Quantcast
Channel: Skin Care Ideas
Viewing all 2567 articles
Browse latest View live

भुजंगासन करने का तरीका और फायदे – Bhujangasana (Cobra Pose) Steps And Benefits in Hindi

$
0
0

स्वस्थ शरीर का मतलब सिर्फ रोग मुक्त शरीर नहीं होता। इसके साथ संतुलित भोजन, उचित वजन और सही मानसिक नियंत्रण भी जरूरी है। इन सभी के लिए वैकल्पिक रूप से योग मददगार साबित हो सकता है। योग न सिर्फ शारीरिक, बल्कि मानसिक रूप से व्यक्ति को स्वस्थ रखने में सहायक हो सकता है। वैसे तो योग में असंख्य आसनों के बारे में बताया गया है, लेकिन स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम भुजंगासन के स्वास्थ्य लाभों के विषय में बताने जा रहे हैं। हमारे साथ जानिए शरीर के लिए भुजंगासन के फायदे और भुजंगासन करने का तरीका। साथ ही आप इस लेख में भुजंगासन से जुड़ी सावधानियां व अन्य जरूरी जानकारी भी जान पाएंगे। योगासन का लाभ तभी होता है, जब साथ में संतुलित खानपान का भी ध्यान रखा जाए।

लेख के सबसे पहले भाग में जानिए कि क्या है भुजंगासन योगा।

भुजंगासन क्या है? – What is Bhujangasana in Hindi

भुजंगासन योगा ऐसा योगासन है, जो दो शब्दों को मिलाकर बना है, एक भुजंग अर्थात सांप और दूसरा आसन। अंग्रेजी में भुजंगासन को कोबरा पोज कहा जाता है, क्योंकि इसे करते समय शरीर की आकृति कुछ सांप जैसी हो जाती है। स्वास्थ्य के लिए इस योगासन के कई फायदे हैं, इस वजह से सूर्य नमस्कार में भी इसे शामिल किया गया है। आगे इस लेख में इस आसन करने के लाभ बताए गए हैं।

लेख के अगले भाग में जानिए भुजंगासन करने के फायदे।

भुजंगासन करने के फायदे – Benefits of Bhujangasana (Cobra Pose) in Hindi

कई शारीरिक और मानसिक समस्याओं से राहत पाने में भुजंगासन के फायदे मिल सकते हैं। जानिए क्या हैं भुजंगासन करने के फायदे :

1. रीढ़ की हड्डी को बनाए मजबूत

भुजंगासन करने के फायदे रीढ़ से जुड़ी समस्याओं से आराम दिलाने में मदद कर सकते हैं। यह आसन पीठ की मांसपेशियों के साथ-साथ स्पाइन नर्व को आराम दिलाने में मदद कर सकता है (1)। हालांकि, यह आसन रीढ़ की हड्डी के लिए कितना फायदेमंद होगा, इस पर अभी और शोध की आवश्यकता है।

2. मेटाबॉलिज्म के लिए भुजंगासन के फायदे

मेटाबॉलिज्म, शरीर की उन सभी रासायनिक क्रियाओं को कहा जाता है, जो ऊर्जा को बनाने और इसे इस्तेमाल करने का काम करती हैं। मेटाबॉलिज्म बढ़ाने के उपाय के रूप में भुजंगासन योगा का अभ्यास किया जा सकता है। यह आसन पेट से जुड़ी समस्याओं से आराम दिलाता है, जिससे पाचन शक्ति बेहतर होती है। साथ ही यह एंडोकराइन सिस्टम (Endocrine System) को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है (2)। एंडोक्राइन सिस्टम विशेष प्रकार की कोशिकाओं का समूह होता है, जो हॉर्मोन बनाती हैं। यह हॉर्मोन शरीर में मेटाबॉलिज्म, शरीर का विकास, टिश्यू की कार्यप्रणाली, प्रजनन व मूड आदि को नियंत्रित करने का काम करते हैं (3)।

3. वजन नियंत्रण

एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफार्मेशन) द्वारा प्रकाशित एक शोध में कई प्रकार के योगासन के बारे में बताया गया है, जो महिलाओं में पेट के मोटापे (Abdominal Weight) को कम करने में मददगार साबित हो सकते हैं। इन योगासनों में भुजंगासन का भी शामिल किया गया (4)। इसके साथ, इंटरनेशनल जर्नल ऑफ योग की एक स्टडी में बॉडी मास इंडेक्स (BMI) को कम करने के लिए सुझाए गए योग प्रोग्राम में भी भुजंगासन का जिक्र किया गया है (5)। इस आधार पर कहा जा सकता है कि वजन को नियंत्रित के योग में भुजंगासन अहम भूमिका निभा सकता है।

4. तनाव को भगाए

चिंता और तनाव को कम करने के लिए योग को एक रामबाण उपाय माना जाता है। रोज भुजंगासन करने के फायदे भी तनाव को कम करने में मिल सकते हैं। दरअसल, यह एड्रेनल ग्लैंड्स को मजबूत बनाने में मदद करता है, जो स्ट्रेस हॉर्मोन को शांत और नियंत्रित करने का काम कर सकती हैं। यह स्ट्रेस, एंग्जायटी, अवसाद और थकान से आराम दिलाने में भी मदद कर सकता है। इसके साथ, भुजंगासन के फायदे गुस्से को नियंत्रित करने में भी मिल सकते हैं (6)।

5. साइटिका और अस्थमा से आराम

साइटिक नस में होने वाले दर्द को साइटिका कहा जाता है, जो अक्सर पीठ के निचले हिस्से से शुरू होकर पूरे पैर में फैलने लगता है (7)। भुजंगासन योग पीठ और गर्दन के दर्द से आराम दिलाने में मदद कर सकता है और साइटिका के दर्द से राहत दिला सकता है। इसके अलावा, भुजंगासन के फायदे अस्थमा के लक्षणों को कम करने में भी मिल सकते हैं (6)।

भुजंगासन करने के फायदे के बाद लेख के अगले भाग में जानिए भुजंगासन करने का तरीका।

भुजंगासन करने का तरीका – Steps to do Bhujangasana (Cobra Pose) in Hindi

भुजंगासन योगा को नीचे बताए गए तरीके से किया जा सकता है :

  • सबसे पहले योग मेट पर पेट के बल लेट जाएं, हाथों को सिर के दोनों तरफ रखें और माथे को जमीन से टिकाएं।
  • इस दौरान अपने पैरों को तना हुआ और इनके बीच थोड़ी दूरी रखें।
  • अब अपनी हथेलियों को अपने कंधों के बराबर में लाएं। फिर लंबी गहरी सांस भरते हुए हाथों से जमीन की ओर दबाव डालते हुए, नाभि तक शरीर को ऊपर उठाने का प्रयास करें।
  • आपको सबसे पहले मस्तक, फिर छाती और आखिर में नाभि वाले हिस्से को ऊपर उठाना होगा।
  • इस पोजीशन में रहकर आसमान की ओर देखने की कोशिश करें और इस पोजीशन में कुछ देर ठहरें।
  • इस दौरान अपने शरीर का भार दोनों हाथों पर बराबर बनाएं रखें और सामान्य रूप से सांस लेते रहें।
  • अब धीरे-धीरे सांस को छोड़ते हुए अपनी प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।
  • इस तरह आप इस योग का एक चक्र पूरा करेंगे।
  • आप अपनी क्षमतानुसार इस योग के तीन से पांच चक्र पूरे कर सकते हैं।

अगर आपने पहले कभी भुजंगासन योगा नहीं किया तो लेख के अगले भाग में आपके लिए कुछ टिप्स बताई गए हैं।

शुरुआती लोगों के लिए भुजंगासन करने के टिप्स – Beginner’s Tip to do Bhujangasana (Cobra Pose) in Hindi

अगर किसी ने पहले कभी भुजंगासन नहीं किया है, तो भुजंगासन करने का तरीका जानने के साथ इससे जुड़ी कुछ बातों को ध्यान में रखना जरूरी है, जैसे :

  • इसे करते समय खुद पर किसी प्रकार का दबाव न लें।
  • अपनी क्षमतानुसार ही नाभि वाले हिस्से को ऊपर उठाएं।
  • शुरुआत में योगासन में कुछ सेकंड तक ही ठहरें। समय के साथ, प्रतिदिन अभ्यास करते हुए योगासन के समय को बढ़ाया जा सकता है।
  • शुरुआती लोगों के लिए योग विशेषज्ञ की देखरेख जरूरी है।

भुजंगासन करने का तरीका जानने के साथ इससे जुड़ी कुछ सावधानियों के बारे में भी जानना जरूरी है। लेख के अगले भाग में जानिए भुजंगासन के लिए कुछ सावधानियां।

भुजंगासन के लिए कुछ सावधानियां – Precautions for Bhujangasana (Cobra Pose) In Hindi

भुजंगासन योगा को नीचे बताई गई परिस्थितियों में नहीं किया जाना चाहिए (6):   

  • गर्भावस्था के दौरान
  • माहवारी के दौरान
  • कार्पल टनल सिंड्रोम के दौरान (इसमें हाथ-बांह में दर्द, इनका सुन्न पड़ना या इनमें झुनझुनी होती है)
  • जोड़ों के दर्द
  • कलाइयों या पसलियों में फ्रैक्चर

दोस्तों, हम आशा करते हैं कि आप अच्छी तरह समझ गए होंगे कि भुजंगासन योगा करने से आपको किस तरह के फायदे मिल सकते हैं। भुजंगासन के फायदे को और प्रभावी बनाने के लिए हम यह सलाह देंगे कि इसे अकेले करने की जगह सूर्य-नमस्कार के साथ करें। साथ ही भुजंगासन करने के फायदे सही प्रकार से लेने के लिए लेख में बताया गया भुजंगासन करने का तरीका और इससे जुड़ी सावधानियों को ठीक से पढ़ लें। आपको बता दें कि भुजंगासन लेख में बताई गई किसी भी बीमारी का पूर्ण इलाज नहीं है। यह इनके प्रभाव व लक्षणों को कम करने में एक सहायक भूमिका जरूर निभा सकता है। वहीं, अगर कोई बीमारी नहीं है, तो स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, लेख से जुड़े किसी सवाल या सुझाव के लिए आप नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स की मदद ले सकते हैं।

संबंधित आलेख

The post भुजंगासन करने का तरीका और फायदे – Bhujangasana (Cobra Pose) Steps And Benefits in Hindi appeared first on STYLECRAZE.


तिल के तेल के 13 फायदे, उपयोग और नुकसान – Sesame Oil Benefits, Uses and Side Effects in Hindi

$
0
0

तिल को उपयोग करने के कई तरीके हैं, जिनमें तिल के तेल का इस्तेमाल भी शामिल है। यह कई औषधीय गुण से भरपूर होता है। इस कारण इसे स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना जाता है। तिल के तेल को त्वचा और बालों में लगाने के साथ-साथ भोजन बनाने में भी प्रयोग किया जाता है। वहीं, तिल का तेल कुछ रोगों के लक्षणों को कम करने में भी मदद कर सकता है, लेकिन रोगों के पूर्ण इलाज के लिए मेडिकल ट्रीटमेंट आवश्यक है। स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल में हम तिल के तेल के गुण और तिल के तेल के फायदे के बारे में जानकारी देंगे। साथ ही तिल के तेल के नुकसान के बारे में भी बताएंगे।

तिल के तेल के फायदे के बारे में जानने के लिए इस आर्टिकल को पढ़ते रहें।

तिल के तेल के फायदे – Benefits of Sesame Oil in Hindi

तिल के तेल के फायदे को तीन भागों में समझाया जा रहा है, जिसमें सबसे पहले हम सेहत के लिए तिल के तेल के फायदे जानेंगे।

सेहत/स्वास्थ्य के लिए तिल के तेल के फायदे – Health Benefits of Sesame Oil in Hindi

सेहत के लिए तिल के तेल का ज्यादातर उपयोग आहार के साथ हो सकता है। जिसका असर इसके सेवन के कुछ दिन में नजर आ सकता है।

1. उच्च प्रोटीन आहार

कई खाद्य पदार्थों को तैयार करने में तिल का तेल इस्तेमाल किया जाता है। जो लोग इस तेल को अपने आहार में शामिल करते हैं, वो इसके लजीज स्वाद से भलीभांति परिचित होंगे। तिल के तेल में भरपूर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। जो शरीर को जरूरी प्रोटीन प्रदान करने का काम करता है (1)। प्रोटीन शरीर की कोशिकाओं में सुधार और कोशिका निर्माण में मदद कर सकता है। इसके अलावा, प्रोटीन बच्चे, किशोर और गर्भवती के विकास में भी मदद कर सकता है (2)।

2. मधुमेह को दूर रखने में

एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, तिल के तेल के लाभ मधुमेह के जोखिम से बचाने में मदद कर सकते हैं। दरअसल, सफेद तिल का तेल ब्लड शुगर (GLU) को रेगुलेट करने का काम करता है। साथ ही मधुमेह के नुकसानदायक प्रभाव को कम करने में मदद करता है (3)। इस कारण यह माना जा सकता है कि तिल का तेल मधुमेह की समस्या से राहत दिला सकता है। हां, अगर कोई मधुमेह से पीड़ित है, तो उसे यह घरेलू उपचार करने से पहले एक बार डॉक्टर से जरूर पूछ लेना चाहिए। साथ ही डॉक्टर की ओर से लिखी गई दवाइयां जरूर लेनी चाहिए।

3. एंटीऑक्सीडेंट से समृद्ध

एनसीबीआई की ओर से प्रकाशित शोध के अनुसार, तिल का तेल कई लाभकारी तत्वों से समृद्ध होता हैं। इसमें सेसमोल और सेसमिनोल नामक तत्व भी शामिल हैं। ये दोनों तत्व शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करते हैं (4)। वहीं, एक अन्य शोध में इस बात का जिक्र मिलता है कि एंटीऑक्सीडेंट गुण ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस, इस्केमिक हृदय रोग (इसे कोरोनरी धमनी रोग के नाम से भी जाना जाता है), चोट को भरने और मधुमेह जैसी कई समस्याओं को दूर करने में लाभकारी परिणाम प्रदर्शित कर सकता है (5)।

4. हृदय स्वास्थ्य के लिए

हृदय को स्वस्थ रखने में आहार और उसमें इस्तेमाल किए जाने वाले तेल की भी महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। तिल का तेल हृदय को स्वस्थ रखने का काम कर सकता है। दरअसल, तिल के तेल में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो हृदय को सुरक्षित रखने का काम कर सकते हैं। इसके अलावा, इसमें लिग्नैंस (फाइबर का एक प्रकार) भी होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने और रक्तचाप को बढ़ने से रोकने में मदद कर सकते हैं (6)। इस कारण तिल के तेल को हृदय संबंधी जोखिम से राहत दिलाने में सहायक माना जा सकता है।

5. एंटी इंफ्लेमेटरी गुण से भरपूर

तिल के तेल के औषधीय गुणों में से एक एंटी-इंफ्लेमेटरी भी है। इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण के कारण तेल का तेल शरीर की सूजन संबंधी समस्या को दूर रखने का काम कर सकता है। सूजन शरीर के बाहरी और अंदरुनी दोनों भाग में हो सकती है, जिससे तिल के तेल का उपयोग राहत दिला सकता है (7)।

6. दर्द से राहत

एनसीबीआई के एक शोध के अनुसार, तिल के तेल के गुण जिन समस्याओं में फायदेमंद साबित हो सकते हैं, उनमें दर्द से राहत भी शामिल है। दरअसल, तिल के तेल में एंटी-नोसिसेप्टिक (दर्द को कम करने वाला गुण) पाए जाते हैं, जो दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं। इस कारण तिल के तेल का उपयोग जोड़ों के दर्द, दांत दर्द, मासिक धर्म सिंड्रोम, खरोंच और कटने के कारण होने वाले दर्द को कम करने में सहायक साबित हो सकता है (7)।

7. रूमेटाइड अर्थराइटिस

रूमेटाइड अर्थराइटिस एक तरह की समस्या है, जिसे गठिया के नाम से भी जाना जाता है। इसके लिए तिल के तेल में पाया जाने वाला एंटी इंफ्लेमेटरी गुण मदद कर सकता है। दरअसल, एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण सूजन को तो कम करता ही है, साथ ही रूमेटाइड अर्थराइटिस से भी राहत दिला सकता है (8),(7)।

8. बेहतर नींद के लिए

अनिद्रा की स्थिति में तिल के तेल का उपयोग लाभकारी हो सकता है। एनसीबीआई के एक रिसर्च के अनुसार, एंटीऑक्सीडेंट गुण मस्तिष्क में रक्त को सही तरह से प्रवाहित कर नींद की गुणवत्ता को बढ़ाने में मदद कर सकता है (9)। जैसा कि ऊपर आपने पढ़ा कि तिल के तेल में एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं। इसलिए, ऐसा कहा जा सकता है कि तिल के तेल के फायदे नींद में सुधार के लिए भी कारगर साबित हो सकते हैं।

ऊपर आपने सेहत के लिए तिल के तेल के फायदे जाने आगे अब हम त्वचा के लिए इसके फायदे पढ़ेंगे।

त्वचा के लिए तिल के तेल के फायदे – Skin Benefits of Sesame Oil in Hindi

1. हीलिंग प्रॉपर्टीज

कैसे है फायदेमंद:

अगर शरीर में किसी तरह का घाव है, तो उसके इलाज में तिल का तेल सहायक हो सकता है। ओजोनेटेड सीसम ऑयल (Ozonated Sesame Oil) में हीलिंग प्रॉपर्टीज होती है, जो घाव को भरने में मदद कर सकती है (10)। इसलिए, इस तेल को घाव भरने की समस्या में भी उपयोगी माना जा सकता है।

उपयोग की विधि:
  • इस तेल को सामान्य तरह से त्वचा पर लगा सकते हैं या इसे हल्का गर्म करके कुछ समय के लिए ठंडा होने दें। फिर त्वचा पर लगा लें।

2. सनबर्न का इलाज

कैसे है फायदेमंद:

अधिक धूप के कारण हुए सनबर्न से छुटकारा पाने के लिए तिल के तेल को प्रभावी माना जा सकता है। तिल के तेल में टोकोफेरॉल नामक खास तत्व पाया जाता है, जो विटामिन-ई का एक प्रकार होता है। टोकोफेरॉल सूरज की अल्ट्रावायलेट किरणों से सुरक्षा प्रदान करने का काम कर सकता है (11), जिससे सनबर्न की शिकायत कम हो सकती है।

उपयोग की विधि:
  • तिल के तेल को सनस्क्रीन की तरह त्वचा पर लगाया जा सकता है।

3. स्किन डिटॉक्सिफायर की तरह

कैसे है फायदेमंद:

एनसीबीआई में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, तिल के तेल में एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो त्वचा से बैक्टीरिया और फंगस को दूर करने में मदद कर सकते हैं, जिससे त्वचा साफ रह सकती है। इसलिए, ऐसा कहा जा सकता है कि तिल का तेल स्किन डिटॉक्सिफायर की तरह भी काम कर सकता है (12) ।

उपयोग की विधि:
  • सबसे पहले तेल को हल्का गर्म कर लें।
  • फिर इसे त्वचा पर लगा लें।
  • इसे त्वचा पर लगे रहने दें।

ऊपर त्वचा के लिए तिल के तेल के फायदे पढ़े, आगे हम बालों के लिए इसके फायदे बता रहे हैं।

बालों के लिए तिल के तेल के फायदे – Hair Benefits of Sesame Oil in Hindi

जिस तरह त्वचा पर लगाने के लिए इस तेल का इस्तेमाल हो सकता है। उसी तरह बालों में लगाने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।

1. स्कैल्प की समस्याओं को रोकने के लिए

कैसे है फायदेमंद:

तिल के तेल स्कैल्प को पर्याप्त पोषण प्रदान करने में मदद कर सकते हैं। तिल का तेल एंटी बैक्टीरियल गुण से समृद्ध होते हैं, जो पैथोजन जैसे जीवाणु को दूर कर स्कैल्प को संक्रमण से छुटकारा दिला सकता हैं। वहीं, इससे स्कैल्प की कई और समस्याओं से भी राहत मिल सकती हैं (13)।

उपयोग की विधि:
  • सबसे पहले इस तेल को हल्का गर्म कर लें।
  • फिर पूरे स्कैल्प पर अच्छे से लगा लें।
  • इसे रातभर के लिए छोड़ दें।
  • अगली सुबह नहाते समय इसे धो लें।
  • इसे सामान्य तेल की तरह भी दिन में बालों में लगा सकते हैं।

2. रूसी के लिए

कैसे है फायदेमंद:

रूसी की समस्या से निजात दिलाने वाले ज्यादातर प्रोडक्ट में एंटी बैक्टीरियल और एंटी फंगल गुण पाए जाते हैं, जो रूसी को दूर करने का काम कर सकते हैं (14)। वहीं, तिल के तेल में एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं (13)। इसलिए, तिल के तेल को रूसी की समस्या से राहत पाने के लिए इस्तेमाल में लाया जा सकता है।

उपयोग की विधि:
  • एक चम्मच तिल के तेल में आधा चम्मच नारियल तेल मिला लें।
  • फिर उसे बाल और स्कैल्प पर अच्छी तरह लगा लें।
  • इसे रातभर के लिए लगा छोड़ दें।
  • अगली सुबह शैम्पू से बालों को धो लें।

आर्टिकल का अगला भाग तिल के तेल के पोषक तत्वों के बारे में है।

तिल के तेल के पौष्टिक तत्व – Sesame Oil Nutritional Value in Hindi

तिल के तेल में मौजूद पोषक तत्वों के बारे में हम यहां टेबल के जरिए विस्तार से बता रहे हैं (15)।

पोषक तत्व मात्रा प्रति 100 ग्राम
ऊर्जा 884 g
टोटल लिपिड (फैट) 100 g
कोलिन 02 mg
विटामिन ई (अल्फा-टोकोफेरोल) 1.4 mg
विटामिन के 13.6 µg
फैटी एसिड, टोटल सैचुरेटेड 14.2 g
फैटी एसिड, टोटल मोनोअनसैचुरेटेड 39.7 g
फैटी एसिड, टोटल पोलीअनसैचुरेटेड 41.7 g

अब इस आर्टिकल के अगले भाग में तिल के तेल के उपयोग के बारे में जानते हैं।

तिल के तेल का उपयोग – How to Use Sesame Oil in Hindi

तिल के तेल का उपयोग कई प्रकार से किया जा सकता है, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:

कैसे खाएं:

  • तिल का तेल का उपयोग सब्जी बनाने में किया जा सकता है।
  • इसे सलाद में ऊपर से डालकर खाया जा सकता है।
  • इसे सूप में मिलाकर सेवन किया जा सकता है।
  • तिल के तेल से फ्राइड राइस तैयार करके खाए जा सकते हैं।
  • तिल के तेल को विनगेट्रेट (Vinaigrette) की तरह लिया जा सकता है। विनगेट्रेट में तेल को कुछ एसिडिक पदार्थ के साथ मिलाकर तैयार किया जाता है, जैसे सिरका या नींबू का रस।

कब खाएं:

  • इसे सुबह सलाद में मिलाकर खाया जा सकता है।
  • तिल के तेल को शाम के सूप के साथ ले सकते हैं।
  • इसे दोपहर और रात के आहार में शामिल कर सकते हैं।

कितना खाएं: तेल की सीमित और संतुलित मात्रा के बारे में कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं हैं। इसलिए, अगर आप इसे नियमित इस्तेमाल में लाना चाह रहें, तो इसकी मात्रा के संबंध में आहार विशेषज्ञ से सलाह जरूर करें।

इस आर्टिकल में आगे तिल के तेल से होने वाले नुकसान के बारे में जानेंगे।

तिल के तेल के नुकसान – Side Effects of Sesame Oil in Hindi

कई बार तिल के तेल का उपयोग नुकसानदायक भी हो सकता है, जो इस प्रकार से हो सकता हैं:

  • कुछ लोगों को तिल के तेल के उपयोग से एलर्जी हो सकती है (16)।

गर्भवती को तिल के तेल का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर ले लेनी चाहिए, ताकि तिल के तेल से होने वाले किसी भी नुकसान से बचा जा सके।

अब यह बात तो स्पष्ट हो गई होगी कि तिल का तेल कई समस्याओं के इलाज में सहायक बन सकता है, लेकिन बीमार का इलाज करने के लिए पूरी तरह से इस तेल पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। किसी भी समस्या को यह कुछ समय के लिए ही दूर कर सकता है। रोग के सही उपचार के लिए डॉक्टर से संपर्क करें, ताकि समस्या पूरी तरह से खत्म हो जाए। अगर आपके पास तिल के तेल से संबंधित कोई अन्य रोचक जानकरी हो, तो आप नीचे दिए कमेंट बॉक्स की सहायता से हमारे साथ शेयर कर सकते हैं।

संबंधित आलेख

The post तिल के तेल के 13 फायदे, उपयोग और नुकसान – Sesame Oil Benefits, Uses and Side Effects in Hindi appeared first on STYLECRAZE.

