime you follow, you must be bewildered that even after all of this, you still suffer from severe breakouts. Or do you suffer from critical dark circles that don’t go away despite you getting at least eight hours of beauty sleep? Well, the culprit for all your troubles might just be in the palm of your hands. It’s no secret that smartphones have made our lives very easy and that everything you could possibly want is now available at the click of a button. From finding dates and meeting new people to scheduling your next dentist appointment, a smartphone can do it all. It’s no surprise that people take their smartphones everywhere they go. You’d be lying if you said you don’t sneak your phone into the bathroom. Here are a couple of problems that arise when you use your phone and a few quick-fix solutions for them:

1. Acne Breakouts From Skin To Phone Contact

Acne Breakouts From Skin To Phone Contact

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Let’s be honest. You probably do not clean your phone as often as you should. Did you ever wonder how much bacteria is gathering there? Research shows that our phones are actually filthier than we think they are, and this can cause pretty severe breakouts. With bacteria like E.coli and worse plaguing our phone screens, it’s no wonder people recommend limited skin to phone contact. So how do you fix this? The answer might set you back a little in cash. Invest in a Bluetooth earpiece. If the idea of hopping onto the earpiece bandwagon doesn’t really appeal to you, consider cleaning your phone at least twice a day. It’s a good idea to use a cleansing wipe that contains a low percentage of ethanol and use it to give your phone a gentle wipe down. If you’ve already broken out, it’s a good idea to use an anti-bacterial facial cleanser (1).

2. Contact Dermatitis

Contact Dermatitis

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Most cell phone cases are made of materials like nickel and chromium. These are well-documented contributors to skin allergies, and many believe it’s actually the number one culprit. If you notice that you’ve suddenly developed an itchy rash creeping up the side of your face or even your palm, you might be developing an allergic reaction to your phone. Cover up your cell phone with a plastic phone case and screen protector. You can also use some over-the-counter medicine to relieve the irritation. However, we would recommend consulting a dermatologist first (2).

3. Dark Spots Caused By Blue Light Exposure

Dark Spots Caused By Blue Light Exposure

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Exposure to blue light can cause an increase in pigment production, leading to hyperpigmentation and premature age spots. If you suffer from a skin condition called melasma, the heat generated from your phone can damage your skin further and exacerbate your condition. A good idea is to use a serum containing Vitamin C and E. It’s also a good idea to use a sunscreen first thing after washing your face. Make sure your face is extremely clean as you don’t want the sunscreen to trap dust into your pores and make your dark spots appear worse than they actually are (3).

4. Premature Aging

Premature Aging

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Research suggests that visible light, especially light that gets emitted from your phone has a negative impact on how your skin ages. The light might cause your skin to get inflamed, and the visible light can often lead to the collagen in your skin getting damaged. This can also lead to premature wrinkling (4).

5. Too Much Screen Time Causing Neck Strain

Too Much Screen Time Causing Neck Strain

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Yes, too much screen time can affect your neck as well. The delicate skin on your neck is also prone to increased creasing due to looking down. The loss of inherent elasticity can also occur, which would improve the appearance of creases. This can lead to your skin, looking extremely creasy and dull. The best solution for this is to practice good posture and to look forward while using your phone rather than looking down. When using sunscreen or any creams like a moisturizer, etc., it’s a good idea not to skip applying the cream on your neck.

It’s smart to play it safe and limit your screen time as much as you possibly can. Considering how dependent most of us are on our smartphones, it can be quite a task to accomplish this. However, with practice and patience, it isn’t as difficult as it might sound. If spending too much money on a Bluetooth headset doesn’t seem feasible to you, try purchasing earphones with a mic attachment. This way you don’t have to worry about charging the earphones constantly, neither do you have to worry about losing them. Do you think you’re a smartphone addict, and how do you manage it? Let us know your thoughts in the comments below.

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Lip Care Routine For Winter

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Winter season brings relief to the weird untimely climate of monsoon when you can’t even see the sun shining. As much as the winter slumber is loved by many, there’s one thing that many aren’t fond of and this appears as soon as the winter season knocks. The air is at its driest during winter making our skincare and haircare regimens ineffective. Our hair becomes dry, our skin loses its moisture, and our lips crack because of the dryness. The chilling wind outside, cold, dry, and artificially heated air of the interior conspire to make our lips flaky and dry. Our lips are one of the most sensitive parts of our body and there’s no surprise they require a lot of care during the dry season too.

When it comes to taking care of our lips during winter, most of us go and seek relief in the store-bought lip balms. What we don’t realize is that a lip balm’s effect is temporary. There is a certain way to take care of our lips during winter that will ensure prolonged care. And if you’re wondering what that constitutes, here’s a winter guide on how to take care of your lips naturally.

Steps To Take Care of Lips During Winter

  • Hydrate Your Lips From Within
Hydrate Your Lips From Within

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The logic is simple: whatever goes inside your body, it reflects outside too. The cold weather of winter might make us not want to drink water. But water is required every single day for your body to stay healthy. Dehydration can lead to dry, chapped lips. Therefore drink enough water and help your lips stay soft and supple.

  • Exfoliate Lips On A Weekly Basis
Exfoliate Lips On A Weekly Basis

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Just like the face on your skin, even your lips require exfoliation too. Exfoliating lips will help to eliminate flaky and dull skin. In fact, exfoliating regularly can help in achieving pink, soft lips. Just remember that exfoliating once a week is enough, don’t overdo it as it can cause redness, irritation, and soreness.

  • Avoid Licking Lips
Avoid Licking Lips

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We have this tendency to licking our lips whenever we feel that it’s dry. This is a big no since our saliva has enzymes that are only meant for digesting our food, these enzymes can irritate the lips.

  • Apply Lip Products Only At Night
Apply Lip Products Only At Night

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It’s no secret that our skin enters this repair and rejuvenate mode when the body is asleep at night. Therefore, if you are using any lip balm or DIY lip packs, then do so at night. Your lips will reap its benefits the most during the night.

Here Are Some Home Remedies For Lip Care During Winter

1. Aloe Vera

Aloe Vera

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Aloe Vera is a plant that is found everywhere and can also be grown very easily at home. You also get organic and natural gel extracts in grocery stores as well. Aloe Vera has excellent moisturizing properties as it has high water content in it. Therefore, apply the gel on your lips to make them supple and soft. Leave it on for a few minutes, wash it off, and pat your lips dry with a cotton towel.

2. Honey

Honey2

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Honey has been used for centuries for its amazing moisturizing properties that also heal chapped lips. Mix honey with some glycerine and apply it on the lips. You can let it stay overnight on your lips and you will wake up to smooth, soft lips.

3. Ghee

Ghee2

Shutterstock

In countries like India, ghee has been used for body massages since it is known to have great moisturizing properties. Just dab your lips with some ghee and leave it all night. It’s the most desi way of taking care of your lips.

4. Milk And Rose Petals

Milk And Rose Petals

Shutterstock

Nope, we’re not talking about a royal body-pampering bath here with these two ingredients. In raw milk, add a few fresh rose flower petals. Leave it for a few hours. Now drain the milk out and apply it on your lip two to three times in a day. This combination will moisturize the lips and the rose color of the milk will leave your lips looking pink with a slight, rosy tint.

5. Sugar

Sugar2

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Our lips to have dead skin cells too, the build-up of the same leads to chapped lips. Mix honey and sugar to form a natural exfoliating lip scrub. Use this once every week for a month. Scrub for two minutes gently. Wash it off with some warm water and pat dry. Follow this up by applying a natural lip balm.

6. Coconut Oil

Coconut Oil

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This too is a natural moisturizer. Warm the oil a little in between your palms by rubbing it and massage the same onto your lips; let it stay overnight. It will leave you with supple and soft lips in the morning.

So, this winter don’t let your lips suffer. We hope we’ve given you a good enough heads up of how to curate your lip care routine this winter. Let your winter pouts slay!

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दलिया के फायदे और नुकसान – Bulgur Wheat (Daliya) Benefits and Side Effects in Hindi

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दलिया और दलिया से बने खाद्य पदार्थ पोषक तत्वों से समृद्ध होते हैं। दलिये के सेवन से पोषण तत्वों की कमी से होने वाले समस्या को कम किया जा सकता है। साथ ही यह कई बीमारियों के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। वहीं, अगर कोई गंभीर रूप से बीमार है, तो डॉक्टर की सलाह इसका सेवन करने से इलाज के प्रभाव को बढ़ाया जा सकता है। ऐसा इसलिए संभव है, क्योंकि इलाज के साथ-साथ सही खान-पान भी जरूरी है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम दलिया खाने के फायदे और दलिया खाने के नुकसान दोनों के बारे में जानकारी देंगे।

लेख के शुरुआत में हम यही बता रहे हैं कि दलिया कहा किसे जाता है।

दलिया क्या है? – What is Bulgur Wheat in Hindi

दलिया एक पौष्टिक आहार होता है, जो टूटे हुए अनाज के मिश्रण से बनता है। इन अनाज में मुख्य रूप से गेहूं, चावल, बाजरा, मकई व जई आदि शामिल है। भारत में सामान्य रूप से लगभग सभी के घर गेंहू का दलिया पाए जाते हैं। यह कई पोषक तत्व से समृद्ध होता है, जैसे – विटामिन, मिनरल व आयरन। इसे ज्यादातर सुबह के नाश्ते में खाया जाता है, क्योंकि सुबह इसका सेवन करने से शरीर को पर्याप्त ऊर्जा मिलती है और आप दिनभर तारोताजा रहते हैं। इसके सेवन से पाचन, कब्ज और हृदय स्वस्थ जैसी कई समस्याओं को दूर करने में मदद मिल सकती है। इसके बारे में लेख में आगे विस्तार से बताया गया है।

दलिया के फायदे जानने के लिए पढ़ते रहें यह लेख।

दलिया के फायदे – Benefits of Bulgur Wheat in Hindi

दलिया लोगों के आहार में अपनी जगह इसलिए बनाए हुए है, क्योंकि इसका सेवन सेहतमंद होता है। यहां हम इस बारे में विस्तार से बता रहे हैं।

1. हृदय स्वाथ्य में सुधार

आजकल हर कोई स्वस्थ रहना चाहता है और दलिये की मदद से ऐसा संभव है। दलिया फाइबर का अच्छा स्रोत होता है, जो हृदय के जोखिम से बचाए रखने में मदद कर सकता है। वहीं, अगर किसी का हृदय संबंधी इलाज चल रहा है, तो दलिया इलाज के प्रभाव को बढ़ा सकता है (1)। इसलिए, ऐसा कहा जा सकता है कि दलिया के फायदे हृदय के लिए भी हो सकते हैं।

2. ब्लड शुगर को नियंत्रण में करने के लिए

एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, दलिया का सेवन करने से ब्लड शुगर को नियंत्रित किया जा सकता है। दरअसल, दलिया रक्त में शुगर की मात्रा को कम और इंसुलिन के संचार की मात्रा को बढ़ाने में मदद कर सकता है। इससे मधुमेह की समस्या से बचने में सहायता मिल सकती है (2)। साथ ही दलिया को लो ग्लाइसेमिक इंडेक्टस की श्रेणी में रखा गया है, जिस कारण इसे डायबिटीज के मरीजों के लिए अच्छा माना गया है (3) (4)। इसलिए, ऐसा कहा जा सकता है कि दलिया खाने के स्वास्थ्य लाभ वालों को भी हो सकता है।

3. पाचन में मददगार

दलिया खाने के फायदे में बेहतर पाचन तंत्र भी शामिल है। यह दलिया में पाए जाने वाले फाइबर के कारण संभव है। फाइबर खाने को पचाने और पाचन क्रिया में सुधार करने का काम कर सकता है। साथ ही कब्ज को दूर करके पेट को साफ करता है, जिससे पाचन तंत्र बेहतर तरीके से काम करता है (5)।

4. स्वस्थ पेट के लिए

पेट को स्वस्थ रखने के लिए कई तरह के आहार और पेय पदार्थ का सेवन किया जा सकता है, उन्हीं में से एक दलिया भी है। दलिया में फाइबर की अच्छी मात्रा पाई जाती है (6), जो पेट को साफ करने का काम करता है। इससे कि पेट की विभिन्न तरह की समस्याएं दूर हो सकती हैं (7)। इसलिए, दलिया के फायदे पेट के लिए माने जा सकते हैं।

5. कब्ज के लिए

कब्ज की समस्या से निपटने के लिए फाइबर युक्त आहार का सेवन करना चाहिए। इसमें दलिया मदद कर सकता है, क्योंकि दलिया में फाइबर की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो मल को एक साथ शरीर से बाहर निकालने में मदद कर सकता है। इससे कब्ज की समस्या से कुछ राहत मिल सकती है (8)।

6. वजन को कम करने के लिए

दलिया खाने के स्वास्थ्य लाभ में वजन घटाना भी शामिल है। एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की ओर से प्रकाशित एक मेडिकल रिसर्च के अनुसार, फाइबर वजन को घटाने का काम कर सकता है। दरअसल, फाइबर शरीर में ऊर्जा को बनाए रखने में मदद कर सकता है, जिससे लंबे समय तक भूख को शांत रखा जा सकता है (9)। वही, दलिया फाइबर का अच्छा स्रोत होता है (10)। इसलिए, ऐसा माना जा सकता है कि वजन घटाने के लिए दलिया फायदेमंद हो सकता है।