लोबिया के फायदे, उपयोग और नुकसान – Cowpeas (Lobia) Benefits and Side Effects in Hindi

$
0
0

लोबिया एक तरह का पौधा होता है, जिसकी फलियों को सब्जी बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसकी फलियां बाहर से हरे रंग की होती है। वहीं, इसके बीज का रंग काला, भूरा, लाल सफेद हो सकता है। इसके बीज को दाल की तरह भी उपयोग किया जा सकता है। लोबिया के बीज पोषक तत्व से समृद्ध होते हैं, जो कई रोग को दूर रखने का काम कर सकते हैं। लोबिया रोग मुक्त रहने में मदद कर सकता है। वहीं, बीमारी की अवस्था में रोग के लक्षणों को कम कर सकता है। हां, अगर कोई गंभीर रूप से बीमार है, तो डॉक्टर से इलाज कराना जरूरी है। स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल में हम लोबिया के फायदे और लोबिया के नुकसान दोनों पर विस्तार से जानकारी देंगे।

सबसे पहले लोबिया के फायदे पढ़ेंगे और फिर आर्टिकल के अंत में इसके नुकसान जानेंगे।

विषय सूची


लोबिया के फायदे – Benefits of Cowpeas (Lobia) in Hindi

अगर कोई लोबिया का सेवन करता है, तो उसे कई शारीरिक लाभ हो सकते हैं, जो निम्न प्रकार से हैं:

1. हृदय रोग के लिए

एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित द अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के एक शोध के अनुसार, उच्च फाइबर वाले आहार का सेवन करने से हृदय से संबंधित रोगों से बचा जा सकता है। फैट और कोलेस्ट्रॉल की अधिकता हृदय संबंधी कई जोखिमों को बढ़ावा देती है, ऐसे में फाइबर हृदय संबंधी रोगों को दूर रखने में मदद कर सकता है। फाइबर हृदय वाले भाग में फैट जमने से रोक सकता है। साथ ही कोलेस्ट्रॉल को कम करने का भी काम कर सकता है। वहीं, लोबिया को फाइबर का अच्छा स्रोत माना गया है (1)। इसलिए, ऐसा कहा जा सकता है कि लोबिया के फायदे हृदय रोग में भी लाभदायक साबित हो सकते हैं।

2. एंटी-कैंसर की तरह

एनसीबीआई में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, कुछ दालों और सूखी बीन्स में एंटी-कैंसर गुण पाए जाते हैं। इन्हीं बीन्स में लोबिया भी शामिल है। ऐसे में यह माना जा सकता है कि इसका सेवन कर कैंसर जैसी घातक बीमारी को दूर रखा जा सकता है (2)। वहीं, अगर कोई कैंसर से जूझ रहा है, तो उसे डॉक्टर से उचित उपचार करना चाहिए, क्योंकि कैंसर का इससे बेहतर और कोई इलाज नहीं है। साथ ही इस अवस्था में डॉक्टर की सलाह पर ही लोबिया का सेवन करना चाहिए।

3. उच्च रक्तचाप

उच्च रक्तचाप के कारण हार्ट अटैक, किडनी डैमेज जैसे जोखिम उत्पन्न होने की आशंका रहती है (3)। इस समस्या से बचे रहने में लोबिया की फली मददगार साबित हो सकती है। दरअसल, लोबिया में एंटी-हाइपरटेंसिव गुण पाए जाते हैं, जो बढ़ते हुए रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक साबित हो सकते हैं (4)। वहीं, अगर कोई उच्च रक्तचाप से ग्रस्त है, तो उसे घरेलू उपचार के साथ-साथ डॉक्टर की सलाह पर दवा का सेवन भी जरूर करना चाहिए।

4. मधुमेह के लिए

मधुमेह की समस्या होने पर डॉक्टरों द्वारा कई खाद्य पदार्थों से परहेज करने की सलाह दी जाती है। ऐसे में लोबिया का सेवन मधुमेह की समस्या में फायदेमंद साबित हो सकता है। इसके लिए लोबिया की फली में पाए जाने वाले पोलीफिनॉल की अहम भूमिका हो सकती है। दरअसल, पोलीफिनॉल में कई औषधीय गुणों के साथ एंटी-डायबिटिक प्रभाव मौजूद होता है, जो रक्त में शुगर की मात्रा को संतुलन में रखने का काम कर सकता है (5)।

5. एंटी-इंफ्लेमेटरी की तरह

एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, लोबिया में कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं और इन्हीं पोषक तत्वों की मौजूदगी के कारण लोबिया में कई औषधीय प्रभाव भी पाए जाते हैं। इनमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी शामिल है। इसी गुण के कारण लोबिया का सेवन शरीर की सूजन और दर्द से राहत दिलाने में सहायक साबित हो सकता है (6)।

6. क्रोनिक डिसीसेस (Chronic Diseases)

अगर कोई लंबे समय से बीमारी से ग्रसित है, तो इस समस्या से छुटकारा दिलाने में लोबिया मददगार हो सकता है। दरअसल, लोबिया की फली में फेनोलिक यौगिक पाए जाते हैं, जो शरीर को सुरक्षा प्रदान करने का काम कर सकते हैं। इससे लंबे समय से चली आ रही बीमारी से उबरने में कुछ मदद मिल सकती है। बता दें क्रोनिक डिसीसेस में कैंसर, एजिंग, मधुमेह और हृदय रोग आदि शामिल हैं (7)। साथ ही हम यहां स्पष्ट कर दें कि अगर कोई इस अवस्था में है, तो उसे डॉक्टर की सलाह पर ही इस घरेलू उपचार का इस्तेमाल करना चाहिए।

लोबिया के फायदे विस्तार में जानने के बाद आगे हम इसके पौष्टिक तत्वों के बारे में बता रहे हैं।

लोबिया के पौष्टिक तत्व – Cowpeas (Lobia)  Nutritional Value in Hindi

अगर किसी को लोबिया से लाभ पहुंचता है, तो इसके लिए लोबिया में पाए जाने वाले पौष्टिक तत्व सहायक हो सकते हैं। इन पोषक तत्वों के बारे में हमने नीचे चार्ट के जरिए अच्छी तरह बताने का प्रयास किया है (8)।

पोषक तत्व मात्रा प्रति 100 g
पानी 89.78 g
ऊर्जा 29 kcal
प्रोटीन 4.1 g
टोटल लिपिड (फैट) 0.25 g
कार्बोहाइड्रेट 4.82 g
मिनरल्स
कैल्शियम ,Ca 63 gm
आयरन ,Fe 1.92 mg
मैग्नीशियम , Mg  43 mg
फास्फोरस ,P 9 mg
पोटैशियम ,K 455 mg
सोडियम ,Na 7 mg
जिंक ,Zn 0.29 mg
विटामिन्स
विटामिन सी , टोटल एस्कॉर्बिक एसिड 36 mg
थाइमिन 0.354 mg
राइबोफ्लेविन 0.175 mg
नियासिन 1.12 mg
विटामिन बी -6 0.177 mg
फोलेट DFE 101 µg
विटामिन ए RAE 36 µg
विटामिन ए, IU 712 IU
लिपिड
फैटी एसिड, टोटल सैचुरेटेड 0.066 g
फैटी एसिड, टोटल मोनोसैचुरेटेड 0.022 g
फैटी एसिड, टोटल पॉलीसैचुरेटेड 0.106 g

अब आगे लोबिया के उपयोग के बारे में जानेंगे।

लोबिया का उपयोग – How to Use Cowpeas (Lobia) in Hindi

लोबिया को कई तरह से खाया जा सकता है और इसके स्वाद के साथ पोषण का भी लाभ उठाया जा सकता है। आइए, अब लोबिया को उपयोग करने के कुछ तरीकों पर एक नजर डाल लेते हैं।

कैसे खाएं:

  • लोबिया की फली व बीजों को सब्जी बनाने में इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • लोबिया के बीजों को पीसकर इसे कड़ी बनाने में इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • लोबिया के बीजों की चाट बनाकर खाई जा सकती है।
  • इसे कुछ दिन भीगाकर रखने के बाद स्प्राउड की तरह खाया जा सकता है।

कब खाएं:

  • सुबह भीगे हुए लोबिया को खाया जा सकता है।
  • इसकी सब्जी को दोपहर या रात के खाने में उपयोग कर सकते हैं।
  • शाम में लोबिया से बने पकौड़े या चाट खाई जा सकती है।

कितना खाएं:

  • लोबिया को प्रतिदिन 150 से 300 ग्राम तक खाने के लिए उपयोग कर सकते हैं (9)। इस वैज्ञानिक प्रमाण के बावजूद बेहतर होगा कि आप आहार विशेषज्ञ से इसकी मात्रा के बारे में सलाह ले सकते हैं।

आगे लोबिया के नुकसान जानेंगे।

लोबिया से नुकसान – Side Effects of Cowpeas (Lobia) in Hindi

जिस तरह लोबिया लाभदायक हो सकता है, उसी तरह लोबिया के नुकसान भी हो सकते हैं। जिनके बारे में हम कुछ बिंदु के माध्यम से नीचे बता रहे हैं।

  • लोबिया के अधिक मात्रा में सेवन से पेट संबंधी समस्याएं (जैसे:- अपच, उल्टी, दस्त, पेट फूलना और कब्ज) हो सकती हैं (10)।
  • गर्भवती को इसके सेवन से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए, क्योंकि इसका सेवन गर्भवती के लिए नुकसानदायक हो सकता है (11)।
  • कुछ लोगों में लोबिया के सेवन से एलर्जी की समस्या हो सकती है।

अब लोबिया के बारे में पढ़कर आप समझ ही गए होंगे कि यह क्या होता है। साथ ही यह किस तरह की  बीमारियों को दूर रखने और उनके लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा आर्टिकल में लोबिया के पोषक मूल्य और इसके उपयोग के कुछ तरीके भी बताएं गए है, जो इसके सेवन में सहायक हो सकते हैं। ध्यान रहे कि लोबिया सिर्फ बीमारी के लक्षण को कम कर सकता है। उचित इलाज के लिए डॉक्टर की सलाह जरूरी है। उम्मीद करते हैं कि यह आर्टिकल आपके काम आएगा। अगर आपके पास इस आर्टिकल से जुड़ी कोई अन्य जानकारी है, तो नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स के मदद से आप उसे हमारे साथ साझा कर सकते हैं।

संबंधित आलेख

The post लोबिया के फायदे, उपयोग और नुकसान – Cowpeas (Lobia) Benefits and Side Effects in Hindi appeared first on STYLECRAZE.

कद्दू के फायदे, उपयोग और नुकसान – Pumpkin Benefits, Uses and Side Effects in Hindi

$
0
0

कद्दू या पंपकिन (Pumpkin) का नाम तो आप लोगों ने सुना ही होगा। कद्दू का उपयोग रसोई में कई प्रकार के पकवान बनाने में किया जाता है। वहीं, चिकित्सा जगत में इसके औषधीय गुणों के कारण कद्दू को सेहत के लिए फायदेमंद माना गया है। इस आर्टिकल में हम कद्दू के फायदे, उपयोग और नुकसान के बारे में बता रहे हैं। कद्दू कई प्रकार के पोषक तत्वों से भरपूर एक सब्जी है। इसके सेवन से कई प्रकार की बीमारियों से बचे रहने में मदद मिल सकती है। वहीं, अगर कोई बीमार है, तो डॉक्टर की सलाह पर इसका सेवन करने से बीमारी के लक्षणों से उबरने में मदद मिल सकती है।

आइए, हम सीधा पॉइंट पर आते हैं और कद्दू के फायदे के बारे में विस्तार से जानते हैं।

कद्दू के फायदे – Benefits of Pumpkin in Hindi

एनीसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफार्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध के अनुसार, कद्दू में एंटी-डायबिटिक, एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-कार्सिनोजेनिक (anti-carcinogenic) यानी कैंसर को फैलने से रोकने में मदद करने वाला गुण, एंटी-इंफ्लेमेटरी और अन्य कई महत्वपूर्ण गुण शामिल हैं (1)। कद्दू में पाए जाने वाले ये गुण सेहत के लिए कैसे फायदेमंद हो सकते हैं, यहां हम नीचे विस्तार से बता रहे हैं।

1. वजन कम करने के लिए कद्दू के फायदे

अधिक वजन और मोटापा मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, कुछ प्रकार के कैंसर के साथ-साथ कई समस्याओं का कारण बन सकता है (2)। कद्दू के इसी प्रभाव को जानने के लिए चूहों पर एक प्रशिक्षण किया गया। एनीसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित इस शोध के अनुसार, कद्दू के तने का अर्क मोटापा और बढ़ते वजन की समस्या को कुछ हद तक कम करने में मददगार हो सकता है। दरअसल, शोध में पाया गया कि कद्दू के तने में एंटी-ओवेसिटी गुण पाया जाता है। ये गुण मोटापा और अतिरिक्त वसा को कम करने में फायदेमंद हो सकते हैं (3) । फिलहाल, इस संबंध में सिर्फ जानवरों पर ही शोध किया गया है। मनुष्यों पर शोध किया जाना बाकी है।

2. कैंसर के लक्षण को कम करने के लिए कद्दू खाने के फायदे

कैंसर एक घातक बीमारी है, जिसके कई गंभीर परिणाम देखे गए हैं। कद्दू इस बीमारी से बचाने में मदद कर सकता है। एनीसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, कद्दू में एंटी कैंसर गुण पाए जाते हैं, जो कैंसर को बढ़ने से रोकने में मदद कर सकते हैं। रिसर्च के मुताबिक, कद्दू में पाया जाने वाला यह गुण स्तन कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर को पनपने से रोकने में फायदेमंद हो सकता है (4)। इसके अलावा, एक अन्य शोध में पाया गया है कि कद्दू में एंटी-कार्सिनोजेनिक गुण भी पाया जाता है (1)। ध्यान रहे कि कद्दू कैंसर का उपचार नहीं कर सकता। कैंसर के उपचार के लिए डॉक्टर के द्वारा बताया गया ट्रीटमेंट ही फायदेमंद हो सकता है।

3. विटामिन-ए से भरपूर

कद्दू में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं, जिनमें से एक विटामिन-ए भी है। इसमें विटामिन-ए की मात्रा लगभग 8513 आईयू पाई जाती है (5)। माना जाता कि विटामिन-ए सेहत के लिए कई प्रकार से फायदेमंद है। यह स्वस्थ दांतों, मजबूत हड्डियों, ऊतकों यानी टिश्यू और त्वचा के लिए फायदेमंद हो सकता है। इसके अलावा, गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान भी विटामिन-ए को अहम माना गया है। यह विटामिन आंखों की समस्याओं को दूर करने में भी मददगार साबित हो सकता है (6)।

4. मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए कद्दू के लाभ

रक्त में शुगर की मात्रा बढ़ने से मधुमेह यानी डायबिटीज होने का खतरा हो सकता है। आजकल लोगों में यह आम समस्या बन गई है, इसलिए इससे बचाव के लिए कद्दू को इस्तेमाल में लाया जा सकता है। एनीसीबीआई की ओर से प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, कद्दू में मेथनॉल (methanol) पाया जाता है, जो रक्त में मौजूद ग्लूकोज के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, कद्दू में एंटी डायबिटिक गुण भी पाए जाते हैं, जो टाइप-2 मधुमेह के लक्षणों को कुछ हद तक कम करने में कारगर हो सकते हैं (7)।

5. प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए कद्दू खाने के फायदे

बीमारियों से लड़ने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली का मजबूत होना जरूरी है। इसके लिए कद्दू का सेवन लाभदायक हो सकता है। एक जर्नल पेपर के अनुसार, कद्दू में विटामिन-ए, विटामिन-सी, विटामिन-ई और बीटा-कैरोटीन के साथ ही फाइबर, राइबोफ्लेविन, पोटैशियम, कॉपर व मैंगनीज की अच्छी मात्रा पाई जाती है। ये सभी पोषक तत्व मधुमेह, मोटापा, हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं, साथ ही प्रतिरक्षा प्रणाली को भी मजबूत बनाते हैं। शोध में प्रतिरक्षा प्रणाली और अच्छे स्वास्थ्य के लिए कद्दू युक्त भोजन के सेवन की सलाह भी दी गई है (8)।

6. स्वस्थ आंखों के लिए कद्दू के फायदे

आंखें अनमोल होती हैं। यही वजह से है कि आंखों के स्वास्थ्य पर खास ध्यान दिया जाना जरूरी है। एक शोध के मुताबिक, कद्दू का सेवन आंखों के लिए फायदेमंद हो सकता है। कद्दू में पाए जाने वाले कई सारे पोषक तत्वों में बीटा-कैरोटीन भी शामिल है। यह पोषक तत्व एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है, जो शरीर में विटामिन-ए में परिवर्तित होता है और आंखों को स्वस्थ रखने में मदद करता है। साथ ही डिजनरेटिव नेत्र रोग यानी उम्र बढ़ने के साथ होने वाली आंखों की समस्या से बचाने में मदद करता है (8)।

7. हृदय स्वास्थ्य के लिए कद्दू खाने के फायदे

एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित रिसर्च पेपर के मुताबिक, खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) हृदय रोग के जोखिम को बढ़ा सकता है। इस समस्या को दूर करने के लिए कद्दू लाभकारी माना जाता है। दरअसल, कद्दू में एंटीऑक्सीडेंट गुण होता है। शोध के अनुसार, एंटीऑक्सीडेंट खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में फायदेमंद हो सकते हैं। साथ ही ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और डिस्लिपिडेमिया (dyslipidemia) यानी रक्त में लिपिड की असामान्य मात्रा को भी रोक सकता हैं, जिससे हृदय रोग के जोखिम में कमी आ सकती है (9)। इसके अलावा, कद्दू में पाया जाने वाला बीटा-कैरोटीन, जोकि एक एंटीऑक्सीडेंट है, हृदय रोग की आशंका को कम कर सकता है (10)

8. रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए कद्दू के लाभ

कद्दू कई बीमारियों के साथ ही रक्तचाप को भी नियंत्रित कर सकता है। दरअसल, 100 ग्राम कद्दू में 340 मिलीग्राम पोटैशियम पाया जाता है (5)। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, पोटैशियम का सेवन उच्च रक्तचाप की रोकथाम और उपचार के लिए अच्छा पोषक तत्व हो सकता है (11)

9. त्वचा के लिए कद्दू के फायदे

सेहत के साथ ही कद्दू त्वचा के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। एनसीबीआई की ओर से पब्लिश किए गए रिसर्च पेपर के अनुसार, कद्दू में बीटा कैरोटिन पाया जाता है, जिसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। यह गुण त्वचा को सूरज की पराबैंगनी किरणों से बचाने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, शोध में पाया गया है कि कद्दू के बीजों में मौजूद लिनोलेनिक एसिड (linoleic acid) झुर्रियों, रूखेपन और कोशिकाओं के क्षतिग्रस्त होने की आशंका को कुछ हद तक कम करने में मदद कर सकता है (12)।

कद्दू के फायदे के बाद यहां हम बता रहे हैं इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्वों के बारे में।

कद्दू के पौष्टिक तत्व – Pumpkin Nutritional Value in Hindi

कद्दू के गुण उसमें पाए जाने वाले पोषक तत्वों की वजह से हैं, जिनके बारे में हम यहां नीचे टेबल के जरिए विस्तार से बता रहे हैं (5):