इस लेख के आगे भाग में दलिया में मौजूद पौष्टिक तत्व के बारे में जानेंगे।

दलिया के पौष्टिक तत्व – Bulgur Wheat Nutritional Value in Hindi

दलिया में पाए जाने वाले पोषक तत्व के कारण ही यह स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। इन पोषक तत्वों को नीचे चार्ट के जरिए विस्तार से बताया जा रहा है (10)।

पोषक तत्व मात्रा प्रति 100 g
पानी 77.76 g
ऊर्जा 83 kcal
प्रोटीन 3.08 g
टोटल लिपिड (फैट) 0.24 g
कार्बोहाइड्रेट 18.58 g
फाइबर 4.5 g
शुगर, टोटल 0.1 g
मिनरल्स
कैल्शियम ,Ca 10 gm
आयरन ,Fe 0.96 mg
मैग्नीशियम , Mg  32 mg
फास्फोरस ,P 40 mg
पोटैशियम ,K 68 mg
सोडियम ,Na 5 mg
जिंक ,Zn 0.57 mg
विटामिन्स
विटामिन सी , टोटल एस्कॉर्बिक एसिड 0 mg
थाइमिन 0.057 mg
राइबोफ्लेविन 0.028 mg
नियासिन 1 mg
विटामिन बी -6 0.083 mg
फोलेट DFE 18 µg
विटामिन ई (अल्फा-टोकोफ़ेरॉल) 0.01 mg
लिपिड
फैटी एसिड, टोटल सैचुरेटेड 0.042 g
फैटी एसिड, टोटल मोनोसैचुरेटेड 0.031 g
फैटी एसिड, टोटल पॉलीअनसैचुरेटेड 0.098 g

लेख के अगले हिस्से में बताया जा रहा है कि दलिया का उपयोग कैसे किया जाए।

दलिया का उपयोग – How to Use Bulgur Wheat in Hindi

दलिया से कोई एक नहीं, बल्कि कई प्रकार के व्यंजन बनाए जा सकते हैं। ये स्वादिष्ट होने के साथ-साथ सेहतंद के लिए भी फायदेमंद है।

कैसे खाएं:

  • दलिया को फलाफल बनाकर खाया जा सकता है।
  • दलिया को कई ड्राई फ्रूट और बीन्स में मिलाकर सलाद की तरह खाया जा सकता है।
  • दलिया को सूप में मिलाकर लिया जा सकता है।
  • कई आहार में इसे ऊपर से गार्निश करके खाया जा सकता है।
  • दलिया में दूध और शक्कर डालकर भी खाया जा सकता है।

कब खाएं:

  • इसे सुबह ड्राई फ्रूट और बिन्स के साथ पका कर खाया जा सकता है।
  • शाम को दलिया को सूप में मिलकर लिया जा सकता है।
  • दोपहर या रात के आहार में इसे गार्निश करके खाया जा सकता है।

कितना खाएं :

प्रतिदिन 85 से 226 ग्राम दलिया का सेवन किया जा सकता है (11)। फिर भी इसका सेवन से पहले आहार विशेषज्ञ से इसकी उचित मात्रा के बारे में पूछा जा सकता है।

आइए, अब दलिया खाने के नुकसान के बारे में जान लेते हैं।

दलिया के नुकसान – Side Effects of Bulgur Wheat in Hindi

जिस तरह दलिया खाने के फायदे हो सकते हैं, उसी तरह इसके सेवन से कुछ दुष्प्रभाव होने की आशंका भी रहती है, जो इस प्रकार है:

  • दलिया के अधिक मात्रा में सेवन करने पर पेट में गैस, पेट फूलना और पेट में ऐंठन जैसी समस्या हो सकती है, क्योंकि इसमें कुछ मात्रा फाइबर की पाई जाती है (10) (12)।

अब आप यह तो बखूबी जान गए होंगे कि दलिया क्या है। इसके सेवन से शरीर को विभिन्न तरह के लाभ मिल सकते हैं। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि दलिया इन लेख में बताई गई समस्याओं को पूरी तरह ठीक नहीं कर सकता है। यह सिर्फ कुछ लक्षणों को कम करने में ही मदद करता है। इसलिए, उचित इलाज के लिए डॉक्टरी परामर्श जरूरी है। हां, यह भी संभव है कि अगर दलिया का सेवन नियमित रूप से किया जाए, तो ये बीमारियां हो ही न। साथ ही इसके नुकसान और उपयोग के बारे में भी लेख में ऊपर बताया गया है। फिर भी आपके मन में किसी तरह का कोई सवाल है, तो आप नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स की मदद से उसे हम तक पहुंचा सकते हैं। हम जल्द से जल्द जवाब देने का प्रयास करेंगे।

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धातु (धात) रोग के कारण, लक्षण और इलाज – Spermatorrhea (Dhat Rog) Causes, Symptoms and Treatment in Hindi

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कुछ स्वास्थ्य समस्याएं ऐसी होती हैं, जिनके बारे में खुलकर बात करने में शर्मिंदगी महसूस होती है। उन्हीं समस्या में से एक है, धात रोग। यह यौन संबंधी ऐसी समस्या है, जो खुद के प्रति बरती गई लापरवाही की वजह से होती है। इस बीमारी से ग्रसित होने पर आत्मविश्वास इस कदर डगमगा जाता है कि व्यक्ति की दिनचर्या पूरी तरह से प्रभावित होने लगती है। अगर भारत की बात करें, तो यहांं इस समस्या को आम माना गया है (1)। यही वजह है कि स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम धातु रोग को समझाने के साथ ही धातु रोग के कारण, लक्षण और बचाव से जुड़ी जानकारी देंगे। साथ ही धात रोग का इलाज और टिप्स के बारे में भी चर्चा करेंगे।

चलिए, सबसे पहले यह जान लेते हैं कि धातु रोग क्या है?

धातु रोग क्या है? – What is Spermatorrhea in Hindi

धात व धातु रोग, जिसे अंग्रेजी में स्पर्मेटर्रिया (Spermatorrhea) कहा जाता है, यह एक तरह की यौन समस्या है। इसमें बिना किसी यौन गतिविधि या इच्छा के वीर्यपात हो जाता है। कई बार पेशाब करते समय मूत्र के साथ भी वीर्य निकल जाता है (2)। इस स्थिति को दो श्रेणियों में विभाजित किया गया है (3)।

  • मेंग यी (Meng Yi): इसमें सपने देखते हुए नींद में ही वीर्यपात हो जाता है।
  • हुआ जिंग (Hua Jing): इसमें बिना सपने देखे नींद में या दिन में सचेत रहते हुए वीर्यपात हो जाता है।

धातु रोग क्या है, यह जानने के बाद आगे हम धातु रोग के कारण के बारे में बात करेंगे।

धातु रोग के कारण – Causes of Spermatorrhea in Hindi

धातु रोग यानी स्पर्मेटर्रिया एक गंभीर समस्या है, जिससे बचाव के लिए धात रोग के कारण के बारे में जानना जरूरी है। नीचे, हम धातु रोग के अनुमानित कारणों के बारे में बता रहे हैं (3) (4) (5) (6)।

  • भावनात्मक असंतुलन।
  • अधिक यौन गतिविधि।
  • शराब का सेवन।
  • Qi की कमी (ऊर्जा की कमी)।
  • ह्रदय, लिवर, व किडनी में असंतुलन।
  • दवाओं का सेवन, जैसे – टोपिरामेट (Topiramate)।
  • एक्जिमा व दाद।
  • आंत में होने वाले कीड़े (Worm Infestation)।
  • अधिक हस्तमैथुन

आगे हम, धात रोग के लक्षण के बारे में बता रहे हैं।

धात रोग के लक्षण – Symptoms of Spermatorrhea in Hindi

सिर्फ पुरुषों को ही नहीं, बल्कि महिलाओं को भी धात रोग हो सकता है। इसके कुछ लक्षण समय के साथ गंभीर होते जाते हैं। इसके कुछ आम लक्षण हम नीचे बता रहे हैं (7) (8) (9)।

  • मूड में अचानक बदलाव होना।
  • हर समय आलस महसूस होना।
  • एंहीडोनीय (Anhedonia) यानी किसी भी तरह के काम में मन न लगना।
  • एकाग्रता में कमी।
  • निराशाजनक अवसाद (उदासीन विचार, खुद को व्यर्थ समझना)।
  • नींद में कमी।
  • कम भूख लगना।
  • शारीरिक दुर्बलता।
  • घबराहट महसूस होना।
  • असमय वीर्यपात।
  • मनोरोग।
  • योनि स्राव (Vaginal Discharge)।
  • पेशाब के साथ वीर्य निकलना।

धात रोग के लक्षण के बाद आगे हम धातु रोग के जोखिम कारक के बारे में बता रहे हैं।

धातु रोग के जोखिम कारक – Risk Factors of Spermatorrhea in Hindi

किसी भी तरह की शारीरिक समस्या या रोग की चपेट में व्यक्ति यूं ही नहीं आ जाता है। उसके पीछे कई कारण छुपे होते हैं। इसी तरह धातु रोग होने के पीछे भी कई कारक हैं। इन्हीं कुछ आम जोखिम कारकों के बारे में नीचे क्रमवार बताया गया है (10) (11) (12) (9):

  • वीर्यपात के नुकसान से संबंधित मिथकों पर भरोसा करना।
  • कामुक साहित्य पढ़ना या चित्र देखना।
  • एडल्ट फिल्में देखना।
  • दोस्ती या प्यार में विश्वासघात।
  • कुछ अधूरी कामोत्तेजक इच्छाएं।
  • बुरी संगत।
  • चिंता करना।
  • यौन इच्छा संबंधी (Venereal) रोग।
  • यूरेनरी ट्रेक्ट इंफेक्शन (यूटीआई) के कारण।
  • अधिक भोजन करना।
  • नींद खराब होना।
  • आनुवंशिक कारक।
  • पारिवारिक माहौल।
  • अपर्याप्त आहार का सेवन।
  • महिला नसबंदी (Tubectomy)।
  • अधिक हस्तमैथुन।
  • कब्ज।

लेख के अगले हिस्से में हम धातु रोग का इलाज क्या हो सकता है, यह विस्तार से बताएंगे।

धातु रोग का इलाज – Treatment of Spermatorrhea in Hindi

धात रोग का इलाज इसके कारण पर निर्भर करता है। ऐसे में धातु रोग का इलाज करने के लिए इसकी वजह का पता लगाना जरूरी है। डॉक्टर प्रभावित व्यक्ति से उसकी दिनचर्या, जीवन और किसी अन्य बीमारी से संबंधित दवाओं के बारे में जानकारी ले सकते हैं। अगर किसी दवा के साइड इफेक्ट की वजह से धात रोग हुआ है, तो उन दवाओं को बदलने की सलाह दे सकते हैं। वहीं, अगर धातु रोग तनाव की वजह से हुआ है, तो डॉक्टर एंटी-एंजाइटी दवाएं लेने के साथ ही तनाव को कम करने की एक्सरसाइज करने की सलाह दे सकते हैं (7)।

एक केस स्टडी के मुताबिक, धात रोग से ग्रसित व्यक्ति की डॉक्टर ने काउंसलिंग की, साथ ही कुछ व्यायाम करने को कहा और आहार संबंधी बदलाव करने की सलाह दी गई। इन बदलावों और काउंसलिंग के बाद धात रोगी में सुधार देखा गया (12)। वहीं, आयुर्वेद में धातु रोग का इलाज सिडा कॉर्डिफोलिया (Sida cordifolia) यानी बाला जड़ी बूटी के उपयोग से भी किया जाता है (13)।

धात रोग का इलाज जानने के बाद नीचे धातु रोग से संबंधित आहार के बारे में चर्चा करेंगे। इन आहार को शामिल करने से धात रोग के लक्षण से बचा जा सकता है।

धातु (धात) रोग आहार – Spermatorrhea (Dhat Rog) Diet in Hindi

जैसा कि हम ऊपर बता ही चुके हैं कि पोषण की कमी की वजह से भी धातरोग हो सकता है, इसलिए धात रोग के उपचार में खान-पान पर ध्यान देना भी जरूरी है। आहार पर ध्यान देते वक्त बीन्स से परहेज जरूर करना चाहिए (5)। धात रोग के लिए प्रोटीन, आयरन व बी-कॉम्प्लेक्स से भरपूर आहार का सेवन कर सकते हैं (10)।

नीचे, हम धात रोग के लिए घरेलू नुस्खे बता रहे हैं, जो धातु रोग का इलाज करने में तो नहीं, लेकिन धात रोग के लक्षण कम करने में मदद जरूर कर सकते हैं (14) (15) (16) :

  1. 5 ग्राम बादाम, 5 ग्राम काली मिर्च, 2 ग्राम सौंठ और 5 ग्राम मिश्री को 250 ml गाय के दूध के साथ एक माह तक लिया जा सकता है।
  2. 25-25 ग्राम सेमल की छाल और मिश्री को 250 ml गाय के दूध के साथ दिनभर में दो बार सेवन करें। सुबह और शाम को खाना खाने से पहले।
  3. 50 ग्राम चना और 5 बादाम को रातभर पानी में भीगोकर रखें और अगले दिन दूध के साथ एक महीने तक सेवन किया जा सकता है।
  4. अर्जुन पेड़ (Terminalia arjuna) की छाल व जड़ के अर्क का सेवन चंदन के साथ किया जा सकता है।
  5. माना जाता है कि ऑर्किड नामक फूल धातु रोग का इलाज करने में सहायक हो सकता है। इसलिए, इसका सेवन भी धातु रोग के लक्षण को दूर करने में किया जा सकता है।

चलिए, अब धातु रोग से बचने के उपाय के बारे में जान लेते हैं।

धातु रोग से बचने के उपाय – Prevention Tips for Spermatorrhea in Hindi

धात रोग का बचाव कैसे किया जाए, यह तो स्पष्ट नहीं है, लेकिन इसके कारण और जोखिम कारक से दूर रहकर जरूर इससे बचा जा सकता है। नीचे, हम धातु रोग के लक्षण कम करने और इससे बचने के कुछ उपाय बता रहे हैं (17) (10)।

  • योग और व्यायाम।
  • स्ट्रेस से दूर रहें।
  • मादक पदार्थों के सेवन से बचें।
  • तम्बाकू व अवैध दवाओं का उपयोग न करें।
  • उत्तेजक किताबों को न पढ़ें।
  • किसी भी तरह की उत्तेजक वीडियो देखने से भी बचें।
  • मन में गंदे ख्याल न लाएं।
  • अधिक हस्तमैथुन न करें।

इस आर्टिकल से यह तो स्पष्ट हो गया कि धातु रोग कोई लाइलाज बीमारी नहीं है। यहां बताए गए आहार और घरेलू उपचार को अपनाकर इस रोग के लक्षणों से बचा जा सकता है। साथ ही ध्यान रखें कि धात रोग के इलाज के लिए डॉक्टर से संपर्क किया जाना जरूरी है। आर्टिकल को पढ़ने के बाद भी अगर धात रोग से संबंधित कुछ सवाल आपके जहन में उठ रहे हैं, तो उन्हें नीचे दिए कमेंट बॉक्स के माध्यम से हम तक पहुंचा सकते हैं। आपको यह लेख कैसा लगा यह भी हमें जरूर बताएं और अगर आपका कोई जानने वाला इस रोग से ग्रसित है, तो उसके साथ भी इस आर्टिकल को जरूर साझा करें।

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Top 10 Female Empowerment Bollywood Movies

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While Bollywood has been considered a male-dominated industry, there have been quite a few outliers. It’s often assumed that female-centric movies are a recent trend in Bollywood, but that’s far from the truth. Movies like Bandini (1963) and Mother India (1957) dominated box offices in their time and paved the way for many more female-oriented films. Here is a compilation of ten of the most empowering Bollywood movies to dominate their time:

1. Bandit Queen (1994)

Bandit Queen (1994)

movies_i_tasted / Instagram

This unlikely story is a biography based on the infamous Indian dacoit, Phoolan Devi’s life. Portrayed by actress Seema Biswas, it’s a story about a woman who was prosecuted by police but received legendary status from the people. The film is about her struggle to fight against the mayhem wrecked upon her by men, from the police who detained her to the goons who assaulted her. Ultimately overpowering them all, she proves the real strength of a woman.

2. Chak De! India (2007)

Chak De! India (2007)

Twitter

Although Shah Rukh Khan played the main lead, it was the 16 actresses (affectionately referred to as the Chak De girls) who truly stole the show. The movie drew attention to the field of hockey and spoke about how it is often pushed aside and not given the same status as cricket. It also talked about how women’s sport is neglected within our country and how very little money is invested in training them properly. In the movie we see girls from different states of the country come together and face regional differences, prejudices and more from their own teammates. The film doesn’t fail to disappoint when they come together as one united front when the going gets tough. However, the irony of the film is that despite the actresses putting on an incredible performance and carrying the movie forward, it was Shah Rukh Khan’s face that got more space in the posters.

3. English Vinglish (2012)

English Vinglish (2012)

rafiya_art_dreamer / Instagram

English Vinglish is an empowering story of a middle-aged entrepreneur who is mocked by her family for her inability to speak English. She goes on to secretly take English classes and prove her family long, learning many life lessons and meeting new people along the way. Sridevi’s on-screen character steals the show in this come-back film of the decade, and the Gauri Shinde directed movie received widespread critical acclaim.

4. Angry Indian Goddesses (2015)

Angry Indian Goddesses (2015)

dollytales14 / Instagram

A heart-warming film about an unlikely gang of girls at different stages in their life getting together to celebrate the wedding of their closest friend. This movie proved to be an emotional rollercoaster and was even embroiled in a scandal with the censor board for their depiction of the goddess, Kali. Despite the setbacks, the film was a major hit and performed well at the box office. It drew attention to a lot of problems faced by young women across the country.

5. Queen (2014)

Queen (2014)

ayeshasethstudio / Instagram

Queen is a delightful story of a young woman Rani played by Kangana Ranaut. Rani’s fiance cancels their wedding just one day before the event and rather than getting dejected; she
chooses to embark on a solo traveling trip and gain some perspective. During her travel escapade, she meets new companions, understands the world and life and returns as a changed individual, prepared to assume responsibility for her life.

6. Mardaani (2014)

Mardaani (2014)

wboxoffice / Instagram

Mardaani is the narrative of a female cop, Shivani Roy. It’s played by Rani Mukerji who battles the boss of organized crime including child trafficking and drugs. It shows the true nitty and gritty of the crime world, and Rani Mukerji puts forward a brave front and comes across as an all-round boss lady.

7. Neerja (2016)

Neerja (2016)

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The film depicts the story of an Indian flight purser, Neerja Bhanot, who was shot and killed while ensuring that several passengers of the Pan Am Flight 73 were free from any potential harm caused by a hijacking incident. Sonam Kapoor plays Neerja with extraordinary clarity and emotions, and the actress received a lot of praise for her powerful performance.

8. Pink (2016)

Pink (2016)

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Pink told the nation that when a lady says ‘No’ it signifies ‘No’. Regardless of what garments she wears or what way of life she chooses to live on her own time, she can’t be forced to do anything against her will. Amitabh Bachchan plays a lawyer who battles for the young ladies ensnared in a court case against young men belonging to influential families.

9. No One Killed Jessica (2011)

No One Killed Jessica (2011)

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Based on the real-life murder of aspiring model, Jessica Lal, this movie deals with the corruption in the law system. The film sheds light on the seedy world of bribery and influence in the nation’s capital and draws attention to the whole “Tum Jante Nahi Mera Baap Kaun Hai” ideology often shared by the elite. The movie deals with how the witnesses go rogue and sell their testimonies to the highest bidder. Rani Mukerji and Vidya Balan play lead roles in the film, and their on-screen compatibility drew widespread acclaim in their grueling fight for justice.

10. Lipstick Under My Burkha (2017)

Lipstick Under My Burkha (2017)

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This is a film the censor board did not want you to see. Lipstick Under My Burkha is a tale of four women who wish to live their own individual lives and break away from the mold. Konkona Sen, Ratna Pathak Shah, Plabita Borthakur and Ahana Kumra play the leading ladies with a charm and grace not commonly seen in today’s films. The film tugs on your heartstrings and really makes you empathize with the lead characters.

What did you think of our list? Are you ready to binge-watch all these films on your next girls’ night in sleepover? Tell us your thoughts in the comments below.

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हरीतकी (हरड़) के फायदे और नुकसान – Haritaki (Harad) Benefits and Side Effects in Hindi

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आयुर्वेद में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए तरह-तरह की जड़ी-बूटियों का उपयोग किया जाता है। इन जड़ी-बूटियों का निर्माण औषधीय गुण वाले पेड़-पौधों के विभिन्न भागों से होता है। इन्हीं जड़ी-बूटियों में से एक है हरड़, जो हरीतकी के नाम से भी प्रचलित है। मुख्य तौर पर इसका उपयोग त्रिफला चूर्ण बनाने में किया जाता है। माना जाता है कि इसमें इतने गुण मौजूद हैं कि यह अकेले ही कई समस्याओं से राहत दिलाने में कारगर साबित हो सकती है। यही कारण है कि स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम हरड़ के फायदे के साथ-साथ इसे इस्तेमाल करने के तरीके भी बता रहे हैं। बेशक, लेख में बताई जाने वाली समस्याओं में हरड़ फायदेमंद साबित हो सकती है, लेकिन यह उन समस्याओं को जड़ से खत्म कर दे, ऐसा हर स्थिति में संभव नहीं है। ऐसे में पूर्ण उपचार के लिए डॉक्टरी सलाह लेना ही बेहतर होगा, ताकि हरड़ के व्यापक लाभ उठा सकें।

तो आइए, हरड़ से संबंधित अन्य जरूरी बातों को जानने से पहले हम हरड़ के फायदे से जुड़ी जानकारियां हासिल कर लेते हैं।

हरीतकी (हरड़) के फायदे – Benefits of Haritaki (Harad) in Hindi

1. अस्थमा में दिलाए राहत

अस्थमा की समस्या में हरड़ के फायदे लाभदायक साबित हो सकते हैं। दरअसल, अस्थमा ऐसी समस्या है, जो श्वसन अंग में सूजन के कारण होती है (1)। वहीं हरीतकी में एंटी इंफ्लेमेटरी (सूजन कम करने वाला) प्रभाव पाया जाता है। इस कारण यह माना जा सकता है कि यह अस्थमा की समस्या में सकारात्मक परिणाम प्रदर्शित कर सकती है। वहीं, एशियन पेसिफिक जर्नल द्वारा एक शोध में भी इस बात का जिक्र मिलता है कि इसका उपयोग अस्थमा की समस्या में फायदेमंद साबित हो सकता है, लेकिन यह इस समस्या में काम कैसे करती है, इस बात का कोई पुष्ट प्रमाण उपलब्ध नहीं है (2)। इस कारण अस्थमा की समस्या में राहत दिलाने वाले गुण को लेकर अभी और शोध किए जाने की जरूरत है।

2. बवासीर में फायदेमंद

बवासीर की समस्या में भी हरीतकी का उपयोग लाभकारी परिणाम दे सकता है। दरअसल, बवासीर ऐसी समस्या है, जो मुख्य रूप से पाचन क्रिया के सही से काम न करने के कारण होती है (3)। वहीं, हरीतकी में लैक्सेटिव (मल को पतला करने वाला) प्रभाव पाया जाता है, जो पेट संबंधी कई समस्याओं को दूर कर बवासीर की समस्या में राहत दिलाने का काम कर सकता है (2)। इस कारण यह कहा जा सकता है कि बवासीर की समस्या में गर्म पानी के साथ हरीतकी चूर्ण का सेवन फायदेमंद साबित हो सकता है।

3. खांसी से दिलाए छुटकारा

खांसी की समस्या से राहत पाने के लिए भी हरीतकी का सेवन किया जा सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, इसमें एंटीट्यूसिव प्रभाव (बलगम और खांसी को दूर करने वाला प्रभाव) पाया जाता है, जो खांसी की समस्या में काफी हद तक राहत पहुंचा सकता है (4)। इस कारण यह कहना गलत नहीं होगा कि हरीतकी का उपयोग खांसी की समस्या से छुटकारा दिलाने में उपयोगी साबित हो सकता है।

4. पाचन के लिए लाभदायक

जैसा कि हम लेख में पहले भी बता चुके हैं कि हरीतकी में कई ऐसे औषधीय गुण मौजूद होते हैं, जो संयुक्त रूप से पाचन से संबंधित विकारों को दूर करने में मदद कर सकते हैं। वहीं, इसमें भूख बढ़ाने वाले और पाचक रसों की सक्रियता बढ़ाने वाले गुण भी मौजूद होते हैं। यही कारण है कि इसे पेट के लिए बेहतरीन औषधि माना जाता है (2)। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि हरड़ के फायदे में पाचन शक्ति में सुधार भी शामिल है।

5. अल्सर से बचाने में करता है मदद

हरीतकी का उपयोग मुंह और पेट के अल्सर को होने से रोक सकता है। बताया जाता है कि इसमें साइटोप्रोटेक्टिव (कोशिकाओं को नुकसान से बचाने वाला), एंटीबैक्टीरियल (बैक्टीरिया के प्रभाव को नष्ट करने वाला) के साथ ही एंटी-अल्सर (अल्सर को दूर करने वाला) प्रभाव मौजूद होते हैं। ये तीनों प्रभाव संयुक्त रूप से अल्सर की समस्या को दूर करने में सहयोगात्मक परिणाम प्रदर्शित कर सकते हैं (2)। इस कारण यह कहा जा सकता है कि हरीतकी अल्सर की समस्या से राहत पाने का एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकती है।