पोषक तत्व मात्रा प्रति 100 ग्राम
पानी 91.6 ग्राम
ऊर्जा 26 kcal
 कैलोरी 109 किलोजूल
प्रोटीन 1 ग्राम
फैट 0.1 ग्राम
कार्बोहाइड्रेट 6.5 ग्राम
फाइबर 0.5 ग्राम
शुगर 2.76 ग्राम
मिनरल्स
कैल्शियम 21 मिलीग्राम
आयरन 0.8 मिलीग्राम
मैग्नीशियम 12 मिलीग्राम
फास्फोरस 44 मिलीग्राम
पोटैशियम 340 मिलीग्राम
सोडियम 1 मिलीग्राम
जिंक 0.32 मिलीग्राम
कॉपर 0.127 मिलीग्राम
मैंगनीज 0.125 मिलीग्राम
सेलेनियम 0.3 माइक्रोग्राम
विटामिन
विटामिन सी 9 मिलीग्राम
थायमिन 0.05 मिलीग्राम
राइबोफ्लेविन 0.11 मिलीग्राम
नियासिन 0.6 मिलीग्राम
 पेन्थोथेनिक एसिड 0.298 मिलीग्राम
विटामिन-बी6 0.061 मिलीग्राम
फोलेट 16 माइक्रोग्राम
कोलीन 8.2 मिलीग्राम
विटामिन-ए, RAE 426 माइक्रोग्राम
बीटा कैरोटिन 3100 माइक्रोग्राम
विटामिन-ए, आईयू 8513 आईयू
विटामिन-ई 1.06 मिलीग्राम
विटामिन-के 1.1 माइक्रोग्राम
लिपिड
फैटी एसिड टोटल सैचुरेटेड 0.052 ग्राम
फैटी एसिड टोटल मोनोअनसैचुरेटेड 0.013 ग्राम
फैटी एसिड टोटल पोलीअनसैचुरेटेड 0.005 ग्राम

कद्दू में पाए जाने वाले पोषक तत्वों को जानने के बाद अब बारी है इसके उपयोग के बारे में जानने की।

कद्दू का उपयोग – How to Use Pumpkin in Hindi

कद्दू का उपयोग लगभग हर रसोई में होता है। यहां पर हम इसके कुछ खास उपयोग के बारे में बता रहे हैं।

  • अन्य सब्जियों की तरह कद्दू की भी स्वादिष्ट सब्जी बनाई जा सकती है।
  • दूध में मिलाकर कद्दू की खीर भी बनाई जा सकती है।
  • यहां तक कि कद्दू के लड्डू भी बनाए जा सकते हैं।
  • जिन्हें मीठा पसंद नहीं, वो कद्दू की चटनी का उपयोग अपने भोजन में कर सकते हैं।
  • कद्दू का उपयोग जायकेदार रसम बनाने के लिए भी किया जा सकता है।
  • बच्चों के लिए कद्दू और गुड से बना कपकेक बना सकते हैं।

मात्रा: ऐसा माना जाता है कि रोजाना आधा कप कद्दू का सेवन सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है, लेकिन इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं हैं। इसलिए, अगर कद्दू खाने के फायदे के लिए आप इसका सेवन करना चाहते हैं, तो इसकी सही मात्रा के बारे में आहार विशेषज्ञ से पूछ कर इसे अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।

कद्दू के उपयोग के बाद हम कद्दू के नुकसान के बारे में बता रहे हैं।

कद्दू के नुकसान – Side Effects of Pumpkin in Hindi

कद्दू के लाभ तभी मिल सकते हैं, जब इसका सेवन सीमित मात्रा में किया जाए। अधिक मात्रा में सेवन करने पर कद्दू के नुकसान भी हो सकते हैं। नीचे हम कद्दू खाने के नुकसान के बारे में बता रहे हैं। जो इस प्रकार हैं:

  • जिनके रक्त में शुगर का स्तर कम हो, उन्हें इसके सेवन से बचना चाहिए, क्योंकि कद्दू में मेथनॉल (methanol) नामक अर्क पाया जाता है, जो रक्त में मौजूद ग्लूकोज के स्तर को कम कर सकता है (7)।
  • जैसा कि हम ऊपर बता ही चुके हैं कि कद्दू विटामिन-ए का अच्छा स्रोत होता है (5)। अगर इस लाभकारी विटामिन की मात्रा शरीर में ज्यादा हो जाए, तो यह गर्भावस्था में परेशानी और होने वाले शिशु को जन्म दोष जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है (6)।
  • इसके अलावा कुछ लोगों का शरीर कद्दू के प्रति संवेदनशील हो सकता है। अगर वो इसका सेवन करते हैं, तो कद्दू से एलर्जी हो सकती है।

आपने इस आर्टिकल के माध्यम से जाना कि कद्दू सेहत के लिए कई प्रकार से लाभदायक हो सकता है। जहां एक ओर इसमें पाए जाने वाले औषधीय गुण स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकते हैं, तो वहीं इसके पोषक तत्व त्वचा की कई समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकते हैं। यहां एक बात यह भी ध्यान रखने की है कि कद्दू बीमारियों के लक्षण को कम करने में मदद कर सकता है, लेकिन किसी मेडिकल ट्रीटमेंट का विकल्प साबित नहीं हो सकता। इस आर्टिकल काे पढ़कर अगर आपके मन में भी कद्दू को अपनी डाइट में शामिल करने का विचार आया है, तो अपने डॉक्टर की सलाह से इसे आहार में शामिल कर सकते हैं। कद्दू के फायदे बताता यह आर्टिकल आपके लिए किस प्रकार से लाभदायक रहा, हमें नीचे दिए कमेंट बॉक्स के जरिए बताना न भूलें।

संबंधित आलेख

The post कद्दू के फायदे, उपयोग और नुकसान – Pumpkin Benefits, Uses and Side Effects in Hindi appeared first on STYLECRAZE.

हेपेटाइटिस बी के कारण, लक्षण और घरेलू उपाय – Hepatitis B Causes, Symptoms and Home Remedies in Hindi

$
0
0

अपने पूरे जीवन में लोग कई बीमारियों का सामना करते हैं। कुछ बीमारियां बहुत आम होती हैं, जो दो से चार दिनों में ही ठीक हो जाती हैं। वहीं कुछ बीमारियां ऐसी भी हैं, जिनका जीवन में शामिल होना मौत की दस्तक के समान होता है। ऐसी ही एक खतरनाक और जानलेवा बीमारी है, हेपेटाइटिस बी। इस बीमारी की गंभीरता को देखते हुए स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम आपको हेपेटाइटिस बी के लक्षण, कारण और इसके उपचार के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं। फिर भी आपको ध्यान रखना होगा कि लेख के माध्यम से बताया जाने वाला हेपेटाइटिस बी का घरेलू इलाज कुछ हद तक राहत तो दिला सकता है, लेकिन इनकी मदद से समस्या से पूरी तरह छुटकारा नहीं पाया जा सकता। इसलिए, जरूरी है कि हेपेटाइटिस बी के उपचार के लिए एक बार डॉक्टर से परामर्श अवश्य ले लें।

तो आइए विषय से संबंधित अन्य जानकारियां हासिल करने से पहले जरूरी है कि थोड़ा हेपेटाइटिस बी के विषय में जान लिया जाए।

हेपेटाइटिस बी क्या है – What are Hepatitis B in Hindi

हेपेटाइटिस बी एक संक्रामक बीमारी है, जो हेपेटाइटिस बी वायरस के कारण होती है। यह बीमारी किसी भी उम्र में और किसी को भी हो सकती है। लेकिन बच्चों में इस बीमारी के होने की आशंका अत्यधिक प्रबल मानी जाती है। इसमें मुख्य रूप से रोगी का लिवर प्रभावित होता है। संक्रमण के कारण लिवर में सूजन आती है, जो समय के साथ अन्य शारीरिक जटिलताओं को जन्म दे सकती है। वहीं कुछ गंभीर स्थितियों में यह लिवर की घातक क्षति या सिरोसिस (लिवर का पूरी तरह से काम न करना) का कारण भी बन सकती है। हालांकि, यह स्थिति दुर्लभ है, लेकिन अत्यधिक गंभीर अवस्था में इस संक्रमण के कारण रोगी की मौत भी हो सकती है (1)

हेपेटाइटिस बी क्या है, इस बारे में जानने के बाद लेख के अगले भाग में हम आपको इसके प्रकार के बारे में बताएंगे।

हेपेटाइटिस बी के प्रकार – Types of Hepatitis B in Hindi

हेपेटाइटिस बी संक्रमण मुख्य दो प्रकार के होते हैं (1)

1. एक्यूट हेपेटाइटिस बी

यह हेपेटाइटिस बी का एक सामान्य प्रकार है। इसमें दो से तीन हफ्तों में ही रोगी को होने वाली समस्याओं का अंत हो जाता है। वहीं चार से छह महीनों में लिवर सामान्य अवस्था में वापस आ जाता है।

2. क्रोनिक हेपेटाइटिस बी

हेपेटाइटिस बी का यह प्रकार काफी घातक साबित हो सकता है और कुछ विशेष परिस्थितियों में लिवर की गंभीर क्षति या सिरोसिस का कारण भी बन सकता है। हेपेटाइटिस बी के इस प्रकार में लंबे समय तक कोई भी लक्षण प्रदर्शित नहीं होते और जब तक लक्षण नजर आते हैं, तब तक काफी देर हो चुकी होती है। हेपेटाइटिस बी का यह प्रकार मुख्य रूप से बच्चों में देखा जाता है। वहीं कुछ ऐसे वयस्क जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, इसकी चपेट में आ जाते हैं।

लेख के अगले भाग में अब हम आपको हेपेटाइटिस बी के जोखिम कारकों से जुड़ी जानकारी देंगे।

हेपेटाइटिस बी के कारण और जोखिम कारक – Causes and Risk Factors of Hepatitis B in Hindi

जैसा कि हमने ऊपर बताया कि हेपेटाइटिस बी वायरस के कारण ही हेपेटाइटिस बी संक्रमण होता है। यह संक्रमण हेपेटाइटिस बी के जोखिम कारक के जरिए एक स्वस्थ व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है। इन जोखिम कारकों को बिंदुवत बताया गया है (1)

  • संक्रमित सुई का उपयोग करने से।
  • त्वचा और मुंह का घाव या कट (Cut) की स्थिति के साथ आंखों का संक्रमित व्यक्ति के शारीरिक तरल जैसे:- खून या लार का सीधा संपर्क में आना।
  • संक्रमित व्यक्ति से साथ असुरक्षित यौन संबंध।
  • संक्रमित खून चढ़ाने के कारण।
  • संक्रमित खून के लगातार संपर्क में रहने से (स्वास्थ्य संबंधी जांच करने वाले व्यक्ति को)।
  • लंबे समय से डायलिसिस (खून को मशीन की सहायता से साफ करने की प्रक्रिया) कराने वाले लोगों को।
  • असुरक्षित सुई से टैटू बनाने से।
  • संक्रमित व्यक्ति के साथ टूथब्रश या रेजर जैसी निजी चीजे शेयर करने से।
  • संक्रमित गर्भवती मां से बच्चे में।

अब हम लेख के अगले भाग में आपको हेपेटाइटिस बी के लक्षण के बारे में बताएंगे।   

हेपेटाइटिस बी के लक्षण – Symptoms of Hepatitis B in Hindi

हालांकि, शुरुआती दिनों में हेपेटाइटिस रोग के लक्षण बिलकुल भी नहीं दिखाई देते। लेकिन कुछ स्थितियों में आपको निम्न प्रभाव देखने को जरूर मिल सकते हैं (1)

  • कुछ दिनों या हफ्तों तक कमजोरी का महसूस होना।
  • जल्दी-जल्दी बीमार होना।
  • भूख की कमी।
  • अत्यधिक थकान।
  • हल्का बुखार।
  • जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द की समस्या।
  • मतली और उल्टी की समस्या।
  • त्वचा पर पीलापन।
  • गाढ़े रंग का पेशाब होना।

हेपेटाइटिस बी के लक्षण जानने के बाद आइए अब हम इस समस्या के घरेलू उपचारों के बारे में भी थोड़ी जानकारी हासिल कर लेते हैं।   

हेपेटाइटिस बी के लिए घरेलू उपाय – Home Remedies for Hepatitis B in Hindi

1. मिल्क थिसल

सामग्री
  • मिल्क थिसल टी बैग
कैसे इस्तेमाल करें
  • सबसे पहले एक कप गर्म पानी लें।
  • अब कप में मिल्क थिसल टी बैग डालकर 10 से 15 मिनट के लिए छोड़ दें।
  • समय पूरा होने के बाद तैयार चाय को सिप करके पिएं।
  • नियमित रूप से इस चाय को दिन में एक से दो बार इस्तेमाल किया जा सकता है। 
कैसे है लाभदायक

हेपेटाइटिस बी का घरेलू इलाज के तौर पर मिल्क थिसल की चाय को उपयोग में लाना फायदेमंद साबित हो सकता है। दरअसल, मिल्क थिसल के बीज में सिलीबिन नाम का एक खास तत्व पाया जाता है, जिसमें लिवर प्रोटेक्टिव (लिवर को क्षति से बचाने वाला) प्रभाव पाया जाता है। साथ ही इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी (सूजन को कम करने वाला) गुण भी पाया जाता है, जो संयुक्त रूप से हेपेटाइटिस बी वायरस के प्रभाव को कम करने के साथ होने वाले जोखिमों को रखने में भी मदद कर सकता है (2)

2. लहसुन 

समाग्री 
  • दो से तीन लहसुन की कली
कैसे इस्तेमाल करें 
  • खाद्य सामग्रियों में लहसुन का प्रयोग करें।
  • चाहें तो लहसुन को सीधे खाने के लिए भी इस्तेमाल में ला सकते हैं।
  • दिए गए दोनों ही तरीकों में से किसी एक के माध्यम से दिन में एक बार लहसुन का सेवन जरूर करें। 
कैसे है लाभदायक

एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार लहसुन में एलिसिन (Allicin) नाम का एक खास तत्व पाया जाता है। इस खास तत्व के कारण लहसुन में एंटीमाइक्रोबियल (घातक जीवाणुओं को नष्ट करने वाले), इम्यूनोमॉड्यूलेटरी (प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाले) और एंटीवायरल (वायरस को नष्ट करने वाले) गुण मौजूद होते हैं (3) (4)। जैसा कि हमने आपको बताया कि हेपेटाइटिस बी एक वायरस संक्रमण है और इसमें लिवर प्रभावित होता है (1)

ऐसे में एंटीमाइक्रोबियल और इम्यूनोमॉड्यूलेटरी गुण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार कर उपापचय संबंधी विकारों को दूर करने में मदद कर सकते हैं। इसी कारण इन दोनों प्रभावों का हेपेटाइटिस बी के कारण होने वाली लिवर संबंधी समस्याओं पर सकारात्मक लाभ देखा जा सकता है (3) (4)। वहीं इसमें मौजूद एंटीवायरल प्रभाव हेपेटाइटिस बी वायरस के प्रभाव को कम करने में लाभकारी माना जा सकता है। हालांकि, इस संबंध में सीधे तौर पर कोई भी प्रमाण उपलब्ध नहीं है कि यह हेपेटाइटिस बी वायरस पर कितना प्रभावी साबित हो सकता है।

3. अदरक 

सामग्री 
  • अदरक के कटे हुए दो से चार टुकड़े
  • एक कप पानी 
कैसे इस्तेमाल करें
  • एक कप पानी को सॉस पैन में लेकर उसमें अदरक के टुकड़े डालें और गैस पर उबलने तक चढ़ा दें।
  • अच्छे से पानी उबलने के बाद उसे एक कप में छानकर अलग कर लें और हल्का ठंडा होने का इंतजार करें।
  • जब पानी गुनगुना हो जाए तो उसे सिप करके पिएं।
  • इस प्रक्रिया को दिन में करीब एक से दो बार दोहराया जा सकता है।
कैसे है लाभदायक

विशेषज्ञों के मुताबिक अदरक में हेपटोप्रोटेक्टीव (लिवर को क्षति से बचाने वाला) और एंटीवायरल (वायरस के प्रभाव को नष्ट करने वाला) प्रभाव पाया जाता है (5) (6)। जैसा कि आपको लेख में पहले ही बताया जा चुका है कि हेपेटाइटिस एक वायरस संक्रमण है, जिसमें लिवर में सूजन और क्षति की समस्या होती है (1)। इस कारण यह माना जा सकता है कि अदरक के उपयोग से हेपेटाइटिस बी का घरेलू इलाज लाभकारी परिणाम प्रदर्शित कर सकता है।

4. ग्रीन टी 

सामग्री 
  • एक चम्मच ग्रीन टी
  • एक कप गर्म पानी 
कैसे इस्तेमाल करें 
  • सबसे पहले एक कप गर्म पानी लें और उसमें एक चम्मच ग्रीन टी डालें।
  • अब इसे 10 से 15 मिनट के लिए ऐसे ही छोड़ दें।
  • समय पूरा होने के बाद धीरे-धीरे इसे सिप करके पिया जा सकता है।
  • इस प्रक्रिया को दिन में एक से दो बार दोहराया जा सकता है। 
कैसे है लाभदायक

हेपेटाइटिस बी के उपचार के लिए ग्रीन टी का उपयोग भी फायदेमंद साबित हो सकता है। दरअसल, ग्रीन टी में एपिगैलोकैटेचिन गैलेट (Epigallocatechin Gallate) नाम का एक विशेष तत्व पाया जाता है, जो हेपेटाइटिस बी वायरस के खिलाफ लड़ने की क्षमता रखता है। वहीं इसके अलावा ग्रीन टी में ऐसे ही अन्य कई तत्व भी मौजूद होते हैं, जो संयुक्त रूप से हेपेटाइटिस बी की समस्या से राहत दिलाने में मदद करते हैं (7) (8)। इस कारण यह कहना गलत नहीं होगा कि इस समस्या से राहत पाने के लिए ग्रीन टी का उपयोग लाभकारी साबित हो सकता है।

5. रेड जिनसिंग 

सामग्री 
  • एक रेड जिनसिंग टी बैग
  • एक कप गर्म पानी 
कैसे इस्तेमाल करें 
  • एक कप गर्म पानी लें और उसमें रेड जिनसिंग टी बैग डाल दें।
  • 10 से 15 मिनट तक टी बैक को ऐसे ही पड़ा रहने दें।
  • समय पूरा होने के बाद इसे सिप करके पी लें।
  • इस प्रक्रिया को दिन में एक से दो बार तक दोहराया जा सकता है। 
कैसे है लाभदायक

विशेषज्ञों के मुताबिक रेड जिनसिंग में एंटीवायरल प्रभाव पाया जाता है, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को घटाने वाले प्रभाव के साथ काफी हद तक हेपेटाइटिस बी वायरस के खिलाफ भी सकारात्मक परिणाम प्रदर्शित कर सकता है (9)। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि रेड जिनसिंग को हेपेटाइटिस बी के उपचार के विकल्प के तौर पर इस्तेमाल में लाया जा सकता है।

6. शहद

सामग्री 
  • एक चम्मच प्राकृतिक शहद 
कैसे इस्तेमाल करें 
  • एक चम्मच शहद का नियमित सेवन करें।
  • बेहतर प्रभाव के लिए इसे दिन में दो बार तक लिया जा सकता है।
कैसे है लाभदायक

शहद में हेप्टोप्रोटेक्टिव (लिवर को क्षति से बचाने वाला) और एंटीवायरल (वायरस को नष्ट करने वाला) दोनों ही गुण पाए जाते हैं (10) (11)। वहीं लेख में इस बात का जिक्र पहले भी किया जा चुका है कि यह दोनों ही गुण संयुक्त रूप से हेपेटाइटिस बी की समस्या से होने वाले जोखिमों को कम कर सकते हैं, बल्कि इससे राहत दिलाने में भी मददगार साबित हो सकते हैं। इस कारण यह माना जा सकता है कि शहद का उपयोग हेपेटाइटिस बी के उपचार के एक बेहतर विकल्प के तौर पर किया जा सकता है।

7. गन्ने का रस 

सामग्री 
  • आधा गिलास गन्ने का रस 
कैसे इस्तेमाल करें 
  • प्रतिदिन ताजा गन्ने का रस पिएं। 
कैसे है लाभदायक

हेपेटाइटिस बी ट्रीटमेंट के लिए आप गन्ने के रस को भी उपयोग में ला सकते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक गन्ने के रस में फ्लेवोनॉयड और एंथोसायनिन जैसे तत्व प्रचुर मात्रा में मौजूद होते हैं। इनकी मौजूदगी के कारण ही गन्ने का रस शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट (मुक्त कणों से होने वाली क्षति को रोकने वाला) और हेप्टोप्रोटेक्टिव (लिवर को क्षति से बचाने वाला) प्रभाव प्रदर्शित करता है (12)। जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया कि हेपेटाइटिस बी की समस्या में मुख्य रूप से लिवर ही प्रभावित होता है (1)। इस कारण यह कहा जा सकता है कि गन्ने का रस लिवर संबंधित जोखिमों को दूर कर हेपेटाइटिस बी के घातक परिणामों को दूर रखने में मदद कर सकता है।

8. बिटर कोला 

सामग्री 
  • बिटर कोला सीड सप्लीमेंट 
कैसे इस्तेमाल करें 
  • बिटर कोला सीड सप्लीमेंट की मात्रा और लेने की प्रक्रिया के बारे में डॉक्टर से संपर्क करके नियमित सेवन में लाएं।
कैसे है लाभदायक

हेपेटाइटिस बी ट्रीटमेंट के लिए आप बिटर कोला को भी इस्तेमाल कर सकते हैं। दरअसल, गन्ने के रस की ही तरह बिटर कोला में भी हेप्टोप्रोटेक्टिव (लिवर को क्षति से बचाने वाला) प्रभाव पाया जाता है (13)। इस प्रभाव के कारण इसका उपयोग हेपेटाइटिस बी के प्रभाव को धीमा कर समस्या में राहत पहुंचाने का काम कर सकता है।

9. हल्दी 

सामग्री 
  • एक चम्मच हल्दी पाउडर
  • एक गिलास गर्म दूध
कैसे इस्तेमाल करें
  • एक गिलास गर्म दूध लेकर उसमें एक चम्मच हल्दी डालें और अच्छे से मिलाएं।
  • अब इसे धीरे-धीरे पी जाएं।
  • बेहतर लाभ के लिए प्रतिदिन इस प्रक्रिया को रात में सोने से पहले अपनाने की सलाह दी जाती है। 
कैसे है लाभदायक

वल्ड जर्नल ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के मुताबिक हल्दी में अन्य औषधीय गुणों के साथ ही एंटीवायरल प्रभाव भी मौजूद होता है, जो सीधे तौर पर हेपेटाइटिस बी वायरस के प्रभाव को कम करने में मदद करता है (14)। इस तथ्य को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि हेपेटाइटिस बी की समस्या से राहत पाने के लिए हल्दी का उपयोग सहायक साबित हो सकता है।

हेपेटाइटिस बी का घरेलू इलाज जानने के बाद अब हम आपको डॉक्टर द्वारा अपनाए जाने वाले हेपेटाइटिस बी के इलाज के बारे में बताएंगे।

हेपेटाइटिस बी का इलाज – Treatment of Hepatitis B in Hindi

हेपेटाइटिस बी के इलाज की बात करें तो सामान्य तौर पर एक्यूट और क्रोनिक हेपेटाइटिस बी के दोनों ही प्रकार में किसी भी निर्धारित इलाज की आवश्यकता नहीं होती। जरूरत होती है तो बस भरपूर आराम की। साथ ही इस दौरान डॉक्टर अधिक से अधिक पेय पदार्थों के साथ स्वस्थ भोजन करने की सलाह देते हैं। हां, यह जरूर है कि ब्लड टेस्ट के माध्यम से संक्रमित व्यक्ति में वायरस की सक्रियता के स्तर और उससे पड़ने वाले अन्य अंगों पर प्रभाव की निगरानी जरूर की जाती है। जांच में अगर पुष्टि होती है कि व्यक्ति क्रोनिक हेपेटाइटिस बी से पीड़ित है और वायरस शरीर पर गंभीर प्रभाव डाल रहा है तो उससे बचाव के लिए एंटीवायरल दवाओं का सेवन करने की डॉक्टर सलाह देता है (1)

अब आइए उन स्थितियों पर भी एक नजर डाल लेते हैं, जिनमें डॉक्टर रोगी को दवा लेने की सलाह देता है:

  • जब संक्रमण के कारण जल्द ही लिवर पर घातक प्रभाव दिखने लगे।
  • अगर लंबे समय से लिवर से संबंधित कोई परेशानी हो।
  • जब खून में हेपेटाइटिस बी वायरस की अत्यधिक सक्रियता दिखे।
  • अगर महिला गर्भवती हो।

हेपेटाइटिस बी के इलाज जानने के बाद अब हम आपको इससे बचाव संबंधी कुछ जरूरी बाते बताएंगे।

हेपेटाइटिस बी से बचाव  – Prevention Tips for Hepatitis B in Hindi 

हेपेटाइटिस बी संक्रमण से बचाव के लिए निम्न बातों को ध्यान में रखना बहुत जरूरी है (1)

  • बच्चों को जन्म के तुरंत बाद और फिर छठे महीने से 18वें महीने के बीच तीन चरण में इसके टीके लगवाएं।
  • 19 साल से कम उम्र के बच्चे जिन्हें अभी तक हेपेटाइटिस बी नहीं हुआ है, वह भी इससे सुरक्षा के लिए हेपेटाइटिस बी से बचाव का टीका लगवा सकते हैं।
  • अगर गर्भवती महिला को हेपेटाइटिस बी की समस्या है तो ऐसे में जन्म के बाद बच्चों को 12 घंटों के अंदर इससे संबंधित विशेष टीकाकरण अवश्य करवाएं।
  • अगर संक्रमण के 24 घंटों के भीतर हेपेटाइटिस बी इम्यून ग्लोब्लिन (Hepatitis B Immune Globulin) टीका लगवा लिया जाए तो संक्रमण को बढ़ने से रोका जा सकता है।
  • अगर शराब का सेवन करते हैं तो उसे तत्काल प्रभाव से बंद कर दें।

हेपेटाइटिस बी क्या है और सावधानी न बरतनी की स्थिति में यह कितना घातक हो सकता है, इस बारे में तो अब आप जान ही गए होंगे। साथ ही आपको इस बात का भी पता चल गया होगा कि इस संक्रमण के कारण क्या-क्या जटिलताएं झेलनी पड़ सकती हैं। लेकिन अगर हेपेटाइटिस रोग के लक्षण और जोखिम कारकों को ध्यान में रखा जाए तो समय रहते ही बीमारी को होने या बढ़ने से रोका जा सकता है। फिर भी अगर कोई हेपेटाइटिस संक्रमण की चपेट में आ जाए तो लेख में बताएं गए बचाव संबंधी घरेलू उपाय और इलाज के तरीके बड़े काम आएंगे। वहीं आपको यह भी ध्यान में रखना होगा कि किसी भी समस्या का पूर्ण उपचार बिना डॉक्टर की सलाह के संभव नहीं। ऐसे में एक बार अपने नजदीकी चिकित्सक या हॉस्पिटल में संपर्क जरूर करें। इस विषय से जुड़ा अन्य कोई सवाल आपके मन में हो तो आप नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स के जरिए उसे हम तक पहुंचा सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

कितने समय तक हेपेटाइटिस बी वायरस शरीर के बाहर रह सकता है?

विशेषज्ञों के मुताबिक हेपेटाइटिस बी वायरस करीब 7 दिनों तक शरीर के बाहर रह सकता है और किसी के भी संक्रमण का कारण बन सकता है (15)

क्या OSHA BBP का मुख्य ध्यान हेपेटाइटिस बी पर है?

हां, विषय की गंभीरता को देखते हुए OSHA (ऑक्यूपेशनल सेफ्टी एंड हेल्थ एडमिनिस्ट्रेशन) ब्लडबोर्न पैथोजेन्स (BBP) रेग्यूलेशन का मुख्य ध्यान हेपेटाइटिस बी पर है (16), लेकिन ब्लडबोर्न पैथोजेन्स जैसे:- हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी और रोग प्रतिरोधक क्षमता को नष्ट करने वाले वायरस तक ही सीमित नहीं है।

हेपेटाइटिस बी के टीके का असर कितने समय तक रहता है?

अगर बच्चे को छह महीने की उम्र में हेपेटाइटिस बी का टीकाकरण कराया गया है तो यह सामान्य रूप से 30 साल तक बच्चे की संक्रमण से सुरक्षा कर सकता है (17)

क्या हेपेटाइटिस बी को पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है?

हेपेटाइटिस बी को ठीक करने का कोई भी इलाज नहीं है। इसमें केवल भरपूर आराम के साथ अच्छी मात्रा में तरल और स्वस्थ खाद्य पदार्थ लेने की सलाह दी जाती है। सामान्य तौर पर एक्यूट संक्रमण के रोगी दो से तीन हफ्ते में अपने आप ठीक हो जाते हैं। क्रोनिक संक्रमण वालों में चूंकि यह वायरस लंबे समय तक रहता है, वह एक वाहक की भूमिका निभाते हैं (1)

हेपेटाइटिस बी का टीका कब लगवाना चाहिए?

बच्चों को जन्म के तुरंत बाद और फिर छठे महीने से 18वें महीने के बीच तीन चरणों में टीके लगवाने चाहिएं (1)। वहीं अधिक जानकारी के लिए जन्म के बाद मिलने वाले टीकाकरण चार्ट से भी मदद ली जा सकती है।

वयस्कों के लिए हेपेटाइटिस बी वैक्सीन के लिए सही समय क्या है?

संक्रमण न होने की स्थिति में व्यस्क हेपेटाइटिस बी का टीका लगवा सकते हैं। दूसरी ओर संक्रमण होने के 24 घंटे के अंदर बचाव के लिए हेपेटाइटिस बी इम्यून ग्लोबिन (hepatitis B immune globulin) टीका लगवाया जा सकता है। वहीं संक्रमण होने के 24 घंटे बीत जाने के बाद टीका किसी काम का नहीं रह जाता (1)

शिशुओं में हेपेटाइटिस बी के टीके के दुष्प्रभाव क्या हैं?

किसी भी अन्य समस्या की तरह हेपेटाइटिस बी के टीके के कुछ दुष्प्रभाव देखे जा सकते हैं, जिनमें टीके वाली जगह पर सूजन या एलर्जी (खुजली या जलन) के साथ बुखार हो सकता है (18)

क्या गर्भावस्था के दौरान हेपेटाइटिस बी का टीका लगवाया जा सकता है?

गर्भावस्था के दौरान हेपेटाइटिस बी के टीके   का कोई जिक्र नहीं मिलता है। हां, जन्म के बाद बच्चे को 12 घंटे के अंदर हेपेटाइटिस बी इम्यून ग्लोबिन (Hepatitis B immune globulin) टीका लगाया जा सकता है (15)

हेपेटाइटिस बी किस अंग को प्रभावित करता है?

लेख में आपको पहले ही बताया जा चुका है कि हेपेटाइटिस बी मुख्य रूप से लिवर को प्रभावित करता है (1)

संबंधित आलेख

The post हेपेटाइटिस बी के कारण, लक्षण और घरेलू उपाय – Hepatitis B Causes, Symptoms and Home Remedies in Hindi appeared first on STYLECRAZE.

Jassi Jaissi Koi Nahin Star Mona Singh Set To Tie The Knot This Week

$
0
0

For those of you who grew up watching Hindi TV shows in the 2000s, Mona Singh might seem like a familiar name. Yes, it’s Jassi of Jassi Jaissi Koi Nahin herself. Most of us could relate to the awkwardness Jassi had to deal with. It gave us that unique taste of high school angst that many of us miss dearly. With her chunky glasses, badly cut bangs, dull sense of style and metallic braces, it was no surprise that she was the target of mockery. Especially considering the fact that she worked in the fashion industry. The funny thing is that the actress who played Jassi was a far cry from her on-screen persona. Known for being bubbly, outgoing, over-enthusiastic and a general good luck charm, Mona Singh is the embodiment of the effervescent Punjabi girl. So let’s take a look at her life so far:

The Big Day Arrives

The Big Day Arrives

monajsingh / Instagram

The actress has never been the kind who liked to air out her love life on cameras and has tried her best to stay tight-lipped about her marital plans and love life. When the young starlet was quizzed about her plans for marriage in an interview, she said “I always wanted to get married, but I am not dying to get married! My parents are happy to see me work and be independent. Marriage is not the only thing left to do in life. It is for those girls who are not working and are waiting to get married and whose parents think their daughter is a burden.” So when the actress’s plans to get married were announced, her fans were shocked, to say the least. Considering how hidden the actress has kept her relationship from the limelight, we don’t blame them.

Mona Singh and her fiancé Shyam are getting married on the 27th of December at a private wedding in Mumbai. If sources are to be believed, the guest list has been kept super private and only their close friends and family have been invited. Her wedding will be a tight-knit affair with a bunch of her industry companions, including her best friend Gaurav Gera, Rajesh Khera and Rakshanda Khan, to name a few. The actress recently hosted a fun bachelorette with her close gal pals in Goa. According to a friend, Mona doesn’t want to throw a massive bash or party on her big day and attract any media attention. Only those who are incredibly close to her have been welcomed to their wedding. A pre-wedding party is planned to be hosted on the 26th of December.

Once Bitten, Twice Shy

Once Bitten, Twice Shy

monajsingh / Instagram

Before Mona met Shyam, she was involved with Bollywood actor Vidyut Jamwal. The couple dated on and off for a couple of years until they finally called it quits in 2014. Many fans believe it had to do with scheduling work conflicts and the fact that an allegedly doctored MMS video of Mona had been leaked to the media. According to reports, Mona herself found it suspicious that the alleged leak happened so close to the release of Vidyut’s movie. A source close to the couple, however, claimed that the split had nothing to do with the MMS scandal but that the relationship had taken a rocky turn a few months ago. According to the source, marriage was not on the cards for either of the two and the split was amicable. The pair continues to be friends.

Before Vidyut and her current fiance, the actress was involved with her Jassi Jaisi Koi Nahi co-actor, Karan Oberoi. When quizzed about why the pair broke up, Karan claimed that while he wanted to tie the knot with Mona, she did not want to settle down. According to the actress herself, the pair only dated for 18 months in the six years that they knew each other. Mona and Karan are now neighbors and are on cordial terms but don’t keep in touch much. Recently, Karan was falsely accused of raping a female astrologist, and when he was asked if Mona reached out to him, he claimed he had not bothered reading any of the messages on his phone.

Duty Calls

Duty Calls

bollywoodarsivi / Instagram

On the work front, Mona Singh had been featured in movies like Rajkumar Hirani’s 3 Idiots alongside Aamir Khan and Kareena Kapoor Khan. The Kavach actress is planning on rejoining her 3 Idiots co-stars Aamir and Kareena in Advait Chandan’s hugely anticipated film Laal Singh Chadha. The movie is scheduled to be released on Christmas one year from now.

While it feels extremely bittersweet to watch your childhood idols growing up and having children of their own, etc., it’s nice to retain some elements of the nostalgic times we shared with our favorite on-screen celebrities. Let us know your thoughts about this in the comments below. Are you excited to see Mona back on the big screen?

The post Jassi Jaissi Koi Nahin Star Mona Singh Set To Tie The Knot This Week appeared first on STYLECRAZE.

ग्वार फली के फायदे और नुकसान – Guar Gum (Cluster Beans) Benefits and Side Effects in Hindi

$
0
0

सब्जियां स्वाद के साथ-साथ सेहत के लिए भी गुणकारी होती हैं। ऐसी ही एक सब्जी है, ग्वार फली, जो हरे रंग की फली होती है। यह लेगुमिनोसे (Leguminosae) परिवार से संबंध रखती है। इसका वैज्ञानिक नाम सिआमोप्सिस टेट्रागोनोलोबा (Cyamopsis tetragonoloba) है। इसका उपयोग सब्जी बनाने के अलावा औषधीय गुणों के कारण स्वास्थ्य के लिए भी किया जाता है। इसमें कई प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं और ये पोषक तत्व मधुमेह, कोलेस्ट्राॅल व हृदय की बीमारी जैसी कई समस्याओं से बचाने या फिर उनके लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं (1)। यही वजह है कि स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम विस्तार से ग्वार फली और इसके लाभ के बारे में बता रहे हैं। 

चलिए, सबसे पहले बात करते हैं ग्वार फली के फायदे के बारे में।  

ग्वार फली के फायदे – Benefits of Guar Gum (Cluster Beans) in Hindi 

ग्वार फली के गुण के कारण यह सेहत के लिए काफी फायदेमंद है। इससे होने वाले कुछ प्रमुख फायदों के बारे में नीचे विस्तार से बताया जा रहा है।

1. अच्छे पाचन के लिए ग्वार फली खाने के फायदे 

ग्वार फली का सेवन पाचन संबंधी कई समस्याओं को दूर करने में फायदेमंद हो सकता है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफार्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, ग्वार फली में पाया जाने वाला फाइबर कब्ज और दस्त की समस्या को कम करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, इर्रिटेबल बॉवल सिंड्रोम यानी बड़ी आंत से संबंधित परेशानी के लक्षणों को दूर करने में  लाभदायक हो सकता है। इस प्रकार ग्वार फली अच्छे पाचन के लिए कारगर हो सकती है (2)। इसका सेवन सलाद और सब्जी के रूप में किया जा सकता है।

2. ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए ग्वार फली के फायदे

ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए भी ग्वार फली फायदेमंद हो सकती है। दरअसल, रक्त में शुगर की मात्रा अधिक होने से मधुमेह यानी डायबिटीज की समस्या भी हो सकती है। ऐसे में ब्लड शुगर को   नियंत्रित करना जरूरी हो जाता है। एनसीबीआई की ओर से प्रकाशित एक शोध के अनुसार, ग्वार फली के सेवन से न सिर्फ रक्त में शुगर का स्तर कम होता है, बल्कि मधुमेह भी नियंत्रित हो सकता है। इस रिसर्च के दौरान मधुमेह रोगियों को 10 ग्राम ग्वार को पानी में घोलकर भोजन से पहले दिया गया। इसके परिणामस्वरूप 3 हफ्ते बाद मधुमेह रोगियों के रक्त में मौजूद शुगर के स्तर में कमी पाई गई। ग्वार फली के पाउडर को पानी में घोलकर या फिर सब्जी बनाकर आहार में शामिल किया जा सकता है (3)

3. कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए ग्वार फली के फायदे 

कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने के लिए ग्वार फली एक अच्छा विकल्प हो सकता है। शोध में पाया गया है कि इसमें मौजूद फाइबर रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसके अलावा, ग्वार फली में हाइपोलिपिडेमिक गुण भी होते हैं, जो रक्त में लिपिड यानी वसा की मात्रा को कम करके कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने से रोक सकते हैं। रिसर्च के अनुसार, प्रतिदिन 15 ग्राम ग्वार फली का सेवन करने से टोटल कोलेस्ट्रॉल के साथ ही हानिकारक कोलेस्ट्रॉल (LDL) और ट्राइग्लिसराइड्स (एक तरह का वसा) के स्तर को कम करने में मदद मिल सकती है (4) (5)। इसका सेवन पानी में उबाल कर काढ़े के रूप में किया जा सकता है।

4. वजन को कम करने के लिए ग्वार फली खाने के फायदे 

अधिक वजन और माेटापा कई समस्याओं का कारण हो सकता है, जिसमें उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल, मधुमेह और हृदय संबंधी समस्याएं शामिल हैं। ग्वार फली का सेवन वजन को कम करके उससे होने वाली समस्याओं को दूर कर सकता है। इसमें मौजूद फाइबर वजन को नियंत्रित करने के साथ ही मोटापे को कम करने में कारगर को सकता है। शोध में पाया गया है कि ग्वार फली के सेवन के बाद बार-बार कुछ खाने की इच्छा नहीं होती। इसकी वजह से ओवर इटिंग से बचा जा सकता है, जो सीधे तौर पर मोटापे को कम करने में मदद कर सकती है। इसके अलावा, ग्वार फली पचने में भी समय लेती है, जिस कारण लंब समय तक भूख लगने का एहसास नहीं होता। इसकी मदद से वजन नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है और मोटापा कम हो सकता है (6)। भूख कम करने के लिए इसका सेवन सलाद के रूप में कर सकते हैं।

5. स्वस्थ हृदय के लिए ग्वार फली के फायदे 

ग्वार फली का सेवन करने से हृदय को भी स्वस्थ रखा जा सकता है। इसमें पाया जाने वाला फाइबर कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित कर हृदय को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है (1)। यह न सिर्फ हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को कम कर सकता है, बल्कि इससे होने वाली हृदय संबंधी बीमारियों और हृदय रोग के जोखिम कारक जैसे कि डायबिटीज, मोटापे और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को भी कम करने में फायदेमंद हो सकता है (7)। इसका सेवन सब्जी के रूप में किया जा सकता है। 

ग्वार फली के फायदे के बाद इसमें मौजूद पोषक तत्वाें के बारे में जानना भी जरूरी है, जिसके बारे में हम नीचे विस्तार से बता रहे हैं।

ग्वार फली के पोषक तत्व – Cluster Beans (Gawar Phali) Nutritional Value in Hindi 

ग्वार फली में पाए जाने वाले पोषक तत्व व उनकी मात्रा इस प्रकार हैं (8):

पोषक तत्व मात्रा प्रति 100 ग्राम
पानी  15 g
कैलोरी 332 kcal
ऊर्जा 1390 KJ
प्रोटीन 4.6 g
कुल फैट 0.5 g
कार्बोहाइड्रेट 77.3 g
फाइबर 77.3 g
मिनरल्स
कैल्शियम 294 mg
सोडियम 125 mg
लिपिड्स
फैटी एसिड टोटल सैचुरेटेड 0.06 g
फैटी एसिड टोटल मोनोअनसैचुरेटेड 0.22 g
फैटी एसिड टोटल पोलीअनसैचुरेटेड 0.07 g

ग्वार फली के पोषक तत्वों के बाद हम इसके उपयोग के बारे में बता रहे हैं। 

ग्वार फली का उपयोग – How to Use Guar Gum (Gawar Phali) in Hindi 

ग्वार फली का उपयोग खाद्य पदार्थों में किया जाता है। यहां पर हम इसके कुछ प्रमुख उपयोग के बारे में बता रहे हैं।

  • ग्वार फली का ज्यादातर उपयोग सब्जी बनाने के लिए किया जा सकता है।
  • ग्वार फली को बेसन के साथ मिलाकर बेसनी ग्वार फली बनाई जा सकती है।
  • ग्वार फली की कढ़ी भी बनाई जा सकती है।
  • इसे उबालकर सलाद में मिक्स करके खाया जा सकता है।
  • बच्चों की मनपसंद जैली को भी ग्वार फली का पाउडर इस्तेमाल करके बना सकते हैं।
  • ग्वार फली के पाउडर का उपयोग ग्लुटेन फ्री ब्रेड बनाने के लिए कर सकते हैं।
  • आईसक्रीम बनाने के लिए भी ग्वार फली के पाउडर का उपयोग किया जा सकता है।
  • ग्वार फली को पानी में उबालकर काढ़े के रूप में सेवन किया जा सकता है।

मात्रा: प्रति दिन 30 ग्राम ग्वार फली का सेवन किया जा सकता है (9)। वहीं, अगर किसी को स्वास्थ्य संबंधी कोई परेशानी है, तो ग्वार फली को आहार में शामिल करने और इसकी सही मात्रा के संबंध में डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।

ग्वार फली खाने के फायदे और उपयोग के बाद हम ग्वार फली के नुकसान के बारे में बता रहे हैं। 

ग्वार फली के नुकसान – Side Effects of Guar Gum (Cluster Beans) in Hindi

ग्वार फली का अधिक मात्रा में सेवन कई प्रकार से नुकसानदायक हो सकता है। ग्वार फली खाने के नुकसान कुछ इस प्रकार हैं:

  • ग्वार फली के अधिक सेवन से गैस्ट्रिक की समस्या हो सकती है (10)
  • जिन्हें दस्त की समस्या हो, उन्हें भी इसके सेवन से बचना चाहिए (10)
  • ग्वार फली में फाइबर की अच्छी मात्रा पाई जाती है (8)। फाइबर का अधिक सेवन गैस, सूजन, और पेट में मरोड़ होने का कारण बन सकता है (11)
  • किसी भी तरह की एलर्जिक रिएक्शन हो सकता है (12)
  • जी-मिचलाना (12)
  • गैस्ट्रोइंटस्टाइनल संबंधी समस्या (12)

इस लेख में हमने विस्तार से ग्वार फली के गुण के बारे में बताया हैं। साथ ही ग्वार फली के फायदे के साथ-साथ कुछ नुकसान भी हैं। ऐसे में अगर आप इसके सेवन के बारे में सोच रहे हैं, तो इस लेख को पढ़कर इसके फायदे और नुकसान दोनों को समझकर ही इसे अपने आहार में शामिल करें। ग्वार फली खाने के फायदे, उपयोग और ग्वार फली के नुकसान से संबंधित इस लेख को पढ़ने के बाद भी अगर आपके जहन में कुछ सवाल हों, तो उसे कमेंट बॉक्स के माध्यम से हम तक पहुंचा सकते हैं। साथ ही यह आर्टिकल आपके लिए किस प्रकार से फायदेमंद रहा यह बताना न भूलें।

संबंधित आलेख

The post ग्वार फली के फायदे और नुकसान – Guar Gum (Cluster Beans) Benefits and Side Effects in Hindi appeared first on STYLECRAZE.