6. कब्ज को रखे दूर

कब्ज की समस्या से राहत दिलाने में भी हरीतकी का उपयोग लाभकारी परिणाम प्रदर्शित कर सकता है। जैसा कि हम लेख में पहले ही बता चुके हैं कि यह पेट के लिए एक टॉनिक की तरह काम करता है और पेट से जुड़ी कई समस्याओं को दूर करने में मददगार साबित होता है। वहीं, इस संबंध में एशियन पैसेफिक जर्नल द्वारा किए गए एक शोध में पाया गया कि कब्ज की समस्या में हरड़ खाने के फायदे हो सकते हैं (2)। इस कारण यह माना जा सकता है कि कब्ज की समस्या से जूझ रहे व्यक्ति को हरीतकी के सेवन से लाभ मिल सकता है।

7. उल्टी में दिलाए राहत

उल्टी की समस्या में भी हरड़ खाने के फायदे सिद्ध हो सकते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, हरीतकी में मौजूद औषधीय गुणों के कारण इसे बुखार, खांसी और खराश जैसी समस्या के साथ उल्टी आने की परेशानी में भी कुछ हद तक फायदेमंद माना गया है। हालांकि, यह किस प्रकार से इस समस्या में काम करती है और इसका कौन सा प्रभाव उल्टी की समस्या से राहत दिलाने में मदद करता है, इस बारे में अभी और शोध की आवश्यकता है (4)।

8. त्वचा से जुड़ी समस्याओं से बचाए

हरड़ खाने के फायदे में त्वचा संबंधी समस्याओं से राहत भी शामिल हैं। दरअसल, हरीतकी में एंटीबैक्टीरियल (बैक्टीरिया के प्रभाव को नष्ट करने वाला) और एंटीफंगल (फंगस को नष्ट करने वाला) प्रभाव के साथ-साथ शरीर को प्यूरीफाई यानी शुद्ध करने की क्षमता पाई जाती हैं, जो खून में मौजूद अशुद्धियों को दूर करने में मदद कर सकती है। इस कारण यह कहा जा सकता है कि ये तीनों प्रभाव संयुक्त रूप से त्वचा संबंधित कई समस्याओं से छुटकारा दिलाने में सहायक साबित हो सकते हैं (2)।

हरीतकी के फायदे जानने के बाद अब हम लेख के अगले भाग में बताएंगे कि औषधि के रूप में हरीतकी का उपयोग कैसे किया जा सकता है।

हरीतकी का उपयोग – How to Use Haritaki in Hindi

हरीतकी का उपयोग दो प्रकार से किया जा सकता है।

  • काढ़े के रूप में– काढ़े के रूप में हरीतकी को 20 से 30 मिली तक सुबह और शाम लिया जा सकता है।
  • चूर्ण के रूप में– चूर्ण के रूप में इसकी करीब पांच से छह ग्राम तक मात्रा का उपयोग किया जा सकता है।

हरीतकी का उपयोग जानने के बाद अब हम हरीतकी के नुकसान से जुड़ी जानकारी देने जा रहे हैं।

हरीतकी (हरड़) के नुकसान – Side Effects of Haritaki in Hindi

जैसा कि हमने पहले ही बताया है कि हरीतकी को औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, इसलिए इसका सेवन संतुलित मात्रा में ही किया जाना चाहिए। जल्दी फायदे के चक्कर में हरीतकी के नुकसान भी हो सकते हैं, जो इस प्रकार हैं:

  • इसमें मौजूद लैक्सेटिव प्रभाव (मल को पतला करने वाला) के कारण इसकी अधिक मात्रा दस्त की समस्या पैदा कर सकती है (2)।
  • वहीं, कुछ मामलों में इसकी अधिकता के कारण पेट में जलन और एसिडिटी की स्थिति पैदा हो सकती है (5)।
  • हालांकि, इस बात की वजह स्पष्ट नहीं है, लेकिन गर्भवती महिलाओं और पित्त की समस्या से ग्रस्त व्यक्तियों को हरीतकी का सेवन न करने की सलाह दी जाती है।

आयुर्वेद में हरीतकी को औषधीय गुणों का भंडार क्यों माना जाता है, इस बात को तो अब आप अच्छे से समझ ही गए होंगे। साथ ही आपको लेख के माध्यम से उन सभी समस्याओं के बारे में भी जानकारी मिल गई होगी, जिनमें हरीतकी का उपयोग लाभकारी परिणाम दे सकता है। ऐसे में अगर आप भी हरड़ खाने के फायदे पाना चाहते हैं, तो लेख में बताए गए तरीकों के अनुकूल ही इसे इस्तेमाल करें, लेकिन इस बात का ध्यान जरूर रखें कि यह बताई गई समस्या में केवल राहत पहुंचा सकती है, उसे जड़ से खत्म नहीं कर सकती। वहीं, स्वस्थ व्यक्ति को बीमार होने से बचा सकती है। इसलिए, किसी भी समस्या के पूर्ण इलाज के लिए डॉक्टरी परामर्श जरूर लें। साथ ही हरड़ के नुकसान पर ध्यान देना भी जरूरी है, ताकि हरीतकी का व्यापक लाभ मिल सके। इस संबंध में कोई अन्य सवाल हो, तो उसे नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में जरूर शेयर करें। हम वैज्ञानिक प्रमाण के साथ उसका जवाब देने का प्रयास करेंगे।

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फावा बीन्स (बाकला) के फायदे, उपयोग और नुकसान – Fava Bean Benefits and Side Effects in Hindi

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हरी सब्जियां कई प्रकार की होती हैं। इन्हीं में एक है, फावा बीन्स। स्टाइलक्रेज का यह लेख इस खास प्रकार की सब्जी पर ही आधारित है। यहां पाठक जान पाएंगे कि शरीर के लिए फावा बीन्‍स के फायदे क्या हैं? साथ ही फावा बीन्‍स का उपयोग किस प्रकार किया जा सकता है। साथ ही इस लेख में फावा बीन्‍स के नुकसान के बारे में भी बताया गया है, लेकिन पाठक इस बात का ध्यान रखें कि फावा बीन्‍स के गुण लेख में बताई गई किसी भी बीमारी का इलाज नहीं है। शारीरिक समस्या के लिए डॉक्टरी उपचार जरूरी है।

आइए, जान लेते हैं कि फावा बीन्स क्या है।

फावा बीन्स क्या है?

फावा एक प्रकार की बीन्स है, जिसे सब्जी के रूप में खाया जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम विसिया फाबा (Vicia faba) है। इसे क्षेत्रीय भाषा में बाकला के नाम से भी जाना जाता है। वहीं, अंग्रेजी में इसे ब्रॉड बीन्स से नाम से पुकारा जाता है (1)। भले ही इसके नाम से बीन्स शब्द जुड़ा हो, लेकिन यह सब्जी मटर के परिवार (Pea family) से संबंध रखती है। इतिहास बताता है कि रोमन और यूनानियों के आहार में इसकी एक लोकप्रिय भूमिका थी। इसके अलावा, इसमें प्रोटीन, फाइबर और विटामिन ए जैसे कई जरूरी पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो कई तरीके से शरीर को लाभ पहुंचाने का काम कर सकते हैं (2)। इससे होने वाले स्वास्थ्य लाभों को आगे लेख में बताया गया है।

अब बारी आती है फावा बीन्‍स के फायदे के बारे में जानने की।

फावा बीन्स के फायदे – Benefits of Fava Bean in Hindi

फावा बीन्स न सिर्फ खाने में स्वादिष्ट होती है, बल्कि फावा बीन्‍स के गुण भी कई हैं। नीचे हम फावा बीन्‍स के फायदे के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी देने की कोशिश कर रहे हैं।

1. पार्किंसन रोग के लिए फावा बीन्‍स के फायदे

पार्किंसन, तंत्रिका तंत्र से संबंधित एक बीमारी है। इस बीमार से पीड़ित व्यक्ति के शरीर में कंपन होता है, जिससे शारीरिक गतिविधियां प्रभावित होती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, यह समस्या तब होती है जब तंत्रिका कोशिकाएं डोपामाइन नामक मस्तिष्क रसायन का उत्पादन नहीं कर पाती हैं (3)। ऐसे में फावा बीन्‍स का उपयोग लाभकारी सिद्ध हो सकता है।

एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध के अनुसार, फावा बीन्स एल-डोपा और सी-डोपा (एक प्रकार के एमिनो एसिड) का अच्छा स्रोत है। शोध में कुछ पार्किंसन रोगियों को फावा बीन्‍स का सेवन कराया गया। इसके सेवन से उनके खून में एल-डोपा और सी-डोपा के स्तर में वृद्धि देखी गई। इतना ही नहीं इसके सेवन से बिना किसी दुष्प्रभाव के पार्किंसन रोगियों के मोटर स्किल (शारीरिक विकास के साथ-साथ चीजों को पकड़ने, सिर को सीधा रखने और मांसपेशियों का उपयोग करना) में सुधार भी हो सकता है (4)। आमतौर पर, लेवोडोपा का उपयोग पार्किंसंस रोग के उपचार के लिए डोपामाइन के रिप्लेसमेंट के रूप में किया जाता है (5)।

2. जन्म दोषों से बचाव के लिए फावा बीन्‍स के फायदे

गर्भावस्था के दौरान गर्भवती के शरीर में फॉलिक एसिड की कमी होने वाले शिशु में जन्म दोष का कारण बन सकती है (6)। जन्म दोष का प्रभाव शिशु के शारीरिक और मानसिक विकास पर पड़ सकता है (7)। ऐसे में शिशु के सही विकास के लिए गर्भवती महिला फावा बीन्स का सेवन कर सकती है। फावा बीन्स फोलेट का एक अच्छा स्रोत है। प्रति 100 ग्राम ब्रॉड बीन्स में 0.423 मिलीग्राम फोलेट होता है (8)। सावधानी के तौर पर गर्भवती को इसका सेवन करने से पहले किसी विशेषज्ञ या डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।

3. मधुमेह के लिए फावा बीन्‍स के फायदे

डायबिटीज की समस्या किसी को भी हो सकती है। ऐसे में जरूरी है कि खुद ध्यान रखा जाए। मधुमेह से बचाव के लिए फावा बीन्स मददगार साबित हो सकती है। एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, फावा बीन्‍स में मौजूद विसिने और डिवीसीन (Vicine and Divicine) नामक कंपाउंड के एंटी-डाइबिटिक गुण मधुमेह के लिए लाभकारी हो सकते हैं (1)।

4. कैंसर के लिए फावा बीन्‍स के फायदे

कैंसर एक प्राणघातक बीमारी है। ऐसे में इससे बचाव के लिए व्यक्ति को खुद का ध्यान रखना जरूरी है। कैंसर से बचाव के लिए फावा बीन्‍स लाभकारी हो सकती हैं। फावा बीन्स में एंटी-कैंसर गुण मौजूद होते हैं, जो खासकर पेट के कैंसर के खतरे को कम कर सकते हैं। इतना ही नहीं फावा बीन्स को पेट के कैंसर के उपचार के लिए सप्लीमेंट के तौर पर उपयोग किया जा सकता है (1)। ध्यान रखें कि यह कैंसर की स्थिति पर निर्भर करता है। इसके अलावा, कैंसर के लिए सिर्फ फावा बीन्स पर निर्भर रहना समाधान नहीं है। याद रखें कैंसर का एकमात्र इलाज डॉक्टरी उपचार है।

5. ब्लड प्रेशर के लिए फावा बीन्‍स के फायदे

फलियां पोटैशियम, मैग्नीशियम और फाइबर से भरपूर होती हैं। ये सभी पोषक तत्व रक्तचाप पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित रिसर्च पेपर के अनुसार, एक वैज्ञानिक शोध में 500 लोगों को शामिल किया गया। इनमें से आधे अधिक वजन वाले लोग थे, जिन्हें फलियां का सेवन कराया गया और उनमें रक्तचाप में कमी पाई गई। वहीं दूसरे अध्ययन के अनुसार, 113 मोटापे से ग्रस्त लोगों ने रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट खाद्य पदार्थों के स्थान पर 18 महीने तक प्रतिदिन दो सर्विंग फलियों और चार सर्विंग अनाज का सेवन किया। इनमें रक्तचाप, ट्राइग्लिसराइड्स (रक्त में मौजूद एक प्रकार का फैट) और वजन में कमी देखी गई (9)। ये अध्ययन फलियों पर किए गए थे। इसलिए, फावा बीन्स सीधे तौर पर कितनी फायदेमंद हो सकती हैं, इस पर अभी और शोध की आवश्यकता है।

6. वजन घटाने के लिए फावा बीन्‍स के फायदे

आहार, जिसमें नियमित रूप से फलियां शामिल हैं, वजन नियंत्रण में मदद कर सकती हैं। फलियों में फाइबर, प्रोटीन और धीरे-धीरे पचने वाले कार्बोहाइड्रेट होते हैं, जो पेट के भरे रहने का अहसास कराते हैं। नेशनल हेल्थ एंड न्यूट्रिशन एग्जामिनेशन सर्वे (NHANES) में देखा गया है कि फलियों का सेवन न करने वालों की तुलना में विभिन्न प्रकार की फलियों का सेवन करने वाले वयस्कों में शरीर का वजन कम था। इसके अलावा, जो व्यक्ति फलियों का सेवन करते हैं, उनमें मोटापे का जोखिम भी कम हो सकता है। इतना ही नहीं प्रमाण यह भी है कि मेडिटेरियन डाइट जिसमें – फलियां, फाइबर और मोनोअनसैचुरेटेड शामिल हैं, वजन कम करने में लाभकारी हो सकती है (9)।