Top 10 Bollywood Movies Of The Decade

$
0
0

December is a month when the sweaters are out and the heaters are turned on. It’s the month of merry with Christmas around the corner. What makes this month even more special is the flashback of all things good and bad that have gone by before the New Year begins. And this time, the flashback is a little longer, a little more emotional, and a little more heart-warming because it’s the end of a decade.

Bollywood movies form a huge part of our lives as Indians, we revolve our lives around them at times. We take cues from movies when it comes to how to propose to the love of our life, how to handle the toughest situations of life and never give up, etc. So, come, allow us to take you through a flashback of some of the top Bollywood movies of this decade according to us.

10. Barfi! (2012)

Barfi

bytheword_ / Instagram

This movie was directed by Anurag Basu and starred Priyanka Chopra Jonas and Ranbir Kapoor in lead roles. This was a movie that Bollywood fans had never witnessed before. The movie depicted sheer innocence between Jhilmil (Priyanka) a rich, autistic woman who falls in love with Barfi (Ranbir) a poor, deaf and mute man. When Jhilmil gets abducted and her fortune gets threatened, Barfi does everything in his hands to get her back. This movie’s storyline and the actors’ performances were of international attention. This movie was definitely on a sweet note without walking on the saccharine road.

9. Gangs Of Wasseypur (2012)

Gangs Of Wasseypur

film_street138 / Instagram

This movie was a crime drama that revolved around the stories of mafia families in the northern part of India. With the direction of Anurag Kashyap, this film has an intergenerational and intricate storytelling. The movie which was of a duration of 5.32 hours was released in 2013 in two different parts. The movie is majorly about bloodshed, backstabbing, and all things crime.

8. Bhaag Milkha Bhaag (2013)

We’ve seen many films based on the aftermath of India and Pakistan’s separation. But this one revolved around the birth of an athlete, a runner who went onto become India’s fastest running man. Farhan Akhtar who plays the role of Milkha Singh has the audience rooting for him throughout the movie because of his epic performance. The movie based on the true story of the rise of Milkha Singh was a huge hit among the audience. It is also said that Milkha charged just Rs. 1 for giving the rights of his personal story for the making of this movie which was directed by Rakeysh Omprakash Mehra.

7. Yeh Jawaani Hai Deewani (2013)

Yeh Jawaani Hai Deewani

bollyskabira / Instagram

This movie directed by Ayan Mukerji is based on the dissatisfaction of the millennials and how they try to go in search of what makes their soul happy. The movie has a typical storyline of a medical student, Naina (Deepika) living a boring life who decides to embark on an adventure trek where she reunites with her former classmates. She falls in love with Bunny (Ranbir) during the trip but gets heartbroken when she realizes that Ranbir is fickle-minded and loves living a life of travel and no strings attached. Well, the storyline of this movie is a little meh but what got the audience buying tickets for this movie is the coming together of Deepika and Ranbir onscreen after their high on drama breakup in real life.

6. Queen (2013)

Queen, directed by Vikas Bahl is a perfect example of how the worst situations of your life have the power to take your life on a blissful trail. Rani (Kangana Ranaut) gets blindsided when Vijay (Rajkumar) ditches her just a day before their wedding because she is too old-school. Rani decides to go on the honeymoon trip to Paris-Amsterdam alone to recover from the trauma of her broken wedding.

While galavanting on this solo honeymoon trip, she gets introduced to people from different walks of life and in the process, she realizes how special and unique she herself is as a person. Queen is a beautiful piece of feminist art that sends the message of women’s self-sufficiency and independence.

5. The Lunchbox (2014)

The Lunchbox

torontofoodfilmfest / Instagram

This movie directed by Ritesh Batra shows how unpredictable human connections can be. Lonely and bored in her marriage, a wife (Nimrat Kaur) puts effort and packs a special lunch for her husband in the hope to rekindle the lacking spark in her marriage. This lunch box gets delivered to a wrong person, a widower (Irrfan Khan) and they both cultivate a naïve friendship over an exchange of notes through the lunch box. The understated elegance and drama that one can see in this movie warm the spectators’ hearts.

4. Piku (2015)

If you’ve loved movies that have storylines related to on-road journeys, then you’ll love Piku for sure. This movie is all about how even the most off-beat personalities are capable of building strong connections. This movie directed by Shoojit Sircar revolves around the story of a father (Amitabh Bachchan) who is a hypochondriac and his daughter (Deepika) who is a strong-headed woman. The movie is about the road trip they take to Kolkata, their hometown with the driver being Irrfan Khan. The road journey and the driver helps the daughter-father duo understand where they are going wrong in their bond and begin to value things they never valued before in life. After watching this movie, you are bound to give your daughter or your father a tight hug.

3. Dangal (2016)

Dangal

filmaholic__ / Instagram

This movie narrates the rreal-life story of a former national wrestler Mahavir Singh Phogat (played by Aamir Khan) and his wrestler daughters Geeta and Babita and is directed by Nitesh Tiwari. The movie is about how the father doesn’t give up on making his children international wrestling champs. He always wanted a son to fulfill this dream. However, when he gets blessed only with daughters, he decides to make his daughters wrestling champs. He doesn’t bow down to the societal expectations with respect to women. He teaches his daughters to be brave and conquer all their dreams.

2. Lust Stories (2018)

Lust Stories

heavenlymovies / Instagram

Lust Stories is an anthology movie by four of India’s finest directors (Zoya Akhtar, Anurag Kashyap, Karan Johar, and Dibakar Banerjee). This movie manages to capture the different faces of attraction, love, and lust. Each of the directors has contributed a short story that focuses on the stigma of lust and the four parts are then very cleverly woven into a single picture because it shares a common theme– lust.

1. Gully Boy (2019)

Gully Boy

ranveersingh / Instagram

Released in February early this year, the Zoya Akhtar-directed movie makes an impactful entry to the list of movies that need to be remembered in this decade. The story is about a slum-dweller young man Murad (Ranveer Singh) and his journey from being a poor street kid to becoming one of the most celebrated rappers of the country. Murad’s raps are inspired by the social disparities that he observes around him. The film has also been chosen for India’s official Oscar entry because of its enthralling performances and a storyline that is universally appealing.

We hope that this list is good enough for you to binge watch movies during your winter holidays. This list of movies is surely going to take you down the memory lane this decade which is about to end. Which is your favorite movie from this decade? Let us know in the comments below.

The post Top 10 Bollywood Movies Of The Decade appeared first on STYLECRAZE.


Winter Special: Makeup Tips for Cold and Dry Days

$
0
0

The long chilly months of winter can be insanely harsh on the texture of your skin. Keeping your skin delicate and supple enough to wear makeup is profoundly significant. Dry, flaky skin stays a persevering and irritating issue all through winter. To battle this, most people advise you to keep yourself hydrated throughout the day and stay moisturized. Indeed, winter can be a great deal of fun. However, it can likewise be a genuine issue in the makeup and cosmetics field. Here are a couple of skincare tips to keep unattractive winter skin dryness and redness under control:

1. Make Sure You Moisturize Your Skin Strategically

Make Sure You Moisturize Your Skin Strategically

Shutterstock

Start with regular moisturizer and ensure you press in a thicker lotion in places that need it (ordinarily around the nose, cheeks, and eyebrows). Let it absorb into your skin and afterward smear with a cotton pad to remove any abundance of cream before applying make-up. Fun fact, the steam in your shower will soak the cream further into the skin. A lot of experts thus advise people to moisturize both before as well as after a shower. Beginning your make-up routine with moisturized skin resembles keeping your vehicle oiled — it’ll be simpler to apply foundation over smooth and plump skin than dry skin straight out the shower.

In case you’re one of the many people plagued with oily skin, you can use a lightweight moisturizer that is gel or water-based and absorbs into your pores quickly. Regardless of what you use, ensure that it’s fully absorbed into your skin before you start applying any makeup product.

2. Dampen Your Beauty Blender Before Using It

Dampen Your Beauty Blender Before Using It

Shutterstock

Winter can wreak havoc on dry skin and cause severe flakiness and other problems. While utilizing a Beautyblender, never rub it against your skin as it will aggravate flakiness and bother skin that is delicate and dry throughout the harsh winter. Press the foundation into your skin, instead. Likewise, if even after applying layers of cream before your makeup your skin feels super dried or stretched out, take the makeup off with a moist disposable cloth and re-moisturize your face. Never leave your skin unprotected from the elements. Use one part of sunscreen for every two parts of lotion before you venture out from the house.

3. Avoid Using Compact Powders

Avoid Using Compact Powders

Shutterstock

Ditch powder-based products in general during the winter season; this would include both compact foundation powders and even face-powders. Rather, make use of a loosely packed translucent powder; apply the loose powder softly using a special brush and NOT using a powder-puff. If your face turns out to be oily during the day, tap an oil-smudging paper across it. Keeping up delicate, smooth and gleaming skin texture during wintertime is about plentiful moisturizer. Nothing can be more unsightly and irritating than those visible flaky chips and uneven skin tones and white patches that spring up all over your face during the dry and cold months of the year.

4. Keep Hydrating Face Masks Handy

Keep Hydrating Face Masks Handy

Shutterstock

The best way to ensure that your skin doesn’t dry out (and doesn’t destroy your foundation look by causing flakiness), put a moisturizing facial mask on after you wash your face around evening time. A pleasant and hydrating natural recipe might also do you good. You should keep the mask on for at least five to 15 minutes. It can likewise be extremely beneficial to apply a night cream across your face. Just ensure you wash any remainders of the cream off your face as soon as you wake up the next morning.

5. Don’t Apply Your Makeup Too Liberally

Dont Apply Your Makeup Too Liberally

Shutterstock

With your skin so delicate and dry, it’s a smart idea to ease up on excessive makeup use during winter. A little blush or bronzer on your cheeks goes a long way. However, the redness from the chilly climate might render blush useless. In winter, keep your eye makeup basic and clean. Abstain from applying kajal on your lower lash line (unless you’re going for a smoky-eye look). Utilize a cream-based based silvery eyeshadow to highlight the internal V of your eyes. This can add an enviable gleam to your look and make your eyes look a lot brighter and more prominent than they actually are. This also works as a makeup hack for those with tired eyes or bags under their eyes.

6. Add A Touch Of Highlighter For A Quick Glam Up

Add A Touch Of Highlighter For A Quick Glam Up

Shutterstock

Now that your summer sparkle (more like oily sheen) and golden tan are gone, your skin needs a little extra shine to amp up your look. This is where a highlighter comes into the picture. If you’re not an expert at makeup or don’t have a makeup artist on speed dial, skip using a liquid highlighter and opt for something powder-based instead.

7. Don’t Forget Your Lips!

Dont Forget Your Lips

Shutterstock

It’s essential to exfoliate your lips regularly to dispose of dry, dead skin so you can wear stunning lipstick. If you’re out at a party or event and you notice your lip color fading or drying your lips out, don’t reapply your lipstick. If you’ve applied an intense matte lipstick for a night out, it can begin to feel dry and yucky as the night goes on, toss a tinted lip balm in a vibrant shade into your purse and prep your lips up with that.

What are your winter makeup hacks? Have you switched up your winter care routine yet?

The post Winter Special: Makeup Tips for Cold and Dry Days appeared first on STYLECRAZE.

How To Find Your Stalker On Instagram?

$
0
0

Let’s face it; Instagram to millennials is what the introduction of ATMs was to our parents—revolutionary. Ever since the photo-video sharing platform came into existence nearly a decade ago, it’s only been gaining new heights in popularity. While initially iOS exclusive, Instagram became available on the Android Playstore in 2012. Following which, the social media sharing platform was acquired by Facebook for 1 billion dollars in cash and stock! The app has now blown up with over one billion active monthly users. To put that into perspective, there are around 7.8 billion people on the planet.

Considering how active most of us are on social media, we’re bound to have people who might be a little too curious about our lives. Have you ever wondered what it would be like to find out who stalks your profile the most? As of now, Instagram has no formal framework that gives you an insight into who is viewing your profile, stories and posts the most. If you want things to be private, you have make sure your privacy settings are high. Otherwise your only option is to pay attention to who likes your posts the most. Be that as it may, it sure would be pleasant to see who saw what even if some people might feel that is somewhat meddling on the privacy of individuals. Well, we might have an answer for you or at least crowdsourced opinions!

Through Instagram Stories

Through Instagram Stories

Shutterstock

The best way to see who saw your Instagram is through the Stories you upload. If you have a public Instagram account this means your Instagram Stories are open, you can check who saw the visible by the public. This is similar to the “opens” metric that is often utilized in a emails. This lets you know who saw your email. If you’re fortunate, the list of Story watchers will be a long one. In case you’re not all that fortunate, the list will be much shorter. This is essential to test the hypothesis we’re talking about. Until a certain number of viewers (let’s say 50), the list will show you names according to the order in which these people viewed the story from the time you posted it.

After this particular number, the list gets jumbled up and according to the popular hypothesis, it re-arranges itself in descending order of the names that have interacted with your profile the most. This interaction can be anything ranging from DMs, tags, comments, likes, and spending more time on your profile. But what if the person who stands first on your Story viewers’ list isn’t someone who DMs you, tags you, comments on or likes your post? How did he/ she get there? How did they interact with your profile even without you knowing? This is when the question of someone spending longer period on your profile and frequently visiting your profile comes in.

While we’d love to believe this hypothesis, it’s something Instagram has neither confirmed nor denied. Since there is very little proof that frequent guests to your Instagram profile will show up high in the list of watchers, the theory should be taken with a pinch of salt. You’ll never know who your top profile guests are unless you covert your personal account into a business one.

Using Third-Party Apps

Using Third-Party Apps

Shutterstock

Since there are apps that let you know who has unfollowed your profile in recent times to who is following you back from the people you’re following, there definitely have to be apps to tell you who’s stalking you, right? Again, apps like these take a lot of factors into account. From metrics to number of times your profile was visited by an individual account to advertising preferences and much more. Apps like ‘Views For Instagram’ and some other applications need you to give your Instagram login as opposed to merely connecting your account. Connecting permits third-party applications to gain access to specific data from your account. Others demand you to provide your password to enable it to get similar information. If you’re the type who’s always super paranoid about your privacy, it makes sense to NEVER under any circumstance give your Instagram password to any external application.

Converting Your Personal Account To A Business One

Converting Your Personal Account To A Business One

Shutterstock

While this process clearly costs more money than merely downloading a third-party app, it seems to be the most logical and legitimate way to find out who’s viewing your profile. One of the measurements you can use is viewers, and this is a sure-fire method to see who visits your Instagram account and even the time and the day that they do it. Once you have applied for a business account, Instagram may or may not review your business and try to verify if the details are accurate. They may check your account and possibly let you switch in the event that you have used a business email. Proper feedback regarding this is mixed as certain users say their account was converted in a day without any checks and others claim that they had received an email at the business address they had provided informing them that their account had been changed to a business one.

It’s a good idea to give your account switch at least a week before you bring out your Sherlock Holmes deerstalker cap. To analyse insights you need to check the top of your Instagram profile for the views counter, select insights and audience, look at followers to see what time of the day people visited your profile the most (especially beneficial if you’re trying to boost your following or be in Instagram influencer). If you’d like to know how many people took a screenshot of your story (only possible in a business account), select the post you’ve uploaded and check the small bookmark to see how many people took screenshots.

All in all, social media leaves very little to privacy. Be it your personal account or a private one. Do you have any secret tips to help you find out who’s stalking your Instagram profile? Let us know if our tricks worked on your profile.

The post How To Find Your Stalker On Instagram? appeared first on STYLECRAZE.

7 Popular Celebrity Couples Who Ditched Marriage And Had A Love Child

$
0
0

Be it an acting legend, a superstar sitarist or even a regular Joe; in Indian culture, it is hard for most of society to open up to the thought of having children before marriage. Here is a list of people who chose to defy the norms and do what they felt was right. In cases where faith dealt them a bad hand, these stars triumphed and reached incredible heights due to their determination and sheer will power. While most of these stars came clean early on, some concealed their “illegitimate” children from the world. Here is a list of superstars who had children out of wedlock:

1. Neena Gupta And Vivian Richards: Masaba Gupta 

Neena Gupta And Vivian Richards Masaba Gupta 

filmcrigossip / Instagram

When the name Neena Gupta comes to mind, most people brought up in the 80s think of their television and movie screens. Known for her feisty attitude and bubbly personality, Neena Gupta was at the peak of her career when she fell in love with West Indies cricketer, Vivian Richards. Neena Gupta’s relationship with the cricketer turned into an open secret when the actress got pregnant and mothered their child in 1989. Their daughter Masaba Gupta went on to become one of India’s most well-known fashion designers and is known for her unique mixture of both cultures in her designs. Although Neena and Vivian called it quits a few years later, they’ve remained friends and are on good terms.

2. Purab Kohli And Lucy Payton: Inaya Kohli

Purab Kohli has been the fantasy of many young ladies. Who wouldn’t become hopelessly enamored with the chocolate boy of Rock On!! anyway? The actor never kept his relationship under wraps, despite having his daughter, Inaya out of wedlock. The actor had been married previously and probably wanted to take his time with his next relationship. Purab and Lucy eventually tied the knot in 2018 and now co-parent their daughter.

3. Gemini Ganesan And Pushpavalli: Rekha

Gemini Ganesan and Pusphpavalli were both married to other people when they met on the sets of Miss Malini and fell in love. It is believed that they ran away together and eloped in secret before they were blessed with a daughter, Bhanurekha. Bhanurekha went on to drop the first part of her name and star in many films. The young actress made a name for herself despite the emotional turmoil of her personal life and went on to form a solid bond with her half-siblings, Gemini Ganesan’s other daughters.

4. Aamir Khan And Jessica Hines: Jaan 

When it comes to keeping an affair under wraps and hiding an illegitimate child, who better than Mr Ghajini himself? Aamir Khan, otherwise known as Bollywood’s biggest perfectionist made all jaws drop when the reports of his secret love-child, Jaan broke out. The actor allegedly had a brief affair and even lived in with British columnist, Jessica Hines. According to sources, he was shooting for his motion picture Ghulam when the occurrence happened. At first, the mother of the child stayed away from the limelight but later revealed the name of the father. Apparently, Aamir had another fallout with his father due to him ‘not taking responsibility’.

5. Pandit Ravi Shankar And Sue Jones: Norah Jones

When the world found out about Ravi Shankar’s affair with Sue Jones, fans were left in shock. The two were in a relationship for some time, and Shankar even resided in Sue Jones’ New York home. The pair were eventually blessed with a young daughter, Geethali Shankar (known professionally as Norah Jones) Due to the emotional conflict between her parents and Ravi’s decision to marry her half-sister’s mother rather than her mother, Norah spent most of her childhood away from her father and his family. Today she is on great terms with her younger half-sister Anoushka Shankar, and they have even performed and produced music together.

6. Smita Patil And Raj Babbar: Prateik Babbar

Actor turned government official Raj Babbar was married to Nadira Babbar when he met Smita Patil. They even shared two children. But that did not stop Raj from leaving his wife and getting involved with Smita. They also had a child together, Prateik Babbar. Sadly, tragedy struck, and Smita met her demise at the young age of 31. The actress had a complicated delivery and died from the complications of it. Raj went on to go back to his ex-wife and children and left their infant son Prateik with his maternal grandparents. All’s well that ends well in this story as the father-son duo reconciled and are on better terms.

7. Kamal Haasan And Sarika: Shruti Hassan

Popular South Indian superstars Sarika and Kamal Haasan had a short affair during the 1980s which prompted the birth of their daughter, Shruti Haasan. Kamal was previously married to classically trained dancer, Vani Ganapathy. Despite his infidelity, Sarika went ahead with the pregnancy and gave birth to a healthy baby girl. The couple tied the knot once Kamal had officially split from his ex-wife. The couple shared another little girl named Akshara before calling it quits for good.

While these celebrities didn’t pursue the conventional way of life and decided to do things their way, it’s unfair to judge them. While we believe that infidelity isn’t right, a couple having child out of wedlock is completely their decision since marriage isn’t a necessity, but a choice. It’s time that we, as Indians, stopped shaming people for choosing a different path of life and just become more tolerant. Let us know your thoughts in the comments below.

The post 7 Popular Celebrity Couples Who Ditched Marriage And Had A Love Child appeared first on STYLECRAZE.

सर्वांगासन करने का तरीका और फायदे – Sarvangasana (Shoulder Stand) Steps And Benefits in Hindi

$
0
0

भागदौड़ भरे जीवन में स्वास्थ्य का ख्याल रखना थोड़ा मुश्किल हो गया है। समय का अभाव शारीरिक गतिविधियों से दूर कर रहा है। ऐसे में योग अपनाकर थोड़े समय में ज्यादा स्वास्थ्य लाभ उठाए जा सकते हैं। योग के अंतर्गत ऐसे कई प्राणायाम और आसन हैं, जिनके अनगिनत फायदे हैं। ऐसा ही एक आसन है सर्वांगासन (Sarvangasana)। इस आसन को नियमित रूप से करने से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से बचा जा सकता है। बेशक, योगासन फायदेमंद है, लेकिन तभी जब इसके साथ संतुलित खान-पान का भी पालन किया जाए। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम जानेंगे कि सर्वांगासन क्या है और शरीर के लिए सर्वांगासन के फायदे क्या-क्या हो सकते हैं। इसके अलावा, इस लेख में सर्वांगासन करने का सरल तरीका भी आपको बताएंगे।

सर्वांगासन के फायदे जानने से पहले आइए जान लेते हैं कि सर्वांगासन क्या है।

विषय सूची


सर्वांगासन क्या है? – What is Sarvangasana in Hindi

सर्वांगासन योगशास्त्र में वर्णित एक उत्तम योगासन है। जैसा की नाम से पता चलता है – सर्व+अंग+आसन, यानी इस आसन से सभी अंग प्रभावित होते हैं। सर्वांगासन में शरीर उल्टी अवस्था (Inverted Position) में रहता है। माना जाता है कि ऐसे सभी आसन जिनमें शरीर उल्टा रहता है, मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं (1)। साथ ही इसे करने के अन्य लाभ भी हैं, जिनके बारे में लेख में आगे विस्तार से बताया गया है। सर्वांगासन करते समय व्यक्ति का सारा वजन उसके कंधों पर रहता है, इसलिए इसे शोल्डर स्टैंड पोज (Shoulder Stand Yoga) भी कहते हैं।

आइए, अब जानते हैं कि सर्वांगासन स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है।

सर्वांगासन के फायदे – Benefits of Sarvangasana

सर्वांगासन के लाभ अतुलनीय हैं। इसे करने से पूरे शरीर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह आसन उत्तम स्वास्थ्य चाहने वाले व्यक्ति के लिए वरदान है। यहां हम स्वास्थ्य के लिए सर्वांगासन के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।

1. अवसाद कम करने में सहायक है सर्वांगासन

अवसाद के प्रभाव को कम करने में सर्वांगासन के लाभ देखे जा सकते हैं। दरअसल, विशेषज्ञों का मानना है कि जिन आसनों में सिर नीचे और पैरों को ऊपर किया जाता है, वो अवसाद के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं। इन आसनों में सर्वांगासन का भी नाम शामिल है। अवसाद के लक्षणों में मानसिक विकार – जैसे कुछ नुकसान होने का डर व असफलता का डर शामिल है। ऐसे कई लक्षणों को सर्वांगासन की मदद से नियंत्रित किया जा सकता है। इसलिए, कहा जा सकता है कि अवसाद से उबरने में सर्वांगासन एक सहायक भूमिका अदा कर सकता है (1)

2. तनाव में आराम देता है

विशेषज्ञों के अनुसार सर्वांगासन तनाव को नियंत्रित करने का काम भी कर सकता है (2)। इसके अलावा यह आसन ऊपर बताए गए अवसाद के लक्षण जो कुछ तनाव की अवस्था में भी देखे जा सकते हैं, उनसे पार पाने में मदद कर सकता है (1)। फिलहाल, इस विषय पर अभी और शोध की आवश्यकता है।

3. मेटाबॉलिज्म (चयापचय) बढ़ाने में सहायक है सर्वांगसन

भोजन से एनर्जी बनने की क्रिया को चयापचय कहा जाता है। चयापचय में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी श्वसन तंत्र से लेकर रक्त संचार और यहां तक की पाचन क्रिया को प्रभावित कर सकती है (3)। यहां सर्वांगासन आपकी मदद कर सकता है। दरअसल, एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में कुछ विशेष प्रकार के आसनों का उल्लेख किया गया है, जो मेटाबॉलिज्म पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। इन आसनों में सर्वांगासन भी शामिल है (4), लेकिन इस विषय पर अभी और शोध की आवश्यकता है।

4. पाचन शक्ति बढ़ाता है

जैसा कि हमने ऊपर बताया कि सर्वांगासन से शरीर के सभी अंगों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिसमें अपच (Dyspepsia) में सुधार कर पाचन क्रिया को मजबूत बनाना भी शामिल है (5)। इसके अलावा, यह इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (आंत से जुड़ा विकार) को नियंत्रित करने का काम भी कर सकता है, जिसमें कब्ज जैसी समस्या भी शामिल है (6)।

5. नींद और चिंता को कम करता है

चिंता को दूर करने और नींद को बढ़ावा देने में भी सर्वांगासन के लाभ देखे जा सकते हैं। दरअसल, इस आसन का नियमित अभ्यास चिंता, अवसाद और तनाव जैसी समस्याओं को दूर करने का काम करता है, जिसका सकारात्मक प्रभाव नींद को बढ़ावा देने का काम कर सकता है। हालांकि, यह आसन सीधे तौर पर किस प्रकार काम करता है, इस पर अभी और शोध की आवश्यकता है (2)

6. साइनसाइटिस और अस्थमा का इलाज करने में मदद करता है

अस्थमा और साइनसाइटिस जैसी श्वसन तंत्र से जुड़ी समस्याओं से बचाव व आराम दिलाने में भी सर्वांगासन का लाभ देखा जा सकता है। दरअसल, एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में उन आसनों को शामिल किया गया है, जो पल्मोनरी फंक्शन (फेफड़ों से संबंधित) में सुधार कर सकते हैं (7)। इसके अलावा, कुछ विशेषज्ञ अस्थमा और साइनसाइटिस के वैकल्पिक उपचार के लिए सर्वांगासन के नियमित अभ्यास की भी सलाह देते हैं (8)। इस आधार पर कहा जा सकता है कि सर्वांगासन श्वसन तंत्र से जुड़ी समस्याओं पर सकारात्मक प्रभाव दिखा सकता है। इन समस्याओं के सटीक इलाज के लिए योगाभ्यास के साथ-साथ डॉक्टरी उपचार को प्राथमिकता जरूर दें।

7. थायराइड ग्रंथि को सक्रिय करने में सहायक है सर्वांगासन

थायराइड गले में मौजूद एक ग्रंथि होती है। यह ग्रंथि मेटाबॉलिज्म और व्यक्ति के विकास में सुधार के लिए हार्मोन बनाने का काम करती है। कई बार इस पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव थायराइड संबंधी समस्याओं जैसे – हाइपर थायरॉयडिज्म (थायराइड द्वारा अधिक हार्मोन का उत्पादन) और हाइपोथायरायडिज्म (थायराइड द्वारा पर्याप्त हार्मोन का न बन पाना) को उत्पन्न कर देते हैं। यहां भी सर्वांगासन के लाभ देखे जा सकते हैं। दरअसल, विशेषज्ञों के अनुसार, कुछ चुनिंदा योगासन थायराइड ग्रंथि से जुड़ी समस्याओं के वैकल्पिक उपचार में मदद कर सकते हैं (8)। इस आसनों में सर्वांगासन को भी शामिल किया गया है। हालांकि, यह कितना कारगर होगा, इस पर अभी सटीक वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है।

आगे लेख में जानिए सर्वांगासन करने का तरीका।

सर्वांगासन योग मुद्रा करने का तरीका – Steps to do Sarvangasana (Shoulder Stand) in Hindi

सर्वांगासन करने का तरीका जटिल नहीं हैं। बहुत कम समय में नीचे बताए गए स्टेप का पालन कर इस आसन को किया जा सकता है –

  • सबसे पहले स्वच्छ वातावरण में एक योग मैट बिछा लें।
  • अब मैट पर पीठ के बल लेट जाएं और दोनों हाथों को शरीर से सटाकर सीधा कर लें।
  • अब सांस लेते हुए पैरों, कूल्हों और कमर को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं।
  • साथ ही हाथों से कमर को सहारा देते हुए कोहनियों को जमीन से सटा लें।
  • ध्यान रहे कि आपके दोनों पैर आपस में सटे और सीधे रहें।
  • इस दौरान आपके शरीर का भार कंधों, कोहनियों और सिर पर होगा।
  • साथ ही आपकी ठुड्डी छाती को स्पर्श करेगी।
  • कुछ देर इसी मुद्रा में बने रहें और सामान्य रूप से सांस लेते रहें।
  • फिर धीरे-धीरे वापस अपनी प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।

यह तो था सर्वांगासन करने का तरीका, अब आगे जानते हैं कि इस आसन को करने में किन-किन बातों का खास ख्याल रखना जरूरी है।

शुरुआती लोगों के लिए सर्वांगासन करने के टिप्स – Beginner’s Tip to do Sarvangasana in Hindi

इस आसन को पहली बार करने जा रहे व्यक्ति नीचे बताई जा रही बातों को ध्यान में जरूर रखें –

  • किसी योग गुरु या अनुभवी व्यक्ति की देखरेख में इस आसन को करें।
  • अपने शरीर के साथ कोई जबरदस्ती न करें।
  • पैरों को धीरे-धीरे ऊपर ले जाएं।
  • गर्दन का खास ख्याल रखें। सर्वांगासन करने का तरीका ऐसा हो कि आपका वजन कंधों पर हो गर्दन पर नहीं।

लेख के अगले भाग में जानिए सर्वांगासन से जुड़ी कुछ सावधानियों को बारे में।

सर्वांगासन योग के लिए कुछ सावधानियां – Precautions for Sarvangasana in Hindi

अगर कोई निम्न अवस्थाओं का सामना कर रहा है, तो सर्वागासन न करें –

  • गर्भावस्था
  • उच्च रक्तचाप
  • गंभीर ह्रदय रोग
  • रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्या
  • गर्दन में असहनीय दर्द

उम्मीद है कि अब आप स्वास्थ्य के लिए सर्वांगासन के फायदे क्या-क्या हो सकते हैं, इससे भलिभांति परिचित हो गए होंगे। लेख में सर्वांगासन करने का तरीका भी बताया गया है, जिसका पालन कर इस आसन का अभ्यास सही प्रकार से किया जा सकता है। साथ ही इस लेख में बताई गईं सावधानियों का भी पूरा ध्यान रखना जरूरी है। यहां एक बार फिर से बता दें कि सर्वांगासन का फायदा तभी होगा, जब अनुशासित दिनचर्या व पौष्टिक आहार का सेवन किया जाए। साथ ही किसी भी गंभीर शारीरिक समस्या के लिए डॉक्टर से संपर्क जरूर करें। इसके अलावा, इस आसन से जुड़ी अन्य जानकारी के लिए आप नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स के जरिए हमसे पूछ सकते हैं।

संबंधित आलेख

The post सर्वांगासन करने का तरीका और फायदे – Sarvangasana (Shoulder Stand) Steps And Benefits in Hindi appeared first on STYLECRAZE.

7 Signs You’re Already With The Guy You’re Supposed To Marry

$
0
0

Let’s face the harsh reality. Marriage isn’t meant for everybody. But, if you’re in a monogamous and committed relationship, the thought must have popped up a couple of times. While your friends might be diving headfirst into the altar, you might have decided to wait things through before popping the big question (or answering it). End of the day, the person you wind up picking is going to be the one you come home to everyday for the rest of your life. If you think you and your beau are ready to take it to the next level, here are a couple of signs to look out for:

1. He Doesn’t Add To Your Anxiety Or Make You Feel Nervous

He Doesn't Add To Your Anxiety Or Make You Feel Nervous

Shutterstock

The world can be a harsh place. And in the face of adversity, you’d want to have people who love, trust and cherish you by backing you up. You could be feeling a little overwhelmed by all the things getting thrown your way but just speaking on the phone with your partner or meeting up for a cup of coffee should make your day. If your partner is adding on to your anxiety or making you feel insecure and less than, you know it’s a toxic relationship and you shouldn’t proceed further. While it’s natural for couples to fight, and tensions can rise even in the healthiest of relationships, one needs to understand the difference between healthy bickering and toxicity.

2. He’s Open To Criticism

He's Open To Criticism

Shutterstock

If he’s not the type of guy who jumps onto the defensive wagon every time you point out even the smallest flaw in something he does, he’s a keeper. This means he is humble enough to accept constructive criticism and change the way he conducts himself in your presence. This proves that he is ready to admit that he isn’t perfect and that there is always room for improvement. This also shows that he values your thoughts and opinions over his ego.

3. He Tries His Best To Make Your Life Easier

He Tries His Best To Make Your Life Easier

Shutterstock

If he goes out of his way to make you happy or do things to make sure you’re as comfortable as possible. Or if he makes you feel like you aren’t alone in the world and that he’ll be by your side through hell and back, he might just be the one. This might be the signs to look out for it you’re looking to make a commitment.

4. He Shares Similar Ideologies And Beliefs

He Shares Similar Ideologies And Beliefs

Shutterstock

Sure, The Beatles said All You Need Is Love, but everybody and their mother will tell you that love is never enough. It might be idealistic to think of that one perfect love that will come along and make it seem like two lego pieces fitting together, that’s highly unrealistic. It’s insufficient that you two love each other. A person’s character, tastes, where they come from, etc. all play a part in deciding whether marriage is the right answer or not. You two need to have similar perspectives on life, similar standards, qualities, and attributes that would work well with each other. This would limit any conflicts or grievances you might have against each other.

5. Honesty And Communication Are Never An Issue

Honesty And Communication Are Never An Issue

Shutterstock

He never makes you feel like you cannot confide your deepest, darkest secrets in him. Even that deep dark secret about accidentally peeing your pants in high school and telling your classmates it was lemonade. He generally makes it a point to be extremely honest and stay consistent with you. He would never want you ever to question his genuineness or realness. With him, what you see is what you get. Thus, you never need to stress over any unwanted thoughts that you might have when you’re around him.

6. He Apologizes When He’s In The Wrong

He Apologizes When He's In The Wrong

Shutterstock

He is not the type of man who thinks he is above apologies. He is continually going to demonstrate an ability to apologize to you when he realizes that he’s off-base. He goes out of his way to make up for any inadequacies or responsibilities. He considers these to be as opportunities to learn from his mistakes, and he doesn’t attempt to acquit himself of his duties.

7. He Loves You For You

He Loves You For You

Shutterstock

He never ever makes you feel like you aren’t enough. He has never tried to pressure you into changing what your identity is and is your biggest cheerleader. He never makes you feel like his affection in dependent on the size of your waist or the type of clothes you don. He’s going to adore you for who you are, paying little heed to whatever imperfections or flaws you may have. His adoration for you surprises the laws of physicality, and he seems to be in it for the long haul.

Let us know your thoughts in the comments below. How do you know when you’re ready to settle down with the one? Do you believe in the concept of soulmates?

The post 7 Signs You’re Already With The Guy You’re Supposed To Marry appeared first on STYLECRAZE.

क्या ग्रीन टी वजन घटाने में मदद करती है – Green Tea For Weight Loss in Hindi

$
0
0

मोटापे से ग्रस्त लोग कई जतन करने के बाद भी सकारात्मक परिणाम न मिलने पर निराश हो जाते हैं। उन्हें लगता है कि वो वजन को कम नहीं कर पाएंगे। वहीं, अगर यह कहा जाए कि व्यायाम व भोजन में बदलाव करने के साथ-साथ चाय पीने की आदत को बदलने पर मोटापा कम हो सकता है, तो कई लोगों को इस पर यकीन नहीं होगा। जी हां, ग्रीन टी न सिर्फ वजन को कम करती है, बल्कि विभिन्न प्रकार के कैंसर, हृदय रोग और लीवर की समस्याओं से बचाने में मदद कर सकती है। इसमें एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीवायरल, न्यूरोप्रोटेक्टिव जैसे गुण पाए जाते हैं, जोकि सेहत के लिए कई प्रकार से फायदेमंद हो सकते हैं (1)। इन गुणों के कारण यह चाय मोटापा कम करने में मदद कर सकती है। इसके लिए चाय के साथ-साथ नियमित व्यायाम, योग व संतुलित आहार का सेवन करना जरूरी है।

लेख की शुरुआत में हम बता रहे हैं वजन को कम करने के लिए ग्रीन टी के फायदे

वजन घटाने में ग्रीन टी क्यों फायदेमंद है? – Benefits of Green Tea for Weight Loss in Hindi

ग्रीन-टी में एपिगैलोकैटेचिन-3-गैलेट (ईजीसीजी, EGCG, एक प्रकार का कैटेचिन) नामक कंपाउंड होता है (2)। यह वजन कम करने में कारगर हो सकता है। इस हर्बल चाय में कई अन्य प्रकार के गुण भी होते हैं और उन्हीं में से एक है एंटीऑक्सीडेंट। यह गुण मेटाबॉलिज्म को बढ़ाकर वजन कम कर सकता है। इसके अलावा, अगर इसका सेवन एक्सरसाइज के साथ किया जाए, तो यह फैट को कम करने का काम भी कर सकती है। इसी संबंध में एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर यूनिवर्सिटी ऑफ बर्मिंघम के रिसर्च को प्रकाशित किया गया है। इस रिसर्च में बताया गया है कि ग्रीन-टी पीने से मोटापा संबंधी समस्या दूर हो सकती हैं। यह मेटाबॉलिक रेट दर को बढ़ाकर हर समय थोड़ी-थोड़ी कैलोरी को कम करने में मदद मिल सकती है। इसमें मौजूद योगिक फैट बर्निंग हॉर्मोन को सक्रिय कर सकते हैं (3) ।

अब आगे हम बता रहे हैं कि किस प्रकार वजन घटाने के लिए ग्रीन टी फायदेमंद हो सकती है।

1. कैलोरी में कम होती है ग्रीन टी

माना जाता है कि डाइट में कैलोरी की मात्रा अधिक होने और शारीरिक गतिविधि कम होने से मोटापे का खतरा हो सकता है, जिससे कई प्रकार की शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं (4)। वहीं, ग्रीन टी के एक कप यानी 245 ग्राम में केवल 2.45 कैलोरी होती है (5)। कम कैलोरी होने के कारण इसे पीने से वजन नहीं बढ़ता है और साथ ही यह वजन को कम करने में भी फायदेमंद हो सकती है (6)। यह प्राकृतिक पेय है, जिसे तैयार करने में केवल 5-7 मिनट लगते हैं।

2. कैटेचिन से भरपूर ग्रीन टी

ग्रीन टी में एपिगैलोकैटेचिन गैलेट (Epigallocatechin gallate) यानी ईजीसीजी पाया जाता है, जो कैटेचिन का एक प्रकार होता है। कैटैचिन चाय में पाया जाने वाला एक प्रकार का फेनोलिक कंपाउंड होता है। ग्रीन टी में कुल कैटिचिन का 50- 80 प्रतिशत ईजीसीजी होता है। ग्रीन टी में मौजूद इस ईजीसीजी में एंटीबैक्टीरियल, एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटीओबेसिटी, एंटीकैंसर और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं (7)। जापानी शोध के अनुसार, अगर 12 सप्ताह तक प्रतिदिन 690 मिलीग्राम कैटेचिन का सेवन किया जाए, तो इससे बाॅडी मास इंडेक्स (बीएमआई) और शरीर का फैट कम हो सकता है (8)।

3. फैट-बर्निंग कैफीन

ग्रीन टी में कैटेचिन के साथ ही कुछ मात्रा कैफीन की भी पाई जाती है। वहीं, वजन को कम करने के लिए एनर्जी के स्तर को संतुलित करना जरूरी है और इस काम में कैफीन कुछ हद तक मदद कर सकती है। इसके अलावा, कैफीन शरीर में थर्मोजेनेसिस और फैट ऑक्सीकरण के प्रभाव को संतुलित करके वजन को कम करने में मदद कर सकती है (9) (10) (11)। व्यायाम से पहले ग्रीन टी के रूप में कैफीन का सेवन भी शरीर से फैट को कम करने में मदद कर सकता है (12)।

4. चयापचय को बढ़ाने के लिए

शरीर में होने वाली रासायनिक गतिविधियों को चयापचय कहते हैं। चयापचाय यानी मेटाबॉलिज्म के फायदे की बात करें तो ये शरीर में ऊर्जा का इस्तेमाल पाचन क्रिया, सांस की कार्यप्रणाली, रक्त संचरण, शरीर का तापमान, मूत्र और मल के माध्यम से अपशिष्ट पदार्थ को शरीर से बाहर निकालने और मस्तिष्क व तंत्रिकाओं की कार्यप्रणाली को बेहतर करने में करता है (13)। वहीं, ग्रीन टी का सेवन चयापचय को बढ़ाने में लाभदायक हाे सकता है। ग्रीन टी के कैटेचिन नामक कंपाउंड में एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं। यह एंटीऑक्सीडेंट गुण शरीर से हानिकारक पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। इसके अलावा, चयापचय सिंड्रोम के जोखिम को कम करने में भी मदद कर सकता है (14), (15)।

5. भूख को कम करे

ग्रीन टी के सेवन से भूख कम लगती है। दरअसल, इसमें पाए जाने वाले एपिगैलोकैटेचिन गैलेट (epigallocatechin gallate) नामक कंपाउंड भूख को कम करने का काम करते हैं (16)। वहीं, एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित स्वीडिश वैज्ञानिकों के शोध में पाया गया है कि ग्रीन टी का सेवन भूख के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है (17)। एक अन्य वैज्ञानिक रिसर्च के अनुसार, ग्रीन टी में मौजूद कैटेचिन और फाइबर दोनों मिलकर भूख को कम करने में मदद कर सकते हैं (18)।

6. बेली फैट को कम करने में मददगार

एनसीबीआई की बेवसाइट पर प्रकाशित शोध के अनुसार पेट की बढ़ी हुई चर्बी यानी कि मोटापा, मधुमेह, हृदय रोग और कुछ कैंसर जैसे रोगों का कारण बन सकती है (19)। इस समस्या के लक्षणों को कम करने में ग्रीन टी काफी हद तक मदद कर सकती है। जैसा कि लेख के शुरुआत में बताया गया है कि ग्रीन टी में कैटेचिन की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है। वहीं, एक शोध के अनुसार, इसमें पाया जाने वाला कैटेचिन पेट की चर्बी को कम करने में कारगर हो सकता है (20) (21)। इस प्रकार ग्रीन टी के सेवन से पेट की चर्बी, वजन, एलडीएल कोलेस्ट्रॉल और उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में कुछ हद तक मदद मिल सकती है (22)।

7. मोटापे से संबंधित जीन को नियंत्रित करती है ग्रीन टी

ग्रीन टी से घटाये मोटापा। मोटापे को कम करने के लिए ग्रीन टी में मौजूद पॉलीफेनोल्स (जीटीपी) को फायदेमंद माना गया हैं। एनसीबीआई की वेबसाइट पर चूहों पर किए गए एक शोध को प्रकाशित किया गया है। इसमें पाया गया है कि ग्रीन टी के पॉलीफेनोल्स में एंटी-इंफ्लेमेटरी व एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो मोटापे से संबंधित जीन को नियंत्रित करने में कारगर हो सकते हैं। इस प्रकार यह चाय माेटापे को बढ़ने से रोकने के साथ ही वजन को कम करने में भी फायदेमंद हो सकती हैं (23)।

8. ग्रीन टी व्यायाम में मददगार

स्वस्थ रहने के लिए और कई प्रकार की शारीरिक समस्याओं को दूर करने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करना फायदेमंद माना गया है। वहीं, कुछ लोग कम समय में ही थक जाते हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए 1 कप ग्रीन टी फायदेमंद हाे सकती है। एक शोध में पाया गया है कि ग्रीन टी का अर्क मांसपेशियों की कार्य करने की क्षमता को बढ़ाने में मददगार हो सकता है। इसमें पाया जाने वाला कैटेचिन कार्य करने की क्षमता को बढ़ाने में मददगार हो सकता है। 15 दिन तक लगभग 500 मिलीग्राम ग्रीन टी का सेवन व्यायाम, खेल प्रदर्शन और मांसपेशियों की रिकवरी में सुधार कर सकता है (24) (25) (26)।

नोट: इस लेख में दिए गए वैज्ञानिक अध्ययनों में से कुछ जानवरों पर किए गए हैं। मनुष्यों पर शोध किया जाना अभी बाकी है।

अब हम वजन घटाने के लिए ग्रीन टी पीने के सही समय के बारे में जान लेते हैं।

वजन घटाने में ग्रीन टी पीने का सही समय – When to Drink Green Tea for weight loss in Hindi

ग्रीन टी को सुबह नाश्ते के थोड़ी देर बाद और दोपहर को भोजन के कुछ समय बाद पिया जा सकता है। इसके अलावा, ग्रीन टी से मोटापा कम करने के लिए इसका सेवन कब और कैसे करना है, इस संबंध में आप एक बार आहार विशेषज्ञ से भी पूछ सकते हैं।

ग्रीन टी पीने के समय के बाद जानते हैं कि इसकी कितनी खुराक फायदेमंद हो सकती है।

वजन कम करने के लिए ग्रीन टी के प्रतिदिन की खुराक क्या होना चाहिए?