7. कोलेस्ट्रॉल के लिए फावा बीन्‍स के फायदे

नियमित रूप से फलियों का सेवन करने से एलडीएल (LDL) यानि हानिकारक कोलेस्ट्रॉल के स्तर में कमी हो सकती है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध में 3 हफ्तों तक 10 लोगों ने फलियों का सेवन किया। इस परीक्षण में देखा गया कि फलियों का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल के स्तर में कमी हो सकती है।

इसके अलावा 31 व्यक्तियों पर किए गए एक अन्य परीक्षण से भी यह बात सिद्ध होती है। इसमें टाइप 2 मधुमेह वाले 31 व्यक्तियों को बिना किसी फली के आहार दिया गया। इसके अलावा, प्रति सप्ताह 3 दिन लाल मांस की दो सर्विंग्स की जगह पर भी फलियों का सेवन कराया गया है। इसके बाद शोधकर्ताओं ने फलिया खाने वाले व्यक्तियों में एलडीएल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स (ब्लड में मौजूद वसा) में तो सुधार देखा ही है। साथ ही ब्लड ग्लूकोज और इंसुलिन स्तर में भी सुधार पाया गया (9)। ध्यान रहे कि भले ही ये शोध फलियों के साथ तो किए गए हैं, लेकिन इसमें यह स्पष्ट नहीं है कि इसमें फावा बीन्स का उपयोग कितनी मात्रा में किया गया है। इसलिए, इस विषय में अभी और शोध की आवश्यकता है।

आगे जानिए फावा बीन्स के पौष्टिक तत्वों के बारे में, जो इसे इतना लाभकारी बनाते हैं।

फावा बीन्स के पौष्टिक तत्व – Fava Bean Nutritional Value in Hindi

नीचे हम फावा बीन्स के पौष्टिक तत्वों की सूची साझा कर रहे हैं (10)।

पोषक तत्व प्रति 100 ग्राम
कोलीन 95.8 मिलीग्राम
फोलेट 423.00 माइक्रोग्राम
नियासिन 2.832 मिलीग्राम
राइबोफ्लेविन 0.333 मिलीग्राम
थियामिन 0.555 मिलीग्राम
विटामिन ए 53.00 आईयू
विटामिन ए, आरएई 3.00 माइक्रोग्राम
विटामिन बी 6 0.366 मिलीग्राम
विटामिन सी 1.4 मिलीग्राम
विटामिन ई 0.05 मिलीग्राम
टोकोफेरोल, अल्फा 0.05 मिलीग्राम
विटामिन के 9.0 माइक्रोग्राम
कैल्शियम 103.00 मिलीग्राम
आयरन 6.70 मिलीग्राम
मैग्नीशियम 192 मिलीग्राम
मैंगनीज 1.626 मिलीग्राम
फास्फोरस 421मिलीग्राम
पोटैशियम 1062 मिलीग्राम
सेलेनियम 8.2 माइक्रोग्राम
सोडियम 13 मिलीग्राम
जिंक 3.14 मिलीग्राम
प्रोटीन 26.12 ग्राम
कार्बोहाइड्रेट 58.29 ग्राम
फाइबर 25.0 ग्राम
शुगर 5.70 ग्राम
फैट 1.53 ग्राम
पानी 10.98 ग्राम

आगे जानते हैं कि फावा बीन्‍स का उपयोग कैसे किया जा सकता है।

फावा बीन्स का उपयोग – How to Use Fava Bean in Hindi

अगर फावा बीन्‍स के फायदे चाहते हैं, तो फावा बीन्‍स का उपयोग भी सही तरीके से करना जरूरी है। इसलिए, नीचे हम फावा बीन्‍स का उपयोग कैसे किया जा सकता है, उस विषय में जानकारी दे रहे हैं।

  • फावा बीन्स को आलू के साथ सब्जी बनाकर रात या दोपहर के भोजन के साथ लिया जा सकता है।
  • फावा बीन्स को प्याज और टमाटर के साथ भी सब्जी बनाकर सेवन किया जा सकता है।
  • सुबह या शाम फावा बीन्स को सलाद में उपयोग कर सेवन किया जा सकता है।
  • सुबह या शाम फावा बीन्स से बने सूप का भी सेवन किया जा सकता है।

नोट : कभी-कभी सब्जी, सूप या अन्य तरीकों से इसका सेवन किया जा सकता है। वहीं, अगर फावा बीन्स की मात्रा की अगर बात करें, तो यह व्यक्ति की उम्र और स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। इसे कितनी मात्रा में सेवन करना है, इसके लिए डॉक्टर या विशेषज्ञ से सलाह लेना बेहतर है।

ज्यादा सेवन से फावा बीन्‍स के नुकसान भी हो सकते हैं, जिसके बारे में हम लेख के अगले भाग में जानकारी दे रहे हैं।

फावा बीन्स से नुकसान – Side Effects of Fava Bean in Hindi

बीन्‍स के नुकसान बताकर हमारा अपने पाठकों को डराने का उद्देश्य नहीं है। हम नुकसान इसलिए बता रहे हैं, ताकि फावा बीन्‍स का उपयोग व्यक्ति सावधानी से करे।

ग्लूकोज-6-फॉस्फेट डिहाइड्रोजनेज (G6PD-एक प्रकार का एंजाइम) की कमी से हीमोलिटिक एनीमिया हो सकता है। इसमें लाल रक्त कोशिकाएं समय से पहले टूटने (Breakdown) लगती हैं (11)। वैसे तो हीमोलिटिक एनीमिया की समस्या अनुवांशिक है, लेकिन कभी-कभी यह समस्या फावा बीन्स के सेवन से भी हो सकती है (12)।

  • अगर कोई पहली बार फावा बीन्स का सेवन कर रहा है, तो इसका कम मात्रा में ही सेवन करें। खासतौर पर वो व्यक्ति जिन्हें नए खाद्य पदार्थों से फूड एलर्जी का जोखिम रहता हो।
  • ध्यान रहे कि गर्भावस्था में फावा बीन्स के सेवन से पहले डॉक्टर की सलाह लें। गर्भावस्था के दौरान जरूरत से ज्यादा फावा बीन्स के सेवन से नवजात शिशु में ग्लूकोज-6-फॉस्फेट डिहाइड्रोजनेज (G6PD) की कमी हो सकती है। इससे हिमोलिटिक एनीमिया का खतरा हो सकता है (13)।

फावा बीन्‍स के फायदे अनेक है। अगर फावा बीन्स को सही मात्रा और तरीके से उपयोग किया जाए, तो यह एक लाभकारी आहार हो सकता है। हमारी कोशिश यही रही कि इस लेख के माध्यम से हम पाठकों तक फावा बीन्स की ज्यादा से ज्यादा जानकारी पहुंचा सकें। अगर फिर भी फावा बीन्स या फावा बीन्‍स के नुकसान से संबंधित कोई सवाल हो, तो उसे नीचे दिए कमेंट बॉक्स के जरिए बेझिझक हमारे साथ शेयर करें। हम उसका जल्दी से जल्दी जवाब देने की पूरी कोशिश करेंगे, तब तक के लिए फावा बीन्‍स के फायदे और फावा बीन्‍स का उपयोग से संबंधित इस लेख को ज्यादा से ज्यादा लोगों के साथ शेयर करें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या फावा बीन्स को कच्चा खाया जा सकता है?

हां, फावा बीन्स को कच्चा खाया जा सकता है, लेकिन बेहतर है इसे पकाकर खाया जाए। इसमें लेक्टिन मौजूद होता है (14), अगर यह सही तरीके से न पका हो, तो इससे उल्टी, पेट दर्द व मतली जैसी समस्या हो सकती हैं।

फावा बीन्स, लिमा बीन्स से कैसे अलग हैं?

ये दोनों एक ही परिवार से संबंधित हैं। ये बनावट और पकाने की प्रक्रिया के मामले में भिन्न हैं। लीमा बीन्स को छीलना नहीं पड़ता है। इसके अलावा, लिमा बीन्स पकाए जाने के बाद फावा बीन्स जैसे कड़े नहीं होते हैं।

कुछ लोकप्रिय भाषाओं में फवा बीन्स को क्या कहा जाता है?

इसे अंग्रेजी में फावा बीन्स के अलावा ब्रॉड भी कहा जाता है, जबकि हिंदी में बाकला और स्पेनिश में हाबस (Habas) कहा जाता है।

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Things That We All Think About During The Last Week of 2019

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Having the last month of the year, December, come and knock on your door is exciting and frightening at the same time. This we’re saying because, we’re so glad the month of joy, the month of Christmas is finally here. It’s the time when we make others happy and gift joy to everyone around. It’s also the month where the temperatures drop, the sweaters come out, and the duration of cuddles increase. Now coming to the frightening part, it scares us because this is when we realize that another beautiful year has come to an end. The end of a new year makes us feel like the year flew by so quickly that in fact, you find yourself feeling like you had very little time to do everything that you had planned for the year.

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And while we keep ourselves engrossed in the Christmas celebrations, most of us cannot help but sit and recollect the year that has passed by. We begin to have this flashback of all the good and bad memories that we lived this year. We begin to take note of things that we managed to achieve and things we just couldn’t. We’re sure some of you will agree that most of us start thinking and recollecting about the year gone by way too seriously especially during the last week of this year 2019. It’s the last week of the decade after all. Here’s a quick low-down of all the things we might be thinking about during this last week of 2019.

1. First Of All, You Cannot Believe It

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A majority of us live a sedentary life and this kind of a living keeps us so engrossed in our work and other commitments that we seldom make a note of the days that are running by. All we thought about was to go on a solo vacay maybe; we’ve been postponing it every single month and we’ve reached December already! And yes, we cannot believe it!

2. You Evaluate What Great Things You’ve Done All Year Long

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For those who could get at least two points to evaluate — great job you! And for those who’ve been thinking about what great they’ve done for two hours straight and have arrived at nothing — we feel you bruh! You might become a little sad that you wasted a fruitful year.

3. Recoil Mode ON: “Going To Make Every Single Day Count”

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And just when you find yourself recovering from the tad bit of sadness that you landed yourself in, you become motivated. You decide to take on every single day of the new year and make it fruitful and worthy of living. And in your head you’re like, “I swear I’ll do it.” You tell yourself that you will be a more determined person the next year who’s going to stick to everything and stay committed.

4. The Beginning Of Resolutions

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The end of the third listed thought marks the beginning of making resolutions for the coming New Year. I will get into shape. I will become a vegan. I will write a book. I will not smoke. I will not drink. I will stay focused on work. I will save every month. I will travel at least once a month. I will contribute to an NGO. I will become more active. Woohoo! It’s on!

Wishing you all the best for whatever your resolution is this New Year that marks the start of the new decade.

5. The Creation Of Your Bucket List

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Some of them think that creating a resolution is equal to creating a bucket list. But they are two different things, right? Never mind, whatever keeps you in the positive spirit to start the new year. So, what’s on your bucket list this New Year? A trip to Leh? Trek to a mountain? Visit a world wonder? Tip: let the bucket list be lengthy so you have plenty of options if you want to tick off at least a few of them.

6. You Remember Last Year’s Resolutions That You Failed At Badly

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So much of planning for the New Year makes you wonder if you successfully stuck to the resolutions you had made for the present year. If you’re someone who had decided to write your journal everyday but haven’t written more than two pages, we might be sailing on the same boat.

7. You Reminisce All The Beautiful Moments The Year Has Given You

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You must have experienced unconditional love, some hatred too, and lots of care and attention from different people in a single year. You might have across many new people who taught you beautiful valuable lessons of life. Some of us might have found love; some of us might have found freedom or peace. The last week of the year is when we recall all these emotions that touched our heart this year.

Last but not least, you’ll realize the value of money the most during the last week of the year. New Year celebrations are expensive! You have to go shopping for that sequin dress and attend that happening party. If that thought is dominating your mind consider the mellow route. Because, being at home with your friends and family, and watching an old 80s movie together is a great and inexpensive new year’s eve too.

It’s a nice habit to recall things before beginning a new year, don’t you think? What all do you recall? How did 2019 treat you? Let us know in the comments below.