वजन घटाने के लिए ग्रीन टी सेवन प्रतिदिन एक या दो कप किया जा सकता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि ग्रीन टी में कुछ मात्रा कैफीन की भी होती है और अधिक कैफीन का सेवन सेहत के लिए अच्छा नहीं है (27)।

लेख के अंत में जानते हैं कि ग्रीन टी पीते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

ध्यान रखने योग्य बातें

ग्रीन टी के सेवन के साथ ही कुछ बातों को ध्यान में रखना जरूरी है, जाे इस प्रकार हैं :

  • जैसा कि आप जान चुके हैं कि ग्रीन टी में कुछ मात्रा कैफीन की होती है, इसलिए जिन्हें हृदय की समस्या, रक्तचाप, पेट का अल्सर, गुर्दे या लीवर की समस्या हो, उन्हें इसका अधिक सेवन करने से बचना चाहिए। गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली महिलाओं, थायराइड हाइपरफंक्शन, ऐंठन और मानसिक विकार से ग्रस्त मरीजों काे भी इसका सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए (27)।
  • ग्रीन-टी को कुछ भी खाने के तुरंत बाद न पिये।
  • ग्रीन-टी खाली पेट भी नहीं पीना चाहिए।
  • देर रात को सोने से पहले ग्रीन-टी पीने न पिएं, इससे नींद न आने की समस्या हो सकती है।
  • ग्रीन-टी में दूध या चीनी नहीं मिलानी चाहिए।

इस आर्टिकल से यह तो समझ आ ही गया है कि ग्रीन टी जल्‍दी वजन कम करने में मदद करती है। साथ ही वजन घटाने के लिए ग्रीन टी का सेवन कैसे किया जा सकता है, यह भी इस आर्टिकल से स्पष्ट हो गया है। इसलिए, अगर कोई अधिक वजन से परेशान है, तो ग्रीन टी से मोटापा कम करने का प्रयास कर सकता है। आप ग्रीन टी पीते समय इस लेख में बताई गई काम की बातों को भी जरूर अपने ध्यान में रखें, तभी यह चाय पीने का फायदा होगा। आपको यह आर्टिकल कैसा लगा, आप अपने विचार नीचे दिए कमेंट बॉक्स के जरिए हम तक पहुंचा सकते हैं।

संबंधित आलेख

The post क्या ग्रीन टी वजन घटाने में मदद करती है – Green Tea For Weight Loss in Hindi appeared first on STYLECRAZE.

डेंगू बुखार में क्या खाना चाहिए – Dengue Fever Diet in Hindi

$
0
0

स्वास्थ्य के प्रति थोड़ी-सी लापरवाही के कारण कई प्रकार की बीमारियां घेर लेती हैं। इनमें से कुछ तो सामान्य होती हैं, लेकिन कई ऐसी भी हैं जिनका सही समय पर इलाज न हो, तो वो गंभीर और जानलेवा हो सकती हैं। उन्हीं बीमारियों में से एक है डेंगू। स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल में हम डेंगू के बारे में बता रहे हैं। साथ ही हम बताएंगे कि डेंगू बुखार आने पर किन-किन चीजों को डाइट में शामिल करना लाभकारी साबित हो सकता है। वहीं, डेंगू में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं, इस बारे में भी आपको लेख में विस्तार से जानने को मिलेगा। लेख में बताए गए खाद्य पदार्थ डेंगू के प्रभाव को कम तो कर सकते हैं, लेकिन पूरी तरह ठीक नहीं कर सकते। ऐसे में पूर्ण इलाज के लिए डॉक्टर से चेकअप करवाना जरूरी है।

आइए, सबसे पहले डेंगू और उसके लक्षणों के बारे में बात करते हैं।

डेंगू क्या है? What is Dengue in Hindi

डेंगू एक वायरस है, जो एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। आमतौर डेंगू से ग्रस्त लोग करीब एक हफ्ते में ही ठीक हो जाते हैं, लेकिन कुछ लोगों में यह बीमारी गंभीर हो जाती है। सामान्य अवस्था में रोगी को बुखार और हल्की कमजोरी का अनुभव होता है। वहीं, गंभीर अवस्था में तेज पेट दर्द या उल्टी (24 घंटों के भीतर कम से कम 3 उल्टी का होना), नाक या मसूड़ों से खून आना, मल में रक्त आना, खून की उल्टी, चिड़चिड़ापन, पीली ठंडी व चिपचिपी त्वचा और सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण नजर जा सकते हैं। ऐसा कोई भी लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए (1)
आगे हम बता रहे हैं कि डेंगू में क्या खाना चाहिए।

डेंगू बुखार के लिए आहार – Food for Dengue Fever in Hindi

डेंगू बुखार हो जाने पर डॉक्टर के द्वारा बताई गई डाइट को अपने आहार में शामिल करें। इसके अलावा, यहां हम डेंगू बुखार के लिए आहार के बारे में बता रहे हैं, जो इस समस्या के प्रभाव को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। यहां हम स्पष्ट कर दें कि मरीज की डाइट में इन खाद्य पदार्थों को शामिल करने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

1. संतरा

संतरे का उपयोग डेंगू बूखार को कम करने के लिए किया जा सकता है। एनीसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध के अनुसार, संतरे में फ्लेवोनोइड पाए जाते हैं। फ्लेवोनोइड में एंटीवायरल गुण होते हैं, जो वायरस के कारण फैलने वाली कई बीमारियों को रोकने में मदद कर सकते हैं। इन बीमारियों में डेंगू भी शामिल है (2)। इसलिए, यह माना जा सकता है कि संतरे को खाने या जूस के रूप में सेवन करने से डेंगू से राहत दिलाने में मदद मिल सकती है।

2. पपीता और पपीता के पत्ते

पपीते का सेवन कई समस्याओं को दूर करने में कारगर हो सकता है। डेंगू बुखार भी उन्हीं में से एक है। एनीसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध के अनुसार, पपीते में एंटीमाइक्रोबियल, एंटीहेल्मेंटिक (कीट नाशक) और इम्यूनोमोड्यूलेटरी (प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाला) जैसे गुण पाए जाते हैं, जो डेंगू वायरस के खिलाफ सकारात्मक प्रभाव दिखा सकते हैं। इसके अलावा, शोध में इस बात का भी जिक्र मिलता है कि पपीते की पत्तियों का अर्क डेंगू बुखार को कुछ हद तक कम करने में मदद कर सकता है (3)।

3. दलिया

डॉक्टर कई बीमारियों में दलिया खाने की सलाह देते हैं। कारण यह है कि इसमें कई ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो बीमारी से लड़ने के लिए शरीर को ताकत प्रदान करते हैं (4)। वहीं, डेंगू में भी रोगियों को दलिया खाने की सलाह दी जाती (5)। हालांकि, यह डेंगू के प्रभाव को कम करने में मदद करता है या नहीं इस संबंध में अभी कोई ठोस प्रमाण उपलब्ध नहीं हैं। इसलिए, इसके सेवन से पहले डॉक्टर की सलाह लेना बिल्कुल न भूलें ।

4. हर्बल टी

हर्बल टी डेंगू बुखार के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती है। हर्बल टी बनाने के लिए इलायची, तुलसी और अदरक का उपयोग कर सकते हैं। एनीसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध के अनुसार, चायनीज अदरक में डेंगू बुखार को कम करने वाले कुछ कारगर यौगिक पाये जाते हैं। वहीं, शोध में इस बात का भी जिक्र मिलता है कि यूफोरबिया हिरता (Euphorbia hirta) पौधे की पत्तियों को मिलाकर बनाई गई हर्बल चाय डेंगू के इलाज में मदद कर सकती है। इसमें पाया जाने वाला एंटीवायरल गुण डेंगू वायरस के प्रभाव को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है (6)।

5. नारियल पानी

एनीसीबीआई की ओर से प्रकाशित शोध के अनुसार, डेंगू के रोगियों में तेज बुखार, उल्टी और दस्त के कारण निर्जलीकरण यानी डिहाइड्रेशन होने की आशंका हो सकती है। ऐसे में अगर समय पर उपचार नहीं किया गया, तो यह अवस्था घातक हो सकती है। वहीं, तरल पदार्थ का सेवन करने पर इस समस्या के जोखिमों को दूर रखने में मदद मिलती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ओर से जारी नई गाइडलाइंस के अनुसार, प्रतिदिन नारियल पानी का सेवन डेंगू की बीमारी के दौरान होने वाले निर्जलीकरण के जोखिम को कम करने में फायदेमंद हो सकता है (7)।

6. सब्जियों और फलों का रस

वैज्ञानिकों की ओर से किए गए शोध के अनुसार, सब्जियों और फलों का रस उन पोषक तत्वों को प्रदान करता है, जिनकी मानव शरीर को जरूरत होती है। गाजर, ककड़ी और हरी पत्तेदार सब्जियों के रस के साथ ही तरबूज, अमरूद, कीवी और पपीता जैसे फलों का रस विटामिन-सी से भरपूर होता है, जो डेंगू के रोगियों के लिए आवश्यक हैं। यह बीमारी की अवस्था में रोग के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकता है। वहीं, सब्जियों और फलों का रस लिम्फोसाइटों के उत्पादन में मदद करता है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है। इससे डेंगू रोग से लड़ने की शक्ति मिलती है (8)।

7. सूप

सूप कई प्रकार के होते हैं और उन्हीं में से एक है क्रैब सूप। क्रैब सूप कई तरह के पोषक तत्वों से समृद्ध होता है। यह स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। डेंगू होने पर प्लेटलेट की मात्रा बेहद कम हो जाती है (9)। वहीं, एनीसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध के अनुसार, क्रैप सूप के सेवन से रक्त में प्लेटलेट काउंट में वृद्धि हो सकती है, जिससे डेंगू की समस्या से जुड़े गंभीर जोखिमों को कम करने में मदद मिलती है। इसलिए, क्रैब सूप को डेंगू बुखार के लिए उपयोगी माना जा सकता है (10)।

8. नीम की पत्तियां

आयुर्वेद के अनुसार नीम का हर भाग किसी न किसी रूप में स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है। नीम की पत्तियां डेंगू के लक्षणों को कुछ हद तक कम करने में मदद कर सकती हैं। एनीसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध के अनुसार, नीम की पत्तियों में एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। एंटीवायरल गुण डेंगू के वायरस को फैलने से रोकने में मदद कर सकता है। वहीं, एंटीबैक्टीरियल गुण डेंगू के संक्रमण में फायदेमंद साबित हो सकता है (11)।
डेंगू बुखार में क्या खाना चाहिए? जानने के बाद अब हम डेंगू बुखार से जुड़े कुछ और टिप्स के बारे बता रहे हैं।

डेंगू बुखार के लिए कुछ और डायट टिप्स – Other Tips for Dengue Fever in Hindi

डेंगू बुखार के लिए डायट टिप्स के तहत इन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

  • तैलीय और मसालेदार भोजन से बचें : एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, डेंगू के रोगियों में आंतों की समस्या, पेट दर्द, पीलिया, हेपटोमेगाली (लिवर की समस्या) और जलोदर (पेट की सूजन) होने की आशंका बढ़ सकती है (12)। ऐसे में तैलीय और मसालेदार भोजन का सेवन डेंगू के कारण होने वाले पेट दर्द और आंतों की समस्याओं को बिगाड़ने के साथ ही पाचन संबंधी कई जोखिमों को भी बढ़ा सकता है (13)।
  • ताजे पानी का खूब सेवन करें : एनीसीबीआई की ओर से प्रकाशित शोध के अनुसार, डेंगू के रोगियों में निर्जलीकरण होने की आशंका होती है। इससे बचने के लिए रोजाना अधिक से अधिक साफ पानी पीना चाहिए (7)।
  • ज्यादा न खाएं : डेंगू में क्या खाना चाहिए और कितना खाना चाहिए, इस बात का ध्यान रखना भी जरूरी है। दरअसल, जरूरत से ज्यादा खाने पर पाचन से संबंधित कई समस्याएं जैसे :- अपच और अल्सर पैदा होने का जोखिम बढ़ जाता है (14)। वहीं, डेंगू के कारण पाचन क्षमता कमजोर हो सकती है (15)। यही कारण है कि डेंगू की समस्या में संयमित और संतुलित मात्रा में खाना खाने की सलाह दी जाती है।
  • चेकअप : नियमित रूप से डॉक्टर के पास चेकअप के लिए जाना चाहिए। इससे पता चलता रहता है कि हालत में सुधार हो रहा है या नहीं।
  • आराम करें : डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाइयों के सेवन के साथ भरपूर आराम करें और तरल पदार्थों का सेवन करें।

कहते हैं कि किसी भी चीज की जानकारी ही उसका बचाव होता है। वहीं, इस आर्टिकल में डेंगू से संबंधी दी गई जानकारी जरूर आपके काम आएगी। इस आर्टिकल में आपने जाना कि किस प्रकार के मच्छर के काटने से यह बीमारी फैलती है और अगर समय पर इलाज न किया गया, तो यह जानलेवा भी हो सकती है। डेंगू में क्या खाना चाहिए और डेंगू में क्या न खाएं इस बात की जानकारी भी आपको इस आर्टिकल में मिली। डेंगू बुखार के बारे में बताता यह आर्टिकल आपके लिए किस प्रकार फायदेमंद रहा नीचे दिए कमेंट बॉक्स में अपने अनुभव शेयर करना न भूलें।

संबंधित आलेख

The post डेंगू बुखार में क्या खाना चाहिए – Dengue Fever Diet in Hindi appeared first on STYLECRAZE.


कोम्बुचा चाय के फायदे और नुकसान – Kombucha Tea Benefits and Side Effects in Hindi

$
0
0

विश्व के अधिकांश देशों में चाय पीने का चलन है। हालांकि, चाय के प्रकार और इसे पीने के तरीकों में भिन्नता जरूर देखी जा सकती है। भारत की बात करें तो यहां दूध से बनी चाय पीने वालों की संख्या अधिक है। लेकिन, समय के साथ-साथ लोग अब हर्बल चाय के प्रति भी अपनी दिलचस्पी दिखा रहे हैं, जिनमें एक नाम ‘कोम्बुचा चाय’ का भी है। माना जाता है कि यह चाय कई स्वास्थ्य समस्याओं पर सकारात्मक प्रभाव दिखा सकती है। इसलिए, स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम कोम्बुचा चाय के औषधीय गुणों की जानकारी देने जा रहे हैं।
इस लेख के जरिए आप शरीर के लिए कोम्बुचा चाय के फायदे, कोम्बुचा चाय का उपयोग और साथ ही इसके नुकसान के बारे में जान पाएंगे। लेकिन, इस बात का ध्यान रखें कि कोम्बुचा चाय लेख में बताई गई किसी भी बीमारी का सटीक इलाज नहीं है। यह इन समस्याओं के लक्षण और इनके प्रभाव को कम करने में एक सहायक भूमिका निभा सकती है।

आइए, सबसे पहले जान लेते हैं कि कोम्बुचा चाय क्या है ?

कोम्बुचा चाय क्या है ?

कोम्बुचा चाय, स्वीट ब्लैक टी को बैक्टीरिया और यीस्ट के जरिए फरमेंट कर बनाई जाती है। हालांकि, यह अन्य चाय जैसे- ग्रीन टी या लेमन टी से भी बनाई जाती है। इस चाय का स्वाद थोड़ा मीठा, कार्बोनेटेड और अम्लीय (Acidic) होता है। इसका सेवन कई देशों में किया जाता है, लेकिन ऐतिहासिक रूप से यह चीन, रूस और जर्मनी का उत्पाद है (1)। यह चाय स्वास्थ्य के लिए कई तरीकों से लाभकारी है। जिसके बारे में आगे विस्तार से बताया गया है।
आगे जानिए सेहत के लिए कोम्बुचा चाय के फायदे।

कोम्बुचा चाय के फायदे – Benefits of Kombucha Tea in Hindi

ऐसे तो कोम्बुचा चाय के फायदे कई हैं, लेकिन उनमें से कुछ चुनिंदा फायदों के बारे में हम नीचे जानकारी दे रहे हैं।

1. लिवर के लिए कोम्बुचा चाय के फायदे

कोम्बुचा चाय का उपयोग लिवर के लिए लाभकारी हो सकता है। कई बार पर्यावरण प्रदूषकों के कारण लिवर की समस्या हो सकती है। ऐसे में जानवरों पर किये गए कई शोधों में यह बात सामने आई है कि कोम्बुचा चाय में मौजूद पॉलीफेनोल के एंटीऑक्सीडेंट गुण लिवर को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं। इसका कारण फर्मेंटेशन के दौरान उत्पादित एंटीऑक्सिडेंट मॉलिक्यूल हो सकते हैं, जो सीसीI4 (CCI4-Carbon Tetrachloride – एक प्रकार का केमिकल कंपाउंड) के कारण होने वाली लिवर समस्या से बचाव कर सकते हैं। इतना ही नहीं चूहों पर कोम्बुचा चाय के हेपेटोप्रोटेक्टिव प्रभावों के लिए पैथोफिजियोलॉजिकल एविडेंस भी उपलब्ध हैं (2) (3)।

2. पाचन के लिए कोम्बुचा चाय के फायदे

कई बार चाय-कॉफी का सेवन भी पाचन संबंधी परेशानियों का कारण बन सकता है। ऐसे में बेहतर है कि चाय के रूप को थोड़ा बदल दिया जाए। अगर कोई पाचन की समस्या से परेशान है तो वो सामान्य चाय के बदले कोम्बुचा चाय का उपयोग कर सकता है। जिन लोगों ने कोम्बुचा चाय का उपयोग किया है, उनका मानना है कि यह न सिर्फ ताजगी से भरपूर है, बल्कि यह चाय पाचन में भी सुधार करने में मदद कर सकती है (4)। हालांकि, यह सही मायने में पाचन के लिए कितनी फायदेमंद होगी, इसपर अभी और शोध की आवश्यकता है।

3. डिटॉक्सिफिकेशन के लिए कोम्बुचा चाय का उपयोग

डिटॉक्सिफिकेशन उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाला जाता है। यह प्रक्रिया शारीरिक या औषधीय तरीके से हो सकती है। डिटॉक्सिफिकेशन व्यक्ति को स्वस्थ रखने में मदद करता है। कोम्बुचा चाय का उपयोग शरीर को डिटॉसीफाई करने में मददगार साबित हो सकता है। दरअसल, कोम्बुचा चाय में पाए जाने वाले अधिकांश एंजाइम और बैक्टीरियल एसिड काफी हद तक उन रसायनों के समान होते हैं, जो शरीर द्वारा डिटॉसीफाई प्रक्रिया के लिए उत्पादित किए जाते हैं। ऐसे में यह अनुमान लगाया जा सकता है कि कोम्बुचा चाय में मौजूद डिटॉक्सिफिकेशन गुण शरीर से विषाक्त पदार्थ निकालने में मदद कर सकते हैं (3)।

4. हृदय के लिए कोम्बुचा चाय के फायदे

कोम्बुचा चाय का उपयोग हृदय को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है। दरअसल, एनसीबीआई (NCBI) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक अध्ययन में यह बात सामने आई है। शोध में परीक्षण चूहों पर किया गया था। अध्ययन के परिणामों से पता चलता है कि कोम्बुचा में एंटीहाइपरट्रोफिक (Antihypertrophic- मांसपेशियों की कोशिकाओं की अत्यधिक वृद्धि को रोकने का गुण), एंटीहाइपरग्लाइसेमिक (Antihyperglycemic – ब्लड शुगर को कम करने का गुण), एंटीहाइपरलिपिडेमिक (Antihyperlipidemic- कोलेस्ट्रॉल को कम करने का गुण) गुण होते हैं। इसलिए, हृदय रोगों से पीड़ित लोगों के साथ-साथ स्वस्थ व्यक्तियों को भी कोम्बुचा चाय पीने की सलाह दी जाती है (5)। हालांकि, याद रखें कि अगर समस्या गंभीर है तो डॉक्टरी उपचार को पहली प्राथमिकता दें।

5. सूजन के लिए कोम्बुचा चाय के फायदे

शरीर में सूजन की समस्या कई अन्य शारीरिक परेशानियों जैसे – डायबिटीज, हृदय संबंधी समस्या, गठिया, कैंसर का कारण बनती है (6) (7)। ऐसे में कोम्बुचा चाय का उपयोग सूजन की समस्या से निजात दिलाने में मददगार हो सकता है। एनसीबीआई (NCBI) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक अध्ययन में कोम्बुचा चाय के सेवन में वृद्धि की बात सामने आई है। इसका कारण कोम्बुचा चाय में मौजूद एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों को माना जा रहा है (8)। इसके अलावा, एनसीबीआई (NCBI) के एक अन्य शोध में ओक की पत्तियों की कोम्बुचा चाय में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण की बात सामने आई है (9)। हालांकि, इसमें अभी और शोध की आवश्यकता है।

6. कैंसर से बचाव के लिए कोम्बुचा चाय के फायदे

कैंसर जैसी घातक बीमारी के लिए भी कोम्बुचा चाय फायदेमंद हो सकती है। कुछ वैज्ञानिक अध्ययनों ने दावा किया है कि कोम्बुचा में एंटी-कैंसर गुण मौजूद होते हैं। दी

सेंट्रल ओंकोलॉजिकल रिसर्च यूनिट इन रूस (The Central Oncological Research Unit in Russia) और दी रसियन एकेडमी ऑफ साइंसेज इन मास्को (The Russian Academy of Sciences in Moscow) ने एक अध्ययन आयोजित किया। इसमें उन्होंने पाया कि कोम्बुचा का सेवन कैंसर को कम करने से संबंधित है।

इसके अलावा, अन्य कई शोध हुए जिसमें इसमें मौजूद एंटी-कैंसर गुण की बात सामने आई है। इतना ही नहीं इसमें मौजूद यौगिक जैसे – पॉलीफेनोल्स, ग्लूकॉनिक एसिड, लैक्टिक, एसिड और विटामिन सी पेट के कैंसर के जोखिम को कम कर सकते है (3)। कैंसर के जोखिम से बचने के लिए कोम्बुचा चाय का उपयोग किया जा सकता है। लेकिन, ध्यान रहे अगर किसी को कैंसर है, तो वो डॉक्टरी इलाज जरूर कराए।

7. एंटीबैक्टीरियल गुणों के लिए कोम्बुचा चाय

कोम्बुचा चाय में एंटीबैक्टीरियल गुण भी मौजूद होते हैं। ऐसे में यह अनुमान लगाया जा सकता है कि इससे बैक्टीरियल बीमारियों से बचाव हो सकता है। इतना ही नहीं इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण के साथ एंटीफंगल गुण भी मौजूद होते हैं (3)।

8. व्यक्ति को सेहतमंद रखने के लिए कोम्बुचा चाय का उपयोग

इसमें कोई दो राय नहीं है कि कोम्बुचा चाय का उपयोग व्यक्ति को सेहतमंद रखने में मदद कर सकता है। जैसा कि ऊपर बताया गया है कि यह चाय पेट के साथ लिवर के लिए भी फायदेमंद हो सकती है। साथ ही इसमें एंटी-कैंसर गुण भी होते हैं, जिससे कि कैंसर जैसी घातक बीमारी का जोखिम भी कम हो सकता है। वहीं इसके एंटी-बैक्टीरियल गुण बैक्टीरियल बीमारियों से बचाव कर सकते हैं। इतना ही नहीं इसके एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण व्यक्ति को सेहतमंद रखने में मदद कर सकते हैं (10)।

आगे जानिए कोम्बुचा चाय का उपयोग करने का तरीका।

कोम्बुचा चाय का उपयोग – How to Use Kombucha Tea in Hindi

नीचे बताए गए तरीकों से पाठक कोम्बुचा चाय का उपयोग कर सकते हैं।

  • अगर कोई पहली बार कोम्बुचा चाय का उपयोग कर रहा है तो इसका सेवन कम मात्रा में ही करें।
  • शुरूआत में, पूरे दिन में एक बार इसका सेवन करें।
  • इसका सेवन खाने के पहले किया जा सकता है।
  • अगर इसके सेवन के बाद कुछ शारीरिक समस्या महसूस हो तो तुरंत इसका सेवन बंद कर डॉक्टर से बात करें।

नोट : इसकी सटीक मात्रा के बारे में डॉक्टर की सलाह जरूरी है। इसकी मात्रा व्यक्ति की उम्र और स्वास्थ्य पर निर्भर करती है।

नीचे हम कोम्बुचा चाय बनाने की एक आसान विधि साझा कर रहे हैं।

कोम्बुचा चाय कैसे बनाएं – How to make kombucha tea in hindi

जानिए घर पर कोम्बुचा टी बनाने की विधि।

ग्रीन या ब्लैक टी कोम्बुचा

सामग्री

  • 8 से 10 ब्लैक या ग्रीन टी बैग्स
  • 12 से 14 कप ठंडा फिल्टर पानी
  • एक कप चीनी
  • 1 कोम्बुचा स्कोबी (यीस्‍ट एवं बैक्‍टीरिया), यह बाजार में या ऑनलाइन उपलब्ध है।
  • एक बड़ा शीशे का जार

बनाने की विधि

  • सबसे पहले एक पैन में पानी उबाल लें।
  • पानी उबलने के बाद गैस बंद कर दें।
  • अब उबले हुए पानी में ब्लैक/ ग्रीन टी डालें और 15 मिनट बाद टी बैग्स को निकाल दें।
  • फिर इस मिश्रण को शीशे के जार में डालें।
  • अब ऊपर से कोम्बुचा स्कोबी (यीस्‍ट एवं बैक्‍टीरिया) डालकर जार को बंद कर दें।
  • इसे एक हफ्ते के लिए ऐसे ही रहने दें।
  • जब यह तैयार हो जाए तो उसका सेवन करें।
  • इसे फ्रिज में स्टोर किया जा सकता है।

अब आगे जानते हैं कोम्बुचा चाय के नुकसान।

कोम्बुचा चाय के नुकसान – Side Effects of Kombucha Tea in Hindi

हर चीज के फायदे और नुकसान दोनों होते हैं। वैसे ही अगर कोम्बुचा चाय के फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी हैं। नीचे जानिए कोम्बुचा चाय के नुकसान (11)।

● एलर्जी
● मतली (Nausea)
● उल्टी
● पीलिया (Jaundice)
● सिरदर्द
● गर्दन में दर्द

नोट : गर्भावस्था या स्तनपान के दौरान इसके सेवन के बारे में अपर्याप्त जानकारी है। इसलिए, बेहतर है कि इस बारे में एक बार डॉक्टर से सलाह ले लें।

आशा करते हैं कि इस लेख को पढ़ने के बाद आपको कोम्बुचा चाय के बारे में आवश्यक जानकारी हासिल हो गई होगी। कोम्बुचा चाय का उपयोग कर व्यक्ति इसके बताए गए लाभ प्राप्त कर सकता है। हालांकि, कोम्बुचा चाय के फायदे जानकर कोई यह न समझ बैठे कि यह जादू की तरह काम करती है। यह चाय लेख में बताई गई स्वास्थ्य समस्याओं के प्रभाव को कम कर सकती है, लेकिन यह किसी बीमारी का इलाज नहीं है। हमारी यही सलाह है कि आप कोम्बुचा चाय का उपयोग धैर्य के साथ करें और ध्यान रखें कि इसका जरूरत से ज्यादा सेवन न करें। इसके उपयोग के बाद अपना अनुभव हमारे साथ नीचे कमेंट बॉक्स में शेयर करना न भूलें। कोम्बुचा चाय के फायदे, उपयोग या नुकसान से संबंधित कोई उलझन हो तो आप कमेंट बॉक्स की मदद ले सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

आप एक दिन में कितनी कोम्बुचा चाय पी सकते हैं?

एक दिन में लगभग आधा कप कोम्बुचा चाय का सेवन किया जा सकता है। अच्छा होगा इस बारे में एक बार डॉक्टर से सलाह ले लें।

कोम्बुचा चाय पीने का सबसे अच्छा समय कब है?

कोम्बुचा चाय को भोजन करने से पहले पीना स्वास्थ्य के लिए सही रहेगा।

संबंधित आलेख

The post कोम्बुचा चाय के फायदे और नुकसान – Kombucha Tea Benefits and Side Effects in Hindi appeared first on STYLECRAZE.

Foods You Should Be Eating Raw

$
0
0

We all probably know that a ripe banana is a healthier choice when compared to a chocolate muffin, isn’t it? And this much of common sense in distinguishing which is healthier than the other is enough to keep most of us on the route of eating healthy. It’s enough for us to follow a healthy eating habit.
But there are few of us who look beyond this basic level of eating healthy, they know that not just eating the right food makes a difference, there’s more to it. They know that cooking certain foods in certain manner increases their nutrient benefits. They know that cooking, boiling, grilling, streaming, roasting, or baking certain food supercharges the nutrient values of those foods. This helps the human body to absorb the nutrients from that particular food in a healthier manner.
Now, talking on the contrary terms, there are certain foods that are most beneficial to us when eaten raw than when eaten cooked. Below is a curated list of foods for you that are best beneficial for our body when eaten raw. Have a look.

1. Broccoli

Broccoli

Shutterstock

This cruciferous vegetable is a superfood and needs to be topping the list of vegetables in your grocery list. It offers our body a seamless nutrition bundle with calcium, potassium, vitamin C, and it also has sulforaphane, a cancer fighting compound that also helps in lowering blood sugar levels, provides antioxidants to our body, and also improves the health of our heart (1).
One of the studies found in the Journal of Agricultural and Food Chemistry showed that a person who ate raw broccoli was found to absorb more sulforaphane when compared to a person who consumed cooked broccoli (2).

2. Beets

Beets

Shutterstock

Many consider beets to be bad because of its high sugar content. But allow us to let you know that the nutritional benefits that beets provide us with makes up for the reason you think beets are bad. Beets are considered to be high in potassium, manganese, vitamin C, vitamin B folate, etc. that help boost one’s immune system, fights inflammation, lowers blood pressure, and fights cancer.
If you cook beets, you are depriving them of nearly 25 percent of their folate (3). Now you might think that its okay, but its not dear friends. Because folate is a brain compound which is largely responsible for the healthy development of the fetal. Mix beets, carrots, ginger lime, apples and make a salad with your own choice of dressing.

3. Onion

Onion

Shutterstock

This veggie that gets your teary eyed every single time you cut it should be one of the veggies that you need to be consuming more as it’s a rich source of allicin. This allicin is a phytonutrient that helps prevent cancer, curbs hunger, and betters our cardiovascular health (4). And you get to absorb more of this allicin when you eat the onions raw when compared to consuming it by cooking them.

4. Berries

Berries

Shutterstock

We sure do love those different berry compotes that we love topping our pancakes with and we love mixing dried berries with nuts for a snack as well. But turns out, eating the berries this way doesn’t provide us with utmost nutritionals benefits that berries are capable of. In fact, berries that have been dried have 2-3 times more sugar content in them because they are depleted of certain water-soluble minerals and vitamins (5).
Therefore, we recommend that you stick to eating raw berries to help your body absorb the maximum nutritional benefits. Mix fresh berries with yogurt and create your own parfait.

5. Coconut

Coconut

Shutterstock

This tropical treat deserves a special mention here. And it’s no hidden secret that drinking raw coconut water is any day better than consuming the regular water (6). The coconut meat that we often turn into coconut milk or cook it by using it in desserts is known to contain healthy fats that are extremely beneficial for both our heart and brain (7). Therefore, skip coconut flavored foods, eat it raw and reap the benefits.

6. Red Bell Peppers

Red Bell Peppers

Shutterstock

When we talk about vitamin C rich foods, citrus foods are what comes to your mind first, isn’t it? There’s a vegetable that makes it to this list and its none other than red bell peppers. These red bell peppers are considered to be a powerful source of antioxidants. They are also rich in magnesium, vitamin E, and vitamin B6 (8).
But, it is best advised to have them raw because charring, roasting, or grilling the red bell peppers will break their vitamin C properties. If you don’t like eating red bell peppers raw, then stuff them with some other favorite food ingredient and eat them.
How many of the above-mentioned foods have you already been eating raw? Let us know in the comments below. Eat raw. Eat Healthier.

The post Foods You Should Be Eating Raw appeared first on STYLECRAZE.

5 Social Media Habits That Could Mean Your Partner’s Cheating

$
0
0

No matter how serious the relationship you’re a part of is, the thought of your partner cheating on you can linger on, right? It’s not that you are questioning his/her honesty towards you. It’s got to do more with the fact that we are only humans, and with the array of distractions that can lead anybody to step into the infidelity world—it’s just very very scary! And in this, it’s the social media that has to play an important role in the rise of infidelity between couples. And nope, it’s not about the likes on Facebook or Instagram, there’s a very thin link between social media and infidelity (1).

What can start of as a harmless conversation about appreciating a stranger’s content on a social site like Instagram can spiral into a whole legit cheating affair.

Social media paves the gateway to access other people easily; it also helps you get their attention much faster. We won’t say monitor every move of your partner online or that they might be cheating on you. But it’s a healthy thing to stay conscious and acknowledge if you ever happen to observe any of those first signs of infidelity. We’ve laid down a list that can indicate your partner is beginning to stray and also what you could do about the same. Give it a read because it is important!

1. When He’s Interacting With People He Barely Knows

When He’s Interacting With People He Barely Knows

Shutterstock

It’s obvious that you cannot introduce all your friends to your partner at once. And when you happen to meet your friends alone and they’re constantly taking your partner’s name in between, especially when you’re aware that your partner hasn’t met them in person, then, this could be a very serious sign that your partner is beginning to walk on the lines of infidelity. It’s a sign that your partner has started having secretive conversations with your girlfriends.

When you find yourself in this situation, try to engage in conversations that could lead you to the truth. If your friend and your partner weren’t thinking of cheating, they’ll have a reasonable explanation.

2. Your Partner Ignores Your Comments And Tags

Your Partner Ignores Your Comments And Tags

Shutterstock

Earlier you’ve been tagging and commenting on each other’s posts actively. However, off late, if your partner isn’t even liking the posts on which you’ve tagged them. Or if they haven’t appreciated the gesture to you like they used to earlier, it’s a sign that something is fishy now between the two of you. It doesn’t necessarily have to mean that they’re cheating on you. It could also be a concern that your partner is losing interest in you. In such a situation, try to spice things between the two of you. Try to walk down the memory lane that you both share.

3. When Your Partner Seems To Like And Comment Regularly On A Particular Pearson’s Post

When Your Partner Seems To Like And Comment Regularly On A Particular Pearson’s Post

Shutterstock

It’s okay if your partner likes and comments on all your friends’ posts on social media. But, if there’s a pattern in which your partner constantly likes a particular person’s posts only. And also runs the comments like it were a commentary, then it could be a red flag.

In situations like these you don’t have to confront your partner and ask the true intentions of such an online behavior. We’d suggest that you take a non-threatening approach and question their agenda behind it. By doing so, you at least make your partner understand that he cannot do anything wrong to you as you are alert.

4. When Your Partner Makes Plans Without You

When Your Partner Makes Plans Without You

Shutterstock

There’s nothing more painful and cringe-worthy than finding pictures of your partner on social media at an event or gathering that you never heard about or was talked about. This can be termed as a shady behavior and it’s not at all okay.

Agreed that it’s always healthy to ensure that two people in a relationship have their own world outside the relationship. But keeping each other informed about its whereabouts is very important. You can ask your partner to keep you informed and be honest that you were hurt that he hid things from you.

5. When Your Partner Doesn’t Post Pictures Of The Two Of You Together On Social Media

When Your Partner Doesn’t Post Pictures Of The Two Of You Together On Social Media

Shutterstock

Not every couple likes sharing their personal moments online. But if you’re a couple who does post and of late your partner isn’t doing it anymore. That could be a sign of something wrong.

If your partner is posting pictures leaving you behind, then this signals out that your partner wants to be seen as single on social media. In such situations, ask your partner why aren’t any couple pictures going up. If your partner has a legit answer then all is okay. If your partner struggles to justify, well, then, all is not well.

You don’t have to go on a vigilant mode to look for the above-mentioned signs of change. But it’s always a good idea to follow up whenever you feel something isn’t normal anymore. Try and get to the bottom of this change and mend it if possible. Being in love takes some work after all. If it’s too much for you to handle, then just move on.

The post 5 Social Media Habits That Could Mean Your Partner’s Cheating appeared first on STYLECRAZE.

Genelia Deshmukh’s Latest Instagram Post Is Beyond Adorable. #Alliwantforchristmasisyou

$
0
0

Every year we see many Bollywood couples getting married and it becomes the talk of the town. And if you look back, some of the Bollywood couples have been giving #couplegoals to all of their fans and fellow Bollywood stars. We’re here to talk about one such couple who has been regarded as the cutest and the bubbliest of all the couples that Bollywood has ever witnessed. They were a reel couple and turned themselves into a real couple more than a decade ago. We’re talking about the adorable Jodi of the Deshmukhs — Genelia and Riteish!
Recently just after the eve of Christmas, Genelia took to Instagram to share a video on her Instagram feed. As soon as the post was up, the couple hoarded spotlight and everybody right from their fan following to fellow Bollywood stars, everybody showered their likes and left really sweet comments admiring the duo’s togetherness and “very much in love always” attitude. Let’s take a look at what it was all about.

Genelia’s Christmas Post On Instagram

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Genelia Deshmukh (@geneliad) on

Genelia put up a video post on Instagram in the Christmas spirit. In the video clip, the actress is seen wearing a white shirt with a grey blazer, and blue denim. Her husband Riteish is oh well, shirtless, and tying a red tie for her. Genelia is seen making cute faces on the video and the background score of the music is the uber-famous Mariah Carey version of the song “All I Want For Christmas Is You”.

She captioned the post as, “It’s never too late to tie a knot❤️ #alliwantforchristmasisyou.” The video went viral and has garnered more than 16,00,000 views and 3000 plus comments. The couple’s fans, as well as their Bollywood well-wishers, showered love for the couple in the comments section of this Instagram post. Genelia, every now and then, does put up something cute about her hubby on her Instagram account. But this one is hands down our favorite.

Even her hubby Riteish shared the same video on his Instagram account later on captioning it as, “#BossLady #MerryChristmas @geneliad #retro #love #KehDuTumhe” (1).
And it wasn’t just them, another couple took to Instagram to share their Christmas spirit and it is none other than our favorite— DeepVeer! Both of them posted very warm pictures of the two hugging.

The couple who recently celebrated their first wedding

ranveersingh / Instagram

The couple who recently celebrated their first wedding anniversary are seen very much still in love like they got married a day before.

Genelia And Riteish’s Love Story

Genelia And Riteish’s Love Story

geneliad / Instagram

For those who don’t know, Riteish and Genelia fell in love when they were shooting their first movie together, Tujhe Meri Kasam in the year 2003. Since then, the couple has been together (touchwood). After having dated each other for almost a decade, they tied the knot in the year 2013 in a Marathi wedding ceremony and at a Christian church wedding.
The couple has been since then known for their cutesy ways of expressing love to each other. Genelia took to motherhood soon after the wedding and they have two sons, Riaan and Rahyl together. While Riteish’s father passed away, Genelia was seen donning the role of the bahu of the house on a serious note and stood as a pillar of support for the entire family.

Riteish and Genelia fell in love

geneliad / Instagram

On the work front, Genelia hasn’t done any Bollywood films off late and is seen being a happy mother to her two children. She’s often seen at various social gatherings and clicked at some charity events. Her last screen appearance was in a Marathi movie, Lai Bhaari in the year 2015 opposite her husband.

Riteish, on the other hand, was last seen in the movie Marjaavaan that was released in November this year. Multi-starrer movies Housefull 4 and Total Dhamaal were his other movies that were released this year. Riteish is often seen juggling between acting in Marathi regional movies and Bollywood movies. While he usually plays comic roles in Bollywood movies, he’s a successful award-winning lead actor in the Marathi film industry. For the coming year 2020, Riteish already has quite a good number of films in his kitty including Baaghi 3 that stars Tiger Shroff and Shraddha Kapoor as the leads.

Genelia’s Instagram post

geneliad / Instagram

Genelia’s Instagram post is a perfect example of how couples should always keep the fire burning between them. Even after a decade of being together, this couple still looks so adorable and makes heads turn with their lovely gestures towards each other. And in this world, where breakup stories are gaining momentum, such love stories surely do give #couplegoals to each one of us, isn’t it? And this Instagram post by Genelia stands as a testimony to it. Don’t you agree with us on this? Leave your comments for this video below.

The post Genelia Deshmukh’s Latest Instagram Post Is Beyond Adorable. #Alliwantforchristmasisyou appeared first on STYLECRAZE.

When Should You Skip Exercising

$
0
0

Yes, the millennials surely have been born into a sedentary world that follows a sedentary lifestyle. But amongst all the odds that this present generation faces right from unstable governments to an environment that is consistently destructing, there are some things they’re following which earlier generations didn’t bother to. One of them is walking on a healthy route in life by eating healthy and burning those calories by hitting the gym. The present generation gives so much importance to staying fit and healthy. They seem to keep their fitter selves above anything else that could be a potential priority. But just give this a thought now, is it really necessary to push the limit and exercise when you know your body is recovering from a viral infection or any other sort of pain? Don’t you think exercising when your body needs good rest will cause more harm than good to your body?

To put more light on this, here’s a low down on when you should be skipping your workouts to stay healthy! Read on.

1. When You Are Down With A Fever

When You Are Down With A Fever

Shutterstock

Many think that working out at the gym will keep all sickness at bay. This could be true, however, if you already have a fever, then it’s best advised to rest. Because at that time, your body is basically already fighting an infection or a virus. Therefore, it needs to rest in order to kick it off your body and recover soon. If you choose to workout at this time, then your body is going to be weaker and more vulnerable to the illness that it is trying to defend. So, next time you’re ill, rest it out!

2. If You Have Recently Trekked Or Ran A Big Marathon

Recently Trekked Or Ran A Big Marathon

Shutterstock

The body gets exhausted to great levels when you have completed a fitness event like a marathon. Or if you have been climbing or trekking mountains for a couple of days. After doing all this, when you’re back at your regular schedule, it’s best advised to allow your body some good time to recover. You could just take slow-paced strolls, or try yoga, these will help your body recover from the strain it’s been through. Don’t ever workout immediately.

3. When You’re Injured

When Youre Injured

Shutterstock

Working out at a gym with all those heavy weights needs to be the right way. If you aren’t doing it correctly, chances are that you’ll injure your body. When your body is injured, it’s best advised to rest it out and allow the injury to heal naturally. Sure, you can still workout by focusing on another body part, but there are high chances that you could tweak something again and land in a painful mess. So, when you’re injured, please recover and later resume your workout drills.

4. When You’re Down With A Flu

When Youre Down With A Flu

Shutterstock

We understand that working out will help you better your immune system. It’s going to make your body stone-hearted and defend the viruses that try to woo and enter inside. However, when you’re already battling a flu or a viral infection, working out will not help! It will weaken your body and make it more vulnerable to stay in the ill state. Therefore, whenever you’re sick or down with a flu, it’s important to stay hydrated, have your medicines, and take adequate measures to rest. This will allow your body to eliminate the flu and switch to recovery mode. Once your body has completely recovered, you can get back to doing your favorite exercise at your gym.

5. When You’re So Sore Than You Cannot Even Walk Properly

When Youre So Sore Than You Cannot Even Walk Properly

Shutterstock

They say that exercising is good. It helps release the stiffness in the muscles and makes way for oxygen to help repair the weak muscles and make them stronger. Light stretching and feeble exercises will help fix this problem. But, when you over strain your body and its muscles to an extent that it is becoming sore then you need to stop exercising till your muscles feel good. If you ignore giving them rest and continue to workout, you’re making them more vulnerable and this could lead to injuries as well.

Whenever you find that your muscles have turned soar because of working out, we suggest you switch to yoga for a couple of days. Yoga is known to improve the flexibility of the body after all.

6. When You Might Miss Out On Something Very Important In life

When You Might Miss Out On Something

Shutterstock

We absolutely appreciate if you’re very disciplined and dedicated towards your workout regimen at the gym. But, if there is something really important that you need to take care of, for example, attend your child’s annual day function, or take your mom or partner somewhere where they couldn’t go alone—you need to give your exercising a miss! Many do the mistake of religiously following their gym routines and giving their personal priorities a miss. So, don’t do that. Never do that! Because being with family and friends is also a part of living a healthy life.

We hope you’ve realized when not to exercise after reading the above-mentioned points. What are your thoughts on this? Let us know in the comments given below.

The post When Should You Skip Exercising appeared first on STYLECRAZE.

Viewing all 2567 articles
Browse latest View live