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जिलेटिन के फायदे, उपयोग और नुकसान – Gelatin Benefits and Side Effects in Hindi

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जानवरों पर शोध करके उनसे कई प्रकार के फायदेमंद कंपाउंड प्राप्त किए जाते हैं। उन्हीं में से एक जिलेटिन है। आमतौर पर जिलेटिन का उपयोग जेली और गम कैंडी बनाने के लिए किया जाता है। साथ ही इसमें पाए जाने वाले गुणों और पोषक तत्वों की वजह से इसका उपयोग कई बीमारियों को दूर करने के लिए भी किया जाता रहा है। स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल में हम जिलेटिन के बारे में विस्तार से बता रहे हैं। साथ ही हम लेख में जिलेटिन पाउडर के फायदे, उपयोग और नुकसान के बारे में भी जानेंगे। जिलेटिन स्वास्थ्यवर्धक है और यह बीमारियों के कुछ लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। वहीं, संपूर्ण इलाज के लिए डॉक्टर से चेकअप करवाना जरूरी है।

आइए, सबसे पहले जिलेटिन के बारे में जान लेते हैं कि इसे कहां से प्राप्त किया जाता है।

जिलेटिन क्या है? – What is Gelatin in Hindi

जिलेटिन एक प्रकार का प्रोटीन है, जिसे जानवरों के मांस, हड्डियों व कनेक्टिव टिशू से निकले कोलेजन अर्क से प्राप्त किया जाता है (1)। यह पारदर्शी, स्वादहीन और रंगहीन पदार्थ होता है। जिलेटिन का उपयोग त्वचा की समस्याओं और जोड़ों के दर्द को दूर करने के लिए किया जाता है। इसके अलावा, यह ऑस्टियोअर्थराइटिस (जोड़ों के बीच के तरल का खत्म होना), गठिया, एनीमिया (रेड ब्लड सेल्स की कमी), ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों का कमजोर होना) और कमजोर नाखून जैसी कई समस्याओं के लक्षणों को कम करने में कारगर हो सकता है। साथ ही हम बता दें कि इसके इन उपयोगों का कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं है। फिर भी जिलेटिन का उपयोग उपरोक्त समस्याओं को दूर करने के साथ ही खाद्य पदार्थों, सौंदर्य प्रसाधनों और दवाइयां बनाने में किया जाता है (2)।

जिलेटिन को जानने के बाद इससे होने वाले फायदों के बारे में चर्चा कर लेते हैं। 

जिलेटिन के फायदे – Benefits of Gelatin in Hindi 

जिलेटिन में पाए जाने वाले औषधीय गुणों के कारण इसका उपयोग खाद्य पदार्थ के अलावा कुछ स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए भी किया जा सकता है। यहां हम स्वास्थ्य के लिए जिलेटिन के कुछ प्रमुख फायदों के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।

1. वजन कम करने के लिए जिलेटिन के फायदे

जिलेटिन का सेवन वजन को कम करने के लिए मददगार हो सकता है। दरअसल, इसमें प्रोटीन की अच्छी मात्रा पाई जाती है। ब्राजील के एक शोध केंद्र के अनुसार, प्रोटीन आसानी से नहीं पचता और इसके सेवन से भूख भी कम लगती है। इससे हर समय कुछ भी खाने-पीने की इच्छा कम होती है, जिससे वजन बढ़ने की प्रक्रिया थम जाती है और धीरे-धीरे वजन कम होने लगता है (3)। जिलेटिन के सेवन से न सिर्फ वजन को नियंत्रित किया जा सकता है, बल्कि इसकी मदद से वजन को कम करने में भी मदद मिल सकती है।

2. जोड़ों के दर्द के लिए (Osteoarthritis) 

क्या आप मान सकते हैं कि जेली और अन्य खाद्य पदार्थ में उपयोग होने वाला जिलेटिन जोड़ों के दर्द को दूर करने लिए भी कारगर है?‌ संभवत नहीं, लेकिन यह सच है। एनीसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफार्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध के अनुसार, जिलेटिन में पाया जाने वाला कोलेजन ऑस्टियोपोरोसिस के उपचार के साथ ही जोड़ों के दर्द में भी मददगार साबित हो सकता है (4)।

3. डायबिटीज को कम करने के लिए जिलेटिन के फायदे 

मधुमेह की समस्या बहुत आम हो गई है और लोग इसके उपचार के लिए कई प्रकार के उपाय भी करते रहते हैं। बता दें कि एनआईएच (नेशनल इंस्टिटयूट ऑफ हेल्थ) में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, मछली से प्राप्त होने वाले जिलेटिन में ओमेगा-3 पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड पाया जाता है। यह कई समस्याओं के साथ ही इंसुलिन की सक्रियता को बढ़ाकर टाइप-2 डायबिटीज को नियंत्रित करने में कुछ हद तक फायदेमंद हो सकता है (5)। साथ ही ध्यान रहे कि अगर कोई डायबिटीज से पीड़ित है, तो वह डॉक्टर की सलाह पर ही घरेलू उपचार का इस्तेमाल करे और दवा का सेवन करना न छोड़े।

4. नाखूनों के विकास के लिए 

अगर नाखूनों का पतलापन, उनका कमजोर और बेजान होना जैसी नाखूनों की विकास संबंधी समस्या है, तो इन समस्याओं से छुटकारा दिलाने में जिलेटिन फायदेमंद हाे सकता है। जर्नल ऑफ द सोसाइटी ऑफ कॉस्मेटिक केमिस्ट द्वारा किए गए एक शोध के अनुसार, इसमें पाया जाने वाला अमीनो एसिड न सिर्फ नाखूनों के विकास में सहायक हो सकता है, बल्कि यह नाखूनों की कई समस्या को दूर करने में भी आपकी मदद कर सकता है (6)।

5. दांतों के लिए जिलेटिन के फायदे 

स्वस्थ दांतों के साथ ही कैविटी जैसी दांतों की समस्या से बचाए रखने में भी जिलेटिन फायदेमंद हो सकता है। यूएसडीए (यूनाइटेड स्टेट डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर) के अनुसार, जिलेटिन में प्रोटीन की अच्छी मात्रा पाई जाती है (7)। वहीं, एनसीबीआई में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, प्रोटीन को दांतों की कई बीमारियां दूर करने के लिए फायदेमंद माना गया है। यह न सिर्फ कैविटी से दांतों की रक्षा करता है, बल्कि सड़न और बैक्टीरिया की वजह से दांतों के इनेमल को क्षतिग्रस्त होने से भी रोक सकता है (8)। इस कारण यह कहा जा सकता है कि जिलेटिन का उपयोग दांतों के लिए लाभकारी साबित हो सकता है।

6. अच्छी नींद के लिए 

अनिद्रा की समस्या को दूर करने और नींद के समय को बढ़ाने में जिलेटिन लाभदायक साबित हो सकता है। एनसीबीआई में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, इसमें ग्लाइसिन नामक घटक पाया जाता है (9)। वहीं, एक अन्य शोध में जिक्र मिलता है कि ग्लाइसिन का उपयोग चिकित्सकीय विकल्प के रूप में नींद की समस्या को दूर करने के साथ ही नींद की गुणवत्ता में सुधार के लिए भी किया जा सकता है। यह न सिर्फ अनिद्रा की समस्या को दूर कर सकता है, बल्कि नींद को लम्बे समय तक बरकरार रखने में भी मदद कर सकता है (10)।

7. अच्छे पाचन के लिए 

पाचन की समस्या को दूर करने के लिए जिलेटिन एक अच्छा खाद्य पदार्थ हो सकता है। एनसीबीआई में प्रकाशित शोध के अनुसार, इसमें पाया जाने वाला टैनिक एसिड न सिर्फ दस्त को दूर करने में मदद कर सकता है, बल्कि उल्टी और आंतों की कई समस्याओं से राहत दिला पाचन में सुधार करने में भी मदद कर सकता है (11)।

8. त्वचा के लिए जिलेटिन के फायदे 

स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को दूर करने के साथ ही जिलेटिन त्वचा संबंधी कई समस्याओं को ठीक करने में भी मदद कर सकता है। यूएसडीए के अनुसार, यह विटामिन-सी और प्रोटीन का अच्छा स्रोत होता है (7)। फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के अनुसार, स्वस्थ त्वचा और उसके सेल्स को बनाए रखने के लिए प्रोटीन की प्रमुख भूमिका हो सकती है (12)। वहीं, एनसीबीआई की ओर से प्रकाशित शोध के अनुसार, विटामिन-सी त्वचा को संक्रमण से बचाने के साथ ही इसे पर्याप्त पोषण प्रदान कर सकता है (13)।

9. बालों के लिए 

बालों के विकास और उनकी सुरक्षा के लिए जिलेटिन फायदेमंद हो सकता है। इसमें प्रोटीन और विटामिन-सी की मात्रा पाई जाती है (7)। प्रोटीन बालों के सूखेपन को दूर करने के साथ ही उन्हें टूटने से रोकता है। वहीं, विटामिन-सी बालों को झड़ने से रोकता है और उन्हें लंबा व घना बनाने में मदद कर सकता है (14)।

जिलेटिन के फायदों को जानने के बाद आगे हम इसके पोषक तत्वों के बारे में बता रहे हैं।

जिलेटिन के पौष्टिक तत्व – Gelatin Nutritional Value in Hindi 

जिलेटिन में पाए जाने वाले पोषक तत्व सेहत के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। नीचे तालिका के जरिए जानते हैं इसके पोषक तत्वों के बारे में (7):

पोषक तत्व मात्रा प्रति 100 ग्राम
कैलोरी 381 kcal
प्रोटीन 9.52 ग्राम
कार्बोहाइड्रेट 0.09 ग्राम
शुगर 85.71 ग्राम
मिनरल्स
सोडियम 357 मिलीग्राम
विटामिन
विटामिन सी 42.9 मिलीग्राम

पाेषक तत्वों को जानने के बाद अब हम बात करते हैं इसके उपयोग के बारे में। 

जिलेटिन का उपयोग – How to Use Gelatin in Hindi 

चिकित्सा के क्षेत्र में जिलेटिन पाउडर का उपयोग कैप्सूल को कोटिंग करने और कॉस्मेटिक्स के निर्माण के लिए किया जाता है (2)। इसके अलावा, जिलेटिन को कुछ अन्य तरीकों से भी उपयोग किया जा सकता है, जो इस प्रकार हैं (15):

  • जिलेटिन पाउडर का उपयोग बाजार में पाई जाने वाली कैंडीज को बनाने के लिए भी किया जाता है।
  • मार्शमैलो (शुगर की मीठी कैंडी) बनाने में इसका उपयोग किया जाता है।
  • जिलेटिन के उपयोग से केक को सजाया जा सकता है।
  • आईसक्रीम बनाने के लिए भी जिलेटिन का उपयोग किया जा सकता है।

कब खा सकते हैं: चूंकि, जिलेटिन रंगहीन और स्वादहीन होता है, इसलिए अगर आप ऐसे ही खाएंगे, तो यह आपके मुंह का स्वाद खराब कर सकता है। इसका उपयोग ऊपर दिए हुए खाद्य पदार्थों के रूप में कभी कर सकते हैं।

कितनी मात्रा में करें उपयोग: इसका उपयोग 10 ग्राम तक प्रतिदिन किया जा सकता है (2)। फिर भी इसकी मात्रा के बारे में एक बार आहार विशेषज्ञ की सलाह लेना जरूरी है।

जिलेटिन के उपयाेग के बाद जानते हैं इससे होने वाले नुकसान के बारे में। 

जिलेटिन के नुकसान – Side Effects of Gelatin in Hindi 

जरूरी नहीं कि जिलेटिन फायदेमंद ही रहे। कई बार इसके नुकसान भी देखने में आ सकते हैं। इससे होने वाले नुकसान कुछ इस प्रकार हैं।

  • जिन लोगों को जिलेटिन से एलर्जी हो उन्हें इससे दूर ही रहना चाहिए। नहीं तो इसके कुछ दुष्परिणाम हो सकते हैं (16)।
  • दस्त के दौरान जिलेटिन से बने पदार्थों से बचना चाहिए, क्योंकि यह दस्त की स्थिति को बिगाड़ सकता है (17)।
  • एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, इसका अधिक सेवन लिवर और किडनी से संबंधित समस्याएं पैदा कर सकता है (18)।

इस आर्टिकल के माध्यम से आपने जिलेटिन के उपयोग, फायदे और नुकसान के बारे में जाना। आपने पढ़ा कि किस प्रकार से जिलेटिन को प्राप्त किया जाता है। साथ ही किस प्रकार से इसका उपयोग खाद्य पदार्थों के साथ-साथ इसमें पाए जाने वाले औषधीय गुणों की वजह से सेहत और त्वचा के लिए भी किया जा सकता है। अगर आपने आर्टिकल को पढ़ कर इसे अपनी डाइट में शामिल करने का मन बना लिया है, तो पहले आपको अपने डॉक्टर से परामर्श कर लेना चाहिए। जिलेटिन की जानकारी बताता यह आर्टिकल आपके लिए किस प्रकार से उपयोगी रहा नीचे दिए कमेंट बॉक्स के जरिए हमें जरूर बताएं। साथ ही अगर आप जिलेटिन के संबंध में कुछ और पूछना चाहते हैं, तो अपने सवान हमारे साथ शेयर कर सकते हैं। हम प्रमाण सहित जवाब देने का प्रयास करेंगे।

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7 Times Indian Actors Left Their Successful TV Careers For Bollywood & It Didn’t Work Out Well

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The Indian entertainment industry is forever growing because the need for entertainment in the country too is forever demanding. And many might think that making a career in the entertainment industry is a piece of cake, and if you click once, you’ll continue to click in all genres, be it on small screen or on the big screen. There are many artists who struggled and made it big on the television screen. They were loved by the aam janta so much that these very successful television actors and actresses thought that they would receive the same love when they tried their luck in the tinsel town, the Bollywood! They quit their TV careers when they were at the peak only to venture into Bollywood and make it big even there. Sadly, Bollywood world isn’t that welcoming to all; while for some the leap of faith worked out well, for some it just didn’t! Here’s a list of actors who quit their television acting careers to enter Bollywood and it didn’t work in favor of them. Read on.

1. Rajeev Khandelwal

Rajeev Khandelwal

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You must remember him from the television serial, Kahiin To Hoga. This show was a huge hit and he became the heartthrob of the television industry for quite some time because of it. He later worked in a few more television shows and played the lead in this show titled Left Right Left. He quit the show midway to embark on his journey to the Bollywood industry. His first Bollywood movie, Aamir was released in the year 2008. His acting skills were applauded; however, the movie being a serious one was a flop at the box office. Ever since then, he’s seen in a couple of other films but none of them got the “hit” status.

2. Aamna Sharif

Aamna Sharif

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This beautiful television actress won hearts instantly when she was seen playing the female lead opposite Rajeev Khandelwal in Kahiin Toh Hoga. Just when she could have experimented with some more shows in the television industry, the Bollywood bug bit her. She starred in two Bollywood films, both released in the same year. She was seen cast opposite to Aftab Shivdasani in both her movies; sadly, both didn’t work out well. And let’s just conclude by saying that her Bollywood career ended even before it could take a flight.

3. Karan Singh Grover

Karan Singh Grover

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He was every teen girl’s dream boyfriend when he debuted on television with the serial, Kitni Mast Hai Zindagi. Girls crushed over him when he played Dr. Armaan Malik in the serial Dill Mill Gayye. He wanted to venture into Bollywood after having done successful television shows. Even we might think that at that stage of his career it was okay for him to dream big. He’s so far worked in four Bollywood movies and hasn’t been lucky with the industry in spite of marrying the well-established B-town actress Bipasha Basu.

4. Hansika Motwani

Hansika Motwani

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Unlike others, Hansika’s case is different. She started acting in television serials right from her school days. The millennials will definitely remember her from the kids’ serial Shaka Laka Boom Boom. She marked her Bollywood debut as a child artist alongside Bollywood’s macho man, Hrithik Roshan. She wanted to play the female lead and attain the heroine status in the Bollywood industry. However, Hansika made the blunder of starting opposite Himesh Reshammiya in the movie Tera Surroor instead of waiting for a better opportunity. She constantly tried to make comebacks with many movies but only failed. Hansika found her fame in the South Indian film industries and has acted alongside many popular actors as the female lead.

5. Rannvijay Singh

Rannvijay Singh

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He was the winner of the first-ever season of Roadies, he later went on to host the same reality show for several seasons and even donned the VJ (Video Jockey) role on MTV. He then tried his luck in Bollywood starring alongside big names like Akshay Kumar and Aishwarya Rai Bachchan. He’s mostly played the side characters in a number of Bollywood movies and none worked out well for him. He then returned to where it all began, the Roadies show; but this time as a judge.

6. Prachi Desai

Prachi Desai

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She was one of those bubbly, cute actresses of the Indian television industry during her time. Prachi was adored for her lead role in the TV show Kasamh Se. Then she too just like others quit the show midway to enter the tinsel town. In spite of starting in big-budget movies like Rock On and Once Upon A Time In Mumbai, the actress still hasn’t been able to bag good roles in good movies. We can call her a struggling actor as of now.

7. Manish Paul

Manish Paul

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Manish Paul can be called as one of people’s favorite TV hosts ever. His comic timing is so unique that it leaves all his spectators laughing till the tummy hurts. He’s even hosted a couple of award shows both for the television industry and the Bollywood industry. Bollywood loves entertainment and everybody thought that Manish would perfectly fit in the tinsel world. However, his first stint in Bollywood, the movie Micky Virus tanked big time! After having tried his luck in a couple of other movies, he’s back to where he belongs, the television.

These are just some of the actors from a swarm of many. As much as we cannot help notice their failed attempts in making a name in the Bollywood industry, we sincerely hope that they find their place soon or return to being loved in the television industry. Have you ever taken huge risks in your career? Did it work? Let us know in the comments below.

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हैप्पी न्यू ईयर –न्यू ईयर की शायरी, मैसेज और कोट्स – Happy New Year Wishes in Hindi

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हर बीता साल कई तजुर्बे दे कर जाता है और नया साल अपने साथ नई उम्मीदें लिए आता है। यह एक कारण है कि नए साल का स्वागत हर्ष और उल्लास के साथ किया जाता है और इस खुशी को सभी के साथ बांटने के लिए लोग एक दूसरे को हैप्पी न्यू ईयर मैसेज भी भेजते हैं। वैसे अगर आप हैप्पी न्यू ईयर मैसेज को थोड़ा क्रिएटिव बनाना चाहते हैं, तो अपने दोस्त-रिश्तेदारों को न्यू ईयर शायरी भेजकर नए साल की शुभकामनाएं दे सकते हैं। यहां हम आपकी मदद कर सकते हैं, क्योंकि स्टाइलक्रेज आपके लिए लेकर आया है हैप्पी न्यू ईयर शायरी। इनमें में किसी भी एक या अधिक हैप्पी न्यू ईयर शायरी का चुनाव करें और अपनों को भेज डालिए। ये न्यू ईयर की शायरी आप अपने माता-पिता, भाई-बहन, पति-पत्नी व दोस्त आदि किसी को भी भेज सकते हैं।

नीचे पढ़िए नव वर्ष 2020 के लिए न्यू ईयर शायरी।

1. सजी रहे यारों की महफिल
रहो हर वक्त तुम खुशहाल
बरसे तुम पर खुदा की रहमत
मुबारक को ये नया साल।
नये साल की शुभकामनाएं

2. नव वर्ष लाए आपके जीवन में खुशियां हजार
सफलता कदम चूमे और फले फूले कारोबार
देते हैं नव वर्ष की ढेरों शुभकामनाएं आपको
बना रहे हर वक्त आप पर ईश्वर का उपकार।
हैप्पी न्यू ईयर

3. नए साल में जो आप चाहें वो मिल जाए
आपकी किस्मत के सारे ताले खुल जाएं
खुदा बनाए आप पर ऐसी मेहर
चांद-सितारे भी आपके आगे झुक जाएं।
हैप्पी न्यू ईयर, दोस्त

4. दिल में नई उमंग लिए
आंखों में नए ख्वाब लिए
नया साल का करो स्वागत
मन में नया विश्वास लिए।
नये साल की शुभकामनाएं

5. गुजरते साल ने सिखाए कई पाठ
आपने दिया हर कदम पर मेरा साथ
आपका हमारा साथ कभी न छूटे
प्रेम का ये बंधन कभी न टूटे।
आपको नये साल की शुभकामनाएं

6. खुशियां आपके कदम चूमे
कभी न कोई गम आपको सताए
हमारे बीच कभी रहे न कोई खटास
नए साल में माफ करें सारी खताएं।
हैप्पी न्यू ईयर, मित्र

7. नए साल का ये नया है वादा
खुशियां मिलें आपको जरूरत से ज्यादा
ये नया साल होगा सफलता से भरपूर
मुश्किल पार करने का करो इरादा।
हैप्पी न्यू ईयर।

This is the promise of new year

Shutterstock

8. दिन बदले, महीने बदले
बदल गया एक पूरा साल
जो न बदला, न बदलेगा
वो है दिल में आपका ख्याल।
हैप्पी न्यू ईयर, डियर

9. नए साल के सपने आंखों में सजाए
बीते साल के गमों को दिलों से मिटाए
ईश्वर आपको रखे सदा सुखी
हम देते हैं आपको दिल से दुआएं।
नये साल की शुभकामनाएं, दोस्त।

10. नया साल लाया नया दिन, नया सवेरा
सूरज देखे आपकी तरफ हटा कर अंधेरा
यूं ही मुस्कुराते रहें आप इस साल भी
ये दुआएं देता है आपको दिल ये मेरा।
हैप्पी न्यू ईयर, डिअर

11. 2019 के कैलेंडर को अब उतार दो
नए साल के कैलेंडर से दीवार को संवार दो
पुरानी बातें भूल, द्वार खड़ी है अभिलाषाएं नई
नए साल में अपने दुश्मनों को भी प्यार दो।
नये साल की शुभकामनाएं, दोस्त।

12. नव वर्ष लाया है नई बहार
पुलकित है मन, दिलों में है प्यार
तुम्हें नया साल मुबारक हो मेरे यार।
हैप्पी न्यू ईयर, मित्र

13. गुलों की खुशबू आपको मुबारक
चांद की चांदनी आपको मुबारक
सूरज हमेशा चमकता रहे किस्मत में आपकी
नए साल की आपको सौगात मुबारक।
नये साल की शुभकामनाएं, दोस्त।

Happy scent of clans

Shutterstock

14. बड़े प्यार से लिखा है आपके लिए नए साल का संदेश
आशा में हमारी, आपका हर दिन खास, हर पल हो विशेष
यह नया साल घोल दे, आपके जीवन में इतनी मिठास
जैसे खाते ही मुंह में घुल जाती है बंगाली सोंदेश।
हैप्पी न्यू ईयर।

15. हर अंत एक नई शुरुआत का इशारा होता है
जीवन के हर पग पर हमें अपनों का सहारा होता है
ये बीतता साल भी आपके जीवन का नया अध्याय बने
अपनों के प्यार के साथ लिखा हर अध्याय सुनहरा होता है।
हैप्पी न्यू ईयर, दोस्त

16. आपको नये साल की शुभकामनाएं देते हैं
नए साल में आपको नई दुआएं देते हैं
आप हमेशा यूं ही हंसते मुस्कुराते रहें
हम आपको अपनी सारी वफाएं देते हैं।
हैप्पी न्यू ईयर, डिअर

17. नई सुबह आपके जीवन में नई उम्मीद लाए
नया सूरज जीवन को नई किरणों से जगमगाए
आपको मिले एक खूबसूरत कल का वादा
हमने आपके लिए हैं सुनहरे सपने सजाए।
नये साल की शुभकामनाएं, मित्र।

18. दिल में ख्वाबों के दीये जलाएं
बन जाए अपने सभी पराए
न भटके चिंता आसपास भी
खुशियां आपकी लें बलाएं
नये साल की शुभकामनाएं।

19. साल नया है, उम्मीदें नई हैं
उत्साह नया है, तरंगे नई हैं
जोश नया है, आशाएं नई हैं
एहसास नया है, खुशियां नई हैं।
इस नए साल में आपको पुराने दोस्त की ओर से हैप्पी न्यू ईयर।

20.दुआ है इस साल आपके सारे सपने हकीकत बन जाएं
आप पर आई सभी परेशानियां बरकत बन जाएं
अगर रूठा हो खुदा आपसे किसी बात पर
तो इस साल उसकी सारी नाराजगी भी रहमत बन जाए।
हैप्पी न्यू ईयर, दोस्त।

21. चिराग जगमगाएं आपकी राहों में
फूल खिलते रहें आपकी बाहों में
नव वर्ष में ये दुआ है मेरी
सितारे चमचमाएं आपकी निगाहों में।
हैप्पी न्यू ईयर, डिअर।

22. नया साल लाया है नया सवेरा
हो जाए आपके जीवन से दूर अंधेरा
आप हमेशा रहे स्वस्थ और खुशहाल
यही कामना करता है दिल ये मेरा।
हैप्पी न्यू ईयर, डिअर।

23. नव वर्ष में बना रहे बप्पा का आशीर्वाद
जीवन में बनी रहे मिठास जैसे गुड़ का स्वाद
आपने दिया है जिंदगी के हर पड़ाव पर साथ
उसके लिए मेरे मित्र आपको दिल से धन्यवाद।
हैप्पी न्यू ईयर, दोस्त।

24. हर खुशी चूमे कदम तुम्हारे
आंखों में कभी न आए आंसू तुम्हारे
जीवन में हर साल मिलेंगे नए दोस्त तुम्हे
लेकिन हम कभी न होंगे दूर तुम्हारे।
हैप्पी न्यू ईयर, दोस्त।

Every happiness kiss step

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25. सफलता भरा एक और साल बीत गया। नया साल और कड़ी मुश्किलें और परीक्षाएं लाएगा। ईश्वर आपको सभी परेशानियों और कठिनाइयों को पार करने का साहस और सहनशक्ति प्रदान करे। मेरी और मेरे परिवार की ओर से आपको और आपके परिवार को हैप्पी न्यू ईयर।

26. कामना करते हैं कि आपकी खुशियों का पिटारा भरा रहे और आपके जीवन में सुख, समृद्धि, शांति और ज्ञान की नदी बहती रहे। नये साल की शुभकामनाएं और मंगलकामनाओं के साथ हैप्पी न्यू ईयर।

27. एक और साल सफलता और सहनशीलता के साथ बिताने पर आपको बधाई देता हूं। भगवान से यह प्रार्थना है कि आने वाले साल में भी आप यूं ही प्रसन्न, सफल और स्वस्थ रहें। मेरी और मेरे परिवार की ओर से आपको और आपके परिवार को नये साल की शुभकामनाएं।

28. आशा करते हैं कि ईश्वर नए साल के कोरे पन्नों पर आपके जीवन के सुनहरे अध्याय को खुशियों की स्याही से लिखे। मेरी और मेरे परिवार की ओर से आपको और आपके परिवार को हैप्पी न्यू ईयर।

29. कामना करते हैं कि बीते सभी वर्षों की तरह यह नया वर्ष भी आपके जीवन में ढेर सारे रंग भरे और आप सदैव खुशहाल रहें। आपको नये साल की शुभकामनाएं।

30. ईश्वर से कामना करते हैं कि आपके और आपके परिजनों के जीवन में सुख समृद्धि बनी रहे और भगवान गणेश, माता लक्ष्मी व माता सरस्वती का आशीर्वाद आपके परिवार पर सदैव बना रहे। आपको और आपके परिवार को नये साल की शुभकामनाएं।

उम्मीद करते हैं कि ये न्यू ईयर शायरी आपको पसंद आई होंगी। ये न्यू ईयर की शायरी आपके दोस्त-रिश्तेदारों को इस बात का एहसास दिलाने में मदद करेंगी कि वे आपके लिए कितने खास हैं। शायरियां और कविताएं एक साधारण से हैप्पी न्यू ईयर मैसेज से बेहतर विकल्प होती हैं। तो अभी ही से अपने दोस्तों और परिजनों को हैप्पी न्यू ईयर शायरी भेजना शुरू कर दें और हमे कमेंट बॉक्स में लिख कर बताना न भूलें कि आपको कौन-सी न्यू ईयर शायरी सबसे ज्यादा पसंद आई। साथ ही अगर आपके पास भी न्यू ईयर से जुड़ी कोई नई शायरी या मैसेज है, तो उसे भी हमारे व अन्य पाठकों के साथ शेयर करें।

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मक्खन (बटर) के फायदे, उपयोग और नुकसान – Butter (Makhan) Benefits and Side Effects in Hindi

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अच्छी सेहत और रोगों को दूर रखने के लिए पोषक तत्वों से युक्त आहार को प्राथमिकता देना जरूरी है। ऐसे में उचित आहार का चुनाव करना हमारे लिए जरूरी होता है। यही नियम मक्खन पर भी लागू होता है। अब आप सोचेंगे कि मक्खन कैसे सेहत के लिए लाभदायक हो सकता है। इसमें तो जरूरत से ज्यादा फैट होता है, लेकिन तब भी हम यही कहेंगे कि कुछ मामलों में मक्खन सेहत के लिए फायदेमंद है। अब सेहत के लिहाज से कौन-सा मक्खन खाना चाहिए और कौन सा नहीं, यह आपको लेख में आगे जानने को मिलेगा। स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल में हम मक्खन के फायदे, मक्खन के नुकसान और मक्खन का उपयोग कैसे करें, इस बारे में विस्तार से बताएंगे।

इस आर्टिकल में सबसे पहले हम यह जानेंगे कि मक्खन क्या है।

विषय सूची


मक्खन क्‍या है? – What is Butter in Hindi

मक्खन एक तरह का डेयरी उत्पाद है। इसे दही, लस्सी, मलाई व दूध को मथकर निकाला जाता है। मक्खन को दधिज या माखन के नाम से भी जाना जाता है। मक्खन कई प्रकार के होते हैं, जिनमें दूध से बना बटर, पीनट बटर व कोको बटर मुख्य है। मक्खन में ऊर्जा, वसा और प्रोटीन जैसे मुख्य पोषक तत्व होते हैं (1)। मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीअनसैचुरेटेड फैट वाला बटर का सेवन बेहतर होता है। ध्यान रहे कि इतने गुणों के बाद भी इसे कम मात्रा में सेवन करना ही उचित होगा। ऐसा इसलिए, क्योंकि अगर हाई सैचुरेटेड फैट और ट्रांस फैट वाले बटर का सेवन कर रहे हैं, तो हृदय रोग की समस्या बढ़ सकती है (2)। इस आर्टिकल में आगे हम बटर का उपयोग करने के विभिन्न तरीकों व फायदों के बारे में विस्तार से बताएंगे।

आर्टिकल के अगले हिस्से में बटर के फायदे जानेंगे।

मक्खन (बटर) के फायदे – Benefits of Butter in Hindi

स्वास्थ्य के लिहाज से मक्खन के कई फायदे हैं, जिनके बारे में हम यहां बता रहे हैं। साथ ही हम स्पष्ट कर दें कि इसे दवा या किसी मेडिकल ट्रीटमेंट का विकल्प न समझा जाए। यह घरेलू नुस्खे की तरह सिर्फ स्वस्थ्य रहने में मदद कर सकता है। वहीं, अगर कोई बीमार है, तो उसे डॉक्टर की सलाह पर ही इसका सेवन करना चाहिए।

1. हृदय को स्वस्थ रखने के लिए

हृदय को स्वस्थ रखने की बात करें, तो इस मामले में पीनट बटर सबसे बेहतर है, क्योंकि इसमें मोनोअनसैचुरेटेड फैट पाए जाता हैं, जिसे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक माना जा सकता है। मोनोअनसैचुरेटेड फैट, कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करने में मदद कर सकता है। शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होने पर हृदय रोग से बचना आसान हो जाता है। वहीं, आम बटर में सैचुरेटेड फैट की मात्रा ज्यादा पाई जाती है (3)। इसलिए, ऐसा माना जा सकता है कि मक्खन के फायदे स्वस्थ हृदय के लिए हो सकते हैं।

2. पेट व वजन को कम करे

पेट को बढ़ाने से रोकने में मक्खन का सेवन मददगार हो सकता है। दरअसल, कम फैट वाले आहार का सेवन करने पर बढ़ते मोटापा से छुटकारा पाया जा सकता है। इसके अलावा, कंजुगेटेड लिनोलिक एसिड (CLA) युक्त खाद्य पदार्थ के सेवन से भी वजन को जरूरत से ज्यादा बढ़ने से रोका जा सकता है (4) (5) (6)। इसमें पेट का बढ़ना भी शामिल है। वहीं मक्खन में यह गुण पाया जाता है। फिलहाल, इस संबंध में और शोध किए जाने की जरूरत है (7)।

3. प्रतिरक्षा को मजबूत करने में मददगार

द नेशनल एकेडमी प्रेस (The National Academies Press) के मुताबिक, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण शरीर में संक्रमण और कई अन्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। वहीं, प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए विटामिन-ए मददगार हो सकता है। जिन खाद्य आहार में विटामिन-ए पाए जाते हैं, उनमें मक्खन भी शामिल है (8)। इसलिए, मक्खन को इम्यून सिस्टम के लिए लाभकारी कहा जा सकता है, लेकिन इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि मक्खन कम फैट वाला होना चाहिए। अभी इस संबंध में और शोध किए जाने की जरूरत है।

4. एंटी कैंसर की तरह

बटर के फायदे कैंसर जैसी जानलेवा समस्या को दूर रखने के लिए हो सकते हैं। पीनट में आइसोफ्लेवोन्स, फाइटोस्टेरोल, रेसवेराट्रोल और फेनोलिक एसिड पाए जाते है, जो एक तरह कि एंटी कैंसर की तरह काम करता है। चुकी पीनट बटर, पीनट से बनाए जाते हैं। जो कैंसर की समस्या को दूर रखने के साथ साथ इसके लक्षण से भी राहत दिलाने का काम कर सकता है। इसलिए, ऐसा कहा जा सकता है कि पीनट बटर को एंटी-कैंसर की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है (9)।

5. इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम का इलाज

इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम पेट से जुड़ी समस्या है। इसमें कब्ज, एसिडिटी, बदहजमी व डायरिया आदि समस्याएं हो सकती हैं (10)। इस समस्या से बचने के लिए सीमित मात्रा में बटर का सेवन किया जा सकता है। बटर में ब्यूटायरेट (butyrate) नामक कंपाउंड पाया जाता है, जो शॉट चेन फैटी एसिड का एक प्रकार है (11)। पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के मामले में ब्यूटायरेट पर भरोसा किया जा सकता है। ब्यूटायरेट आंतों में सूजन को होने से रोक सकता है। साथ ही तरल पदार्थ व इलेक्ट्रोलाइट के स्तर को संतुलित बनाए रखने में मदद कर सकता है (12)। इस प्रकार कहा जाता सकता है कि मक्खन के फायदे में इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम से बचना भी शामिल है। 

इस आर्टिकल के अगले हिस्से में मक्खन के पौष्टिक तत्व के बारे में जानेंगे।

मक्खन के पौष्टिक तत्व – Butter Nutritional Value in Hindi

मक्खन में कौन-कौन से पोषक तत्व पाए जाते हैं, उस बारे में हम नीचे एक टेबल के जरिए बता रहे हैं (1):

पोषक तत्व मूल्य प्रति 100 g
पानी 15.87 g
ऊर्जा 717 kcal
प्रोटीन 0.85 g
टोटल लिपिड (फैट) 81.11 g
कार्बोहाइड्रेट 0.06 g
शुगर 0.06 g
कैल्शियम, Ca 24 Mg
आयरन Fe 0.02 Mg
मैग्नीशियम, Mg 2 Mg
फॉस्फोरस, P 24 Mg
पोटैशियम, K 24 Mg
सोडियम, Na 643 Mg
जिंक 0.09 Mg
थायमिन 0.005 Mg
राइबोफ्लेविन 0.034 Mg
नियासिन 0.042 Mg
विटामिन बी-6 0.003 Mg
फोलेट 3 µg
विटामिन ई 2.32 Mg
फैटी एसिड, टोटल सैचुरेटेड 51.368 g
फैटी एसिड, टोटल मोनोअनसैचुरेटेड 21.021 g
फैटी एसिड, टोटल पोलीअनसैचुरेटेड 3.043 g

आइए, अब यह भी जान लेते हैं कि मक्खन का उपयोग किस प्रकार किया जा सकता है।

मक्खन का उपयोग – How to Use Butter in Hindi

मक्खन को कई तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है, जिनमें से सबसे आम तरीकों के बारे में हम यहां बता रहे हैं।

कैसे खाएं:

  • ब्राउन ब्रेड पर मक्खन (बटर) को लगाकर खाया जा सकता है।
  • रोटी या पराठे के साथ भी मक्खन को खाया जा सकता है।
  • कुछ मक्खन ऐसे होते हैं, जिनसे सब्जी बनाकर भी खाया जा सकता है।
  • कई आहार में बटर को ऊपर से गार्निश किया जा सकता है।
  • बटर को आमलेट बनाने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

कब खाएं:

  • सुबह ब्रेड के साथ खाया जा सकता है।
  • दोपहर या रात की सब्जी तैयार करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • शाम के नाश्ता में आमलेट के साथ इस्तेमाल कर सकते हैं।

कितना खाएं:

  • प्रतिदिन एक चम्मच या 14 g मक्खन खाना स्वास्थ्य के लिहाज से फायदेमंद हो सकता है (13)। फिर भी इसके सेवन से पहले आहार विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। वह आपके स्वास्थ्य के अनुसार इसकी उचित मात्रा का सही जानकारी देंगे।

आगे हम बता रहे हैं कि मक्खन के सेवन से क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं।

मक्खन के नुकसान – Side Effects of Butter in Hindi

जिस तरह बटर के फायदे हैं, उसी तरह हाई सैचुरेटेड फैट वाले मक्खन के सेवन से नुकसान भी हो सकते हैं (2), जो इस तरह से हैं:

  • मक्खन में सैचुरेटेड फैट की मात्रा अधिक होती है। इसके अधिक मात्रा में सेवन से कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का जोखिम हो सकता है (14)।
  • मक्खन के सेवन से कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने पर हृदय रोग की समस्या भी हो सकती है (15)।
  • मक्खन में वसा की अच्छी मात्रा पाई जाती है। इसलिए, इसके अधिक मात्रा में सेवन करने पर मोटापा बढ़ सकता है।

इस आर्टिकल को पढ़कर यह तो समझ आ ही गया होगा कि मक्खन कितने प्रकार के होते हैं। साथ ही किस तरह के बटर का सेवन उचित होगा। आप मक्खन जरूर खाएं, लेकिन कम फैट वाला और सीमित मात्रा में। साथ ही ध्यान रहे मक्खन किसी भी बीमारी का उपचार नहीं है। इन गंभीर बीमारी की अवस्था में मेडिकल ट्रीटमेंट से बेहतर कुछ नहीं है। उम्मीद करते हैं कि यह लेख आपके लिए उपयोगी सिद्ध होगी। अगर आपके पास इस लेख से जुड़ी अन्य जानकारी या सुझाव है, तो उसे नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स के माध्यम से हम तक पहुंचा सकते हैं।

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